RE: Porn Sex Kahani रंगीली बीवी की मस्तियाँ
आज की रात मेरे लिए मेरे लिए बड़ी बेताबी की रात होने वाली थी,काजल ने प्यारे को कह रखा था कि मेरे सोने के बाद वो उसके रूम में आएगी,मतलब था मुझे कुछ भी दिखाई नही देने वाला था ,
काजल रात में थोड़ी सुस्त दिखी,
“क्या हुआ जान,आज बड़ी सुस्त लग रही ही,काम से थक गई हो लगता है,”
मैने उसे अपने ऊपर खिंचते हुए कहा…वो मेरी बांहो में मचल कर समा गई..
“हा जान काम बहुत हो जा रहा है,इतना काम करने की आदत नही है मुझे...दिन भर काम करने वालो से कचकच,भला हो रॉकी का वो पूरा दौड़भाग के काम सम्हाल लेता है वरना मैं अकेली तो …..उफ्फ्फ जल्दी से होटल बन कर तैयार हो जाय तो थोड़ा आराम आएगा”
काजल मेरे सीने में मचलने लगी,मैं उसके होठो को अपने उंगलियों से सहलाते हुए एक उंगली उसके मुह में डाल दिया वो हल्के से उसे चूसने लगी,
मेरी काजल बला की खूबसूरती, हर एक अंग जैसे बड़ी मेहनत से तराशा गया हो,होठो पर प्यारी ही मुस्कान और आंखों में बेपनाह प्यार, उसके नजरो की नजाकत से ही दिल मे एक सुकून भर जाता था,
उसने अपनी मदभरे नयनो से मुझे देखा, इतनी चाहत इतना प्यार….
मैं उसे देखकर खुद को रोक ही नही पाया,और उसके आंखों पर अपने होठो को रख दिया,उसके चेहरे की मुस्कान और भी गहरा गयी..और वो फिर से मचलती हुई मेरे सीने से लग गयी…
आज मैं इससे ज्यादा बढ़ना भी नही चाहता था बस चाहता था कि उसे महसूस करू, अपनी रूह तक उसकी कोमलता को पहुचने दु...उसके कोमल अंगों को बस हल्के हाथों से सहला रहा था,और वो भी मेरे सीने में सर रखे बस सो रही थी ,मैंने भी अपनी आंखें बंद कर ली और अपने हाथों को उसके शरीर से लिपटा कर गहरी सांसे ले अपनी जान को महसूस करने लगा...ना जाने कब हम दोनों ही नींद के आगोश में चले गए थे..
जब नींद खुली तो सुबह हो चुकी थी काजल अब भी उसी तरह मेरे ऊपर लेती हुई थी मैं फिर से उसे निहारने लगा,वो सौंदर्य की प्रतिमा सोते हुए भी इतनी प्यारी लग रही थी….
अचानक मुझे याद आया कि उसे तो प्यारे ने अपने कमरे में बुलाया था,मैंने फिर काजल को देखा उसके शरीर से कपड़ो से ऐसे तो लग ही नही रहा था कि वो यहां से कही भी गयी हो…
एक अनजानी सी खुशी ने मुझे घेर लिया,पर साथ ही एक अनजाना से दुख भी था…
मैंने पास पड़े अपने मोबाइल को चेक किया ,और उससे ही काजल का मोबाइल एक्सेस किया,प्यारे रात भर काजल को आने के मैसेज किया था,साथ ही अपना दुखड़ा रोना और काजल को इमोशनल ब्लैकमेल करने की पूरी कोसिस उसने अपने तरफ से की थी,मुझे पता था कि जब काजल इसे पड़ेगी तो उसे अपने सो जाने पर थोड़ा पछतावा होगा ,फिर भी मुझे प्यारे पर हँसी आ रही थी ,मैं काजल को युही सोता हुआ छोड़कर जॉगिंग के लिए निकल पड़ा...कई दिनों से मैं गार्डन भी नही गया था,आज मन भी खुश था और नींद भी जल्दी ही खुल गयी थी,मैं जल्दी से तैयार हुआ और जाने से पहले मेरे दिमाग मे एक बात आई,मैंने बहुत खोजबीन कर कुछ सॉफ्टवेयर का पता लगाया था उसमें एक से मैं कही से भी अपने लेपटॉप को wifi के जरिये से एक्सेस कर सकता था,मेरे लिए एक जासूसी जैसे ही थी कि मैं लेपटॉप में एक हिडन वीडियो रेकॉर्डर इंस्टॉल कर उसे प्ले कर देता और उसे कही से भी बैठकर देखता पर उसकी अभी तक जरूरत ही नही पड़ रही थी,आज मैं उसे टेस्ट करने की सोची और लेपटॉप को खोलकर ऐसे सेट किया कि सोती हुई काजल के चहरे और सीने तक का हिस्सा मुझे क्लियर दिखे, मैं रेकॉर्डर चला कर वहाँ से चल दिया,घर से निकलकर चेक किया तो खुश हो गया मुझे काजल का सोता हुआ मासूम से चेहरा दिखाने लगा था,मैंने अपनी जोगिग शुरू कर दी….
लगभग आधे घंटे बाद जब मैं रुका मैं गार्डन में था और मेरी गार्डन वाली काजल (पेड़) मेरे सामने थी ,मैंने उसे बड़े प्यार से छुआ ना जाने को से वो लोग थे जो इस बेजुबान पेड़ को भी नही बक्शते इसे भी पत्थरो से कई जगह पर छिल डाला था,कोई अपना नाम लिखा था तो कोई अपने सनम का नाम..मुझे थोड़ी उदासी हुई पर वो थोड़ी बड़ी लग रही थी,मैं पास ही बैठकर आराम करने लगा,मुझे इस काजल(पेड़) को देखकर अपनी काजल की याद आ गयी मैंने सोचा चलो देखते है मेरी काजल क्या कर रही है,मैं अपना मोब लिए देखने लगा,,
काजल पीठ के बल लेटी हुई थी उसकी आंखें अब भी बंद थी,मैं उसके साइड में रखे लेपटॉप के कैमरे से उसे देख पा रहा था,इसलिए बस एक तरफ का चेहरा ही मुझे दिखाई दे रहा था,मुझे उसे देखकर बड़ा प्यार आया ,पर ये क्या उसके बाल तो बिखरे हुए थे,मेरा माथा ठनका,मैंने ध्यान से देखा तो समझते देर नही लगी कि किसी ने अभी अभी उसे अच्छे से मसाला है,उसने अभी भी रात वाली सलवार सूट ही पहनी थी,थोड़ी ढीली ढाली सी ,उसके उजोरो की चोटी उसके सूट से ही थोड़े थोड़े झांक रहे थे ,और किसी के बुरी तरह से मसलने से बनी उसकी सिलवटे साफ दिखाई दे रही थी,
अचानक ही देखते ही देखते काजल का मुह खुला,मुझे कोई ऑडियो तो सुनाई नही दे रही थी पर ये एक्सप्रेशन शायद ही कोई मर्द पहचान ना पाए,हा लिंग के किसी के अंदर घुसने से बना एक्सप्रेशन… वो हल्के से मुह का खुल जाना… मुह के खुलते ही उसका शरीर भी थोड़ा ऊपर को हुआ और फिर से अपनी जगह पर आ गया,मुझे बस काजल के उरोरो तक ही दिख रहा था,शायद वो थोड़ी और नीचे हुई थी,ये सोचकर ही मेरा खून खोल गया कि क्या वो प्यारे है,मैं इंतजार कर रहा था कि शायद वो उसके होठो का रस चूसने नीचे आये और उसका चेहरा मेरे सामने होगा ,पर ये क्या काजल को ही उठा लिया ,शायद उसके कमर में हाथ डालकर उसे उठाया था ,मुझे उसके हाथ भी दिखाई नही दिए,मैं मजबूर से देख रहा था,कभी कभी काजल के बाल दिख जाते जब वो थोड़ी नीचे हुई तो लगा जैसे उसे कोई किस कर रहा हो काजल बिस्तर में बैठी थी उसके बाल और थोड़े से उसके चेहरे का हिस्सा मुझे दिखाई दे रहा था,साथ ही उसका हाथ भी बिस्तर पर सहारे की तरह रखा था कभी कभी वो ऊपर नीचे होती पर दोनो ही एक दूजे के होठो के रसपान में ही व्यस्त थे,फिर काजल नीचे सोई इसबार उसका चेहरा कैमरे की तरफ घुमा था,आंखे बंद थी और शरीर जल्दी जल्दी *ऊपर नीचे होने लगा था,काजल ने अपने होठो को अपने दांतों में दबा रखा था,उसके हाथ अपने चेहरे पर जाते तो कभी आगे बढ जाते जैसे वो उसे जोर से धक्के देने से रोक रही हो….
उसके चेहरे पर उत्तेजना के भाव साफ दिख रहे थे,माथे पर पसीने की कुछ बूंदे आ रही थी,काश मैं उसकी आवाज भी सुन पता जरूर वो साल उसे कुछ कह रहा होगा,तभी एक मजबूत सा हाथ मेरी नजर में आया,जो सीधे काजल के गले से होता हुआ अपना हाथ उसकी कमीज के अंदर घुसा दिया,साला मैं जान के स्तनों को इतने बेरहमी से मसल रहा था,काजल जरूर जोरो से आहे भर रही होगी उसके होठ खुले हुए थे और मैं उसे महसूस कर पा रहा था,उसने अपना हाथ बाहर निकाला और अब वो अपने हाथ के सहारे काजल पर झुक गया,उसके दोनों हाथ काजल के दोनो ओर थे साला मेरी बीवी को पूरे जोर में चोदने की तैयारी कर रहा था,
मैं उस हाथ को फिर से देखा उसने तो घड़ी पहन रखी थी,मेरा दिमाग खटका इतनी महंगी घड़ी प्यारे कि तो नही हो सकती….तो फिर कौन….
मेरे दिमाग की हवाइयां उड़ गई मैं उसे जल्दी से बंद किया और घर की तरफ भागा… अब कितना भी तेज भागु 15 मिनट तो लगेंगे ही,टैब तक तो साले अपना काम पूरा कर चुके होंगे पर मैं भागा, धड़कने तो ऐसे भी तेज थी मैं शायद ही जिंदगी ने कभी इतना तेज भागा था,पता नही क्या सुरूर से चढ़ गया था मेरे अंदर ….
जब मैं अपने क्वाटर में पहुँचा तब तक मेरी हालत पूरी तरह से खराब थी मेरी धड़कने ऐसे चल रही थी जैसे राजधानी एक्सप्रेस, लग रहा था अब मार तब मारा, बाहर का गेट मैं खोलकर ही गया था पर अभी ये अंदर से बंद था,अंदर देखा तो रॉकी की गाड़ी खड़ी थी,
मादरचोद ये क्या है,ये तो अभी अभी लाइन मरना शुरू किया था,और आज ...यर काजल है क्या सेक्स मशीन इतनी जल्दी तो रंडी भी सौदा फिक्स नही करती...मैं अपना हाथ अंदर डाल कर गेट खोला ,प्यारे के रूम की तरफ देखा वो बंद था,इस मादरचोद को क्या हो गया जो अभी तक नही उठा है,मैंने मैन में ही कहा,मेरे सरकारी पुराने लोहे के गेट ने मेरी आने की सूचना शायद अंदर तक दे दी हो,इतना आवाज करता था कि कोई भी समझ जाएं, मैं अंदर गया तो रॉकी को सोफे में बैठा पाया,उसने पहली नजर में मुझे ऐसे देखा जैसे साल मार ही डालेगा,शायद मैंने जल्दी आके उसका खेल बिगड़ दिया था,15 मिनट तो दिए थे इनलोगो को अब क्या दिन भर इनके लिए बाहर रहू… मैं फिर मन मे सोचा,
लेकिन रॉकी ने अपने एक्सप्रेशन तुरंत बदले और उठकर मुझसे हाथ मिलाया,मैं भी अपने होठों पर झूठे एक्सप्रेशन लाने में कामयाब रहा,
“आज इतने जल्दी”
“हा सर वो आज एक क्लाइंट के साथ मीटिंग है ,कल मैंने काजल को मैसेज किया था पर वो रिप्लाई ही नही की,इसलिए आज जल्दी आ गया,”
“ओह ओक्के, काजल कहाँ है,”
“वो तैयार हो रही है,आप रोज दौड़ने जाते है,its गुड फ़ॉर हेल्थ “
मेरी तो सांसे ही थोड़ी देर ले लिए रुक गयी ,मादरचोद रोज मेरी बीवी को सुबह सुबह चोदना चाहता है क्या,लेकिन मैंने सम्हल के कहा ,
“नही आज जल्दी उठ गया था तो सोचा कि चलो”
“बढ़िया किये सर कभी कभी सुबह उठकर दौड़ना चाहिए”
रॉकी के चहरे में एक मुस्कान आ गयी,और मैं सब जानते हुए भी अनजान बने उससे इजाजत लेकर अपने कमरे में चला गया...
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