RE: Porn Sex Kahani रंगीली बीवी की मस्तियाँ
कहानी में थोड़ा टर्न लाते हैं और काजल का पॉइंट ऑफ view समझते हैं कि आखिर वो अभी तक क्या सोच रही है…
मेरा नाम काजल है,मेरा जन्म एक सम्पन्न परिवार में हुआ जंहा मुझे बहुत ही प्यार मिला,मैं अपने तीन भाइयो की छोटी बहन हु,मेरे परिवार की इज्जत दूर दूर तक थी,गांव में रहने के बावजूद वो ऊंचे और आधुनिक खयालो के लोग है,
भाइयो और माता पिता के प्यार ने मुझे थोड़ा नकचढ़ी भी बना दिया,मेरी हर जरूरत पूरा करने में पूरा घर लगा होता था,लेकिन फिर भी मेरे घर वालो ने मुझे बड़ो का आदर करने और छोटो को प्यार देने के ही संस्कार दिए,
मेरी जवानी ने मेरे व्यक्तित्व में और भी निखार ला दिया ,मेरा मासूम चहरा और कसे हुए बदन ने मेरा आकर्षण बड़ा दिया,लेकिन फिर भी मेरा बचपना कभी नही गया,मेरे घर में कई नॉकर थे और मेरे घर वालो का व्यवहार उनके प्रति हमेशा प्रेमपूर्ण ही रहा ,उनका असर मुझे भी हुआ,गांव में भी लोग मुझे प्रेम की मूर्ती ही कहा करते थे,मैं चंचल थो थी लेकिन संवेदनाओ से भरी हुई ,किसी की तकलीफ मुझसे देखी नही जाती,मैं जंहा भी जाती मुझे बहुत प्यार और सम्मान मिलता था,कारण साफ था वो था मेरा लोगो के प्रति प्रेम भरा व्यवहार…
मैं लोगो को ऐसे ट्रीट करती थी जैसे की वो अजनबी नही बल्कि मेरे अपने है ,मैं किसी के लिए उनकी छोटी बहन थी तो कोई मुझे प्यार से दादी बुलाता था,मैं गांव में बहुत खुस थी जब तक की मेरी जिंदगी में मिश्रा जी नही आये ….
वो एक आकर्षक मर्द थे ,उनके व्यक्तित्व में एक अजीब सी कसक थी ,वो उस समय मेरे जिले के कलेक्टर थे,वो मेरे पिता से कुछ ही छोटे थे लेकिन फिर भी मैं उनके तरफ आकर्षित होने लगी थी ,जवानी की दहलीज में जब जिस्म की जरूरते करवटे लेती है मुझे बुरी नजरो से देखने वाला भी कोई नही था,मुझे इसका पहला आभास भी मिश्रा जी की नजरो से हुआ ,वो मुझे के अजीब से नजर से देखते थे जिससे मैं अनजान थी,पता नही क्यो धीरे धीरे मुझे वो अच्छा लगने लगा,वो कोई ऐसी बात कभी नही करते थे जिससे मुझे बुरा लग जाय,वो मेरा बहुत ही ख्याल रखते थे
जब मुझे पढ़ाई के लिए शहर जाना था तो इसकी जिम्मेदारी भी मिश्रा जी ने ले ली ,मेरे घर वाले उनपर भरोसा करते थे इसलिए मुझे भी इसपर कोई एतराज नही था,लेकिन मेरी जिंदगी बदलने वाली थी पता नही वो किस ओर जाने वाली थी ,
मिश्रा जी ने कभी मुझसे कोई भी जबरदस्ती नही की कोई कर भी नही सकता था,मेरे भाइयो ने ना सिर्फ मुझे प्यार दिया बल्कि कई कलाएं भी सिखाये जिनमे से कराटे भी एक था,मेरे भइया खुद भी एक ब्लैक बेल्ट थे और अपने भाइयो और मुझे भी उन्होंने ये ट्रेनिंग दी थी,उनका ही कमाल था की मैं छोटी उम्र से ही फिटनेस की ओर बहुत रुचि रखती थी,
कॉलेज का माहौल आम कालेजो जैसा ही था और ये वो दौर था जब अंडरवर्ड के माफिया इस शहर पर राज करते थे,उनमे से कई ने ड्रग्स का धंधा शुरू कर दिया ,और पहला शिकार हुए कालेज के बच्चे ,मैं जिस कॉलेज में पढ़ रही थी वहां अधिकतर लोग बड़े घरों से थे,और पार्टी करना क्लबो में जाना उनके लिए आम बात हुआ करती थी,इस दौर में पॉप म्यूजिक ने भारत में नया कदम रखा था जिससे एक डिस्को सभ्यता का जन्म हो रहा था,जगह जगह हिप्पी सभ्यता के लोगो का जमावड़ा मिल जाता था,और जो पार्टीयो ने नही जाता उसे लोग गवार की नजर से देखते ,स्वाभाविक है की बदलते समाज की भेंट कुछ मासूम लोग ही चढ़ते है,और इसी ड्रग्स जो की पार्टीयो में आम होने लगी थी का शिकार हुई मेरी सबसे अजीज दोस्त नेहा ,वो बेहद ही खूबसूरत थी ,और मेरी ही तरफ लोगो के साथ आराम से घुल मिल जाती थी ,लेकिन हममें एक ही असमानता थी की वो शहर में पली बढ़ी थी जबकि मैं गांव में और इस एक असमानता ने हमारे सोच में बहुत फर्क लाया था,वो बहुत खुले विचारों की लड़की थी ,उसने अपना कौमार्य बहुत कम उम्र ने ही खो दिया था,उससे ही मुझे सेक्स का पहला ज्ञान मिला उसे अधेड़ उम्र के लोग पसन्द थे और वो मिश्रा को भी लाइन मारा करती थी ,जो भी वो बहुत खुले विचारों की लड़की थी लेकिन दिल से बहुत नरम और साफ,यही हमारे दोस्ती की बुनियाद थी,वो ड्रग्स के नशे में पड़ गई और मेरी प्यारी सी नेहा ने अपनी जिंदगी बर्बाद करना शुरू कर दिया,ऐसे तो मैं भी ड्रग्स लिया करती थी पर कभी कभी मुझे अपने पर पूरा कन्ट्रोल था,ऐसे भी बचपन से कराटे ,योग ,और ध्यान की ट्रेनिंग और घर वालो के संस्कार ने मुझे कही ना कही बहुत ही प्रोटेक्ट किया था,लेकिन नेहा की हालत दिन ब दिन बिगड़ती जा रही थी ,वो एक बहुत ही अच्छे घर की लड़की थी ,बाप के पास पैसा भी बहुत था लेकिन किस काम का….
मैंने उसे तड़फते देखा,उसे समझने की कोसीसे की लेकिन ….
मैं उसे इस दलदल से निकलना चाहती थी पर मैं मजबूर थी,मैंने पूरी बात मिश्रा जी को बताई और उन्होंने मुझसे इससे निपटने का वादा किया,मुझे नही पता था की वो ऐसे भी इस काम में लगे हुए है और इसका कारण कुछ और था,
तभी मार्किट में एक नया ड्रग्स आया जो की युवाओं की पहली पसंद बन रहा था,काम उत्तेजक उस ड्रग्स से सेक्स की इच्छा और शक्ति दोनो ही बहुत बढ़ जाती थी ...सुनने में तो ये बहुत अच्छा लगता है लेकिन इसके ज्यादा प्रयोग से होने वाला नुकसान बहुत ही खतरनाक था,वो था कभी संतुष्ट ना होनी वाली सेक्स की इच्छा….अंदरवर्ड के लोग इसका प्रयोग लड़कियों को जिस्म फरोशी के धंधे में उतारने के लिए करना चाहते थे,और इसके लिए उन्हें कोई भी मेहनत नही करनी पड़ रही थी क्योकि लोग खुद ही इसे ले रहे थे वो भी ऊंचे दामो में ,और इसका प्रयोग कर मजा लेने वालो में मेरी फ्रेंड नेहा भी थी,शुरुवात तो बड़ी अच्छी हुई लेकिन ……..
वक़्त के साथ साथ नेहा की हालत एक सेक्स एडिक्ट की हो रही थी ,और उसे बचना मेरे लिए एक मात्रा मकसद बन गया था,तभी घटे एक वारदात ने मुझे हिला कर रख दिया ,पुलिस ने एक सेक्स रैकेट पकड़ा जिसमें नेहा भी शामिल थी,
मिश्रा जी की पहुच की वजह से ये बात कभी न्यूज़ में नहीं आई, लेकिन इससे ये जरूर साबित हो गया कि ये ड्रग्स क्या करा सकता हैं, इससे पुलिस और प्रशासन के भी कान खड़े हो गए, इसमें उनके भी कई नेता और अधिकारियो के शामिल होने के अंदेशे के कारण इसके खत्मे के लिए एक गुप्त समिति बनाई गई, मिश्रा जी ias होने और ईमानदार छबि के कारण उस समिति के सदस्य बने,जिसने एक टीम तैयार करने का प्रस्ताव रखा,लेकिन समस्या ये थी की इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए उसके अंदर घुसना पड़ता और वो काम करेगा कौन???
इसमें सिर्फ मर्दो से काम नही चलने वाला था इसके लिए लड़कियों को भी तैयार करना पड़ता लेकिन अंडरवर्ड के लोग अधिकार पुलिस वालो को जानते थे,और पुलिस और प्रशासन में बैठे लोगो जो इसमें शामिल है की नजर से बचाकर किसी अंदर कवर एजेंट की नियुक्ति करना संभव नही लग रहा था,उन्हें ऐसे लड़कियों की जरूरत थी जो की ना सिर्फ वहां घुस सके बल्कि बिल्कुल नए चहरे हो,ये काम मिश्रा ने अपने हाथो में लिया और एक लड़की ढूंढ ही निकली जिसे पैसे की बहुत जरूरत थी लेकिन काम उसे मिल नही रहा था,मिश्रा ने उसे पुलिस में नॉकरी दिलाने का वादा किया,और प्रारंभिक रूप के एक कांस्टेबल के जॉब में भी लगवा दिया,बिना ट्रेनिंग के ही उसे इस पहले मिशन में भेज दिया गया,
लड़की का नाम था जूही,वो एक शादीशुदा लेकिन कम उम्र की आकर्षक लड़की थी ,मिश्रा ने सभी प्रॉब्लम मुझसे शेयर की और मैं भी इस मिशन का हिस्सा बनने के लिए जिद करने लगी,तब तक मेरे और मिश्रा जी के बीच सिर्फ प्यार का रिश्ता था,लेकिन वो प्यार अपनत्व के अलावा कुछ भी नही था,मैं उसे दिलोजान से पसंद करती थी उसकी नजर भी मुझपर होती लेकिन मेरे घर वाले भी उससे कम पावरफुल लोग नही थे शायद इसिलए मिश्रा ने कभी आगे बढ़ने की हिम्मत नही की ,वही मेरे सामने पहले से कई समस्याएं खड़ी हो चुकी थी जिसका मुझे समाधान करना था,मेरा दिल रोज नेहा को देखकर रोता था,नेहा भी मेरी भावनाओ को समझती थी लेकिन उसे ये आदत ऐसे जकड़े हुए थी की उससे अलग होना उसके लिए अभी मुनासिब नही था,मैंने उसे तकिए को अपने योनि से लगाकर रगड़ते देखा था,अब वो मेरे पास ही रहती थी ,सेक्स की इच्छा इतनी घातक हो सकती है मुझे तभी समझ आया,वो रोया करती थी की कैसे भी मुझे सेक्स दिलाव ,सेक्स रैकेट में पकड़े जाने के बाद से मैंने उसका अकेले निकलना बंद कर रखा था,लेकिन उसके हालत से मजबूर होकर मुझे उसे पार्टी में जाने की अनुमति देनी पड़ती थी ,वो मुझसे इस कदर प्यार और भरोसा करती की मेरे एक ना में वो बस रोती रह जाती लेकिन कभी मेरे विरुद्ध जाने की जिद नही करती ,मेरे दिल में हमेशा कांटे चुभते थे की ना जाने मैं इसे कैसे इस दलदल से निकलू और एक गुस्सा मेरे जेहन में बस गया था की जिसने भी इसकी ये हालत की है मैं उसे मार डालूंगी…..
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