Porn Sex Kahani रंगीली बीवी की मस्तियाँ
12-21-2018, 10:45 PM,
#23
RE: Porn Sex Kahani रंगीली बीवी की मस्तियाँ
एक दूजे के प्यार के नशे में बेताब से हम दोनो ही घर पहुचे आज तो प्यार की इंतहा हो गयी थी ,जाने कब ये आग शांत हो ,बिस्तर में पहुचते ही मैं काजल पर टूट पड़ा,वो भी मुझे पागलो की तरह किस किये जा रही थी शायद उसकी भी आग आज ठंडी नही हुई थी जो रॉकी ने लगा तो दी थी पर बुझाना भूल गया था,मेरे लिए तो काम बहुत आसान हो गया था,लोहा पूरी तरह से गर्म था मुझे तो बस हथौड़ा मरना था,
काजल को बिस्तर पर पटकते ही मैं अपने कपड़े खोल कर फेक दिया और काजल के गालो को खाने लगा,उसके गुलाबी से गाल जो रस से भरे हुए थे ,मेने उसके गालो को पूरी तरह से भिगो दिया था,मेरे थूक से गिला हुआ उसका गाल अपनी नरमी से मुझे सुख दे रहा था और मैं और भी टूटकर उसके गालो को खा रहा था,अपने दांतो से मेने उसके गालो में निशान ही बना दिए जिसपर काजल ने मुझे एक शिकायत भरे निगाहों से देखा पर उसकी आंखों में अब भी वही प्यार था जो मैं हमेशा से ही मेरे लिए महशुस करता हु…………….
उसके बालो को अपने हाथो में फसाकर मैं उसे सहलाने लगा,और वो भी बेहद कामुक अंदाज में मेरे होठो पर टूट पड़ी,दो जिस्मो की गर्मी ने हमारे बदन में एक नई ऊर्जा का संचार कर दिया था,
मैं काजल के कपड़ो के तरफ रुख किया और उसके कपड़ो को धीरे धीरे उतारने लगा ,वो अभी भी वही कपड़े पहनी थी सुबह ही मैं उसे देखकर उत्तेजित हो गया था ,मैं उसके भरे हुए नितंबो को अपने हाथो से भरकर उसे मसलने लगा,काजल और भी गहरे से मुझे चूमने लगी ,मैं उसका शर्ट खोलकर फेक चुका था,शायद अब काजल को सहन नही हो रहा था और वो जल्दी से ही अपने कपड़े खोलने लगी,लेकिन मैंने उसको उसकी पेंटी खोलने से मना कर दिया वो मुझे फिर से शिकायत के भाव से देखने लगी ,मैं अपने पूरे कपड़े खोल कर नंगा हो कर उसके सामने खड़ा हो गया ,मेरे लिंग को देखकर वो हल्के से हँसी और उसे पकड़कर उसे इतने प्यार से चूसने लगी जैसे की वही वो चीज थी जिसके लिए वो इतनी प्यासी थी,.....
मैं उत्तेजना के शिखर पर पहुच रहा था और मैं झरने को बिल्कुल भी तैयार नही था,मुझे तो अभी जितनी देर हो सके अपनी जान के साथ खेलना था,मैं काजल के मुह से अपना लिंग निकल कर अलग किया ,वो जल्दी से अपनी पेंटी निकालने को हुई पर मैंने उसे फिर से रोक दिया वो मुझे प्रश्नवाचक दृष्टि से देखने लगी ,और मेरे होठो में एक शरारती सी मुस्कान उभर आयी .,....
“नही ना जान करो ना “
उसने लगभग रोते हुए कहा ,वो आमतौर पर इतनी बेताब नही होती पर आज तो उसकी जगह पर कोई भी होता तो वो भी बेताब सा हो जाता,जब वो चरम के करीब पहुची थी तो मैं आकर उसके मजे का सत्यानाश कर दिया था ,और फिर से उसे भड़काकर छोड़ दिया रो ऐसे में कोई भी बेताब सा हो जाय,वो मछली जैसे तड़फने लगी और मुझे उसकी तड़फन बहुत ही मजेदार और मनमोहक लग रही थी ,मैं उसके पास जाकर उसे लिटा दिया और खुद उसके पेंटी के पास अपनी नाक ले जाकर जोरो से सूंघ लिया,उसके कामरस से भीगा वो अंतःवस्त्र इतने मादक खुसबू से भरा था की मैं फिर से उसे जोरो से सूंघने से अपने को नही रोक पाया,लेकिन मेरी इस हरकत से काजल की हालात और भी खराब हो गयी उसे होने वाले का अंदेसा हो चुका था और उसका शरीर छटपटाने लगा था वो अपनी कमर ऊपर कर मुझे आमंत्रण दे रही थी और जब मैं अपना नाक उसके योनि के भाग से लगाया वो अपने कमर को ऊपर कर मेरे नाक से अपनी योनि को रगड़ने लगी,काजल की योनि से बहता हुआ गिला गिला से प्यार की धार ने मेरे नाक को भी भिगो दिया और मेरे मुख से एक मुस्कान सी निकल गयी ….
वो बस झरने ही वाली थी और मैं उसे यू बेताबी में झरने नही देना चाहता था उसे भी वो मजा मिले जिसके लिए वो इतनी तड़फ रही थी ,मै उसकी पेंटी को उसकी योनि के ऊपर से हटा कर अपनी जीभ से उसे चाटने लगा,काजल का हाथ मेरे सर पर था और वो पूरे ताकत से उसे अपने अंदर लेने की चेष्टा कर रही थी पर शायद उसे वो आनंद नही मिल पा रहा था जिसके लिए वो तडफ रही थी और आखिर में वो हारकर मुझे अपने ऊपर खिंच ही लिया ,आज मैं काजल की ताकत देखकर दंग ही रह गया वो मुझे बिल्कुल ही आराम से उलटा कर के मेरे ऊपर चढ़ गयी ,अपने हाथ मेरे लिंग पर रख उसे अपने आग की उस भट्ठी में डाल दी जो पानी से भरी थी,........
काजल अंदर से इतनी गर्म होगी मुझे पता नही था आज तो उसकी योनि मानो कोई भठ्ठी ही हो,मेरे लिंग के अंदर जाते ही काजल को ऐसे सुख का अहसास हुआ जैसे सालो से प्यासे को कोई अमृत ही पिला दे,
“aaaahhhhhh जाआआआआन लव यु बेबीईईईईई “
वो अपनी रफ्तार तेज करने लगी उसकी सिसकियों से ही मैं झट जाता इतनी मादकता अपने अंदर लिए है मेरी रानी काजल ……
“आह आह आह आह आह आह ,ओ ओ ओ आह जआआआननन आह जाआआआआआआनननन “
वो किसी पम्प की तरह मेरे ऊपर कूद रही थी और मेरे होश ही उड़ा रही थी मुझे पता था की काजल इतनी गर्म हो चुकी थी की वो ज्यादा समय तक नही टिकने वाली ,मेरी अकड़ को आज काजल शायद तोड़ ही देती वो बिल्कुल भी आराम के मूड में नही थी ,वो लगातार ही कूद रही थी ,
“लव यू बेबी ,लव यू ,फ़क मि जान आह आह आह ,”
“लव यू मेरी रानी “
हमारी सांसे कब उखाड़ जाती इसका कोई भी भरोषा ही नही था,पर आनद के उस सागर से मैं कभी भी बाहर नही निकलना चाहता था,लेकिन शायद काजल को जल्दी से ही झरना था वो अपनी बेताबी के इंतहा पर थी और वो उस ज्वाला को निकाल देना चाहती थी जो उसके अंदर भरी हुई थी ,काजल ने अपने स्तनों को मेरे मुह में ठूस दिया और मैं भी किसी आज्ञाकारी बच्चे की तरह उसके स्तनों का पान करने लगा मुझे उसमे कुछ लाल रेसेस दिखाई दिए शायद वो रॉकी की दें थे साले ने मेरी जान को बहुत ही निचोड़ा होगा,उसका चहरा मेरे दिमाग में आने पर मैं और भी उत्तेजित हो गया और उसे नीचे से ही और जोरो के धक्के देने लगा पर शायद वो जोर नही बन पा रहा था ,काजल भी अब कूदना बन्द कर जोरो से धक्के मारे जा रही थी मेरे अंडों में एक दर्द भर गया पर उसी दर्द का तो मजा था,,....
हम दोनो ही अपने तरफ से पूरी ताकत से धक्के दे रहे थे…
“आह वो आह आह आह आह जान जान आह “
दोनो के धक्के एक साथ मिलकर और भी तेज और प्रभावशाली हो जाते और दोनो के मुह से ही एक सिसकारी फुट पड़ती थी...उसके योनि से रगड़ते हुए मेरे लिंग की चमड़ी से उठाने वाला वो आनद मैं कभी भी खोना नही चाहता था पर वो एक धारा सी मेरे वृषनकोशों से आती हुई मुझे प्रतीत हुई और काजल भी अपने चरम के नजदीक ही थी हम दोनो ही अंतिम धक्कों पर अपनी पूरी की पूरी ताकत खर्च कर रहे थे ,और वो ज्वाला फूटा और काजल मेरे ऊपर झरने सी धार छोड़ती हुई लेट गयी,मेरा भी हाल उससे अन्यथा नही था और मैं भी उसके अंदर ही एक तेज फुहारे को छोड़ता हुआ हाँफने लगा,...............
दोनो ही हाफ रहे थे और दोनो ही उस आनंद में डूबे थे जो हमे अभी अभी मिला था...वो गीलापन हमारे यौन अंगों से बाहर आ रहा था,चिपचिपे वीर्य में मिला काजल का कामरस मुझे इच्छा तो हुई की उसे पी लू पर उठाने की हिम्मत ही नही जुटा पाया और मुझे पूरा यकीन था की यही हाल काजल का भी हो रहा होगा उसे भी मेरा वीर्यपान करना बहुत ही पसंद था ,खासकर जब गहरे संतोष की दशा हमे घेरे हुए हो …………………
उखड़ती सांसो में मेरा प्यार काजल के अंदर जा रहा था और वो भी मेरे वीर्य को अपनी योनि सिकुडकर अपने अंदर ही रखने का प्रयाश कर रही थी ,मैं उसे और भिगोना चाहता था पर मेरे अभी का कोटा पूरा हो चुका था …………..
गर्माहट के अहसास से भीगे हुए हम लेटे हुए थे,अब भूख भी लगनी शुरू हो गयी थी,दोनो उठकर तैयार हुए,रेणु ने खाना बना कर रखा हुआ था,दोनो खाना खा कर फिर से बिस्तर में जाने का प्लान कर रहे थे,तभी मुझे याद आया की प्यारे की तबियत खराब थी चलो हाल चाल पूछ लेते है,काजल भी साथ गयी,प्यारे ने काजल को ऐसे निगाहों से देखा की मुझे थोड़ी सी हँसी आ गयी,उसकी निगाहों में डर साफ था…..
“कैसे हो काका “
“अब ठीक हु साहब”
“हम्म ज्यादा काम मत किया कीजिये ,अब तो रेणु भी आ गयी है आपका हाथ बटाने के लिए “
“जी जी”
“चलिए ठीक है आराम कीजिए “
हम दोनो वापस आ गए ,
वॉयस आकर काजल बाथरूम में चले गयी ,मैं अपने मोबाइल से काजल का वाट्सअप चेक करने लगा,
थोड़ी देर पहले ही उसने प्यारे से बात की थी,मेरा माथा ठनका अच्छा जब हम खाना खा रहे थे तो काजल मोबाइल पकड़े हुए थी शायद उसी समय कुछ बात हुई थी ,...
‘मेडम मुझे माफ कर दीजिये ‘
‘कोई बात नही काका तबियत कैसी है आपकी और आप मुझे बहुरानी ही कहा कीजिए’
‘अब थोड़ी अच्छी है पर……”
“पर क्या’
‘छोड़िए ‘
‘बोल भी दो ‘
‘आप मिल जाती तो …..’
‘अच्छा क्या करोगे मिलकर “(शायद ये लिखते समय काजल के होठो में एक शरारती सी मुस्कान आयी होगी ,और प्यारे का दिल भी खिल गया होगा} 
‘जो करते थे ‘
‘वो तो नही हो पायेगा ‘
‘ठीक है तो मिल बस लेने दीजिये ‘
‘ह्म्म्म ठीक है पर जल्दी से चले जाना ,’
‘ओक्के ‘
‘आ जाना मैं दरवाजा बंद नही करूँगी ,ये भी आज जल्दी ही सो जाएंगे “
“ओककक “प्यारे ने बहुत सी स्माइल भेजी….

अच्छा तो काजल को लगता है की मैं जल्दी ही सो जाऊंगा...काजल की ये बहुत बड़ी भूल थी आज तो मैं पूरे मूड में था …….
काजल के बाहर आने पर मैंने उसे फिर से जकड़ लिया ,मुझे पता था की प्यारे अब आने ही वाला होगा,या थोड़ी ही देर में आ जाएगा,क्योकि काजल को भी सुबह जल्दी जाना होता है…
“क्यो मन नही भरा क्या आपका “
“अरे मेरी जान तुझसे कैसे मेरा मन भर जाएगा ,तू तो मेरी रानी है”
काजल भी मेरे सीने में अपना सर रखकर मुझे जकड़ ली ,
“सोने दीजिये ना कल जल्दी ही जाना होगा,बहुत काम होता ही वहां भी ,”
“सो जाओ ना मैं कब मना कर रहा हु मेरी रानी,”
मैं उसके सर पर अपना हाथ फेरने लगा और तभी मुझे एक हल्की सी आहट हुई मैं और काजल दोनो ही समझ चुके थे की प्यारे अंदर आ गया है,उस आहट पर हम दोनो ही अनजान बनने की कोसिस कर रहे थे ,काजल मुझे जल्दी से सुलाना चाहती थी और मैं इन दोनो को सतना……..
मैं काजल को फिर से नीचे लाकर उसके होठो में अपने होठो को डाल दिया,मुझे पता था की काजल कभी भी मुझे मना नही करेगी..काजल ने एक प्यार भरी नजर मुझ पर डाली और मेरा साथ देने लगी दोनो के होठो के मिलन से एक चपचपाने की ध्वनि सी उत्पन्न हुई ,और वही आनद…………
काजल मेरे लिये हमेशा ही नई सी थी वही अदा वही समर्पण जो के नई नवेली दुल्हन में होता है मैंने उसमे हमेशा से वही बात पाई थी ,आज भी मुझे कभी ऐसा नही लगा की मैं इस लड़की के साथ इतना समय बिता चुका हु ...वो किसी फूल सी ताजा लगती थी और उसकी खुसबू से मेरा मन हमेशा ही महक सा जाता था……
“आप भी ना “
काजल थोड़ा अलग होती हुई मुझे देखने लगी ,उसके फोन पर एक हल्की सी वाइब्रेशन हुई ,उसने msg टोन बन्द कर रखा था,पर मुझे क्या फर्क पड़ने वाला था,
“मैं पानी पीकर आता हु “मैं बिस्तर से खड़ा हुआ ,काजल की तो सांसे ही रुक गयी ,
“अरे पानी तो यही रखी है “,उसने एक बोतल मुझे देते हुए कहा 
“अरे जान आज थोड़ा सर्दी सा है ना मुझे थोड़ा कुनकुना करके पियूँगा पानी “मैं जाने लगा 
“आप रुकिए ना मैं ले आती हु “काजल भी उठ चुकी थी 
“अरे मेरी जानेमन इतना भी खयाल ना रखा करो की आपकी बुरी आदत ही लग जाय,कुछ काम मुझे भी कर लेने दिया करो तुम रुको मैं अभी गया और अभी आया ,”
लेकिन काजल फिर भी जल्दी से खड़े हो कर मुझसे पहले हो ली ..
“आप भी ना मैं गर्म कर रही हु पानी “वो जोरो से बोलते हुए बेडरूम से निकल कर कीचन में चले गयी ,वो हाल को क्रोस करके बेडरूम में गयी थी पर उसने हाल की लाइट नही चालू की थी ,मैं उसके पीछे आया और हाल की लाइट चालू कर दिया काजल जैसे घबरा गयी ,वो मुझे देखने लगी पर मैं मुस्कुराते हुए उसे ही देखता हुआ किचन में चला गया और पीछे से उसको पकड़ लिया ,वो अपनी सांसो पर काबू करने की कोशिस तो कर रही थी पर उसकी उखड़ी हुई सांसो का आभास मुझे साफ हो रहा था,उसने जैसे तैसे पानी हल्का सा कुनकुना किया और मैं एक गिलास पकड़कर वहां से बाहर आया काजल की आंखे हाल को निहार रही थी मैने भी एक नजर पूरे हाल ने घुमाई प्यारे कही नही दिखा ,लेकिन मैंने सोफे के नीचे से उसकी परछाई की झलक पा ली,वो साला चुतिया सोफे के नीचे छुपा बैठा था,मुझे हल्के से हँसी आयी मैने काजल से कुछ पानी रूम में लाकर रखने को कहा वो एक बर्तन में पानी पकड़कर बैडरूम में चली गयी और किचन की लाइट बन्द कर दी ,मैं हाल की लाइट चालू रखकर बैडरूम में चला गया ,काजल पानी रखकर पलटने ही वाली थी की मैंने उसे दबोच लिया ,
“अरे हाल की लाइट तो चालू है “
“तो रहने दो ना “
“मैं बन्द करके आती हु ना ,”
“अरे जाने दो जान “
मैं उसे बेड में गिरकर उसके ऊपर चढ़ गया….. 
काजल के मुह से आउच निकल गया जिसे शायद प्यारे भी सुन पा रहा होगा,मुझे बहुत ही एक्सएटमेंट की फीलिंग हो रही थी और मैं काजल पर ऐसे टूट पड़ा जैसे की कोई भूखा खाने पर,या कोई शेर अपने शिकार पर…
काजल को बेतहाशा चूमने लगा और जैसे ही मैंने अपनी जीभ उसके जीभ से मिलाई काजल भी प्यार की उस आग में किसी मोम की तरह पिघलने लगी,मुझे हल्की सी आहट सुनाई दी और मैंने काजल को अपने ऊपर कर लिया मैं उसके होठो को अपने होठो में भर कर चुम ही रहा था की मेरी नजर दरवाजे पर पड़ी और मेरी योजना सफल हो गयी ,मुझे पता था की प्यारे साला अपना कमीनापन नही छोड़ेगा और जरूर दरवाजे से झांकने की कोशिस करेगा इसलिए मैंने हाल की लाइट जलने दी थी ताकि उसकी परछाई से मुझे ये समझ आ जाए की वो दरवाजे में आ चुका है ,हुआ भी वही एक परछाई दरवाजे के नीचे से मेरे बैडरूम ने प्रवेश कर रही थी और मेरे चहरे पर एक मुस्कान खिल गयी ,ना जाने प्यारे ने काजल के साथ कितनी बार क्या किया है पर आज तो साले को मैं बताऊंगा की प्यार करना क्या होता है ,ये सोच कर ही मेरे लिंग में ऐसी अकड़ हुई की काजल के मुह से एक आह सी निकल गयी ,मैं अनजाने में ही उसके कपड़े के ऊपर से ही उसकी योनि में आघात कर रहा था,जब मुझे ये समझ आया तो मुझे हल्के से हँसी आ गयी ,काजल के ऊपर लेटे हुए मैं इतना धक्का देने में तो असमर्थ था की काजल की चीख निकल जाय मैंने उसे अपने नीचे पटक दिया और उसके कपड़ो को एक ही झटके में खोल दिया वो भी बहुत ही उत्तेजित हो चुकी थी ,मैं उसे चूमता हुआ ही अपने हाथो को बिस्तर के किनारे पर ले आया और वहां पड़े एक दर्पण को ऐसे सेट किया ताकि मैं दरवाजे से आते हुए उस प्रतिबिम्ब को देख सकू ,लाइट की वजह से प्यारे की परछाई का आभास मुझे हो पा रहा था लेकिन कुछ समझ नही आ रहा था की वो क्या कर रहा है,शायद काजल को भी उसके होने का आभास हो चुका था उसकी आंखों में एक अजीब सी मादकता उतर रही थी वही मैं उसके नजर को देख ही समझ चुका था की वो भी प्यारे की उस परछाई को देख चुकी है,वो मेरे बालो को अपने उंगलियों में ऐसे जकड़े हुए थी मैं सर ही ना हिला पाउ ,काजल के कोमल से वो गीले गीले से दोनो टांगो के बीच की नाजुक पंखुड़िया मेरे मोठे से लोहे की रॉड की तरह अकड़े हुए लिंग को अपने अंदर बुला रही थी और दोनो के गुप्तांगों के चमड़ी में वो खुजली होने लगी थी जिसे लोग कभी कभी प्यार का अहसास भी कहते है………
मैंने देर किये बिना अपने प्यार के अहसास की खुजली से काजल की खुजली को मिटाने के लिए उसके अंदर तक चला गया ,
“आआहहहहहहह मेरी जान “
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RE: Porn Sex Kahani रंगीली बीवी की मस्तियाँ - by sexstories - 12-21-2018, 10:45 PM

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