RE: Porn Sex Kahani रंगीली बीवी की मस्तियाँ
काजल हैरानी से जल्दी से उतर कर मेरे पास आयी पर मैं तब तक अपने कमरे में जा चुका था,उसने मुझे देखा मैं थोड़ा सीरियस सा फेस बना कर बिस्तर में बैठा था ,मैंने उसे इशारे से दरवाजा बंद करने को कहा ,काजल जरूर ये समझ चुकी थी की कुछ तो गड़बड़ है शायद उसे ये लग रहा था की उसका ये मुझे बिना बताये जीन्स पहनना मुझे पसंद नही आया होगा या और कुछ ,ऐसे भी उसका जीन्स बहुत ही कामुक लग रहा था,पिछवाड़े का पूरा प्रदर्शन और साथ ही उसके कैसे हुए स्तनों की चोटी ऐसे भी उसके स्तन बहुत ही बड़े और आकर्षक थे…
काजल इस अहसास से अपनी नजर झुककर मेरे सामने खड़ी हो गयी …...मैं कुछ बोलता उससे पहले ही बोलने लगी…
“जान मुझे माफ कर सो मैंने आपसे बिना पूछे ही ये कपड़े पहन लिए मैं इसे अभी चेंज करती हु..”
मेरे होठो में एक मुस्कान फैल गयी और मैने उसका हाथ पकड़कर उसे अपने साथ बिस्तर में गिरा दिया….
“गलती तो की है जान लेकिन इसे पहनकर नही ऐसे मुझे बिना ही कुछ दिए जा कर ….कसम से कयामत लग रही हो और ऐसे कपड़े भी पहना करो यार ,मुझे पता होता की मेरी जान इतनी कयामत लगती है तो कब का मैं तुम्हारे लिए ले आता …..अब मुझे थोड़ा प्यार दे दो तुम्हे ऐसे देखकर तड़फ गया हु ….”
मैं काजल के ऊपर कूद गया और उसके होठो को पूरे ताकत से चूसने लगा,उसके होठो में लगी हलके लिपिस्टिक की लाली फैल गयी और वो भी मेरे उतावलेपन पर हसने लगी,थोड़ी देर में उसने अपना हाथ मेरे सर पर कसकर पकड़ा और मुझे जोरो से किश करने लगी,कितनी अच्छी बीवी मिली है मुझे जिसके दो आशिक उसका बाहर वैट कर रहे है और वो पूरे इत्मीनान से मुझे प्यार दे रही है …..
काजल की ये बात मुझे सबसे अच्छी लगती थी की वो हमेशा ही रेडी रहती थी ,मेरे हाथ भी अब खेलने लगे थे और उसके नितंबो से लेकर उसकी जांघो को सहलाने लगे थे ,मेरा लिंग भी अब पूरी तरह से तन चुका था ,पर मुझे भी पता था की हम ज्यादा देर तक ये लीला नही कर सकते और जल्दबाजी मुझे भी पसंद नही है….
आखिर मैंने ही उसे छोड़ा..
“जान मन है तो कर लीजिये ना ,.........जल्दी से “
काजल ने बड़े ही प्यार से कहा की मेरा दिल ही बाग बाग हो गया,क्या बीवी है मेरी यार………….
सबकुछ करने को तैयार बस मेरी खुशी के लिए बस वो एक चीज ही इसके बेतहाशा अच्छाई को कम कर देती थी ,जो शायद वो मुझसे हमेशा ही छुपाना चाहती थी और भी यही चाहता था की उसे ये कभी भी ना पता चले,मैं उसे इसीतरह प्यार करना चाहता था ,और प्यार पाना चाहता था ,मैं सोचता था की काश मैं उस रात उठा ही ना होता ,और मुझे पता ही ना होता की मेरी प्यारी सी काजल मेरे पीछे क्या करती है.,.....
लेकिन जो हो चुका है वो तो हो ही चुका है,मैंने अपने पूरे अस्तित्व में फैले हुए प्यार को इकठ्ठा किया और उसके होठो में एक हल्की सी चुम्मन दे दी,वो चुम्मन इतना प्यार भरा था की उसका आभास शायद काजल के मन की गहराइयों तक पहुच गया उसका सबूत था उसकी आंखों में आया हुआ वो आंसू...वो मुझसे लिपट गई ,
“जान मैं तुमसे कभी भी सेक्स नही करना चाहता मैं तुमसे बस प्यार करना चाहता हु ……..इसलिए कोई भी जल्दबाजी नही तुम आराम से आओ फिर पूरी रात तो मेरी और मेरे जान की है…….
काजल ने फिर से मेरी आंखों में देखा और मेरे होठो को अपने होठो में भर लिया ,उसके आंखों में अब भी वो आंसू तैर रहा था……………………………………
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