RE: Porn Sex Kahani रंगीली बीवी की मस्तियाँ
काजल के जाने के बाद मुझे फिर से अपना मोबाइल देखना ही व्यर्थ लगा,कुछ दिल में टूट सा गया था,क्या था मुझे नही पता,मेरे ही बिस्तर पर मेरी ही पत्नी इतनी सुबह मेरी गैरमौजूदगी में…..जो हुआ मुझे इससे दुख तो नही हुआ पर मेरे लिए ये किसी भी प्रकार की खुशी भी नही थी,मुझे लगा था की काजल कम से कम पटने में तो समय लेगी पर ये जानना बड़ा ही आश्चर्यजनक था की कल तक जिस रॉकी उसे पटा रहा था आज वो उसके साथ ऐसी हरकत…..
शायद वो प्यारे के साथ वो सब करती तो मुझे उतना अजीब नही लगता,
एक नवजवान से लड़का जो मुझे सर सर कह कर पुकारता है ,मादरचोद मेरी ही बीवी को मेरे ही बिस्तर पर चोद कर चला गया,वो भी सिर्फ एक दिन उसकी तारीफ करके,
माथा तो खनक गया था पर शायद काजल इतनी भी जल्दी पटने वाली लड़की नही थी,शायद वो काजल को तब से पटा रहा हो जब से मैं उसे नही जानता,ऐसे भी काजल के भैया उसके जान पहचान के थे…...ह्म्म्म हो तो सकता है ,या नही भी चलो जो भी हो मेरी बीवी ने तो अपने कारनामे दिखा ही दिए और वो मेरे ही जानने वाले दो मर्दो से चुद चुकी थी तो अब डर कहे का,साला अब कहे की शर्म हाय ,वो मस्ती करे तो मैं पीछे क्यो रहू,तो क्या उसे दुसरो से चुदते हुए देखना ही मेरी मस्ती है,..............मेरे दिमाग ने एक लहर सी उठी नही यार क्यो न मैं भी किसी को ट्राय करू.पर किसे….
मैं जिनको जानता था उनमे से कोई भी ऐसा नही था जिसे मैं ट्राय कर सकू...सभी या तो बहुत ही बदसूरत सी अधेड़ औरते थी या तो बहुत ही छोटी थी जिन्हें पटाना मेरे दिल को गवाही नही दे रहा था,तो फिर किसे मैंने अपना मीटर घुमाया,एक लड़की मेरे लायक थी,रघु की बीवी …………..
नही यार……….
हा ना यार…………
अरे नही यार इतना भी स्टैंडर मत गिरा………..
अबे मादरचोद जब तेरी बीवी एक नॉकर से चुद सकती है तो तू अपने ड्राइवर की बीवी को क्यो नही चोद सकता……….
हम्म्म्म……..
मैं मन में ही अपने से बातें करने लगा,
तो क्या मैं सच में ऐसा कर सकता हु……..
क्यो नही…….
लेकिन मैं तो काजल से प्यार करता हु ना……..
पर साले वो भी तो तुझसे प्यार करती है न पर वो भी तो …………..
पर उसकी तो मजबूरी है ना………
तो रे मादरचोद तू कौनसा तीसमारखाँ है,तेरी बीवी को दूसरे पटक पटक के चोद रहे है और तू यहां शराफत दिखा रहा है,स्टैंडर की बात कर रहा है,क्या इतनी मजबूरी काफी नही है की तू भी बाहर किसी से एन्जॉय करे ज्यादा नही, देगी तो ले लेना नही तो ऐसे भी तो तुझे भईया तो बोलती ही है,सोच साले साली के क्या बड़े बड़े मम्मे है……….सोच….
मेरी अंदर की एक शैतानी सी आवाज ने मुझे झकझोर सा दिया और जब मुझे होश आया तो मैंने अपने नीचे के भाग में गौर किया वहाँ एक बड़ा सा तंबू बना था…..मैंने अपने तंबू को मसला और मेरे मुह से अनायास ही निकल गया…
“हाय रे रेणु…….”
जब मैं ऑफिस के लिए निकाला तो मैंने रघु से बात की,
“यार रघु तुझे एक बात बोलू …”
“जी सर बोलिये ना”
जब से मैंने उसे गली दी थी तब से वो मुझसे थोड़ा डरा सा रहता था,
“यार मुझे एक कामवाली कम केयर टेकर चाहिए,क्या है काजल अब काम में जाने लगी थी और उसके लिए सभी जगह को अच्छे से मैनेज करना थोड़ा मुश्किल सा हो जा रहा है,मुझे एक भरोसेमंद औरत चाहिए जिसपर भरोसा किया जा सके और साथ ही जो कम से कम अच्छा खाना बनाये….”
रघु कुछ देर तक चुप ही रहा फिर
“साहब वो प्यारे भी तो अच्छा खाना बना लेता है और वो तो आपके पूरे घर का काम हमेशा से पूरा ही करता आया है,...”
“हा वो तो ठीक है यार पर अब साला बुड्डा हो गया है ऐसे भी जब से काजल के हाथो का स्वाद लगा है उसके हाथ का खाना कुछ मजा नही आता है ,कोई और हो तो बता,काम तो कुछ खास होगा नही और जो बन पड़े वो पगार देख लेंगे…”
रघु को शायद ये आफर बहुत ही अच्छा लगा,ऐसे भी उसका घर मेरे बंगले से कुछ ही दूर था ,और उसकी बीवी रेणु भी वहां टहलने को आते जाते रहती थी ,काजल कभी कभी उसे काम भी बता देती ,रेणु और काजल की खूब जमती भी थी ,तो जब बिना किसी खासे मेहनत के पैसे मिल रहे हो तो कौन छोड़े…
“सर आप बोले तो मैं रेणु से बात कर लेता हु,ऐसे भी घर भी पास ही कुछ देर भी हो जाएगी तो परेशानी नही होगी और वो भी घर में बैठे बैठे बोर ही होती है,और उसके हाथ का खाना मुझे तो बहुत पसंद है और मेडम को भी …..तो आप बोलो तो ..”
मेरे चहरे पर एक सफल सी मुस्कान खिल गयी..
“यार इसमें बोलने की क्या बात है रेणु रहेगी तो मुझे और काजल को किसी भी बात की कोई भी फिकर ही नही है...कल से ही और कल क्या आज से ही उसे बोल दे कि मेरा घर जाकर खाना बना दे…”
“जी सर आफिस पहुचकर उसे काल करता हु…..”
मेरे चहरे में एक गजब की खुसी छलक रही थी ,सोचा था साला की कोई जंग जीत लूंगा,लेकिन मुझे क्या पता था की मैं तो यहां खेल ही नही रहा हु जितने की बात ही दूर है………
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