Nangi Sex Kahani जुनून (प्यार या हवस)
12-24-2018, 01:04 AM,
#5
RE: Nangi Sex Kahani जुनून (प्यार या हवस)
दूसरे दिन सभी लोग शहर की ओर निकल पड़े निधि अजय और विजय के साथ एक गाड़ी में कुछ लठैत भी थे, अजय सोनल और रानी को सरप्राइस देना चाहता था इसलिए सीधे घर न जाकर वह एक होटल में रुक गए, निधि ने शहर में pab के बारे में बहुत सुन रखा था, उसने अजय और विजय से एक डिस्को में चलने की इजाजत मांगी अजय को उसको इनकार करते भी ना बना, दिन भर के थके होने के कारण wo सो गए और शाम को तैयार होकर पास के ही एक डिस्को में चले गए, निधि एक जींस टॉप पहनी थी जिसमें उसका शरीर बहुत ही आकर्षक लग रहा था,
इधर सोनाला रानी अपने कुछ दोस्तों के साथ एक डिस्को में बैठी हुई इंजॉय कर रही थी, उसकी एक दोस्त किसी लड़के को बड़े देर से घूरे जा रही थी, सोनल ने उसे देखते ही उसकी नजर का पीछा किया कोई 6 फुट 2 इंच का लंबा चौड़ा गबरु जवान लड़का जो पीछे से बहुत ही हैंडसम लग रहा था सोनल समझ गई की खुशबू उसी लड़के को देख रही है, उसने खुशबू को कोहनी मारते हुए कहा,
“ क्या बात है मेरी जान तू तो कभी किसी लड़के को भाव भी नहीं देती और आज घूरे जा रही है,”
“ क्या करूं यार लगता है उस लड़के से मुझे प्यार हो गया इतना हैंडसम असली मर्द लग रहा है,” सोनल ने उसका चेहरा देखना चाहा पर नाकामयाब हुई, कुछ ही देर में एक हट्टा-कट्टा भारी भरकम शरीर का लड़का बार के काउंटर पर जोर से गिरा वहां मौजूद सभी लोगों का ध्यान उसकी तरफ ही चला गया, सोनल और रानी मुंह खोल कर उन्हें देख रहे थे, वही खुशबू एक सम्मोहित निगाह से उस लड़के को देख रही थी जिसने उस भारी भरकम लड़के को बार के काउंटर पर पटक दीया था, wo wahi लड़का था जिसे खुशबू इतनी देर से घूरे जा रही थी, अनायास ही सोनल और रानी के मुंह से निकला भैया….
डिस्को में आते ही निधि अपनी मस्ती में झूमने लगी वही अजय और विजय पास ही बार में बैठे चुस्कियां लेने लगे, तभी किसी लड़के ने आकर निधि को छेड़ना शुरू कर दिया जिसे देख अजय का खून खौल गया, अजय ने सीधा जाकर उस लड़के को उठाकर बार के काउंटर में पटक दिया, पास खड़े कुछ और लड़के जो कि उनके ग्रुप के थे वहां आ गए लेकिन अजय और विजय के सामने कौन टिक सकता था, उनकी ताकत के आगे सभी छोटे लग रहे थे, जब तक लड़ाई खत्म हुई निधि ने सोनल और रानी को देख लिया था वह दौड़ कर उनके पास गई और उनसे लिपट गई, जैसे उसे कोई फर्क ही नहीं पड़ता हो कि उनके भाई लड़ रहे हैं, वह जानती थी कि अजय और विजय को हराना किसी के बस की बात नहीं..
दोनों ने मिलकर सबकी हड्डियां तोड़ दी वहां खड़े सोनल के दोस्त जिनमें कुछ लड़कियां और कुछ लड़के थे आंखें फाड़े उन्हें देख रहे थे, अजय और विजय भी अब उनके पास आ गए थे.. सोनल और रानी दौड़ कर उनसे लिपट गए, सोनल को अजय का कपड़ा देख कर समझ आ गया यह वही लड़का है जिसे खुशबू ghur रही थी,
“ भैया आप लोग यहां” सोनल ने अजय से लिपटते हुए पूछा,
“ हां बहन रेणुका की शादी है और हम तुझे सरप्राइज देना चाहते थे इसलिए पहले घर नहीं आए लेकिन तुम तो यही मिल गई”
“ भैया मुझे आपको किसी से मिलाना है,” सोनल अजय और विजय को अपने दोस्तों के पास ले गई और सब से मिलवाया खुशबू अभी भी अजय को घूर रही थी, सोनम ने हल्के से उसे कोहनी मारी थोड़ी देर बाद सब जाने को हुए, तो खुशबू ने सोनल को थोड़ी देर के लिए अपने पास रोक लिए,
“ यार तेरे भैया तो बहुत हैंडसम है, मैं तो लगता है उनकी दीवानी हो जाऊंगी क्या नाम है तेरे भाई लोगों ka,”
“ जिनकी तो दीवानी हो रही है वह अजय है अजय ठाकुर और छोटे भैया विजय विजय ठाकुर, चल अब जा रही हूं देर हो रही है भैया राह देख रहे होंगे,तू भी चल ना हमारे साथ ”खुशबु कुछ सोचते हुए ना में सर हिलाया , सोनल तो वहां से चले गई पर दोनों का नाम सुनते ही खुशबू की आंखों में पानी आ गया उसकी आंखें लाल हो गई जैसे खून उतर आया हो, खुशबू बस उनको जाते हुए देखने लगी और सोचने लगी, जिंदगी में पहली बार किसी से प्यार हुआ कोई लड़का पसंद आया किसी को दिल दिया मोहब्बत की उसे अपना बनाना चाहा पर किसे, अपनी बुआ के लड़के को उस लड़के को जिसके खून के प्यासे मेरे घरवाले है, उस लड़के को जिस के परिवार ने मेरे मां-बाप को रुलाया, जिसके पिता ने मेरे चाचा को मारा खुशबू रोती हुई और अपने आंखों में पानी की धार लेते hui वहीं बैठ गई……

सभी शहर वाले घर आ जाते है ,सोनल और रानी बहुत खुस थे की रेणुका की शादी लग गयी है और वो घर में ही रहेगी ,तीनो बहन मिलकर समान की लिस्ट बनाते है,अजय का शहर वाला घर भी काफी अच्छा था,अजय किशन या विजय को वहा भेजना चाहता था ,ताकि शहर का कारोबार भी देखा जा सके पर दोनों को गाव से ही प्यार था ,और उनकी मस्तिय भी गाव में ही चल सकती थी ,अजय अपने भाइयो पर बेवजह का बोझ भी नहीं डालना चाहता था,आखिर सब खाना खाने बैठे,सोनल और रानी ने अपने हाथो से खाना बनाया था,
"भाई कैसा है खाना ,"सोनल बड़े ही प्यार से अजय से पूछ रही थी,
"हम्म बढ़िया है,"अजय थोडा गंभीर लग रहा था जैसा वो हमेशा ही लगता था,
"हमें भी पूछ लिया करो मैं भी तो तेरा भाई हु,"विजय ने हलके से कहा सोनल उसे आँखे दिखने लगी 
"तुझे तो जो भी दे दो बस रेणुका के हाथ का ही अच्छा लगता है "सोनल धीरे से उसे कह गयी ,विजय जैसे उछल गया और चुप रहने का इशारा किया रानी और सोनल दोनों हस पड़े वही निधि एक अजनबी निगाहों से उन्हें देखने लगी,अजय ने सुना तो सब और समझा भी सब पर कुछ प्रतिक्रिया नहीं दि ,
"सोनल तुम पड़ी लिखी हो और समझदार भी हो गयी हो ,पर मैंने सोचा नहीं था की तुम यु डिस्को में बैठी शराब पीती हुई मिलोगी,और वो लड़के लडकिया तुम्हारे दोस्त है ,कैसे कपडे पहने थे उन सबने ,देखो मैं तुम्हे डाट नहीं रहा हु बस तुम लोग अब बड़ी हो गयी हो और अपना अच्छा बुरा समझती हो मुझे कहने का यु तो कोई हक़ नहीं है पर ,..."अजय का इतना बोलना था की सोनल फफक कर रो पड़ी वही रानी की भी सुबकिया अजय को सुनाई दि ,उसे इस बात का इल्म ही नहीं था की वो कुछ गलत बोल गया है ,उसने सर उठा कर अपनी बहनों को देखा सोनल तो रो रही थी और निधि उठकर उसके पास जा चुकी थी और उसे दिलशा दे रही थी,सोनल सुबकते हुए बोल पायी 
"भईया आप ऐसे क्यों बोल रहे हो की हम पर आपका कोई हक़ नहीं है,क्या हम शहर में रहकर पढाई करते है तो हम आप के लिए पराये हो गए ,भईया आप हमारे लिए भगवन हो ,आपने हमें पाला पोसा है ,आप ही हमारे बाप हो और माँ भी आप ने हमें कोई भी दुःख नहीं होने दिया ,अपनी हर खुशियों को हमारे बाद ही समझा है ,आपको क्या लगता है की हम पढ़ लिख कर ये सब भूल जायेंगे ,हम जाहिल नहीं है भईया जो आपने किया उसे भूल जाय ,और आप ऐसे क्यों बोल रहे हो ,आपको बुरा लगा तो हमें डाटो मरो पर पराया मत करो भईया ,"सोनल बड़ी मुस्किल से ये बोल पायी की अजय को भी ये अहसास हो चूका था की वो कुछ गलत बोल गया है,वो उठा और सोनल और रानी को एक साथ अपनी बांहों में भर लिया दोनों मोम की गुडिया जैसे उसके तरफ खिसकती चली गयी और उसके सीने में समां गयी ये देखकर निधि भी अपने को नहीं रोक पायी और दौड़कर उनसे लिपट गयी ,ऐसे तो विजय का भी बड़ा मन कर रहा था पर अजय के कारन वो वही खड़ा रहा पर सोनल ने अपने हाथो से उसे इशारा किया और वो भी दौड़कर सोनल के पीछे से ही उन्हें अपने बांहों में भर लिया ,थोड़ी देर में जब सब सामान्य हुआ तो सभी अलग हुए लेकिन सोनल अभी भी अजय को जकड़े हुई थी ,अजय सोनल से पहले कभी ऐसे प्यार नहीं जताया था ,असल में रानी और सोनल,किशन और विजय के बहुत ही करीब थे और चारो अजय से थोडा डरते भी थे वही निधि को बस अजय ही समझ आता था बाकियों से वो उतनी घुली मिली नहीं थी ,निधि कभी भी अजय से नहीं डरी,सारे भाई बहान उसे भईया की चमची कहते थे,लेकिन आज अजय की बांहों में सोनल को बहुत सुकून मिल रहा था,वो इसे छोड़ना नहीं चाहती थी,अजय भी अपना हाथ सोनल के सर पर ले गया ,
"सॉरी बहन गलती हो गयी ,मुझे लगा की मेरी बहने शहर आकर बदल गयी होंगी और जैसा वह का माहोल था और जैसे तुम लोग लडको के साथ बैठे थे मुझे सच में तुम लोगो का वह होना अच्छा नहीं लगा ,पर क्या करू बहन मैं एक भाई हु ना वो भी एक जाहिल गाव का लड़का,"सोनल अजय के मुह पर अपना हाथ रख दिया ,
"मेरे भाइयो से जादा अच्छा वहा कोई भी नहीं था,वहा जो लोग थे वो अपने बाप की दौलत उड़ने वाले थे ,पर मेरे भाई तो कई लोगो को आश्रय देने वाले है,भईया हमें माफ़ कर दीजिये हम वहा कभी नहीं जायेंगे ,और भईया हम शराब नहीं पि रहे थे वो एक दोस्त का बर्थ डे था इसलिए चले गए ,और वो सभी लड़के लडकिय मेरे कॉलेज के दोस्त है ,सॉरी भईया ,और आप मेरे भाई सबसे बेस्ट है ,:सोनल अजय के गाल पर एक किस देकर उससे अलग हुई ,रानी भी दौड़कर आई और अजय को किस कर दि ,अजय हलके से मुस्कुरा दिया वही विजय ने सोनल को अपने गाल पर उंगली रखते हुए इशारा किया ,सोनल ने जीभ दिखा के इशारे में हलके से रेणुका कहा और हसने लगी ,ये देखकर निधि ने जाकर विजय को एक किस दे दिया ,विजय बहुत खुश हुआ और सोनल को चिढाने लगा ,तभी निधि बोली 
"हमारे भईया सबसे बेस्ट है तभी तो आपकी सब फ्रेंड्स इन्हें लाइन मार रही थी ,और खासकर वो खुसबू कैसे अजय भईया को घुर रही थी ,"निधि ने मुह बनाते हुए कहा ,लेकिन सब थोड़े असहज हो गए जिसे अजय ने महसूस कर लिया था ,
"कौन खुसबू ,"
"वही पिंक कपड़ो वाली "निधि ने फिर चिड़ते हुए कहा , 
"भईया वो मेरी बहुत अच्छी दोस्त है ,वो अपने परिवार के साथ यही रहती है ,"सोनल ने बात सम्हाला
"कौन कौन है उसके परिवार में "अजय ने यु ही पूछ लिया 
"उसके माता पिता तो यहाँ नहीं रहते ,उसने बताया की वो विदेश में रहते है यहाँ उसके दो भाई और उसकी एक बहन है,एक भाई अभी छोटा है स्कूल में है वो अपने दादा जी के पास गांव में रहता है ,"अजय सब धयान से सुन रहा था ,
"अच्छा कोण से गांव के है वो "
"वो तो मुझे नहीं पता भईया "
"ह्म्म्म ठीक है ,दोस्तों का चयन हमेशा सम्हाल के करना जानती हो ना हमारे कितने दुसमन है ,चलो अब सो जाओ कल मुझे किसी से काम है ,पापा के पुराने दोस्त है उनसे मिलाना है ,मैं सोने जा रहा हु और तुम लोग भी जादा बाते मत करना ठीक है ना ,"सब ने सर तो हिला दिया पर वो कहा सोने वाले थे ये तो उन्हें भी पता था ,और अजय को भी ,अजय के जाने के बाद उनकी मस्ती चालू हो गयी लेकिन पहले निधि के जाने का वेट कर रहे थे ,थोड़ी देर में निधि भी बोर होकर अजय के कमरे में चली गयी ,और उसके जाते ही ,
"कैसे रे कमीने अपनी महबूबा की शादी करा रहा है ,"सोनल ने विजय का कॉलर पकड़कर कहा,विजय और सोनल जुड़वाँ थे वही किशन और रानी भी इनके हमउम्र इसलिए इनके बीच कुछ भी छिपा हुआ नहीं था ,खासकर सोनल और विजय के बीच ,
"क्या करू यार मौसी और भईया की बात कोई टाल सकता है क्या ,लेकिन एक चीज तो अच्छी है कि वो अपने पास ही रहेगी "
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RE: Nangi Sex Kahani जुनून (प्यार या हवस) - by sexstories - 12-24-2018, 01:04 AM

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