RE: Porn Sex Kahani रंगीली बीवी की मस्तियाँ
दोनो ही हाफ रहे थे और दोनो ही उस आनंद में डूबे थे जो हमे अभी अभी मिला था...वो गीलापन हमारे यौन अंगों से बाहर आ रहा था,चिपचिपे वीर्य में मिला काजल का कामरस मुझे इच्छा तो हुई की उसे पी लू पर उठाने की हिम्मत ही नही जुटा पाया और मुझे पूरा यकीन था की यही हाल काजल का भी हो रहा होगा उसे भी मेरा वीर्यपान करना बहुत ही पसंद था ,खासकर जब गहरे संतोष की दशा हमे घेरे हुए हो …………………
उखड़ती सांसो में मेरा प्यार काजल के अंदर जा रहा था और वो भी मेरे वीर्य को अपनी योनि सिकुडकर अपने अंदर ही रखने का प्रयाश कर रही थी ,मैं उसे और भिगोना चाहता था पर मेरे अभी का कोटा पूरा हो चुका था …………..
गर्माहट के अहसास से भीगे हुए हम लेटे हुए थे,अब भूख भी लगनी शुरू हो गयी थी,दोनो उठकर तैयार हुए,रेणु ने खाना बना कर रखा हुआ था,दोनो खाना खा कर फिर से बिस्तर में जाने का प्लान कर रहे थे,तभी मुझे याद आया की प्यारे की तबियत खराब थी चलो हाल चाल पूछ लेते है,काजल भी साथ गयी,प्यारे ने काजल को ऐसे निगाहों से देखा की मुझे थोड़ी सी हँसी आ गयी,उसकी निगाहों में डर साफ था…..
“कैसे हो काका “
“अब ठीक हु साहब”
“हम्म ज्यादा काम मत किया कीजिये ,अब तो रेणु भी आ गयी है आपका हाथ बटाने के लिए “
“जी जी”
“चलिए ठीक है आराम कीजिए “
हम दोनो वापस आ गए ,
वॉयस आकर काजल बाथरूम में चले गयी ,मैं अपने मोबाइल से काजल का वाट्सअप चेक करने लगा,
थोड़ी देर पहले ही उसने प्यारे से बात की थी,मेरा माथा ठनका अच्छा जब हम खाना खा रहे थे तो काजल मोबाइल पकड़े हुए थी शायद उसी समय कुछ बात हुई थी ,...
‘मेडम मुझे माफ कर दीजिये ‘
‘कोई बात नही काका तबियत कैसी है आपकी और आप मुझे बहुरानी ही कहा कीजिए’
‘अब थोड़ी अच्छी है पर……”
“पर क्या’
‘छोड़िए ‘
‘बोल भी दो ‘
‘आप मिल जाती तो …..’
‘अच्छा क्या करोगे मिलकर “(शायद ये लिखते समय काजल के होठो में एक शरारती सी मुस्कान आयी होगी ,और प्यारे का दिल भी खिल गया होगा}
‘जो करते थे ‘
‘वो तो नही हो पायेगा ‘
‘ठीक है तो मिल बस लेने दीजिये ‘
‘ह्म्म्म ठीक है पर जल्दी से चले जाना ,’
‘ओक्के ‘
‘आ जाना मैं दरवाजा बंद नही करूँगी ,ये भी आज जल्दी ही सो जाएंगे “
“ओककक “प्यारे ने बहुत सी स्माइल भेजी….
अच्छा तो काजल को लगता है की मैं जल्दी ही सो जाऊंगा...काजल की ये बहुत बड़ी भूल थी आज तो मैं पूरे मूड में था …….
काजल के बाहर आने पर मैंने उसे फिर से जकड़ लिया ,मुझे पता था की प्यारे अब आने ही वाला होगा,या थोड़ी ही देर में आ जाएगा,क्योकि काजल को भी सुबह जल्दी जाना होता है…
“क्यो मन नही भरा क्या आपका “
“अरे मेरी जान तुझसे कैसे मेरा मन भर जाएगा ,तू तो मेरी रानी है”
काजल भी मेरे सीने में अपना सर रखकर मुझे जकड़ ली ,
“सोने दीजिये ना कल जल्दी ही जाना होगा,बहुत काम होता ही वहां भी ,”
“सो जाओ ना मैं कब मना कर रहा हु मेरी रानी,”
मैं उसके सर पर अपना हाथ फेरने लगा और तभी मुझे एक हल्की सी आहट हुई मैं और काजल दोनो ही समझ चुके थे की प्यारे अंदर आ गया है,उस आहट पर हम दोनो ही अनजान बनने की कोसिस कर रहे थे ,काजल मुझे जल्दी से सुलाना चाहती थी और मैं इन दोनो को सतना……..
मैं काजल को फिर से नीचे लाकर उसके होठो में अपने होठो को डाल दिया,मुझे पता था की काजल कभी भी मुझे मना नही करेगी..काजल ने एक प्यार भरी नजर मुझ पर डाली और मेरा साथ देने लगी दोनो के होठो के मिलन से एक चपचपाने की ध्वनि सी उत्पन्न हुई ,और वही आनद…………
काजल मेरे लिये हमेशा ही नई सी थी वही अदा वही समर्पण जो के नई नवेली दुल्हन में होता है मैंने उसमे हमेशा से वही बात पाई थी ,आज भी मुझे कभी ऐसा नही लगा की मैं इस लड़की के साथ इतना समय बिता चुका हु ...वो किसी फूल सी ताजा लगती थी और उसकी खुसबू से मेरा मन हमेशा ही महक सा जाता था……
“आप भी ना “
काजल थोड़ा अलग होती हुई मुझे देखने लगी ,उसके फोन पर एक हल्की सी वाइब्रेशन हुई ,उसने msg टोन बन्द कर रखा था,पर मुझे क्या फर्क पड़ने वाला था,
“मैं पानी पीकर आता हु “मैं बिस्तर से खड़ा हुआ ,काजल की तो सांसे ही रुक गयी ,
“अरे पानी तो यही रखी है “,उसने एक बोतल मुझे देते हुए कहा
“अरे जान आज थोड़ा सर्दी सा है ना मुझे थोड़ा कुनकुना करके पियूँगा पानी “मैं जाने लगा
“आप रुकिए ना मैं ले आती हु “काजल भी उठ चुकी थी
“अरे मेरी जानेमन इतना भी खयाल ना रखा करो की आपकी बुरी आदत ही लग जाय,कुछ काम मुझे भी कर लेने दिया करो तुम रुको मैं अभी गया और अभी आया ,”
लेकिन काजल फिर भी जल्दी से खड़े हो कर मुझसे पहले हो ली ..
“आप भी ना मैं गर्म कर रही हु पानी “वो जोरो से बोलते हुए बेडरूम से निकल कर कीचन में चले गयी ,वो हाल को क्रोस करके बेडरूम में गयी थी पर उसने हाल की लाइट नही चालू की थी ,मैं उसके पीछे आया और हाल की लाइट चालू कर दिया काजल जैसे घबरा गयी ,वो मुझे देखने लगी पर मैं मुस्कुराते हुए उसे ही देखता हुआ किचन में चला गया और पीछे से उसको पकड़ लिया ,वो अपनी सांसो पर काबू करने की कोशिस तो कर रही थी पर उसकी उखड़ी हुई सांसो का आभास मुझे साफ हो रहा था,उसने जैसे तैसे पानी हल्का सा कुनकुना किया और मैं एक गिलास पकड़कर वहां से बाहर आया काजल की आंखे हाल को निहार रही थी मैने भी एक नजर पूरे हाल ने घुमाई प्यारे कही नही दिखा ,लेकिन मैंने सोफे के नीचे से उसकी परछाई की झलक पा ली,वो साला चुतिया सोफे के नीचे छुपा बैठा था,मुझे हल्के से हँसी आयी मैने काजल से कुछ पानी रूम में लाकर रखने को कहा वो एक बर्तन में पानी पकड़कर बैडरूम में चली गयी और किचन की लाइट बन्द कर दी ,मैं हाल की लाइट चालू रखकर बैडरूम में चला गया ,काजल पानी रखकर पलटने ही वाली थी की मैंने उसे दबोच लिया ,
“अरे हाल की लाइट तो चालू है “
“तो रहने दो ना “
“मैं बन्द करके आती हु ना ,”
“अरे जाने दो जान “
मैं उसे बेड में गिरकर उसके ऊपर चढ़ गया…..
काजल के मुह से आउच निकल गया जिसे शायद प्यारे भी सुन पा रहा होगा,मुझे बहुत ही एक्सएटमेंट की फीलिंग हो रही थी और मैं काजल पर ऐसे टूट पड़ा जैसे की कोई भूखा खाने पर,या कोई शेर अपने शिकार पर…
काजल को बेतहाशा चूमने लगा और जैसे ही मैंने अपनी जीभ उसके जीभ से मिलाई काजल भी प्यार की उस आग में किसी मोम की तरह पिघलने लगी,मुझे हल्की सी आहट सुनाई दी और मैंने काजल को अपने ऊपर कर लिया मैं उसके होठो को अपने होठो में भर कर चुम ही रहा था की मेरी नजर दरवाजे पर पड़ी और मेरी योजना सफल हो गयी ,मुझे पता था की प्यारे साला अपना कमीनापन नही छोड़ेगा और जरूर दरवाजे से झांकने की कोशिस करेगा इसलिए मैंने हाल की लाइट जलने दी थी ताकि उसकी परछाई से मुझे ये समझ आ जाए की वो दरवाजे में आ चुका है ,हुआ भी वही एक परछाई दरवाजे के नीचे से मेरे बैडरूम ने प्रवेश कर रही थी और मेरे चहरे पर एक मुस्कान खिल गयी ,ना जाने प्यारे ने काजल के साथ कितनी बार क्या किया है पर आज तो साले को मैं बताऊंगा की प्यार करना क्या होता है ,ये सोच कर ही मेरे लिंग में ऐसी अकड़ हुई की काजल के मुह से एक आह सी निकल गयी ,मैं अनजाने में ही उसके कपड़े के ऊपर से ही उसकी योनि में आघात कर रहा था,जब मुझे ये समझ आया तो मुझे हल्के से हँसी आ गयी ,काजल के ऊपर लेटे हुए मैं इतना धक्का देने में तो असमर्थ था की काजल की चीख निकल जाय मैंने उसे अपने नीचे पटक दिया और उसके कपड़ो को एक ही झटके में खोल दिया वो भी बहुत ही उत्तेजित हो चुकी थी ,मैं उसे चूमता हुआ ही अपने हाथो को बिस्तर के किनारे पर ले आया और वहां पड़े एक दर्पण को ऐसे सेट किया ताकि मैं दरवाजे से आते हुए उस प्रतिबिम्ब को देख सकू ,लाइट की वजह से प्यारे की परछाई का आभास मुझे हो पा रहा था लेकिन कुछ समझ नही आ रहा था की वो क्या कर रहा है,शायद काजल को भी उसके होने का आभास हो चुका था उसकी आंखों में एक अजीब सी मादकता उतर रही थी वही मैं उसके नजर को देख ही समझ चुका था की वो भी प्यारे की उस परछाई को देख चुकी है,वो मेरे बालो को अपने उंगलियों में ऐसे जकड़े हुए थी मैं सर ही ना हिला पाउ ,काजल के कोमल से वो गीले गीले से दोनो टांगो के बीच की नाजुक पंखुड़िया मेरे मोठे से लोहे की रॉड की तरह अकड़े हुए लिंग को अपने अंदर बुला रही थी और दोनो के गुप्तांगों के चमड़ी में वो खुजली होने लगी थी जिसे लोग कभी कभी प्यार का अहसास भी कहते है………
मैंने देर किये बिना अपने प्यार के अहसास की खुजली से काजल की खुजली को मिटाने के लिए उसके अंदर तक चला गया ,
“आआहहहहहहह मेरी जान “
काजल की आवाज पहले से थोड़ी तेज थी शायद वो भी प्यारे को हमारे प्यार की गहराई से अवगत कराना चाहती थी ,
“मजा आ रहा है मेरी रानी “
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