RE: Porn Sex Kahani रंगीली बीवी की मस्तियाँ
मेरे सवालो का जवाब तो काजल ही दे सकती थी या प्यारे,अपने उत्तेजना के चरम पर वो बस आहे भरते रहे और एक पूरा माहोल उन आहो से गूंज उठा काजल को लगने वाले धक्के इतने ताकतवर थे की उसकी आवाज कामरस के चपचपाने की आवाज के साथ बाहर तक आ रही थी,वो सिर्फ वासना से भरो आवाज नहीं थी बल्कि मेरे प्यार का खात्मा था,....एक चीख के साथ ये खेल ख़त्म हुआ पर मैं कुछ बोलने के हालत में नहीं रह गया था,मैं आखो में अपने अरमानो की खाख लिए अपने कमरे में चला गया,मैं कोई सवाल पूछने या उसका उत्तर जानने के स्थिति में नहीं था,मैं अपने ही खयालो में खोया लेटा रहा,बहुत देर हो चुकी थी काजल नहीं आई मैंने अपनी आँखे बंद की ही थी,एक प्यारा सा चुम्मन मेरे माथे में किया गया,इतना प्यार भरा की उसके प्यार की गहराई को मैं समझ सकता था,मैंने आँखे खोली काजल अपने भग्न वेश में मेरे बगल में सोयी थी मैं अब भी उसे कुछ न कह पा रहा था,वो आज भी उतनी है ,मासूम लग रही थी,मैं अपने आप को ये भी न समझा पा रहा था की आखिर ये हकीकत है या कोई सपना,मैं काजल को बस देखता रहा जब तक मेरी आँखे नही लग गयी..............
मैं गया तो था शांति के लिए और ले आया कई सवाल,हा मुझे बाबा से गुरु मन्त्र मिल गया था,आँखे बंद करो और देखो की क्या हो रहा है,अपने अंदर झाको वही हर सवाल का जवाब है..
मैंने तय किया की बस देखूंगा जो चल रहा है,काजल को इसका आभास भी नहीं होने दूंगा,मैं ऑफिस में आकर कल की विडिओ को चालू किया पर कुछ खास हाथ नहीं आया,वही उसका सज धज के जाना और उजड़े हुए वापस आना,इतना तो समझ आ गया की मेरे घर में मेरी ही बीवी गैरो की हो चुकी है,घर जाने पर वही प्यार भरी बाते वही प्यार वही चहरा,इतना प्यार लुटाना की लगे किस्मत ने सब दे दिया है,पर काजल के प्यार में झूट नहीं था जो मुझे अंदर से झकझोर रही थी मैं मन ही नहीं पा रहा था की वो मुझे प्यार करती है,पर क्या करू कितना भी बुरा सोच कर भी मैं काजल के प्यार को झुठला नहीं पा रहा था,वो प्यार तो असली ही था,पूरा खालिस असली मन की गहराई से निकला हुआ,फिर क्यों ये धोखा...
रात बिस्तर पे मैं उदासीन ही रहा,लेकीन काजल से मेरे चहरे के भाव न छुप पाए,'क्या हुआ जान
कुछ नहीं मैंने आराम से जवाब दिया
कल से कुछ खोये से लग रहे हो सब ठीक तो है ना उसने मेरे बालो से खेलते हुए पूछ लिया
हा सब ठीक ही तो है मैं एक शून्य में देखता हुआ जवाब दिया,
नहीं मैं आपको खूब समझती हु,आप कुछ तो छुपा रहे हो मुझसे,बताओ ना,'उसने जोर दिया और मेरे छाती पर अपना चुम्मन जड़ दिया,
तुम तो मुझे समझती हो पर क्या मैं तुम्हे समझता हु,'मेरे मन का द्वन्द दामने आ रहा था,मैंने मन ही मन एक फैसला कर लिया,
अच्छा बताओ तुम रात में कहा जाती हो,मैं कल भी तुम्हे रात में ढूंडा पर तूम बाहर भी नहीं थी,'जैसा मैंने सोचा था उसके विपरीत वो चौकि नहीं वो हसने लगी जैसे मैंने कोई मजाक कर दिया हो,
क्या तुम भी कहा जाउंगी यही थी,काका के पास बैठी थी,जानते हो वो बहुत अकेले और दुखी रहते है,और मुझे भी तो नींद नहीं आती न रात में जल्दी,'मैं बिलकुल स्तब्ध था की ये औरत इतनी शातिर कैसे हो सकती है की चहरे पे जरा भी शिकन नहीं आया..मैं गुस्से में मानो फुट पड़ा,
रात के 1-2 बजे तुम नौकर के पास जाती हो,नींद नहीं आता इसका क्या मतलब है,अगर किसी को ये बात पता चली तो जानती हो लोग क्या सोचेंगे पागल हो तुम,इतना समझ नहीं है तुममे,और क्या मतलब की वो अकेला है,दिन भर तो उसके साथ रहती हो न फिर तुम्हे रात में भी उससे हमदर्दी जतानी है...'
मैंने कभी काजल से इतने ऊचे आवाज में बात नही की थी,मेरा चहरा ताप रहा था,और काजल के आँखों में आंसू थे आज पहली बार मुझे उसके चहरे में आसू देख दुख नहीं हो रहा था,काजल ने अपने भरे नयन से मुझे देखा,भगवान इतना प्यारा भी किसी को न बनाये,डबडबाई आँखों पर से कुछ बूंद चहरे पर गिरे थे,अनायाश ही वो हुआ जिसका मुझे डर था मैंने आगे बड कर उसे चूम लिया और उसके आँखों का पानी अपने होठो पे पि गया ,मुझे खुद में आश्चर्य था की मैं ये कर रहा हु,लेकिन मैंने अपने आप को सख्त बनाये रखा,केवल बाहर से..काजल को इतना तो समझ आ गया था की मैं उससे जादा देर तक गुस्सा नहीं रह पाउँगा,वो मुझेसे एक भोले बच्चे की तरह लिपट गयी और सिसकिया लेती हुई मेरे छाती में अपना सर रगड़ने लगी,
मैं कभी ऐसा फिर नहीं करुँगी जान माफ़ कर दो अब कभी रात में घर से बाहर नहीं जाउंगी,'मेरे दिल में एक उमंग जगी लेकीन मैंने एक गलती कर दी
तो कसम खाओ मेरी 'हा मैं कसम खाती हु,'
ये मेरी बहुत बड़ी गलती बनने वाली थी जिसका मुझे उस वक्त अंदाजा भी नहीं था,
मैंने प्यार से उसका सर सहलाया मानो सब ठीक हो गया हो पर मैं भूल गया था की कुछ ठीक नहीं हुआ है,मैं उससे लिपटा अपनी प्यार की दुनिया में खो गया...पर...
मेरे अवचेतन ने मुझे जगा दिया क्योकि मैं जनता था कुछ ठीक नहीं हुआ है,लगभग 12 बजे का वक्त था,काजल अब भी मेरे बांहों में थी,ये जानकर मुझे शकुन भी मिला,लेकिन मैं काजल को ये अहसास नहीं दिलाना चाहता था की मैं जग चूका हु,थोड़ी देर बाद ही काजल का मोबाइल बीप किया काजल जैसे जग ही रही हो उसने msg पड़ा मैं हैरान था की वो एक घंटे से जादा समय से जग रही है,और मुझसे लिपटी हुई है,मुझे लगा था वो सो चुकी है पर ऐसा नहीं था,मैंने हलके से आँखे खोले उसे देखने की कोसिश करने लगा,उसके चहरे पर मुस्कान साफ दिखाई पड रही थी,उसने भी कुछ लिखा थोड़ी देर तक msg का ये सिलसिला चलता रहा,और उसने सर उठाया मैंने अपनी आँखे बंद की वो कुछ देर मुझे देखते रही उसकी सांसो से मुझे इसका अहशास हो गया,फिर उसने मेरे चहरे पर माथे पर kiss किया और मुझसे अलग हो चली गयी,उसके जाने की आहट ने मेरा दिल तोड़ दिया की उसने अभी तो मुझसे वादा किया था इतनी जल्दी क्या थी,मेरी नजर उसके मोबाइल पर पड़ी मैंने उससे उठा लिया,msg whatapp से किये गए थे मैंने msg चेक किये,प्यारे काका जी का msg था,
काका-'कितना तडफायेगी जल्दी आ न,'
काजल -'आज आपके पास नहीं आ पाऊँगी,मैंने इन्हें वचन दिया है,आप ही आ जाओ,'
काका-क्या अब ये क्या है,छोड़ भी इस वचन को
काजल-काका मैं जान दे सकती हु पर इनसे किया कोई वचन नहीं तोड़ सकती जानते हो न,अपनी औकात में रहो वरना मैं दिखा दूंगी,'मैं और भी सदमे में था की ये क्या है,जो औरत किसी दुसरे मर्द का बिस्तर गर्म करती है वो पति की इतनी इज्जत कर रही है की अपने यार को धमका रही है,
काका-'अरे बहु रानी आप तो गुस्सा हो गयी मुझे माफ़ कर दीजिये
काजल -'पहली गलती है काका माफ़ करती हु,लेकिन आज के बाद इनके बारे में कुछ कहा तो सोच लेना अंजाम क्या होगा,मैं भी जमीदारो के खानदान से हु
काका-माफ़ी मालकिन
काजल ने जवाब में स्माइल भेजा
काका -तो क्या करना है
काजल -पता नहीं क्या क्या करना है,आप आ जाइये यहाँ मैं आपकी सेवा करती हु,लेकिन आज जादा नहीं बस कुछ कुछ
इसके बाद कोई बात नहीं हुई पर मेरे मन में विचारो की रेल चल पड़ी ये क्या है,वो मुझसे प्यार करती है तो उसके साथ क्यों है और नहीं करती तो इतना प्यार मेरे लिए क्यों,और अब क्या वो मेरे सामने ही मेरे घर के अंदर ये सब करेंगे,मैं क्या करु मुझे समझ नहीं आ रहा था,और मैं कुछ करना भी नहीं चाहता था न जाने कौन सी शक्ति ने मुझे रोका हुआ था,थोड़ी देर में ही काजल की हसी से मेरी तन्द्रा भंग हुई,मैं बड़े ही सम्हाल के जगा और किचन में गया तो पाया प्यारे पास खड़ा था और काजल चाय बना रही थी ,प्यारे थोड़ी थोड़ी देर में काजल को छू लेता पर इससे जादा नहीं बाद रहे थे शायद उन्हें मेरा डर था ,प्यारे ने काजल के कानो में कुछ कहा और वो खिलखिला के हस पड़ी प्यारे ने अपना हाथ बढाकर काजल के वक्षो को सहलाने लगा उसने अंदर कुछ ना पहना था मैंने काजल की कोमलता का अहसास किया कैसे ये गैरो के हाथो से मसला रहे है,मेरी सांसे तेज हो गयी उसने अपना हाथ जन्घो को सहलाते हुए दोनों जन्घो के बीच की घाटी पे ले जाने की कोशिस की मेरे सब्र का बांध टूट सा गया मैं आगे बड़ा पर रुका और पीछे जा फिर से खासने की एक्टिंग की जिससे दोनों सजग हो गए,मैं किचन मे पंहुचा तो प्यारे की हालत ख़राब थी पर काजल बिलकुल सामान्य सी दिख रही थी,
अभी इतनी रात यहाँ क्या कर रहे हो मैंने प्यारे को उच्ची आवाज में कहा
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