RE: Porn Sex Kahani रंगीली बीवी की मस्तियाँ
“अब ये सब बात छोड़ो,और मुझे सिखाओ जो मुझे सीखने ये सब पहनाया है “मैंने उसे शरारती निगाहों से देखते हुए उससे कहा ,वो भी थोड़ा नार्मल होकर मुझे सीखने लगा ,ऐसे मैं बचपन से ही एक्सरसाइज कर रही थी ,लेकिन उससे सीखना और जानबूझ कर अनजान बनना बहुत कामुक था ,मुझे इसमें बहुत मजा आ रहा था और मेरी योनि इतना पानी छोड़ रही थी की लगने लगा की काल से सेनेटरी पेड पहनकर आना पड़ेगा …….ये ख्याल आते ही मेरे होठो में मुस्कान आ जाती थी ,उसके गठीले कटाव को अपने मुलायम हाथो से सहलाना ,मुझे पूरी तरह से उत्तेजित कर देता था,जब उसके कड़े हाथ मेरे कमर या नितम्भो पर पड़ते तो मैं सिहिर उठती थी,लेकिन इस अहसास का हम दोनो ही मजा ले रहे थे ,इससे आगे की मैं नही सोच रही थी ,मुझे ये नही पता था की रॉकी क्या सोच रहा था ,लेकिन वो बस हाथो को रखता,कभी सहलाता लेकिन मसलने की कोसिस नही करता था,यही चीज मुझे और भी उत्तेजित कर देती थी ,पहला दिन खत्म होते होते मैं पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी लेकिन एक दोस्त की तरह ही हमने एक दूसरे की भावनाओ की कद्र करते हुए आगे नही गए,मुझे रॉकी की ये चीज भा गई ,मेरे दिमाग में ये बात कौध गई की अगर मुझे किसी के साथ शाररिक संबंध बनाना हो तो वो रोकी ही होगा ,लेकिन अभी नही मैं अपने ही उलझनों में पड़ी थी ,मुझे नही पता था की मैं सही कर रही हु या गलत,हा दुनिया की नजरो में ये गलत ही था लेकिन फिर भी एक जिस्म जो की आग से भर रहा है वो नियमो को नही मानता,शायद एक दिन मैं टूट ही जाने वाली थी,आखिर विकास जी का प्यार मुझे कब तक बचाता,मेरा अतीत भी मेरे पीछे थाजो बार बार मुझे हवस की आंधियो में डूबा देता था,वो ड्रग्स का नशा भी मेरे खून में मिला हुआ था जो हर बार सेक्स करने पर फिर से एक्टिव हो जाता था,मेरी योनि की खुजली को मिटाना मेरे लिए बहुत मुश्किल हो रहा था और मेरे लिए एक रॉकी वो एक रास्ता था जंहा मैं बिना किसी बदनामी और किसी डर के अपने जिस्म को शांत कर सकती थी ,रॉकी था भी अट्रैक्टिव दिखने में बात करने में ,,वो एक गबरू जवान था जो मेरे जैसी औरत को शांत करने में माहिर था,मेरे लिए रॉकी एक बढ़िया साधन था लेकिन मैं इंतजार में थी ,उस बंधन के टूटने के जो शादी के बाद मैंने अपने लिए बनाय थे ………..
उस रोज की बात है जब मैं अपना काम खत्म कर जिम में एक्सरसाइज करने पहुची ,रॉकी पहले से अपने वर्कआउट में बिजी था,हम अधिकतर शाम को घर जाने से पहले ही कुछ एक्सरसाइज किया करते थे ,तब जिम खाली होता था,अभी हमने अपने हेल्थ सेंटर को पूरी तरह से ओपन नही किया था ,मैं अपने ड्रेश चेंज कर रॉकी के पास पहुची वो मुझे देखकर मुस्कुराने लगा मैं भी जवाब में मुस्कुराई,मैं उसके पास आकर बैठ गई ,
“अरे थोड़ा स्ट्रेचिंग और वार्मअप कर लो फिर एक्सरसाइज शुरू करना “
“अरे यार आज मूड नही हो रहा है थोड़ा रिलेक्स करना चाहती हु “
“अगर ऐसे ही आलसी जैसे करोगी तब तो हो गया काम ,आराम के लिए 2 दिन तो होते है ना ,चलो जल्दी से स्ट्रेचिंग करो “
मैं भारी मन से मुह बनाकर खड़ी हुई असल में कंट्रक्शन का काम चल रहा था और मैं सच में थक जाती थी ,
“यार रॉकी छोड़ो ना “
“ऐसे कैसे ,अच्छा आज थोड़ा लाइट कर लेते है ,लेकिन अगर कंटिन्यू नही होगी तो फिर मसल्स जाम हो जाएंगे ,”
“तो अकेले कैसे करू थोड़ी मदद तो कर “
वो मुस्कुराता हुआ खड़ा हुआ ,उसे पता था की स्ट्रेचिंग में उस मेरे शरीर को छूने का पूरा मौका मिलता है और कभी कभी मैं बहुत ही गर्म हो जाती थी ,वो खड़ा होकर मेरे पास आया पहले कुछ स्ट्रेच मैंने खुद से किये फिर मैं लेट गई और रॉकी मेरे दाएं पैर को उठा कर मेरी छातियों से लगाने लगा ,मैं पहले भी स्ट्रेचिंग किया करती थी तो मेरे पैर उठकर मेरे सर के पीछे जमीन से भी लग जाता था जिसे हम हलासन कहते है ,वो मेरे पैरो को एड़ियों को स्ट्रेच करने लगा ,फिर उसका हाथ मेरे जांघो पर गया मेरे मुह से एक आह निकली और मैंने आंखे बंद कर ली ,रॉकी को समझ आ रहा था की मैं थोड़ी गर्म हो रही हु ,वो अपने मजबूत हाथो से मेरे जांघो को सहला रहा था और थाई के मसल्स को लूस करने कोसीसे कर रहा था लेकिन उसकी इस हरकत ने मेरे अंदर के कीड़े को जिंदा कर दिया,मै अपने शरीर को ढीला छोड़कर उसके हाथो के स्पर्श का अहसास करने लगी मेरी आंखे अब भी बंद थी ,आज मैं एक स्पर्ट हॉट पेंट पहने ही जो मेरे घुटनो से ऊपर बस मेरे कमर के हिस्से को ढक रहा था,रॉकी का हाथ मेरे नग्गे जांघो को छू रहा था,वो मेरे पैरो को हवा में उठाकर मुझेसर्वांग आसन करने की मुद्रा में ला दिया वो मेरे कूल्हों पर अपने हाथ रखकर मसलने लगा ,मैं थोड़ी देर वैसे ही रहकर हलासन की मुद्रा में चली गई ,अब मेरा पैर मेरे सर के पीछे था और मेरे कूल्हे रॉकी के कमर से टकरा रहे थे,ऐसे तो इसे करने में मुझे रॉकी की कोई मदद की जरूरत नही थी लेकिन इसका एक फायदा ये होता था की मैं गर्म हो जाती थी और मेरा आलस भाग जाता था ,थोड़ी देर में ही मेरा सांस भरने लगा और मैं सामान्य स्थिति में आ गई ,पता नही रॉकी के दिल में क्या आया वो मेरे पेट में अपना हाथ रखकर थोड़ा सा सहलाया ,मेरी टीशर्ट खिसक कर ऊपर चली गई थी जिससे मेरे पेट का स्थान साफ नंगा था,वो अपनी एक उंगली मेरे नाभि में घुसा कर हिला दिया मैं हँस पड़ी ..
“क्या कर रहे हो यार “
वो बिना कुछ कहे ही मेरे कमर के नीचे को सहारा देकर उठाने लगा,अब मैं किसी समकोण त्रिभुज की तरह हो गई थी मेरे कमर और पेट गले तक जमीन से ऊपर थे सर नीचे टिका था और पैर लंब बनाते हुए जमीन से टिके थे ,इसे योग में सेतुबंधासन या ब्रिज पोज भी कहते है,रॉकी मेरे कूल्हों को फिर से मसलता हुआ मेरे थोड़ा नीचे होकर मेरे नंगे पेट को चुम लिया ,मैं थोड़ा हँसी लेकिन हिल नही सकती थी ,मैं सामान्य होकर उसे झूठे गुस्से से देखा वो थोड़ा मुस्कुराया ,मैं मन में सोचने लगी की क्या मैं ज्यादा आगे जा रही हु ,लेकिन मुझे लगा की ये तो नार्मल है ,मैं फिर अपना मुह जमीन की ओर कर लेट गयी ,और अपने कोहनियों के सहारे थोड़ी उठी,मैं plank pose में थी ,इससे मेरे पेट और कमर के मसल्स में पूरा जोर पड़ रहा था,रॉकी मेरे पीछे आकर मुझे घूरने लगा ,मुझे पता था की वो मेरे किस अंग को देख रहा है ,मैं पास लगे दर्पण में अपने को देखी ,सचमे मेरे कूल्हे इतने भरे हुए और कसे हुए लग रहे थे की कोई भी मर्द इसे देखकर मचल जाय वो तो मेरा पुराना आशिक था,मैं फिर से अपने हाथो के सहारे अपने शरीर को उठाने लगी जबकि मेरा पैर अब भी जमीन पर था ,एक तीर के नोक की तरह मेरा शरीर उठ गया था, downword dog pose ,रॉकी मेरे पेट को पकड़कर मुझे सहारा देने के बहाने मेरे कमर से नीचे मेरी योनि के पास वाले हिस्से को छूने लगा था,मैं अपनी आंखे बंद कर कुछ देर उसी स्थिति में टिकी रही फिर से सामान्य होकर मैं भुजंगासन करने की स्थिति में आयी ,अब मेरे हाथ जमीन पर थे और पैर जमीन पर थे ,मेरा धड़ किसी धनुष की तरह उठा था,ये बाकियों से आसान था इसलिए रॉकी मेरे पीछे आकर मेरे ऊपर ही लेट गया मैं उसका भार भी उठा पा रही थी ,उसका हाथ मेरे स्तनों पर जाकर उसे मसलने लगा ,मेरा दिमाग थोड़ा खराब हुआ लेकिन इतने देर से हो रहे वॉर ने मुझे थोड़ा कमजोर भी तो कर दिया था,मैं लेटकर थोड़ा रिलेक्स करने लगी ,वो अभी भी मेरे पीछे था और मेरे ऊपर सोया था ,मैं पेट के बल सोई हुई थी ,मैंने उसका अकड़ा हुआ लिंग अपने कूल्हे पर गड़ाता हुआ पाया ,मेरे होठो से एक मुस्कान निकल गई लेकिन मैं कोई भी एक्ट नही करना चाह रही थी मैं उसका कोई भी जवाब नही दे रही थी ,उसकी हिम्मत और भी बढ़ गई और वो मेरे स्तनों को मसलने लगा ,वो अभी अभी बहुत आराम से उसे सहलाते हुए मसल रहा था,मेरे होठो पर मुस्कान और बढ़ गई और साथ ही मेरी योनि का पानी थोड़ा ज्यादा ही निकलने लगा था,वो फिर से मेरे कूल्हों पर अपने लिंग का वॉर करता है ,
“आह रॉकी “
मैं पलट कर उससे लिपट गई ,अब उसका कड़ा अकड़ा हुआ लिंग मेरी योनि के मुहाने पर रगड़ खा रहा था ,मैं बहुत ही पागल सी हो गई थी मैं उसे फिर से कस कर जकड़ लिया वो मेरे होठो पर अपनी जीभ घुसने की कोसीसे करने लगा लेकिन मैं उसके लिंग की दीवानी थी ना की उसके साथ मुझे इंटिमिसि चाहिए थी ,थोड़ी देर तक वो अपनी जीभ मेरे मुह में घुसने का प्रयत्न भी करने लगा आखिर मैंने अपना मुह खोल कर उसे उसमे जगह दे दी ,लिप किश के सबसे बढ़ी खासियत ये ही की वो जिस्म से ज्यादा भी कुछ चीजो को जोड़ देती है ,इसमें एक इमोशन का प्रवाह एक दूसरे के लिए हो जाता है ,मेरी पकड़ रॉकी पर जोरो से बढ़ने लगी थी वही रॉकी मुझे पागलो की तरह किस कर रहा था,आज से पहले भी मुझे इस तरह किस कर चुका था लेकिन आज वो पागलो जैसे किस कर रहा था,शायद मैंने उसे बहुत तड़फाय था,मेरी और उसकी सांसे भारी होने लगी थी तभी मेरे मोबाइल की घंटी बजी मैं उसे देखने के मूड में तो नही थी लेकिन ये विकास जी का काल था,मैंने उनके लिए अलग ही रिंगटोन सेट कर रखा था,मैंने रॉकी को धक्का देकर हटाया …
“अरे छोड़ो ना काल को “
“विकास जी का काल है “
“जाने दो ना तो आओ मेरे पास “
“छोड़ो मुझे “
मैं उसे हटा कर काल रिसीव कर लिया ,मेरी सांसे अभी भी बहुत तेज थी ,
“क्या कर रही हो जान कब आओगे “
“बस थोड़ी देर जान ,वो अभी एक्सरसाइज कर रही थी “
मैं उनसे बात कर रही थी की रॉकी पीछे से आकर मेरे कूल्हे पर जोर से चाटा लगा दिया ,मैं हल्के से मुस्कुराई लेकिन उसे झूठे गुस्से से नजर दिखाई .काल रखकर जैसे ही मुड़ी रॉकी ने मुझे फिर से पकड़ लिया ,
“ये साला तेरा पति पूरा फ्लो ही बिगड़ दिया “
“तमीज से बात कर मेरे पति है वो “
“लेकिन तू तो मेरी है “
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