RE: Nangi Sex Kahani जुनून (प्यार या हवस)
आज पहली बार उसने खुसबू की खूबसूरती को निहारा ,कसा हुआ शरीर,और जरूरत के हिसाब से ही भराव ,न कम ना ज्यादा,मासूम सा उज्वल चहरा,गुलाबी होठ,घने बाल जो उसके कमर को छूते थे,उसके बल उसके नितंबो कटाव में ठहरकर विश्राम कर रहे थे,बहुत ही नाजुक मुलायम त्वचा की मलिका थी खुसबू ,उसके शरीर से एक सौंधी सी खुसबू आ रही थी,अजय मानो उसकी ख़ूबसूती में डूबने लगा था,वो अपने को मुश्किल से सम्हाला लेकिन तब तक खुसबू को भी इसका आभास हो गया था की उसके दिल में क्या चल रहा है,वो हल्के से मुस्कुरा कर अजय को देखने लगी,अजय ने अपनी नजर नीचे कर ली ,वो उसके बाजू में जा बैठी ,
“मैं आपसे बहुत प्यार करती हु ,”
वो उसके कंधे पर अपना सर रख लेती है,और उसकी भुजा को अपने हाथो से पकड़ लेती है ,अजय उसे हटाता नही ,
“तुम मेरा जवाब जानती हो खुसबू तुम मेरी बहन हो “
“कब से ?????”
“हमेशा से ….बस हमे पता नही था”
“लेकिन जब मुझे आपको प्यार हुआ था तब तो मुझे ये नही पता था की आप मेरे भाई हो ,अब मैं क्या करू,मेरी क्या गलती है की जिंदगी में पहली बार जिसे दिलो जान से चाहा वो मेरा भाई निकल गया…”
खुसबू के आंखों से आंसू की एक बून्द निकल कर उसके गालो तक पहुच गई ,अजय उसके चहरे को नही देख रहा था लेकिन उसके भरे हुए गले का पता उसे चल गया था,
“लेकिन अब तो पता है ना ,जानबूझकर हम ये नही कर सकते …”
थोड़ी देर तक वहां शांति रही
“अच्छा एक बात पुछु “
“हम्म्म्म “
“अगर भाई बहन होने से प्यार नही कर सकते तो नितिन और सोनल क्या करेंगे,वो कैसे शादी करेंगे एक दूसरे से ,वो भी तो तब से प्यार करते है जबसे उन्हें पता ही नही था की वो एक दूसरे के भाई बहन है ,अब आप क्या करोगे …”
खुसबू की बात सुनकर अजय उससे अलग होकर उसे देखने लगा ,उसे एक बड़ा शॉक सा लगा ,वो उसकी आंखों में देखता रहा ,उसे समझ ही नही आ रहा था की वो इसका क्या जवाब दे ….
“हा ये सच है…”
अजय अपने सर को पकड़ कर बैठ गया
“खुसबू तुम समझ नही रही हो इस परिवार को साथ लाने के लिए मैंने कितने दिनों का इंतजार किया है,ये एक फैसला सब कुछ बिगड़ देगा ,अगर किसी एक पक्ष की भी इसमें असहमति हुई तो बवाल हो जाएगा ,मैं नही चाहता की फिर से वही हो जो हमारे मा बाप के साथ हुआ था…….”
खुसबू मुस्कुराते हुए फिर से उसके बाजुओ को पकड़ कर उसके कंधे में अपना सर रख देती है,
“मैं सब समझ रही हु ,दादा जी भी यही चाहते थे और मैं भी लेकिन जो हो गया उसका तो कुछ नही किया जा सकता ,विजय भैया ,नितिन और सोनल तो मान गए है,और किसी भी बच्चे को इसमें कोई परेशानी नही होगी,वो तो हमारे बारे में भी जानते है और हमारे पक्ष में खड़े है ,और रही मेरे घर में किसी के नही मानने की बात तो मैं और नितिन भइया सबको मना लेंगे और रही आपके घर में किसी के नही मानने की बात तो आपकी बात कौन नही मानेगा वहां…”
अजय अब भी सोच में पड़ा था,
“लेकिन …”
खुसबू उसके होठो में अपनी उंगली रख देती है,
“मुझे पता है की आपको सोनल और नितिन के रिश्ते से कोई भी एतराज नही है,और मैं ये भी जानती हु की आप मुझसे बहुत ही प्यार करते है ,बस कहते नही ,लेकिन मैं लड़की हु आपकी आंखों को भी पढ़ सकती हु “
अजय खुसबू को देखने लगता है खुसबू के होठो में एक मुस्कान थी ,अजय अब भी कुछ नही कहता लेकिन खुसबू जैसे सब समझ जाती है और उसके गालो में किस कर लेती है ,अजय थोड़े गुस्से से उसे देखता है…
“सॉरी “वो हल्के से हस कर कहती है ……
इधर
विजय आरती को झुरमुट के पीछे ले जाता है और जैसे की दोनो ही बहुत देर से प्यासे थे वो बस चालू हो जाते है ,एक दूसरे को बेहद ही जोर से दबाने लगते है,एक दूसरे के कपड़े निकल के जैसे फेक ही देते है,दोनो आदमजात नंगे किसी की भी परवाह किये बिना बस हवस की आग बुझाने में लग जाते है,
जब आरती नंगी होती है तो विजय उसे पीछे करता है और उसके जिस्म को ध्यान से देखता है,
“वाह”विजय के मुह से निकल जाता है,
“ऐसा क्या वाह कर रहा है जिसे की कभी देखा ही नही ,मैं अब इतनी भी हसीन नही रही “
“कौन चुतिया ये कहता है की तुम हसीन नही हो ,मामी जी ईईईईई”
वो उसे अपने नंगे जिस्म से लगा लेता है,उसका लिंग जो तन कर किसी लोहे की रॉड की तरह लग रहा था,आरती की पेट में चुभता है,
“सच में कमाल का जिस्म है आपका ,बिल्कुल सटीक ,जंहा जरूरत हो वहां इतना मांस है की मन करता है नोच के खा जाऊ”वो अपने लिंग को फिर से उसके पेट में गड़ा देता है,
“आउच ...तो खा जा ना कमीने “
वो विजय के चहरे को खीचकर उसे अपने होठो के पास लाती है और उसके होठो को चूसने लगती है,दोनो ही एक दूसरे के होठो को खिंचने खाने लग जाते है ,दोनो ही मस्ती में थे और एक दूसरे के जिस्म को भरपर रूप से मसल रहे थे,विजय उसकी मखमली त्वचा का दीवाना हो गया था,वो उसके नितंबो को अपने हाथ से पकड़कर उसे उठा लेता है ,अब उसका लिंग उसकी योनि की दीवार पर था,लिंग में योनि का पानी लगने लगता है,विजय था तो बड़ा पहुचा हुआ खिलाड़ी वो योनि से कुछ देर ही अपने लिंग को रगड़ता है,उसके हाथ आरती के नितंबो को पकड़े थे वही आरती के हाथ विजय के गले से लिपटे थे,वो अपने लिंग को अपनी कमर हिलाकर ही अरजेस्ट करता है और खच से जैसे कोई चाकू गोभ दिया गया हो ,
“आआहह जानवर है क्या “
आरती के आंसू निकल आते है वही विजय की हँसी उसका पूरा लिंग आरती के योनि में धस गया था,थोड़ी देर में ही वो उसे खड़े खड़े अपने हाथो को ऊपर नीचे कर संभोग करने लगता है,
आरती की आंखे बंद हो गई थी,राकेश इसके सामने बच्चा ही था,वो विजय के ताकत की दीवानी हुई जा रही थी ,वो ऐसे चिल्लाने लगी जैसे की कोई नई नई दुल्हन हो ,विजय को भी उसके योनि के कसाव का आभास हो रहा था,
वो उसे नीचे घास में लिटा देता है,
“लगता है किसी ने इसे ढीला नही किया है,बहुत कसाव है इसमें ,मजा आ गया मामी जी “वो फिर से अपने कमर को जोरो से चलाने लगता है,आरती पागलो जैसे चिल्ला रही थी,मानो किसी कुवारी लड़की की सील टूट रही हो,विजय भी जानवरो की तरह उसे चोद रहा था,उसके गालो शरीर को काट रहा था,वो अपने पूरे सबाब में था,
इधर
आरती की चीख सुने गार्डन में गूंज रही थी,यहां तक गार्ड को भी ये आवाजे सुनाई दे रही थी लेकिन उसमे इतनी हिम्मत नही थी की वो उसे मना करे ,वो तो और भी डर गया था की कोई राह चलने वाला इसे सुन ना ले ,उसके मुह से खून बह रहा था जो अभी अभी बंद हुआ था ,रुमाल से उसने अपना मुह ढक रखा था,वो फिर से मार खाना नही चाहता था,वो तो भला हो की गाड़ियों के शोर में वो आवाज आने जाने वालो तक नही पहुच रहे थे ,लेकिन अगर कोई थोड़े भी ध्यान से सुनता तो उन्हें ये समझ आ जाता की कुछ तो हो रहा है,कभी कभी ये तेज हो जाते फिर कम हो जाते …
“ये साले मादरचोद आज मेरी नॉकरी और मेरी जान लेकर रहेंगे “
गार्ड अपने में भी भुनभुनाया
इधर
ये आवाज अजय और खुसबू तक भी पहुच रहे थे ,जो की गार्ड की अपेक्षाकृत और भी ज्यादा और क्लियर था,गार्डन के शांत माहौल में आरती की चीख कभी कभी फैल जाती थी ,दोनो को पता था की क्या हो रहा है ,दोनो ही असहज हो रहे थे ,आखिर थोड़ी ही देर में अजय से ये ना सहा गया ,
“सालो को इतनी भी तमीज नही है की पब्लिक प्लेस में कैसे रहना चाहिए “वो खड़ा होने ही वाला था की खुसबू ने उसे रोक लिया
“छिड़िये ना वो यहां इंजॉय करने ही तो आये है “
“तो ऐसे इंजॉय करेंगे अपने घर में करे ना ये सब “
वो गुस्से से लाल होने लगा था
“बेचारों के पास घर नही होगा इसीलिए तो आये होंगे “
अजय फिर गुस्से से उसे देखता है
“तुम्हे बहुत पता है “
“हा मैं भी तो यहां आती थी सोनल और नितिन के साथ “
अजय का दिमाग ही घूम गया ,उसके दिमाग में नितिन और सोनल की सेक्स की बात आई और वो ...
“मादरचोद “
अजय खुसबू के गले को अपने हाथो से पकड़ कर उसे उठा देता है वो दोनो ही बैठे थे लेकिन खुसबू फिर भी थोड़ी ऊपर हो गई ,उसका चहरा लाल हो गया ,और आंखों में आंसू आ गए ,वो कुछ बोलना चाहती ही लेकिन बात उसके गले से नही निकल रही थी वो बस गु गु कर रही थी ,अजय को जब उसकी हालात का अंदाजा हुआ वो उस झट से छोड़ दिया ,ना जाने उसे इतना गुस्सा कैसे आ गया था ,खुसबू खांसने लगी
“क्यो क्या आपकी बहन सेक्स नही कर सकती जिससे वो प्यार करती है “
खुसबू गुस्से में भर गई थी,उसने व्यंग मारा था …
“मैं प्यार के खिलाफ नही हु ,ना ही शाररिक संबंधों के लेकिन उसका भी कोई समय और जगह होती है ,कोई प्यार में हो तो बात अलग है लेकिन इस तरह नही ,मेरी बहन ऐसा नही कर सकती और अगर तुम भी कहो तो मैं ये नही मान सकता ….”
अजय का गुस्सा थोड़ा कम हो गया था,लेकिन फिर भी ना जाने क्यो उसके सीने में एक अजीब सी जलन थी ,
“मुझे भी अपने भाई पर पूरा भरोसा है वो सोनल से प्यार करता है हवस के लिए उसके साथ यहां नही आता था,मैं तो बस आपको परखने के लिए बोल दिया ,और हम पूरे क्लास यहां आते थे ,कॉलेज बंक करके …”
खुसबू ने अपनी सफाई दी जिसकी कोई जरूरत तो नही थी लेकिन फिर भी खुसबू को बोले बिना नही रहा गया,उसने अजय का गुस्सा और ताकत का अभी अभी अंदाजा किया था ,इससे उसके मन में अजय के लिए एक अनजाना सा डर बैठ गया ,,लेकिन साथ ही एक खुसी थी,वो ये सोच कर ही मचल गई की जब अजय उससे प्यार करेगा तो वो उसे इसी तरह से पकड़ेगा,वो उसपर अपनी ताकत लगाएगा……...ये एक अहसास ही खुसबू को रोमांचित कर गई ,वो थोड़ी और अजय की दीवानी बन गई ….
ये लड़कियों के साथ हमेशा ही होता है ,वो ताकत की मुरीद रहती है ,वो हमेशा ही चाहती है की उनका प्रेमी उन्हें बेहद प्यार करे,और आराम से प्यार करे रोमांटिक हो , लेकिन एक स्थिति में वो उसे अपना मालिक बनाना चाहती है ,वो अपने को सौप देना चाहती है ,लेकिन इसे वो अपने प्रेमी पर छोड़ देती है की वो उसे पूरा ले ले ,उसपर अपना अधिकार जमाये …
तभी एक आवाज फिर से आयी .
“ओह जोर से जोर से जोर से “
अजय से अब नही रहा गया
“चलो यहां से उन्हें ही करने दो जो करना है “
वो खुसबू का हाथ पकड़े खड़ा हुआ ,खुसबू की आंखों में अजय को देखकर पानी आ गया उसे लगा जैसे की वो उसे अपना बनाने ले जा रहा हो ,वो अब उसका हो,अजय ने पहली बार उसपर इतना अधिकार जताया था वो उसके हाथो को खीचकर उसे उठा रहा था ,और फिर उसे खीचकर अपने साथ बाहर ले जा रहा था,खुसबू तो उसी नशे में खोई हुई ,जाते जाते खुसबू ने उस झुरमुट के तरफ देखा जिधर से आवाज आ रही थी,कुछ भी दिखाई नही दे रहा था लेकिन उसने उन कपड़ो को जरूर देख लिया जो की उन झाड़ियों से बाहर को फेके गए थे,जाने क्यो उसे लगा की इन्हें कही देखा है,अचानक उसे कुछ याद आया उसकी आंखे चौड़ी हुई लेकिन फिर उसे अपने ही ख्याल पर हँसी आई ,ऐसा थोड़ी ना होगा ,वो हल्के से हँसी और गार्डन से बाहर की ओर चल दी ,गार्ड ने उन्हें जाते देखा वो खड़ा हो गया ,उसे समझ आ गया की ये तो वो नही है जो चिल्ला रहे है,अजय ने एक बार गार्ड को देखा लेकिन उसने कुछ भी नही कहा ,गार्ड अपनी खड़ा होकर उसे सलाम करता है,अजय कुछ रिएक्शन दिए बिना ही वहां से चला जाता है……...
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