RE: Porn Sex Kahani रंगीली बीवी की मस्तियाँ
मैं सुबह से ही निकल गया साथ में वरुण और रेणु भी थे,कजल ने भरी हुई आंखों से मुझे बिदाई दी,उसका चहरा देख कर मुझहे भी रोना आ गया था….
मैं अपनी गाड़ी में बैठा अपने मोबाइल को निकलता हु सोचा था की डॉ को मेसेज कर प्लान के बारे में कुछ पूछ लेता हु,तभी मुझे याद आय की यार काजल का मेसेज चेक किया जाय,
रॉकी के कुछ मेसेज आये थे ,पहला मेसेज मेरे निकलने से पहले का था,
‘so ready फ़ॉर एडवेंचर ‘
काजल ने उसका कुछ रिप्लाई नही किया था,रिप्लाई मेरे जाने के बाद किया गया था,
‘ह्म्म्म ‘
बस इतना ही रॉकी ने शायद तुरंत मेसेज किया
‘ओके आज कुछ शॉपिंग करनी है फिर शाम से क्लब चलेंगे ‘
‘किस चीज की शॉपिंग ?’
“अरे यार तुम्हारे लिए कुछ सेक्सी लिंगरिस लेना होगा ना ,ताकि तुम कहर ढा सको ‘
रॉकी ने साथ ही कुछ स्माइल्स भी भेजे थे,
‘नही कोई जरूरत नही है मेरे पास काफी है’
‘अरे नही कुछ और सेक्सी टाइप ‘
‘क्या होता है और सेक्सी आखिर में तो उतारना ही है’
काजल ने गुस्से वाले स्माइल्स भेजे
‘तुम खुस नही हो क्या बोलो तो प्लान केंसल करे ‘
‘नही मैं ठीक हु पर ….छोड़ो ठीक है चलते है शॉपिंग के लिए ‘
‘कब आएंगे विकास सर ‘
मैं तो पड़ के चौक गया साला मुझे मेसेज में भी सर बोल रहा है,शायद कभी काजल ने उसे इस बात के लिए डांटा रहा होगा वरना अपनी आइटम के पति हो कौन सर बोलता है,
“क्या पता जब भी आएंगे तो पता चल जायेगा,मैंने रेणु को बोल रखा है की जब आओगे तो बता देना ‘
‘चलो अच्छा ही मैं आधे घंटे में पहुचता हु ,ऐसे आज पहन क्या रही हो “
रॉकी ने फिर से स्माइल भेजी
‘क्या पहनू बताओ अब तो तुम मेरे पति बनकर जा रहे हो ‘
रॉकी ने वो आंखों में दिल वाली बहुत सी स्माइल भेजी
‘वो काली वाली साड़ी ,कातिल लगती हो और साथ में हर चीज मैचिंग हर चीज मतलब हर चीज …’
इस बार काजल भी हँसी (जैसा उसने स्माइल में भेजा था)
‘ठीक है मैं रेडी हो रही हु ‘
‘मैं आधे घंटे में पहुचता हु ‘
अभी मुझे निकले 15 मिनट ही हुए थे,मैं मोबाइल एक साइड में रख एक गहरी सांस ली …..
दिल में अजीब सी चुभन हो रही थी और साथ ही उत्तेजना में लिंग भी खड़ा हो रहा था,एक अजीब सी कसीस ,चुभन ,जलन,लेकिन सब के साथ एक उतेजना और मजा भी था,
रेणु आगे वरुण के साथ बैठी थी,दोनो बातो में मसलुफ थे,दोनो के बीच क्या हुआ था वो मेरे लेपटॉप में रेकॉर्ड पड़ा था लेकिन उसे देखने का समय ही मुझहे नही मिल पा रहा था,
अब रेणु जैसा हुस्न और वरुण का जवान खून मिले तो कुछ तो होना ही था,
वहां भी मुझहे एक अच्छा बंगले नुमा घर दिया गया था,ऐसे तो घोर जंगल था लेकिन बड़ा ही सुहानी सी जगह थी ,यहां से शहर की दूरी भी उतनी ही थी जितनी की केशरगढ़ से थी,सबसे अच्छी बात थी की बाजू वाला गांव ठाकुरो का था,जो की डॉ के अच्छे दोस्त थे,वीर और बाली ठाकुर ,वो मुझसे मिलने आने वाले थे,
दूसरे बाजू था तिवारियो का गांव ….खेर मुझे क्या करना है,मुझे तो अपनी तैयारी करनी थी,
यहां नॉकरो के लिए एक कमरा था,वरुण का बोरिया बिस्तर वही डाल दिया गया था,और अंदर दो बेडरूम था जिसमे एक में मैं और एक में रेणु का समान रख दिया गया था,वरुण मिश्रा का जासूस था जो जासूसी छोड़कर रेणु के घाघरे में घुस बैठा था ,मेरे लिए इससे काम और भी आसान हो गया क्योकि मिश्रा वरुण को मेरे साथ भेजकर निसफ़क्र था ,और रेणु उसे अपने से अलग ही नही जाने देती थी,
मैंने फोन कर सबसे पहले फोन काजल को किया वो शहर के लिए निकल चुकी थी ,और आज से वही होटल में रहने वाली थी ,दूसरा काल मलीना को किया गया ,वो डॉ के पास पहुच चुकी थी घर में बोल चुकी थी की किसी रिसर्च वर्क के लिए बाहर जा रही है,वो दो दिन पहले से निकल चुकी थी ,तीसरा काल डॉ को किया जिसने बताया की वो इकबाल से मेरी मीटिंग फिक्स करा दिया है,
मैं वहां से निकल कर उस गांव में घूमने लगा ,गांव कम ये कस्बे सा था,अपने ऑफिस के बंदे जिसका नाम सुरेश था से मिल कर काम की सभी बाते भी हो चुकी थी,रात होने को थी की मेरे ऑफिस में ही एक गाड़ी आकर रुकी वहां से कुछ लोग ऑफिस में घुसे जिसे देख कर मेरे ऑफिस का स्टाफ खड़ा हो गया,
“अरे ठाकुर साहब आप यहां आइए आइये कुछ परेशानी है क्या “
वहां के मेन इंचार्ज की भी जुबान थोड़ी लड़खड़ा गई थी,6फुट 2इंच के गोरे से दो बंदे जिनके माथे में लाल रंग का तिलक था ,और चहरे में किसी राजा की तरह तेज ,सामान्य कपड़ो में थे लेकिन फिर भी खानदानी लग रहे थे ,चौड़ी छाती और बड़ी मांसल भुजाओं के मालिक ये दोनो देखने से ही इनकी शक्ति का अहसास हो रहा था,मैं अपने कुर्सी में बैठा ही था जिसे देखकर इंचार्ज को पसीना आ गया,वो ना मुझे कुछ बोल सकता था ना ही उन्हें,
“ये नए है आज ही आये है,इन्हें यहां कुछ स्पेसल काम से भेजा गया है,ऑफिसर है वन विभाग के “
उसने जिसे सफाई देते हुए कहा ,उनके और मेरे चहरे पर एक मुस्कान आ गई,वो मेरी तरफ बढ़े और मैं भी खड़ा होकर उनका स्वागत किया वो मुझसे हाथ मिलाकर मेरे सामने के चेयर में बैठ गए,एक बैठा लेकिन दूसरा पीछे हाथ बांधकर खड़ा रहा ,उनके साथ ही एक काले रंग का आदमी भी था,डील डौल से वो भी इनका भाई भी लग रहा था लेकिन शायद वो उनका सेवादार था,वो भी दूसरे के साथ पीछे हाथ बांधकर खड़ा रहा ,,,,
बैठे हुए शख्स ने इंचार्ज से कहा ,
“ये हमारे मित्र है …”
उनके जान में जान आई
“जाइये कुछ चाय वगेरह लाइये “
मैंने सुरेश से कहा वो झट से वहां से निकल गया
,चेयर में बैठे शख्स ने कहना शुरू किया ,
“मेरा नाम वीर ठाकुर है और ये मेरा भाई बाली ,और साथ में ये मेरा भाई कलवा है हम खून से तो भाई नही लेकिन दिल से भाई ही है….”
“मैं विकास “
“हा डॉ ने बताया था ,हम आपकी क्या मदद कर सकते है ,”
“मुझे बाजू बल चाहिए …”
“देखिए बाजू बल तो आपको इकबाल भी दिला सकता है,हमसे आपको जो भी मदद चाहिए होगी आप एक बार बोल दीजिएगा,जो काम आप करना चाहते है वो समाज के लिए बहुत जरूरी है और हम चाहकर भी इसे नही कर पा रहे है,ड्रग्स के डीलरों को तिवारियो का समर्थन मिला हुआ है और वो हमारे मुकाबले में बहुत ज्यादा ताकतवर है खासकर शहर में उनके बहुत ज्यादा वफादार है ,तो हम आपकी मदद छुपकर ही करे तो ये आपके और हमारे दोनो के लिए बेहतर होगा,”
“जी मैं आपकी बात समझ सकता हु,”
“हमारा प्रभाव इस क्षेत्र में ज्यादा है ,यहां हमरे रहते आपको कोई भी परेशानी नही होगी,बाकी इकबाल और डॉ के रहते आप चिंता मत कीजिये ,बस जिस लड़की को आप इस काम में लगा रहे है उसकी फ़ोटो आप हमे दे दीजिएगा ताकि हम उसकी सुरक्षा कर पाए …”
मैं अपने जेब से मलीना की फ़ोटो निकल कर उसे दे दिया ,
“ठीक है हमारे आदमी इसपर नजर रखेंगे “
“जी बिल्कुल बाकी जो भी हो आप हमे सूचित करे “
“जी “
सुरेश चाय लेकर आ चुका था,सभी चाय पीकर वहां से विदा लेते है,सुरेश एक चैन की सांस लेता है,
“अरे सर आप तो बड़ी पहुच वाले लगते है ,”
“क्यो “
“ठाकुरो से आपकी दोस्ती है ,मिश्रा जी आपके लिए सिफारिश करते है ,वाह …”
मैं हस पड़ा
“बस यार दोस्ती है सबसे ,तू कहा से हो और ऐसे क्यो कांप रहे थे”
“मैं भी इसी इलाके का हु सर और कांपु कैसे नही ये ठाकुर है ,आजकल तो इनसे जमीदार तिवारी भी काँपते है ,जानते है वीर ठाकुर की शादी तिवारियो की बेटी से हुई और इतना लड़ाई झगड़ा हुआ की तिवारियो के छोटे बेटे वीरेंद्र की भी जान चली गई …. और सुरेश की आंखों में कुछ आंसू आ गए …”
“अरे तुम्हे क्या हो गया ???”
मुझे सचमे समझ नही आया था,
“सर वीरेंद्र की पत्नी आरती मेरे मामा की लड़की है ,हम बचपन से साथ ही खेले थे उस बेचारी की क्या गलती थी शादी को अभी कुछ ही महीने तो हुए थे,मानता हु की ठाकुरो का दिल बहुत बड़ा है और तिवारी तो है ही कमीने पर जब भी वीर को देखता हु ना जाने आरती क्यो चहरा सामने आ जाता है,मैं लाचार हु सर मैं कुछ तो कर नही सकता, …”
सुरेश की आंखों में आंसू थे ,मैं उठकर उसे गले से लगा लेता हु जिससे शायद उसे थोड़ी शांति मिले ….
“तुम्हे क्या लगता है ये ठाकुर भरोसे के लायक है “
वो मुझे प्रश्नवाचक दृष्टि से देखने लगा
“सर वो तो आपके दोस्त है ना “
“हा दोस्त है पर कोई सगे तो है नही ना “मैं हँसते हुए कहा
“अगर कोई जिम्मेदारी का काम इन्हें दिया जाय तो “
“सर आपको जो करना है कीजिये लेकिन मुझे इनसे दूर ही रखियेगा ,ये है तो बड़े अच्छे लेकिन वो साला बाली और कलवा एक नम्बर के कमीने भी है ,खासकर लड़कियो के मामले में,मुझे तो उनका चहरा भी देखना पसंद नही है….”
“चलो ठीक है कोई बात नही ,और मैं शायद सीधे साइट विजिट करूगा ,तुम्हारी जरूरत पड़ेगी तो काल कर लूंगा ,”
“ठीक है सर आप जैसा समझे वैसे भी मेरी यहां ज्यादा जरूरत पड़ती है ,”
मैं वहां से निकल कर अपने क्वाटर में आया ,समान जमा दिया गया था,साफसफाई भी हो चुकी थी और खाना भी रेडी था,
मैं खाना खा ही रहा था की काजल का काल आ गया ….
“हैल्लो जान खाना खा लिए “
“हा अभी बैठा हु और तुम “
“अभी खाई ,आपका काम वहां कैसे चल रहा है ,”
“आज ही तो आया हु जान ,सब कुछ जम चुका है ...बस तुम्हारी बहुत याद आ रही है “
काजल कुछ देर को रुक गई शायद उसके आंखों में भी आंसू आ चुके होंगे
“मुझे भी ………”
थोड़ी देर तक दोनो ही कुछ नही कह पा रहे थे,मुझे उस सन्नाटे में कुछ आवाज आई जो काजल के तरफ से थी ,शायद किसी ने दरवाजा खोला था,पानी बहने की आवाज थी मानो बाथरूम की डोर खोली गई हो और फिर बंद की गई हो …
“कुछ तो कहो “
मैंने खामोशी तोड़ी
“आप मुझसे मिलने आओगे ना “
“जान कुछ ही दिनों की बात है ...तुम यहां आ जाना “
“कब आउ…”
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