RE: Nangi Sex Kahani जुनून (प्यार या हवस)
अजय पूरे ताकत से निधि को पकड़कर बिस्तर में डाल देता है और फिर से उनके प्यार का करवा चल पड़ता है….
सुबह से सभी तैयार होकर केशरगढ़ की ओर निकल जाते है साथ में तिवारियो का परिवार भी था,सभी को यही उत्सुकता थी की जो अजय ने उन्हें बताया है क्या वो सच है,अगर वो सच होता तो हजारों सालो का वो रहस्य खुल जाने वाला था,और अजय को वो राजगद्दी आधिकारिक तौर पर मिल जाती जो कभी केशरगड़ के राजाओं की थी,
घने जंगलो के बीच वो खण्डर सा किला था,जिसमे किले के अवशेष ही बचे थे,पता नही वहां कौन सा ऐसा खजाना था जिससे अजय को फायदा होने वाला था,जब वहां लोग पहुचे तो देखा की पूरी जगह पुरातात्विक विभाग ने घेर रखा था,
“अरे यहां तो कुछ काम चल रहा है,”
बाली ने वहां मौजूद मजदूरों को देखते हुए कहा
“फिक्र मत कीजिये चाचा डॉ की यहां की सुपरवाइजर से पहचान है,
“सुना है कोई विदेशी महिला है ,इटली से आयी है “
“हाँ मामा जी मैंने भी सुना है “
“अरे तुम लोग क्यो दिमाग लगा रहे हो हमारी ही बंदी है …”डॉ ने सबको टोका ,
सामने से एक अग्रेजो जैसे गोरी हल्की मोटी सी लगभग 35-40 साल की महिला आ रही थी ,जो डॉ को देखते ही उसे हाथ हिलाकर दिखती है ,उसे देखकर मेरी (सेकेट्री ) भी बहुत खुस हो जाती है ,वो पास आकर डॉ के गले से लगती है ,
“वाओ डॉ बहुत दिनों बाद मिले “
“बस इधर आना ही नही होता यार “
“वाओ ये तो मेरी है ना इकबाल भाई की वाईफ ,कैसे है इकबाल भाई ,सुधरे की तुमने उन्हें छोड़ दिया “
“नही दीदी वो तो नही सुधरे मै उन्हें छोड़ कर अब डॉ साहब की सेकेट्री बन गई हु “
दोनो गले मिलते है,
डॉ उसका परिचय बाकियों से कराता है,
“ये मलीना है ,यहां की सुपरवाइजर .15 साल पहले ये यहां आयी थी तब इस जगह पर किसी का भी ध्यान नही गया था .आज इसके मेहनत से इसने यहां के इतिहास को जानने में बहुत मदद मिली और साथ ही मिला कुछ कीमती चीज ,कुछ तस्वीरे,कुछ लेख ,और एक सुराग जो बताता है की यहां से उनके परिवार के लोग आखिर गए कहा,अभी कोई भी ऐसा नही सामने आया जो उनका वंसज होने का दावा करे ,आज भी यहां के लोग उन्हें ही अपना राजा मानते है ,अगर अजय या आपके परिवार के किसी भी का डीएनए यहां मौजूद खून के छिटो से मिल गया तो ये साबित हो जाएगा की आप ही इनके वंसज है ….”
“लेकिन इससे हमे क्या फायदा होगा “
विजय ने सवाल किया
“इससे हमारी शाख का हमे पता चलेगा …”
अजय के चहरे में एक अजीब सी चमक आ गई ,
“मुझहे लगता है,मलीना जी की मैंने आपको कही देखा है …”
बाली की बात से डॉ और मलीना दोनो ही हँस पड़े ,
“क्या यार बाली आप भी हमे भूल गए ,”
मलीना ने उसे हँसते हुए देखा
“सच में याद नही आ रहा है की कहा देखा है ,तुम काजल की दोस्त हो क्या “
मलीना और डॉ जोरो से हँसते है,
“पकड़ तो लिए बाली जी ,लेकिन आपको काजल याद रही हम नही “
“सॉरी यार “
बाली भी आकर मलीना के गले लगता है,
“साले बाली काजल को तू कैसे भूलेगा “
डॉ उसे कोहनी से मारता है,
“चुप कर बे मरवाएगा क्या “
“तो कैसे है विकास और काजल “
काजल का नाम लेते ही बाली के चहरे में एक चमक सी आ गई थी ,
“बहुत अच्छे है ,विकास अब IAS बन चुका है और काजल का वही पुराना होटल का बिजनेस …”
“हम्म आदित्य इंटरनेशनल”
“चलिए जब यहां तक आ गए तो कभी उनसे भी मिल लीजिएगा,ऐसे आप तो हमे भूल ही गए “
“हा भैया के मौत के बाद से सबकुछ बदल सा गया “
“बहुत दुख हुआ वीर का सुनकर ,इतना अच्छा इंसान था ,दोस्तो के लिए जान देंने वाला “
डॉ सभी का परिचय एक एक कर मलीना से करता है,
“ऐसे गजेंद्र और महेंद्र तुम भी इसके पिता जी को जानते हो “
दोनो डॉ को धयन से देखते है ,
“ये मिश्रा जी की बेटी है ,मिश्रा जी याद है जो कभी चीफ सेक्टरी हुआ करते थे “
“यार उन्हें कैसे भूल सकते है ,बहुत अच्छे इंसान थे ,दुख हुआ उनके बारे में जानकर “
मलीना के चहरे पर एक फीकी मुस्कान आ गई
“हा अच्छे इंसान तो थे……..”
डॉ अपना हाथ उसके कंधे में रखता है,
(नोट-मलीना ,काजल ,विकास,इकबाल,मिश्रा के बारे में ज्यादा जानने के लिए मेरे दूसरी कहानी बीवी के कारनामे पढ़े )
“तो कौन है हमारे राजा साहब “
“ये “
अजय आगे आता है,मलीना उसे ध्यान से देखती है,
“पूरा वीर है ये तो ,मैं जब वीर को पहले बार देखी थी तभी समझ गई थी की वो किसी राजघराने से होगा,राजाओं की तरह पर्सनाल्टी थी उसकी ...अजय तुम्हारा ब्लड सेम्पल चाहिए होगा मुझे,और आइए आप सब आपको कुछ दिखाना है ….”
खण्डर सा हो चुका वो महल आज बड़ा ही अद्भुत लग रहा था सामान्य जानो का वहां आना जाना निषेध था,उनलोगों के उसे खोद खोद कर बहुत सारा भाग बाहर ले आये थे,एक एक पत्थर को साफ किया गया था,और उनमे बनी कलाकृतियां बेहद खूबसूरत लगने लगी थी,
“वाओ “
निधि के मुख से अनायास ही निकल गया,
“भइया मैं तो सोच रही थी की ये बस खण्डर होगा लेकिन ये तो पूरा महल जैसा है कितना सुंदर है,बस थोड़ी छत को बनवाना पड़ेगा “निधि के बात सुनकर सभी हँसने लगे ,अजय ने अपना हाथ उसके सर पर रखा,
“सच में तुमने बहुत मेहनत की है मलीना ,जब मैं पहले यहां आया था तो ये बस अवशेष ही बचे थे,इतना मेहनत किया है तुमने इन सबको सम्हालने में “
“मूल्यवान चीज को सम्हालने और खोजने में मेहनत तो लगती है डॉ ,मैंने तो अपनी पूरी जवानी यही बिता दी तब जाकर कुछ पता चल पा रहा है,ये देखो ये तुम लोगो को देखना चाहिए…”
एक बड़ी सी मूर्ती कमरे के कोने में रखी थी ,थोड़ी टूटी थी लेकिन फिर भी अच्छी कन्डीशन में थी ,
“ये हमे जमीन के नीचे से मिली जब हम इस कमरे को खोदना शुरू किये थे,ये कमरा शायद राजा का कमरा रहा होगा,ये इतना बड़ा है ,कई एकड़ के फैले किले के क्षेत्र के महल के हिस्से में ये सबसे बड़ा कमरा है,और इसकी नक्कासी देखो...अभी तो मुझे और 15 साल लग जाएंगे इस किले को पूरी तरह समझने में “
वो आधी बाते फुसफुसाते हुए कह गई……….
उस मूर्ती को तो सब देखते ही रह गए …
“अब समझे अजय की मैंने तुम्हे ये क्यो कहा था की तुम हो ना हो राजपरिवार के सदस्य होंगे ..”
डॉ ने मुस्कुराते हुए अजय से कहा जो की बड़े ही ध्यान से उस मूर्ति को देखे जा रहा था…
“सचमे अद्भुत …”
बाली और गजेंद्र के मुह से एक साथ ही निकला,
“ये तो हु ब हु भईया जैसी दिख रही है “
निधि भी उछाल गई …
लेकिन मलीना थोड़ी गंभीर थी ,
“मुझे पूरा विस्वास है की तुम राज परिवार के ही वंसज हो ,लेकिन इसे सिद्ध करना बहुत ही कठिन होने वाला है ,यहां के पुरातात्विक विभाग के अधिकारी इस मूर्ती को यहां से ले जाना चाहते है ...वो ऐसे तो कह रहे है की वो इसे किसी म्यूजियम से रखेंगे लेकिन मेरा ख्याल है की ये इसे नष्ट करने की कोसिस करेंगे ..”
“क्यो ,कही बंसल तो इसमें इन्वॉल्व नही है”
अजय की बात से मलीना उसे देखने लगी जैसे की उसने उसके मन की बात समझ ली हो …
“हा मुख्यमंत्रि का इतना प्रेशर कभी नही था,पहले भी कहा गया था की इस मूर्ति के बारे में किसी को भी भनक ना लगे,और इसे कई बार यहां से ले जाने की कोसिस भी की गई थी लेकिन मेरे दबाव में सभी झुक जाते थे ,लेकिन इस बार तो हद हो गई मुझे ही चार्ज से निकलने की धमकी दे दी..जब मैंने पहली बार इस मूर्ति को देखा था तो मुझे ये बहुत कुछ वीर की याद दिलाता था,लेकिन तबतक वीर की मौत हो चुकी थी ,बंसल साहब भी इसे देखकर शॉक हो गए थे,और उन्होंने आनन फानन में ही मुझपर दबाव डाला था की इस मूर्ती को यहाँ से गायब कर दिया जाय ,लेकिन मेरे पास यहां का फूल चार्ज था और सीधे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरातात्विक महकमो के दबाव में आकर बंसल चुप हो गया ,कभी कभी और भी कोसीसे की गई पर वो भी नाकाम हो गई ,बदले में राष्ट्रीय विभाग ने उन्हें लताड़ भी दिया,तब से वो चुप बैठ गया,लेकिन कल से उसने पूरी ताकत लगा दी है इस मूर्ती को यहां से ले जाने की आज शाम तक वो परमिशन भी ले आएगा,...मुझे तो लगता है की वो चाहता ही नही की राजाओं के वंसजो का पता चले….मुझे समझ ही नही आ रहा है की क्या किया जाय ”मलीना कहते हुए रुक गई
“आप आज छुट्टी ले लीजिये ,आपकी तबियत आज अचानक खराब हो जाएगी “
“क्या “अजय की बात मलीना को समझ नही आयी
“ये मजदूर कहा के है ,और आपके सिवा यहां और कौन कर्मचारी या अधिकारी है “
“सभी मजदूर तो पास के गांव वाले ही है ,कुछ कर्मचारी है जो अलग अलग काम देखते है ,और कुछ जूनियर भी यहां पर होंगे...कुछ बाहर के होंगे कुछ आये नही है..”
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