Porn Sex Kahani रंगीली बीवी की मस्तियाँ
12-21-2018, 10:46 PM,
#30
RE: Porn Sex Kahani रंगीली बीवी की मस्तियाँ
मेरी हालत क्या थी ये मैं किसे बताता और कैसे बताता,मेरे सामने मलीना ही थी ,पर मैं उसपर कितना भरोषा कर सकता था,मलीना भी रोये जा रही थी…
“मैंने पापा को क्या समझा था पर वो क्या निकले…”
मुझे उसके भोले चहरे पर प्यार आ गया,इस हालत में भी साला प्यार का कीड़ा मरा नही था,मैं उसे अपने सीने से लगा लिया,
“तेरे पापा ने जो किया वो शायद अपने गुस्से के लिए किया पर इससे समाज की भी भलाई हुई,लेकिन इन सबमे बेचारी काजल की जिंदगी ही खराब हो गयी…”
मेरी बात उसे समाझ ही नहि आयी ,वो मुझे प्रश्नवाचक नजर से देख रही थी,वो तो अपने पापा और काजल के बारे में बोल रही थी उसे पूरी कहानी का क्या पता था...मैंने उसके आंखों में देखा,
“तुम क्या सचमे मुझसे प्यार करती हो”
“अपनी जान से भी ज्यादा “
“लेकिन कब से “
“जबसे तुम्हे पहली बार देखा ,पता नही क्या हुआ लेकिन तुम्हारे अंदर कोई तो बात थी जो मुझे आकर्षित करती थी,मैंने आते ही पापा से तुम्हारे बारे में बोलना शुरू कर दिया और पापा को बताया की मैं तुम्हे बहुत पसन्द करती हु,लेकिन जब मुझे पता चला की तुम शादी शुदा हो तो मैं उदास हो गयी,लेकिन मैं काजल से मिलकर बहुत खुस हुई वो इतनी अच्छी लगी की मैं तुम दोनो के बारे में बहुत ही खुश थी,जब मैं तुम्हारे साथ बाहर गयी तो मुझे अहसास हुआ की तुम काजल से कितना प्यार करते हो और तुम कितने अच्छे हो तुमने मेरा कोई भी फायदा उठाने की कोशिस नही की ,लेकिन जब मैंने काजल और पापा को देखा तो मेरा दिल ही टूट गया,मैं पापा से तुम्हारे बारे में हमेशा बात करती थी की तुम कितने अच्छे हो और काजल दीदी कितनी अच्छी है,लेकिन उस दिन से …...तब मैंने ये सोच लिया की मैं तुम्हे सबकुछ बता दूंगी और अपने प्यार का इजहार भी कर दूंगी….I LOVE YOU विकास …”
वो मेरे सीने से लग गयी और पहली बार मुझे उसके प्रति एक आकर्षण का भाव उमड़ा...मैं भी उसे इतना भिचा की उसके स्तन मेरे छाती में ही धस गए ...और उसके होठो को अपने होठो के पास लाकर मैंने उसके होठो को अपने होठो में भर लिया…
प्यार एक अदन सी चीज होती है ,और साथ ही बहुत ही मूल्यवान भी,अदन सी इसलिये क्योकि साला पता ही नही चलता की कब किससे हो जाए और मूल्यवान इसलिए की जब हो जाय तो बस एक अहसास ही रह जाती है,वो बड़ी सुखदायी है,जो आपको सामने वाले के लिए कुछ भी करने को मजबूर कर देती है,जैसे मैं हो गया ,कजल के लिए सब सहने को ,जैसे काजल हो गई मिश्रा के लिए सब करने को ,जैसे मिश्रा हो गया अपने पत्नी के आशिक से बदला लेने को,और शायद जैसे मलीना मेरे लिए सब कुछ छोड़ने को तैयार दिख रही है,ये सब ही प्यार की ताकत है….
मैं प्यार से मलीना को नीचे बैठाया और उसके सर पर हाथ फेरता हुआ उसे शुरू से सब बताने लगा,मुझे उसपर भरोसा होने लगा था,शायद इतनी तो समझ मुझमे प्यार को समझने की थी,जैसे जैसे मैं उसे बताता गया वो और भी गंभीर होते गई उसे समझ आने लगा की आखिर उसके पापा उसे अपने पास रखने से इतना क्यो कतराते थे,लेकिन इससे उसके मन से अपने पिता के लिए नफरत कुछ कम भी होने लगी,जो भी हो एक लड़की की कुर्बानी से मिश्रा ने वो कर दिखाया था जो अभी तक किसी ने करने की हिम्मत नही की थी,इससे शायद कई जिंदगियां बच गई होंगी जो शायद उस ड्रग्स के नशे से बर्बाद हो जाते…………………….
उसकी आंखों में एक चमक सी आ गयी वो मुझे कसकर जकड़ ली और मेरे माथे को बेतहासा चूमने लगी,मैंने उसे ये भी बता दिया की मैं काजल के बारे में सब जानता हु लेकिन फिर भी मैं उसे बहुत प्यार करता हु और मैं हमेशा अपने प्यार से ही उसे ठीक करने की कोसिस करँगा,और लास्ट में मैंने उसे रेणु का वो डायलॉग चिपका दिया जो उसने मुझे कहा था,
“अच्छे लोगो के साथ कभी बुरा नही होता….”
मलीना के लिए इसका मतलब समझना जरूरी नही था पर ये अवधारणा मेरे मन में घर कर गयी थी की अगर मैं किसी के लिए बुरा नही सोचु तो मेरे साथ भी कोई बुरा नही करेगा,लेकिन ये सिर्फ सोचने तक ही सीमित नही था,असल में इसे अपनी जिंदगी में उतारना था,कैसे ये तो मुझे नही पता ….
इधर मेरा फोन बजने लगा…
नंबर मिश्रा जी का था,मलीना ने भी स्क्रीन में देखा और मुझे देखने लगी...मैंने उसे इशारे से चुप रहने को कहा और फोन रिसीव किया ..
“हैल्लो सर “
“यार विकास आज मलीना को लेने गया है की नही,”
“जी सर उसी के साथ बैठा हु,”
“अच्छा कहा हो अभी “
“अभी तो आपके ही घर पर है,अभी सोच रहे है कही घूम आये क्योकि आज इसे वहां जाने का मन नही किया तो यही रुक गए “
“अच्छा अच्छा ठीक है कोई बात नही,वो मैं तुम्हारे लिए नए ड्राइवर का इंतजाम कर दिया है वो कल तक आ जाएगा,और माली की शायद ज्यादा अभी जरूरत नही है तुम्हे ,काम तो रेणु ही देख लेगी ...ठीक है ना और कोई जरूरत हो तो बताना “
मेरे चहरे पर एक मुस्कान आ गयी साला मिश्रा ऐसे बात कर रहा है जैसे मेरा सबसे बड़ा शुभचिंतक ये ही है….
“जी सर धन्यवाद ,आप कहा है ….”
“मैं शहर आया था आज ...ठीक है मिलता हु सुबह …”
“जी सर ..”
फोन रखते ही मलीना ने पूछा ,
“क्या बोले “
“शहर गए है”
उसका मुह बन गया 
“गए होंगे काजल के पास ,आपकी ही बीवी है कुछ तो करो “
मेरे चहरे पर एक मुस्कान आ गयी 
“अच्छा तुम से आप में आ गई “
उसके चहरे पर भी मुस्कान आ गई,वो मेरे बांहो में हाथ डालकर बैठ गयी …
“अब तुम नही आप हो गए हो ,अब आप कुछ तो करो,आपकी बीवी को वो ना जाने क्या कर रहे है…”
मैं उसके चहरे को देखता हु,वही मासूमियत वही उज्जवलता ,निखरा हुआ चहरा ..
“अगर वो मेरी बीवी को चोदेगा तो मैं भी उसकी बेटी चोद दूंगा …”
मैं हल्के से मलीना के कानो में कहा …
“छि इतना गंदा बोलते हो…”
उसके चहरे पर एक झूठा गुस्सा आया और मैं उसे उठाकर सीधे उसके बिस्तर में पटक दिया….
“अच्छा तुझे कैसे समझ आ गया की मैं गंदा बोल रहा हु या अच्छा “
मैं लगभग उसके ऊपर लेटते हुए कहा,
“इतनी भी भोली नही हु मैं,सब जानती हु समझे इतनी हिंदी आती है मुझे”
“अच्छा “
मैं उसके ऊपर टूट गया ,सच बताऊ तो मैंने कभी सोचा ही नही था की मैं इस लड़की के साथ कुछ भी करूँगा,लेकिन मैं जाने अनजाने ही मिश्रा से बदला लेना चाहता था,मन के किसी कोने से एक आवाज आयी की जब साला सब कर रहे है तो तू क्यो नही….और मैं बस टूट पड़ा,लेकिन मैं क्या करता मन में कुछ गलत करने की दुविधा भी थी ,कजल के अलावा मैं किसी से ये करने की हिम्मत नही की थी,रेणु से की भी थी तो कर नही पाया था,और वो इस मासूम सी बच्ची के साथ ,हा ये कोई बच्ची नही थी पर वो इतनी मासूम थी की मेरे लिए उसे प्यार करना तो आसान था लेकिन सेक्स करना शायद कठिन होने वाला था,मुझे इतने हवस से भर जाने की जरूरत थी की मैं इसकी मासूमियत को ,इसके प्यार भरे स्पर्श को अपने मन से निकल पाउ,ये मेरे लिए बस एक शरीर ही बनकर रह जाए जिसे मुझे भोगना था,लेकिन मेरे जैसे इंसान के लिए ये उतना भी आसान नही था,मैंने वही किया जो अब तक करता आया था,मैंने प्यार भरे स्पर्श से शुरू किया ,उसके कोमल अंगों को हल्के हल्के से सहलाता हुआ मैं आगे बड़ा ,वो नरम अहसास मुझे गर्म कर रहा था,और उसकी सांसे मुझे उसकी ओर आमंत्रित कर रही थी,आखीर मैं उसके होठो पर आया वो तो अपने को मुझपर समर्पित करने को तैयार बैठी थी उसके होठो के कोमल स्पर्श से ही मुझे उसके प्यार का अहसास हो गया ,मैं अपने में एक ग्लानि की भावना से जुंझने लगा,मैं उसके होठो को छोड़कर खड़ा हो गया ,मेरा मुड़ देखकर शायद उसे कुछ समझ आ गया उसे भी पता था की मैं अपनी जान काजल से कितना प्यार करता हु ,और उसे ये भी अहसास हो चुका था की मैं उसे कितनी इज्जत से देखता हु,,,..वो मेरे गालो में हल्के से किस कर वहॉ से उठी …
“आप यही रुको मैं अभी आती हु “ ,मैंने हा में सर हिलाया 
वो उठकर अपने कुछ कपड़े पकड़कर सीधे बाथरूम में घुस गयी मुझे कुछ समझ नही आया लेकिन जब वो निकली तो उसे देखकर मेरा मुह खुला का खुला ही रह गया….
वो एक नाइटी में थी ,एक पतली सी सफेद रंग की नाइटी जिसके अंदर उसका सफेद पेंटी देख रहा था ,मुझे लगा की उसने अपनी ब्रा भी नही पहनी है …
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