RE: Nangi Sex Kahani जुनून (प्यार या हवस)
सोनल थोड़ी देर को चुप हो गई ,अजय अब भी उसके चहरे को देख रहा था वही निधि को जैसे कुछ मतलब ही नही था वो बस आंखे बन्द किए सोई थी,
“कि भाई बहन है तो हमारे बीच सेक्स कैसे होगा,तो भइया दिल में अगर प्यार हो तो जिस्म का मिलान पाप नही होता,”
वो एक ही सांस में बोल गई,”
सोनल इतना बोलकर उसके सीने में अपने सर को टिका दिया
“मैं जानती हु भइया,समाज की मुझे कोई भी चिंता नही है ,आप सबसे लड़ जाओगे मेरे लिए “वो सुबकने लगी अजय ने उसे उठाया और अपने ऊपर खिंच कर उसे गले से लगा लिया ,वो अब भी सुबक रही थी ,अजय उसके बालो को सहला रहा था,
“नही मेरी जान मुझे समाज की नही तुम्हारी चिंता है,और चिंता है इन दो परिवारों को जो इतने सालो की दुश्मनी के बाद आज जाकर मिले है,
“मैं जानती हु भइया ,लेकिन अगर आप साथ हो गए तो कोई भी कुछ नही कहेगा,मुझे लगता है सभी मान जाएंगे”
“ह्म्म्म,तो तेरी भी शादी किशन के साथ ही कर दे “
सोनल का सुबकना अचानक ही बन्द हो गया,वो उठी अजय के चहरे में एक मुस्कान थी ,उसे देखकर उसके होठो में मुस्कान और चहरे में शर्म आयी वो उसे एक मुक्का अजय की छाती में लगाई ,और फिर से उससे लिपट गई,
“भइया एक चीज बोलू ,”
“हम्म “
“आप बुरा मत मानना लेकिन मेरे और विजय के बीच भी सेक्स हो गया,हम पता नही कैसे ये कर बैठे,आज जब आपको और निधि को यू किस करते देखा तो लगा की हमने शायद बहुत बड़ी गलती कर दी ,भाई बहन के प्यार का ये मतलब तो नही की जिस्म की आग बुझाई जाए,”सोनल फिर से रो रही थी और वो अब उठकर बैठ गई थी,वो अजय के चहरे को देख रही थी वो बोलते रही ..
“भइया आपकी कसम की हमारा ये इरादा बिल्कुल भी नही था,हम तो बस एक दूसरे को प्यार करते है जैसे की आप और निधि ,लेकिन ना जाने ऐसा क्या हुआ की हमे समझ ही नही आया की क्या हुआ और हमारे जिस्म मिल गए …”
अब अजय क्या बोलता वो खुद भी शॉक था,उसे भी समझ नही आ रहा था की जो वो निधि के साथ प्यार बोलकर करता है क्या वो गलत है या सही ,इसी गलत सही के फेर में सालो तक वो निधि से अलग रहने की कोसीसे करता रहा था,लेकिन वक्त के सामने किसीकी चलती है जो अजय की चलती ,वो चुप ही था ,उसे समझ नही आ रहा था की क्या कहे गुस्सा हो जाय या और कुछ ,हा उसके दिल में एक अजीब सा दर्द जरूर था,जो की एक बेचैनी थी या कोई तमन्ना या की कोई सपना क्या था …..??????
“अरे पागल उसे सेक्स नही प्यार करते है समझी आप भी ना दीदी,और ये मैं और भैया रोज ही करते है…. “
निधि मचलते हुए कह गई ,वो अजय के बांहो में मचली ,उसके आंख अब भी बन्द ही थे….लेकिन ये सुनकर सोनल का रोना बिल्कुल ही बन्द हो गया,अब वो और अजय दोनो ही शॉक थे ,दोनो कभी एक दूजे को देखते तो कभी निधि को ,शायद ये निधि को भी समझ आ गया था वो ऐसे कूदकर उठी जैसे कभी सोई ही नही हो ,
“सच्ची तो कह रही हु”उसने फिर से कहा ,और दोनो को देखने लगी,अजय बिल्कुल ही नर्वस हो गया था,लेकिन सोनल के होठो में एक मुस्कान आ गई
“ओह भइया ऐसी बात है तभी आप खुसबू से दूर भगते हो ,अपनी सगी बहन के साथ तो सबकुछ कर सकते हो और मामा की लड़की आपकी बहन हो गई उससे दूर रहना चाहते हो “सोनल के चहरे में अभी भी मुस्कान थी
“मेरे भैया को कुछ भी मत बोलो दीदी ,उन्होंने जो भी किया मेरे कहने पर किया और जो भी ये गलत हो तो वही सही मैं अपने भइया का साथ कभी नही छोड़ने वाली और दुनिया के नियमो की तो मा की …. “निशि इतना बोलकर ही रुक गई
अजय अब भी कुछ नही बोल पा रहा था,
“सोनल मुझे माफ कर दे ,लेकिन पता ही नही चला की ये कब हो गया,और तुझे पता है की मैं अपनी बहनों से कितना प्यार करता हु मैं उनके बारे में बुरा सोच भी नही सकता ….”
अजय की आंखों में भी पानी आ गया था ,वो जानता था की जिस परिस्थिति में ये सब हुआ था वो गलत नही थे लेकिन समाज की बनाई रिवाजो के सामने उसे अपने द्वारा किया काम गलत लगने लगा था,
सोनल उसके माथे में अपना हाथ फेरती है,
“मैं समझ सकती हु भइया ,प्यार की क्यो सिमा नही होती सीमा तो रिश्तों की होती है,जब प्यार रिश्तों के आगे निकल जाय तो वो मर्यादा का बंधन लांघ सकती है,मेरे और विजय के साथ भी यही हुआ जो आपके साथ हुआ ,अब ये गलत है या सही मुझे नही पता लेकिन जो है वो बस है….”
अजय ने बड़े प्यार से सोनल को देखा ,
“तो निधि आज हम दोनो मिलकर भइया से प्यार करेंगे “सोनल की बात से निधि खुस हो गई लेकिन अजय को जैसे ही ये बात समझ आयी
“नही पागल हो क्या “
“भइया हम तो प्यार करने की बात कर रहे है आप तो गलत समझ लिए “
सोनल ने मुस्कुराकर शरारत से कहा और दोनो बहन अजय के ऊपर कूद गए ,अजय भी हँसता हुआ उनसे खेलने लगा,लेकिन आज कोई भी सेक्स के मूड में नही था वो बस मस्ती कर रहे थे…………..
पूरा घर सजा था,चारो ओर खुशियो की बारिस हो रही थी,किशन की शादी की रस्मे शुरू हो चुकी थी ,किशन की बारात ठाकुरो के हवेली से निकल कर ततिवारियो के हवेली में जानी थी,गाजे बाजे से बारात निकली ,पूरा परिवार झूम रहा था,
बारात का स्वागत और हँसी ठिठोली में समय बीत रहा था,शादी की रस्मे जोरो पर थी ,अजय ने एक नजर खुसबू को देखा,सचमे ऐसा लग रहा था जैसेकि स्वर्ग से कोई अप्सरा उतर आयी हो ,घाघरे चोली में लिपटी हुई वो हुस्न की मलिका सुमन के साथ जब बाहर निकली तो अजय बस उसे ही देखता रह गया,खुसबू की नजर जब अजय पर पड़ी तो वो भी शर्मा गई ,आज पहली बार था जब अजय खुसबू को इतने प्यार से देख रहा था,
मेहमानों में कुछ खास लोग भी आने शुरू हो गए थे,मुख्यमंत्रि जी डॉ चुतिया के साथ बाते कर रहे थे,विपक्ष के नेता भी साथ ही थे,तभी अजय उनको जॉइन करता है ,
“बधाई हो अजय अब तो तुम भी राजनीति के दंगल में आ गए “
अजय के चहरे में एक कुटिल सी मुस्कान आयी उसे इन सीनियर नेताओ से बहुत कुछ सीखना था ,वो जंहा बाहर एक दूसरे को काटने में लगे होते है वही जब दूसरे वो फुरसत में एक दूसरे से मिलते है तो हँसी ठिठोली में समय बिताते है,इन्हें देखकर कौन कह सकता था की जो दो लोग सामने खड़े थे वो एक दूसरे के राजनीतिक रूप से कट्टर दुश्मन थे ,और अब इनके दुश्मनों में एक नाम अजय का भी था,
“बस आप लोगो की कृपा है अंकल ,आप लोग अगर समाज के लिए कुछ बुनियादी काम करते तो शायद हम जैसे लोगो को राजनीति में आने की जरूरत ही नही पड़ती “
अजय की बात सुनकर डॉ हँसने लगा ,
“मंत्री साहब अब इससे बच कर रहिए गा,कम समय में ही बहुत कुछ सिख लिया इसने “
सभी हँसने लगे .
“अरे भई राजनीति तो इसके खून में है,राजाओं के वंसज है ,और इसके दादा जी, वाह कमाल के राजनेता थे ,ऐसे सच कहा डॉ इसने तो हम दोनो पार्टीयो को डरा ही दिया है ,लेकिन बेटा राजनीति में सिर्फ चुनाव जितना ही काफी नही होता बल्कि सत्ता में आकर ही समझ आएगा की असली मुश्किलें कहा है “
मुख्यमंत्रि बंसल साहब मुस्कुराते हुए बोले ,
“अंकल आप कुर्सी खाली तो कीजिये फिर आप तो है ना हमे मार्गदर्शन देने के लिए ,हम भी सत्ता चला ही लेंगे …”
अजय ने ये बात हस्ते हुए कही और सभी फिर से हँस पड़े
“अब ये पक्का राजनेता बन गया है “
बंसल साहब ने टिप्पणी की ,
तभी बाकी के बुजुर्गों ने दोनो नेताओ को अपने पास बुला लिया ,अब डॉ और अजय ही रह गए थे,
“यार अजय इस बार लगता है की तुम्हारी पार्टी कुछ सीटे तो जीत ही जाएगी लेकिन तुम्हे गठबंधन करना पड़ेगा ,क्यो ना तुम बंसल की पार्टी से ही गठबंधन कर लो ,और साथ ही चुनाव लडो”
“नही डॉ साहब गठबंधन का मतलब होगा की हमे उनके सामने झुकना पड़ेगा ,चुनाव तो हम अकेले ही लड़ेंगे कम से कम हमे हमारी ताकत का अंदाजा तो लग ही जाएगा ,और चुनाव आयोग को पार्टी की रूपरेखा भी भेज दी है कुछ ही दिनों में चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम भी डिसाइड हो जाएगा ,2-4 सीट ही मिले लेकिन अपने दम पर मिले तभी काम की है ,उसके बाद देखेंगे अगर गठबंधन का मौका मिला तो दोनो पार्टीयो में जो हमारे एजेंडे पर काम करने को तैयार होगा उसका ही साथ देंगे “
डॉ अजय की समझ से बहुत खुस दिख रहे थे,
“लेकिन अगर तुम बंसल की पार्टी से अभी गठबंधन करोगे तो 10 से 12 सीटे तुम्हे मिल सकती है “
“लेकिन बंसल अंकल इतनी सीटे हमे क्यो देंगे ,मेरे ख्याल से 4-5 सीट देने को ही तैयार होंगे “
“बंसल अक्लमंद आदमी है वो अगर 10 सीट भी तुम्हे दे देगा तो उसका कोई नुकसान नही होगा ,तुम्हारे इलाके से तो उसका जितना अभी लगभग नामुमकिन है ,4 सीटे तो तुम्हे आराम से केशरगढ़ क्षेत्र से मिल ही जाएंगी ,लेकिन बाकियों ने मुकाबला तो बंसल और तुम्हारे बीच का ही होगा ,इससे उसकी 20-25 सीटो पर बुरा असर पड़ सकता है ,यहाँ सिर्फ जितना ही इम्पोर्टेन्ट नही होता ,बहुमत भी तो चाहिए और अगर उन सीटो में तुम्हारे झगड़े से अगर दूसरी पार्टी को फायदा पहुचा तो सीधे से बंसल के बहुमत को नुकसान होगा ,ऐसे भी 10 सालो से ये मुख्यमंत्रि है इसका इसबार जितना बड़ा ही मुश्किल लग रहा है ,जनता भी इससे पक चुकी है ऐसे में कोई नई पार्टी जिसके समर्थक उसके ही लोग हो ,बंसल के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकती है ,वो तो चाहेगा की तुम उसके साथ आकर चुनाव लड़ो ,और निधि या धनुष को कोई मंत्रालय भी दे dega …….
अजय सोच में पड़ गया लेकिन उसने बहुत ही जल्दी फैसला भी कर लिया ,
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