RE: Nangi Sex Kahani जुनून (प्यार या हवस)
अजय अपने कमरे में कसरत कर रहा होता है ,रात सोने से पहले उसे व्ययाम की आदत थी उसका विशाल सीना घने बालो से ढका हुआ था ,भुजाओ की गोलाई और चौड़ाई किसी पहलवान की तरह थी,बिक्लुल सपाट पेट जिसमे 6पेक वाली धरिया साफ़ दिख रही थी,
उसका रूम किसी राज महल के विशाल कक्ष जैसे बड़ा था,जहा पर एक कोने में कसरत के कुछ समान रहे थे,आदमकद का शीशा लगा था जिसपर से उसे अपने आप को देखने की सुविधा होती थी ,अजय अपने में सम्मोहित सा दर्पण में अपने को घुर रहा था और पसीने से भीगा हुआ उसका बदन कमरे की दुधिया रोशनी में चमक रही थी,भार उठाने पर उसकी मसपेशिया फुल सी जाती थी जिससे उसकी विशाल काया और भी विशाल हो जाती थी ,अपनी ताकत को वो वह पूरी तरह से खपाने में आमादा था,जैसे इसके बाद दुनिया खत्म ही हो जानी है,तभी उसे हलके हलके से किसी पायल की आवाज आई जिससे उसके चहरे पर एक मुस्कान घिर गयी ,वो जानता था की ये पायल किसकी है ,उसने मुड़कर देखा निधि उसकी ओर ही बढ़ी आ रही थी ,निधि ने एक झीनी सी सफ़ेद कलर की nighty पहन रखी थी जो पूरी तरह से पारदर्शी था और उसका साचे में ढला बदन उसे साफ़ साफ दिखाई दे रहा था ,वो पगली कभी अन्तःवस्त्र भी तो नहीं पहनती थी ,अजय की नजर जब उसके मादक शारीर पर गयी तो उसने अपना सर पकड़ लिया और मन में ,
"ये लड़की कब बड़ी होगी ,इतना बड़ा कमरा बना के दिया हु इसे और ये मेरे पास ही सोती है,इतनी बड़ी हो गयी है और ऐसे कपडे पहन के घुमती है,इसे कब शर्म का आभास होगा,कब इसे पता लगेगा की वो अब बच्ची नहीं रह गयी है ,क्या उसे सचमे नहीं पता ,नहीं ऐसा तो नहीं है ,सभी तो कहते है की गुडिया बड़ी हो गयी है समझदार हो गयी है,पर मेरे ही सामने ये क्यों बच्ची बन जाती है ,मेरी प्यारी सी गुडिया देखो कितनी खूबसूरत लग रही है ,किसी की नजर ना लग जाए इसे ,इतनी प्यारी इतनी नाजुक है मेरी बच्ची,कैसे दूर कर पाउँगा इसे ,लेकिन कब तक आज नहीं तो कल तो इसे किसी और की होना ही है ना,फिर क्या करूँगा कैसे रहूँगा इसके बिना ,नहीं कुछ भी हो जाए मैं इसे अपने से अलग नहीं करूँगा ,पर एक भाई का फर्ज भी तो अदा करना है ना मुझे ,"अजय के आँखों में पानी आ गया था,जिसे देख निधि मुस्कुरा पड़ी उसे पता था उसका भाई उसे देख के ही उसके लिए प्यार से भर गया है,अजय कितना भी बलशाली क्यों ना हो और कितना भी गंभीर क्यों ना हो वो हमेशा अपने बहनों के लिए और खाशकर निधि के लिए बहुत ही नर्म दिल का था निधि ने उसे कई बार अकेले में रोते हुए देखा था,या ये कहे की सिर्फ निधि ने उसे रोते हुए देखा था,क्योकि अजय और किसी के सामने नहीं रोता,पर निधि ही उसके सबसे करीब थी और निधि ही उसके पास अधिकतर समय गुजरती थी ,माँ बाप के मौत के बाद से निधि के लिए उसका भाई ही उसकी जिंदगी था ,पता नहीं क्यों इतने बड़े हो जाने पर भी निधि को उसके साथ रहने पर निधि की समझदारी जाती रहती है और वो बच्चो जैसे हो जाती है ,जबकि निधि में बहुत समझदारी थी वो इतनी भी भोली नहीं थी जीतनी वो दिखाती थी ,
"भईया आप क्यों रो रहे हो ,"निधि ने मजे लेने के लिए कहा
"मै कहा रो रहा हु,और तू ऐसे कपडे क्यों पहन के घूम रही है ,अब तू बड़ी हो गयी है समझी "अजय को अपनी आँखों से बहते मोती का आभास हो गया और उसने अपने हाथो से उसे पोछा,
"कहा घूम रही हु आपके ही पास तो आ रही हु अपने कमरे से और बाजु में तो है आपका कमरा,और मैं अभी बच्ची हु समझ गए ना आप ,मुझे बड़ी नहीं होना है और आपके लिए तो कभी भी नहीं ,"निधि की प्यारी प्यारी सी आवाज ने अजय के चहरे पर एक मुस्कान फैला डी ,सच में कितनी प्यारी है मेरी बहना...
"अच्छा अब तो तेरी शादी करने की उम्र हो गयी है मेरी बच्ची जी ,"अजय पुलअप मारते हुए कहा,निधि ने बुरा सा मुह बनाया और अजय के कमर को पकड लिया और उसमे झूल गयी अजय के लिए तो निधि फूल सी थी वो उसे भी अपने साथ ऊपर उठा लिया जिससे निधि को बहुर मजा आने लगा ,मगर 6-7 बार के बाद अजय की हिम्मत जवाब देने लगी वो उतरने वाला था पर निधि ने उसे टोक दिया,
"भईया मजा आ रहा है करते रहो ना "अजय अपनी बहन की बात को कैसे टाल सकता था,वो फिर पुलअप करना सुरु किया 10 लेकीन निधि का मन नहीं भरा था 15 अजय के बाईसेप और सोल्डर में दर्द भर चूका था मसल्स में तनाव बाद रहा था जैसे अभी ही फट जाने को है ,वो सामान्यतः 10-15 के रेप लेता था पर निधि का वजन भी काफी था,लेकिन अजय की हिम्मत नहीं टूटी उसने आँखे बंद की और एक गहरी साँस लेकर पूरी ताकत लगा दि ,उसने महसूस की निधि की ख़ुशी को उसके चहरे की हसी वो खिलखिलाना जब वो ऊपर जाता है ,उसका वो चहकना अजय के अन्दर पता नहीं कहा से इतनी ताकत आ गयी की वो लगातार पुलअप करने लगा 20,30,अजय के मसल्स तनाव में फटने को थे पर अजय को दर्द का कोई भी आभास ही नहीं हो रहा था,उसके चहरे पर एक मुस्कान थी और आँखे बंद थी वो निधि के चहरे को निहारे जा रहा था ,अचानक की निधि ने अजय की हालत देखि और अपने जिद पर उसे बड़ा दुःख हुआ अजय के एक एक नश जैसे फटने वाले हो वो तुरंत अजय को छोड़ डी और अजय को भी रोक दिया अजय जब निचे उतरा उसका हाथ पूरी तरह से अकड़ गया था,निधि ने उसका हाथ सीधा करना चाहा तो अजय के मुख से एक आह निकली ,निधि के आँखों में पानी आ गया वही अजय को अपनी गलती का आभास हो गया की उसकी बहन डर गयी है ,और उसने दर्द की जगह अपने चहरे में मुस्कान ला लिया ,और निधि की आँखों के पानी को अपने हाथो से साफ़ करने के लिए आगे बढ़ाया,पर निधि ने उससे पहले ही अजय के सीने में आ चिपकी...
"दर्द दे रहा था तो बोले क्यों नहीं ,भईया आप कैसे करते हो कितने गंदे हो "निधि उसकी छाती में मुक्के मरने लगी ,अजय के पसीने से उसका चहरा भी गिला हो गया ,वो उसके शारीर से चिपकी और उसका शारीर अजय के पसीने से गिला होने लगा ,वो अजय से आते मर्दाना खुसबू के आभास में डूबी हुई अजय को और जकड ली,ये खुसबू उसके लिए मर्द होने की निशानी था ,उसके भाई की निशानी था,जो उसे बहुत पसंद थी ,अजय दर्द को नजर अंदाज करता हुआ अपने अपने हाथो को निधि के सर पर रखा,
"मेरी बहन कुछ बोले और मैं उसे पूरा ना करू ऐसा हुआ है क्या कभी ,"अजय उसके सर को चूमता है,और निधि को अलग करता है ,
"चल अब मैं नहा के आता हु ,जल्दी सोना है आज कल फिर शहर जाना है,"निधि भी मुस्कुराते हुए अजय से फिर चिपक जाती है ,रुको ना अच्छा लग रहा है ,अजय उसके सर में हाथ फिरता है ,
"पूरी रात तो लिपट के ही सोएगी ना अब नहाने दे ना बहन ,"निधि मुस्कुराती हुई अलग होती है और अपनी एडी उठा कर अपने भाई के गालो पर एक किस कर लेती....
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