RE: Porn Sex Kahani रंगीली बीवी की मस्तियाँ
मेरे दिमाग में एक ही बात कौधि क्या वो सपना सपना नही था...और मुझे फिर से इंगजेक्शन दिया गया ,मेरा दिल भर गया क्योकि अगर वो सपना नही था तो मेरी काजल इस वक्त मेरे पास होनी चाहिए थी ना की नंगी उस हबसी के लंड के नीचे,मेरी आंखे भर रही थी,नेहा बार बार पीछे की ओर देखे जा रही थी मैं पीछे पलटा तो पाया की वँहा भी एक कैमरा लगा हुआ है,मैने नेहा के चहरे को देखा वो नजर नीचे कर खड़ी थी ,यानी कुछ तो गड़बड़ था,मैं स्क्रीन में देखा तो टाइगर का मोबाइल बजा और जैसे ही उसने कानो में उसे लगाया उसके चहरे का रंग थोड़ा बदल गया,वो कैमरे में देखा जैसे मुझे देख रहा हो और उसने हबसी को इशारा किया ,हबसी जो की बड़े ही ललचाये नजरो इस काजल की योनि के ऊपर अपना लिंग रगड़ रहा था ,उसका वो खुस चहरा उतर सा गया,वो खड़ा हुआ और पास ही रखे मेज को उठाकर पटक दिया काजल इन सबसे अनजान थी वो टाइगर की ओर देखती है की क्या हो रहा है,शायद उसे तो हबसी के लिंग का अपने अंदर घुसने का इंतजार था,टाइगर ने उसे आंखों से एक अजीब सा इशारा किया ,काजल की नजर सीधे कैमरे में पड़ी ,जिसे वो भी मुझे ही देखे जा रही थी,रॉकी सब कुछ देख रहा था उसका चहरा पिला पड़ गया था वो अपने बालो में हाथो को घुमा रहा था जैसे उसके साथ कुछ बहुत ही गलत हो गया हो,सबसे बुरी हालत थी बेचारे उस हबसी की सभी तो झड़कर शांत हो चुके थे लेकिन वो हवस में डूबा हुआ नदी के किनारे में खड़ा होकर भी प्यासा रह गया था ,उसने अपने कपड़े भी नही पहने और टाइगर को खा जाने वली नजर से देखकर वँहा से नंगा ही चला गया……
टाइगर रॉकी और काजल ने अपने को जल्दी जल्दी ठिक किया ,नेहा भी जल्दी जल्दी कपड़े पहनने लगी,नेहा के मोबाइल में एक काल आया जो मैं देख पा रहा था की टाइगर का ही था,टाइगर कमरे से बाहर निकल चुका था,नेहा काल रखकर तुरंत ही कमरे से बाहर चली गई मैं अब भी नंगा ही सोफे में बैठा हुआ था और बड़े ही आश्चर्य से सभी को देख रहा था,काजल ने अपने कपड़े पहने और कैमरे में देखने लगी,उसकी लाल आंखे अब शांत हो चुकी थी ,उसके चहरे में एक मुस्कान थी ,वो बस कैमरे में देखकर थोड़ी मुस्कुराई और बाहर निकल गई……..
बच गया मैं अकेला,मैंने अपने कपड़े जैसे तैसे पहने,और वही सोफे में बैठा रहा ये सोचता हुआ की ये दोनो इंगजेक्शन मुझे आखिर किसने दिए और मुझे कुछ याद क्यों नही आ रहा है,
सबसे बड़ा सवाल था की क्या वो सपना सपना नही था ,अगर वो हकीकत था तो काजल फिर से ऐसी स्तिथि में क्यो पहुची क्यो इन्होंने मुझे ना जानने के लिए इतनी मेहनत की ,आखिर क्यो मेरे शक करने के तुरंत बाद ही नेहा का चहरा उतर गया और वो कैमरे में देखने लगी,और किसने टाइगर को फोन किया जिसके बाद ही उसने हबसी को काजल के योनि में अपना लिंग डालने से मना कर दिया,और ये लोग चले कहा गए,.......
अगर वो सपना नही था तो रॉकी चुपचाप क्यो बैठा था और टाइगर और डॉ के बीच की डील क्या थी,
मेरे दिमाग में कई सवाल उमड़ रहे थे और मैं इनका जवाब किससे पूछता,रॉकी ,टाइगर और नेहा से पूछने का तो कोई औचित्य ही नही था काजल से कुछ पूछने की हिम्मत ही नही थी क्योकि अब फिर के हालात वैसे ही थे यानी उसे मेरे बारे में कुछ नही पता ये मुझे लगता है,...ये उसे लगता है,
बच गया डॉ ,जिसने इतने प्यार से मुझे सपने की थ्योरी समझाई थी ……..
और अगर वो सपना सपना ही रहा हो तो…….तो फिर ये इंगजेक्शन कब और क्यो दिए गए…???????
मैं सोफे में आराम से कुछ देर तक ऐसे ही पड़ा रहा की अचानक मुझे अपने फोन की याद आयी ,मैं भी जाने को हुआ देखा तो डॉ के 30 मिस कॉल आये हुए थे,और कुछ मेसेज भी ,
‘अब इसे क्या हो गया’ मेरे दिमाग में आया..मैंने मेसेज पड़ा
‘काल क्यो नही उठा रहा है भोसड़ी के ,अगर क्लब में है तो जल्दी से भाग वँहा से ‘
ये मेसेज लगभग 15 मिनट पहले ही आया था,मैंने तुरंत डॉ को काल किया ,
“हैल्लो “
“जल्दी से क्लब से निकल कर सामने के शॉपिंग माल में आ जा मैं वही पहुच रहा हु ,जल्दी कर ..”
इतना ही बोल कर उसने फोन काट दिया,ऐसे भी मेरा दिमाग झल्ला गया था और अब ये सब ….मैं जल्दी से क्लब से बाहर निकलने को हुआ ,लेकीन ये क्या यहां तो अफरातफरी मची हुई थी लोग भाग रहे थे और पोलिस के लोग इधर उधर दिखाई दे रहे थे,में मामला समझ चुका था मैं धीरे से बाहर को भागा ,पोलिस अभी अभी आयी थी,एक कांस्टेबल ने मुझे देख लिया ,
“अबे रुक “
मैं और भी तेजी से बाहर की ओर भागने लगा,सामने आये एक इंस्पेक्टर को मैंने धक्का दे कर गिरा दिया था,वहां खड़े सभी पोलिस वाले पागल हो गए और मेरे पीछे पड़ गए ,उन्होंने मुझे घेरने की कोशिस की लेकिन मैं तेज था,भला हो की मैं रोज दौड़ाने जा रहा था,लेकिन कब तक.. बाहर आते ही मेरी नजर पोलिस की फौज पर पड़ी उन्होंने मुझे पकड़कर जमीन में गिरा दिया,जिस इंस्पेक्टर को मैंने जमीन में गिराया था वो बौखलाया हुआ मेरे पास आया और मुझे अपने जूतों से एक लात मार दिया,मुझे खड़ा किया गया,ये करने वाला मैं अकेला नही था यहां आये सभी लोगो की हालत कुछ ऐसी ही हो गई थी,मैं सड़क पार देखा डॉ अभी गाड़ी से उतारा था और मुझे देखकर उसने अपने सर पर हाथ रख लिया ,फिर तुरंत ही फोन निकाला,मेरे पास ही खड़े हुए उस इंस्पेक्टर का फोन बज उठा,वो सड़क पार देखा डॉ उसे हाथ हिला रहा था,उसने सभी कांस्टेबलों को अंदर भेजा और ..
“चल धीरे से निकल ले यंहा से ,किस्मत वाला है की समय पर डॉ आ गया ,नही तो आज थाने ले जाकर तेरी हड्डी पसली तोड़ देता ,अब जल्दी कर अगर SP साहब आ गए तो तुझे नही बचा पाऊंगा ..”मैं बिना कुछ बोले जल्दी से वँहा से भागकर सड़क पार पहुचा और सीधे डॉ की गाड़ी के अंदर जा बैठा,
“ये सब क्या है “मैं झल्लाया हुआ बोला ,
“मिश्रा का चुतियापा “डॉ ड्राइविंग सीट पर बैठ गया था लेकिन अभी गाड़ी शुरू नही की थी उसने बाहर उंगली दिखाई ,एक गाड़ी अभी अभी आकर रुकी थी जिसमे से शहर का SP और मिश्रा जी निकले ….
“मिश्रा बौरा गया है, साले को इतनी भी समझ नही है की यंहा रोबर्टो नही मिलने वाला,तेरी किस्मत अच्छी है की सही समय में बाहर आ गया “डॉ ने गाड़ी स्टार्ट की
“लेकिन मैंने तो कुछ नही किया …”मैं बेचैनी से बोला
“साले तुझे देखकर कोई भी बता देगा की तू ड्रग्स के नशे में है,और अगर तूने कुछ नही किया तो पूरी रात से कर क्या रहा था क्लब में ,...”
“पूरी रात ???”....
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