RE: Porn Sex Kahani रंगीली बीवी की मस्तियाँ
ठंडा मौसम ,नरम बिस्तर और गर्म हमदम ये तो हर कोई चाहेगा,और आज मुझे सब मिल गया,आज फिर से हम उसी अवस्था में थे जैसे कल थे,एक दूसरे पर पूरा प्यार लुटाने को तैयार,ऐसे जैसे कल हम रहेंगे ही नही ,
सच ही है जो आज ही होता है ,और कल कभी आता ही नही,जो आज में जी लिया उसकी जिंदगी ही कुछ और होती है,वो आज में ही अभी में ही अपनी पूरी ताकत लगा देता है ,कल जाने रहे ना रहे ये मौसम ना रहे वो हमदम ना रहे….
काजल के माथे के पसीने की एक एक बून्द मेरे प्यार की ताकत का सबूत था,हर झटका इतना गहरा था की और उसकी आहे इतनी तेज की माहौल में बस हमारे प्यार की दांस्ता ही गूंज रही थी,शायद ये आवाजे वरुण के कमरे तक भी पहुच रही होंगी जहा रॉकी सोया था,
काजल के नर्म मख्खन की तरह योनि में मेरा कठोर लिंग जैसे पिघला जा रहा था,
आलिंगन के गर्म अहसास में नग्गे जिंस्मो की प्यास बुझ रही थी और प्यार प्यार और प्यार……..
सुबह की पहली किरण से पहले ही मेरी नींद खुली और मैंने काजल के चहरे को देखा जो किसी मासूम से बच्चे की तरह मुझसे लिपटी हुई थी,उसके होठो पर हल्की सी चुम्मन देकर मैं उठा मेरी नजर उसके मोबाइल में पड़ी ,अब मुझे उसके मोबाइल को छूने की जरूरत ही नही थी वो काम मैं अपने मोबाइल से ही कर सकता था,मैं अपने मोबाइल को निकल कर उसका वाट्सअप देखने लगा,रॉकी के कुछ मेसेज थे साथ ही मिश्रा जी के भी
रॉकी: आज के बाद मुझे यहां मत लाना ,तुम वहां अय्याशी कर रही हो और मैं इस ड्राइवर के साथ सो रहा हु ,उसने गुस्से वाली स्माइल साथ में भेजी थी ,मुझे उसपर थोड़ी हँसी आयी ,
मिश्रा ने काजल को बस मेसेज कर यही पूछा था की तुम वहां क्यो जा रही हो,उससे ज्यादा कुछ भी नही…
मैं फिर मोबाइल साइड में रख काजल को कस लिया इसबार वो थोड़ी कसमसाई और मेरे से लिपट गई,सुबह के अकड़े हुए लिंग ने उसकी योनि में अपना रास्ता बनाया और वो जैसे जाग गई ,मेरे बालो को सहलाती हुई मुझे खुद से जोड़ ली ,वो अभी भी अलसाई थी और मैं अभी भी निढल ही था,हल्के हल्के धक्कों ने हमे धीरे धीरे गर्म किया…..
आज कजल का अपने मिशन पर पहला दिन था और मुझे भी टाइगर और इकबाल से मिलना था,काजल कहा से शुरुवात करने वाली थी मुझे नही पता लेकिन मेरे लिए शहर जल्दी से जल्दी पहुचना बहुत जरूरी था,मैं साया बनकर काजल के साथ रहना चाहता था जो की शायद पॉसिबल ना हो पाए इसलिए अपने प्लान पर जल्द ही अमल करना बहुत जरूरी हो गया था,मैं इंतजार करने लगा की काजल कब वहां से निकलेगी,मेरे लिए एक बाइक का जुगाड़ ठाकुर साहब ने कर दिया था,जो टिपिकल बुलेट थी…
सोच रहा था की अब शायद वो cuckold वाली कहानी मेरे साथ होने वाली है,मैं बहुत नर्वस भी था और उत्तेजित भी,मैं इसे सोचकर ठंडा पड़ जाता और कभी गर्म भी हो जाता,काजल को किसी के साथ कैसे देख पाऊंगा ये खयाल ही रोंगटे खड़ा कर देता था,मुझे अपनी मजबूरी पर हताशा भी हो रही थी और वो करना जरूरी भी था,मैं चाहता तो सब से मुह मोड़कर घर में बैठ सकता था मुझे पता था की काजल वापस मेरे पास ही आएगी और मेरी होकर ही रहेगी पर फिर भी मैं घर में ही बैठकर नही रह सकता था,मैं कैसे इसे देख पाऊंगा,क्या मैं उत्तेजित हो जाऊंगा,या फिर मैं नर्वस हो जाऊंगा,या मैं सभी दायरों को छोड़कर काजल के सामने आ जाऊंगा,या मैं मिशन को बीच में छोड़ घर आ जाऊंगा,या मैं काजल के ऊपर ही गुस्सा निकल दूंगा..सब सोचकर मेरा सर फटा जा रहा था,काजल के जाने के बाद से मैं घर से निकलने की हिम्मत भी नही जुटा पा रहा था,इसका एक ही रास्ता मुझे दिखा वो था डॉ चुतिया..मैंने उसे तुरंत ही फोन लगाया
“कहा पहुचा एक घंटे में ******* यहां मिल इकबाल से मिलने जाना है “
“यार डॉ “........मेरी आवाज में एक उदासी थी
“यार मैं समझ नही पा रहा हु की क्या करू ,” मैंने उसे अपनी सारी तकलीफे एक ही सांस में बता दी
“हम्म्म्म तू आजा और अपनी भावनाओ को साथ लेकर ही आ यहां उसकी बहुत जरूरत पड़ेगी,और वही कर जो तेरा दिल कहता है,मैं तुझे अब और नही समझूंगा,तुझे अगर काजल के ऐसा करने से कोई प्रॉब्लम हो तो तू उसका विरोध कर देना और मजा आये तो मजा लेना ,दिल हमेशा सही राह दिखता है मेरे दोस्त ,अपनी भावनाओ की कद्र करो उसके साथ चलो सफर थोड़ी मुश्किल जरूर हो जाती है पर समाज का हर बंधन जो तुम्हारे विचारों को,भावनाओ को बांध कर रखता है वो टूट जाएगा,और तुम स्वतंत्र महसूस करोगे,काजल का दुसरो के साथ संबंध बनाना तुझे इसलिए गलत नही लगता क्योकि तू इसे गलत समझता है वो इसलिए गलत लगता है क्योकि समाज इसे गलत मानता है….अभी तू समाज के बंधे नियम में चल रहा है और असली आजादी तुझे तब मिलेगी जब तू इन नियमो के बाहर जाकर अपनी संवेदनों को फैलाएगा,अपनी भावनाओ की इज्जत कर मेरे दोस्त ,वो तुझे लड़ा भी सकती है और उत्तेजित भी कर सकती है जो उस समय तुझे ठीक लगेगा वही करना….चल अब जल्दी आ जा …”
डॉ की कुछ बाते दिमाग के ऊपर से चले गई पर इतना तो समझ आ गया की कुछ भी गलत और सही नही होता,उसे गलत और सही समाज और हमारे पूर्वाग्रह (prejudices) बनाते है,और मुझे दोनो से बाहर आना होगा तभी मैं अपनी और काजल की मदद कर पाऊंगा,मैं अब बिना देर किये ही घर से निकल गया……..
“हम आपकी बात समझ रहे है डॉ साहब,हम मदद को तैयार है... “
एक मोटी सी आवाज मेरे कानो में पड़ी ,और मेरे तथा डॉ के चहरे पर मुस्कान आ गई,इकबाल भाई,अंडरवर्ड का सरगना,जितना सोचा था उससे कही ज्यादा मासूम सा आदमी ,जिसके नाम से बड़े बड़े लोग काँपते हो उसे मैं मासूम कह रहा हु ???
लेकिन वो सच में बड़ा मासूम था,व्यक्तिगत तौर पर भावनात्मक तौर पर जब की ड्रग्स और लड़कियों के धंधे में सबसे ज्यादा कमाई थी वो उसके खिलाफ था,डॉ ने मुझे बता रखा था की ये ऐसा आदमी है जिसे कोई भी बेवकूफ बना सकता है ,वो इतना सीधा है,लेकिन जब वो अपनी में आये तो फिर कहर ढा देता है इसलिए कोई भी इसे बेवकूफ बनाने से पहले 10 बार सोचता है ,
वो एक अजीब सा कैरेक्टर था,बड़े डील डौल वाला शख्स 6फुट 5इंच के करीब की लंबाई,इतना मोटा की चले तो जैसे धरती भी हिल जाय ,फुला हुआ मुह काले रंग का पठानी कुर्ता पहना हुआ,आंखों में सुरमा ,बड़ा सा पेट जैसे की पहले वाला अदनान सामी बस हाइट बहुत ज्यादा थी ,वैसा ही गोरा चिट्टा और क्यूट सा ...कोई शायद ही सोच पता की ऐसा आदमी अंडरवर्ड का डॉन होगा…..
वो अपने एक बड़े से सिंहासन नुमा कुर्सी पर किसी राजा की तरह बैठा था,पूरा घर जैसे एक किला हो ,बंदूख धारी लोगो से घिरा हुआ,लोभंग और इत्रों की खुसबू चारसु आ रही थी,सामने पड़े टेबल में चिकन के बड़े बड़े फ्राइड पीस जो लाल रंग के हो चुके थे रखे थे,वो उसे ऐसे खाता था जैसे की सालो से भूखा हो ,हमारे सामने ही वो दो तीन किलो चिकन अपने पेट में समा चुका था,उसने हमे बताया था की वो इसका नाश्ता है,और हमे भी पेशकश की गई हमने प्यार से मना कर दिया था,घर पुराने जमाने का था लेकिन नए तरीके से उसे सजाया गया था,
चहरे में क्यूटनेस और शरीर से कोई राक्षस जैसा व्यक्तित्व उसे देखकर कभी मुझे हँसी भी आ जाती और कभी डर भी लगता कुल मिलाकर वो हमे बाहुबल का साथ देने को तैयार था,
हम बैठे बाते कर रहे थे की के अप्सरा सी लड़की पंजाबी चूड़ीदार कमीज पहने हाथो में चाय लिए कमरे में प्रवेश हुई ,गजब की खूबसूरती थी,समझ लीजिये की सनी लियोन चूड़ीदार कमीज पहन कर आ रही हो ,शरीर का हर कसाव साफ दिख रहा था,सर पर एक चुन्नी थी जो उसे किसी पंजाबी कन्या की तरह खूबसूरत बनाती थी,वो हमे देखकर मुस्कुराई और चाय देकर बड़ी अदा से इकबाल के गोद में आकर बैठ गई,वो इकबाल के सामने एक गुड़िया सी लग रही थी,मैं जो पहले उसकी खूबसूरती और नजाकत का दीवाना हुआ जा रहा था उसकी इस हरकत से चौक सा गया ,लेकिन डॉ सामान्य था शायद उसके लिए ये कोई नई बात ना हो ..
“ये हमारी बेगम है ,मैरी डिसूजा …”
वो हाथ जोड़कर हमे नमस्कार करती है ,मेरा दिमाग फिर से चकरा गया ये साला हो क्या रहा है,मैरी डिसूजा ???
और आदाब की जगह पर नमस्कार माजरा क्या है, मेरे चहरे का माजरा इकबाल मैरी और डॉ को समझ आ गया ,
“असल में मैरी क्रिशचन है,इकबाल भाई की लव मैरिज हुई है “
“ओह “मेरे मुख से निकला
“हमारी बेगम मैरी हमे डॉ के द्वारा दिया गया सबसे कीमती नगीना है”
मैं डॉ को देखा
“असल में इनकी शादी मैंने ही करवाई थी,दोनो अपने घर से भाग कर शादी की है ,
डॉ के चहरे में मासूमियत और कमिनियत दोनो ही झलक रहे थे,
“आप ये हम हम क्या लगाते रहते हो ,हमारी बेगम क्या होता है ,मेरी बेगम नही बोल सकते “
मैरी ने पहली बार मुह खोला था,मुझे और डॉ को हँसी आ गई वही इकबाल थोड़ा हिचकिचाया ,
“तुम नही सुधारोगी क्यो “
इसबार डॉ ने मेरी से कहा ,लगता था की बहुत पुरानी जान पहचान थी उनके बीच
“क्या डॉ आप भी,अपने जिस इकबाल से मेरी शादी करवाई थी वो तो पूरा बदल गया है,जो कभी कालेज का जवान हेंडसम मर्द हुआ करता था,आज देखो कैसे मोटे हो गए है, …अपने और इन्होंने मुझसे वादा किया था ना की ये अपना वजन घटाएंगे देखो जैसे के तैसे बस इन्हें चिकन और मटन चाहिए वो भी किलो किलो बटर लगाकर ,इनके साथ बैठो तो ऐसे लगता है जिसे की फुटबाल में बैठ गई हु,”
वहां बैठे सभी की हँसी छूट गई मैं और डॉ हस्ते रहे लेकिन बाकी लोग जैसे होशं में आये की इकबाल वही बैठा है सभी चुप हो गए ,वही इकबाल थोड़ा झेप गया ,और मैरी ने उसके गालो को पकड़ कर पप्पी ले ली ,इकबाल का चहरा फिर से खिल गया,,,.......
“ये अभी भी वही बच्ची है “
डॉ ने कहा
“अरे कहा की बच्ची डॉ साहब देख तो रहे हो ,इसके सामने मेरी एक नही चलती,ये तो इस घर की डॉन है,हम जो भी है इनके सामने इनके सेवक बन जाते है इनकी हुक्म की तामील करना ही हमारे लिए इबादत है..”
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