RE: Nangi Sex Kahani जुनून (प्यार या हवस)
“आह भाई “वो जोर से चीखी ,भला हो उस हवेली का जो इतनी बड़ी थी,और विजय के होठो का जो सोनल के होठो को भरे हुए थे, वरना सारा घर ही उठ जाता ,
विजय को भी अब अहसास होने लगा था की वो क्या कर रहा है,सालो से उसने इतनी टाइट चुद में अपना लिंग नही घुसाया था,उसे अचानक ही याद आया की मैं किसके अंदर चला गया ,भाई ….है भगवान फिर से ,उसने ऊपर देखा सोनल ही थी …
जो उसके चहरे पर आये एक्सप्रेशन को देखकर समझ गयी की विजय को अभी अपनी गलती का अहसास हो रहा है ,उसे हँसी आ गई ,उसे हँसता देखकर विजय के होठो पर भी एक मुस्कान आ गयी,
“कामिनी रोक नही सकती थी “
सोनल ने शरारती मुस्कान से उसे देखा
“मैं क्यो रोकू तुझे इतनी समझ नही है क्या की किसके अंदर डालना है किसके अंदर नही,कोई अपनी बहन के अंदर डालता है क्या भला,और वो भी इतने जोर से हाय ,”
विजय सोनल को झूठे गुस्से से देखा पर अपनी बहन की इन्ही बातो पर तो मरता था,सोनल के एक मुस्कान की खातिर तो वो जान भी दे सकता था,आज उसे कोई भी ग्लानि के भाव नही आये क्योकि वो जानता था की उनका प्यार समाज के हर बंधनो से बढ़कर है ,वो सोनल को और कस लेता है,अब उसे अपने लिंग में सोनल के प्यार की गर्मी का अहसास हो रहा था ,सोनल को भी अपने भी के लिंग का अहसास अपने अंदर हो रहा था ,वो अपने को भरा हुआ महसूस कर रही थी ,उसे ऐसा लगा जैसे बस ऐसे ही जिंदगी गुजर जाय और उसे कुछ नही चाहिये…….
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