RE: Porn Sex Kahani रंगीली बीवी की मस्तियाँ
इधर मेरे लिंग में हरकत तो होने लगी थी पर साथ ही मैं उस लड़की की जगह काजल को देखने लगा था,मैंने अभी तक उस लड़की में काजल को ही देखा था और उसका नाक नक्श और अदाए भी काजल की तरह ही थी ,और शायद उसकी ये हरकत भी ,......मैं अजीब से कश्मकस में था एक ओर मुझे लग रहा था की मैं यहाँ से भाग जाऊ ,क्योकि मेरे आँखों में ये देखकर आंसू थे ,वही मेरा लिंग पूरी तरह से अकड़ चूका था और मेरा हाथ वहा जाकर उसे मसल रहा था,इशार काम लीला पुरे सबाब में थी इधर मेरी उत्तेजना भी बहुत बड रही थी ,साथ ही मेरा गुस्सा और ग्लानी और ना जाने क्या क्या ..........आखिर उनके इस खेल का अंत दोनों के एक चीख से हुआ लड़की चीख कर उस शख्स के ऊपर निढाल हो गयी ,एक संतुष्टि का भाव उसके चहरे पर था ,मेरी नजर जब निचे गयी तो मैंने देखा की उस शख्स का गढ़ा वीर्य उसकी योनी से रिस रहा है वो अभी भी हलके हलके धक्के लगा रहा था ...और उस लड़की वो बड़े जोरो से पकड़ कर उसे चूमे जा रहा था ,वही उसका पति अब खड़ा हो चूका था और उस लड़की से लिपट कर उसके उजोरो पर अपने मुह को टीकाकार उसे चूसने की कोशिस कर रहा था ,थोड़ीदेर में लड़की ने आँखे खोली अपने पति को देखा और उसके होठो को चुमते हुए उसे थैंक्स कहा ,.....लड़के ने उसे मुस्काते हुए देखा
"जान अभी तो पार्टी शुरू हुई है ,"तीनो हसने लगे और लड़की फिर से अपने पति के होठो को चूसने लगी ,मैंने अपने बाजु में खड़े डॉ को देखा वो वहा नहीं दिखाई दिया मैंने इधर उधर देखा ,वो अँधेरे में खो गया था ,मुझे समझ आ गया की वो मुझे यहाँ छोड़ कर चला गया है ताकि मैं उसके कारन असमंजस की स्थिति महसूस ना करू ,..........मैंने अपने लिंग को छोड़ा अंदर फिर से शायद कुछ होने वाला था पर मैं अब देखने की हालत में नहीं था...मेरे लिंग की उत्तेजना भी अब खत्म हो चुकी थी और एक ग्लानी,शर्म,जलन और क्रोध का मिला जुला भाव मेरे अंदर समां चूका था ................मैंने परदे खिचे और हेडफोन को वही लटकता छोड़ा और वहा से निकलने लगा ..........
मैं उन नम्बरो को ढूंढता हुआ उस दरवाजे तक आया और केबिन के अंदर प्रवेश किया ,वहां मौजूद तीनो शख्स मुझे घूरने लगे पर मेरी नजर बस डॉ पर थी वो मुझे घूरे जा रहा था ,उसके चहरे पर कोई भी भाव नही थे ,बस मुझे देख रहा था जैसे मेरे किसी प्रतिक्रिया की कामना कर रहा हो ,,मेरी आँखे जल रही थी शायद वो अभी सुर्ख लाल रंग की होंगी ,मैं कोई भी प्रतिक्रिया किये बिन ही वहां से जाने लगा ,डॉ शायद मुझे कुछ कहने को खड़ा हुआ था पर मैं उसके किसी भी बात का इंतजार किये बिना ही वहां से बड़ी ही तेजी से निकल गया ,मेरे तन मन में एक आग सी लगी थी ,मैं सीधे क्लब के बार में पहुचा और 3 लार्ज पैक विस्की के पी गया,चौथा पैक भी मेरे सामने था की मुझे पीछे से किसी की आवाज सुनाई दी…..
“जो तुमने देखा उसे cuckold कहते है “
ये उस मादरचोद डॉ की ही आवाज थी ,मेरे गुस्से का बांध जैसे टूट गया था,मैंने पीछे पलटकर सीधे डॉ का कालर पकड़ लिया,
“मुझे पता है मादरचोद की उसे क्या कहते है ,और तू चाहता क्या है ,की मैं भी उस नामर्द की तरह ही अपनी बीबी को यहां लेकर चुदवाऊ उस टाइगर से ,”मैन ऐसे तो ये बड़े ही आवेग में आकर कहा था पर मेरे लिंग में ये सोचकर भी एक झुनझुनाहट सी हो गयी की टाइगर काजल को चोद रहा है ……..है भगवान ये मैं क्या होते जा रहा हु…….मुझे फिर से गुस्सा आ गया ,मैं अब भी डॉ का कालर पकड़े हुए था,पर अब मेरी आंखों में गुस्से के साथ साथ आंसू भी थे ,
“ये क्या बना रहा है डॉ मुझे तू ,क्यो कर रहा है तू मेरे साथ ऐसा ,मैन तेरा क्या बिगाड़ा है ,मैंने तो तुझे अपना दोस्त मानकर ही तुझे ये सब बताया था ,और तू मुझे क्या बना रहा है ,और क्या सौदा किया है तूने टाइगर के साथ की तू काजल को उससे या उसके किसी ग्राहक से चुदवायेगा,....क्यो कर रहा है तू ऐसा ,क्या हो रहा है मुझे ,मत खेल मेरे साथ ऐसा घिनौना खेल मत खेल……….”मेरी आंखे अब सचमे भर गयी थी ,गुस्से की जगह एक भारी दुख ने ले ली थी...डर का चहरा अब थोड़ा मुरझाया से दिखा वो मेरे चौथे पैक को खुद ही पी गया और मेरे गले से लग गया ,जब वो मुझसे अलग हुआ उसके आंखों में जैसे खून था ….मुझे उसका ये बदला हुआ रूप समझ नही आ रहा था,
“तुझे क्या लग रहा है की मैं तुझे फस रहा हु,अबे मादरचोद तू है ही चूतिया लोग मुझे चूतिया कहते है पर असली चूतिया तो तू है ,तू आज मुझे बोल उस काजल को मैं आज ठिकाने लगा दु ,बोल क्या करना है उसके साथ ,मार के फेक दे कही ,किसी को हवा भी नही लगेगा,या उस प्यारे को मार दे……..क्या करे तू बता तू क्या चाहता है...तू बस बोल दे और हो जाएगा ………”डॉ थोड़ी देर तक चुप ही रहा मैं यही सोच रहा था की हा असल में मैं क्या चाहता हु डॉ ने फिर से बोलना शुरू किया
“जानता है तू क्या चाहता है ,तू चाहता है की काजल तुझे उतना ही प्यार करे जितना वो अभी तुझसे करती है ,तू काजल को छोड़ना नही चाहता ,और उसे इस रूप में अपनाना भी नही चाहता,तू चाहता है की उसे ये ना पता चले की तुझे कुछ पता है ,लेकिन तू उससे वो सब छुड़ाना चाहता है जो वो कर रही है ,,,तू उसे सच बता दे की तुझे सब कुछ पता है ,पर तू डरता है की इससे या तो तेरी इज्जत उसके नजर में कम हो जाएगी या वो पहले की तरह नही रहेगी ,तू मुझे कुछ कहने से पहले मुझे ये बता की तू क्या चाहता है …….और रही टाइगर से डील की बात तो मैंने उसे कहा था की तुझमे सेक्स की इच्छा की कमी है और तेरे इलाज के लिए तुझे के दिखाना है ,क्योकि दवाइयों का असर गलत हो सकता है और दवाइयों की कोई जरूरत तुझे नही है तुझे बस कुछ मोटिवेशन चाहिए…..और इसके बदले में मैं उसे कुछ ऐसी दवाइया लाकर दूंगा जो की इस देश में ग़ैरकानूनी है ,वो मुझे बड़े दिनों से ऐसे दवाईया लेन की जिद कर रहा था पर मैंने उसे मना कर रखा था,तेरे कारण आज मैं अपना जमीर तक बेचने को तैयार हो गया,मुझे लगा की शायद इससे तुझमे कुछ ऐसी भावना जाग जाय की जो काजल कर रही है वो गलत नही है और तू उसका मजा लेने लगे ,जिससे कम से कम कुछ वक्त को ही सही तुझे इस जलन से आजादी मिल जाय ………..पर तुझे ऐसा नही हुआ तो मैं क्या करू …...मैं भी यही चाहता हु की तू अपनी जिंदगी उसी प्यार से और फक्र से जी सके जैसा तू पहले जीता था,पर यार क्या अब ये संभव है तू ही बता की मैं क्या करू ….मैं बस इतना चाहता था की तुझे कुछ आराम मिले लेकिन तूने तो मुझे ही गलत बना दिया …..अब तू ही बता की आगे क्या करना है …”डॉ ने बार टेंडर से एक पैक मांग और एक ही घुट में उसे पी गया .मैं और वो दोनो ही खामोश थे क्योकि किसी को नही पता था की क्या करना है ……….मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा
“सॉरी यार पर तू तो मेरी कन्डीशन समझ रहा है ना ,परेशान हु यार और तू ही मेरी आखरी उम्मीद है ,काश मैं भी उस पति की तरह अपनी काजल को किसी और के साथ देखकर खुश हो जाता तो मुझे ये जलन नही सहना पड़ता ,या काश मैं काजल से प्यार ही ना करता और उसके खुशियो की मुझे कोई परवाह नही होती...उसके चहरे पर मैं दुख भी नही देख सकता और ना ही उसकी इसतरह आयी हुई हसी को ही बर्दास्त कर सकता हु “
मैन फिर से अपना पैक एक ही घुट में खत्म कर दिया ,,मेरी आंखे अब थोड़ी भारी होने लगी थी ,शायद आज मुझे अच्छी नींद आने वाली थी…..
“कुछ तो करना पड़ेगा मेरे दोस्त पर क्या नही पता,और जब तक ये क्या नही पता चल जाता तक तुझे तो जलना ही है ………..या उस पति की तरह मजे ले ...हाहाहाहा “डॉ की हसी मेरे कानो में गुंजी पर इस बार मुझे उसपर कोई भी गुस्सा नही आया मैंने फिर एक पैक अंदर किया और बड़े ही प्यार से उसे कहा
“साले मादरचोद “.............
जब मेरी नींद खुली तो मैं एक बड़े से बेड में सोया हुआ था,पता नही साला किसका घर था,डॉ का हो सकता है ,पर इतना शानदार घर ,मैं उठकर बाहर गया देखा तो घर नही बड़ा सा बंगला जैसी जगह थी,एक नोकर ने मुझे देखा और तुरंत मेरे लिए एक चाय ले आया …
“ये किसका घर है और मैं यहां कैसे आया “
“सर ये टाइगर साहब का घर है और आपको डॉ साहब यहां छोड़ के गए रात में कहा था की आप जब जागे तो उनसे मिल लीजियेगा “
मैंने डॉ को फोन लगाया उसने कहा की यार मेरा घर दूर था तो तुझे यहां ले के आ गया तू आजा मेरे पास पर मुझे आफिस में भी काम था मैं घर जाने की बोल वहां से निकल गया,
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