RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
कहाँ खोया हुआ है सन्नी,,,,,तबीयत तो ठीक है तेरी,,,,,उसने पास आके मेरे फोरहेड पर हाथ
लगाया और तबीयत चेक करने लगी,,,,
मैं बिल्कुल ठीक हूँ कविता,,,,बस थोड़ा परेशान हूँ,,,,
क्या परेशानी है,,,,मुझे बता मैं दूर करती हूँ तेरी परेशानी,,,,,,
तुझे नही बताउन्गा तो किसको बताउन्गा,,,,,,लेकिन तू परेशानी दूर नही कर सकती,,,,,
अच्छा ,,ऐसी क्या परेशानी है,,,पता तो चले,,,,
वो सोनिया ,,,,मैं अभी बोलने ही लगा था कि कविता परेशान हो गयी,,,
क्या हुआ सोनिया को,,ठीक तो है वो,,,,,,
हाँ वो ठीक है कविता,,,,,बस वो ,,मैं,,,,
क्या बता है,,, सीधी तरह बोलता क्यूँ नही,,,,
तभी मैं बोलने लगा,,,,,,तुझे पता है ना कल रात बारिश हो रही थी,,,,
हां पता है,,,तो बारिश और सोनिया का क्या लेना देना,,,,क्या बारिश मे भीग कर बीमार हो गयी है
वो,,,,
नही नही ऐसी बात नही,,,,,,वो बारिश मे भीगने छत पर गयी थी और मैं भी बारिश मे मस्ती
करने छत पर चला गया कल रात को,,,,लेकिन मुझे नही पता था सोनिया वहाँ पर है,,,और जब
मुझे पता चला और मैने उसको देखा तो ,,,,,,
ओह्ह्ह्ह मययययी गूओड़दड़ ,,,,,कैसी है वो,,,,,तूने ज़्यादा हर्ट तो नही किया उसको,,,तुझे पता था ना कि
उसकी पहली बार है,,,,बोल ,,,ज़्यादा दर्द तो नही दिया उसको,,,,
रात तो पता नही चला लेकिन अब उसकी हालत बहुत खराब है,,,माँ और भुआ ने कुछ मेडिसिन लगाई
है सुबह उसको,,,,,
तो माँ और भुआ को भी पता चल गया,,,,लेकिन इस बात की मुझे फ़िक्र नही है,,,मुझे तो सोनिया की
फ़िक्र है,,पता नही क्या हाल किया होगा तूने उसका,,,,,वो बहुत मासूम है सन्नी तू जानता है ना,,
मैं कुछ नही बोला बस हां मे सर हिला दिया,,,,,
तभी कविता उठी ,,,,ओके मैं घर जा रही हूँ सोनिया के पास,,,,,इतना बोलकर वो उठी और जाने लगी
तभी उसका फोन बजने लगा,,,,
वो चलते चलते बात कर रही थी ,,,मुझे कुछ पता तो नही चल रहा था लेकिन वो जी डॅड जी डॅड
बोल रही थी,,,,,,लेकिन ये तो अपने बाप से कभी बात नही करती तो फिर किसको डॅड बोल रही थी,
खैर मैं कॉलेज से छुट्टी होने के बाद घर की तरफ चल पड़ा,,,मुझे बड़ी जल्दी थी सोनिया के
पास जाने की,,,,,हालाकी मैं उसके दर्द का कुछ नही कर सकता था लेकिन फिर भी मुझे उसके पास
रहना था,,,,,
मैं घर पहुँचा और सीधा गया सोनिया के रूम मे ,,,,,वहाँ सोनिया लेटी हुई थी जबकि कविता और
माँ उसके पास बैठी हुई थी,,,,,माँ ने मुझे रूम मे अंदर नही आने दिया और मुझे दूसरे रूम
मे जाके बैठने को बोला,,,,,
मैं रूम से बाहर जाने लगा तो सोनिया की तरफ देखने लगा,,,,वो खुश थी मुझे देखकर और साथ
ही कविता भी,,,,,,
मैं आके साथ वाले रूम मे बैठ गया,,,,,,शाम को कविता चली गयी,,,,लेकिन माँ सोनिया के रूम मे
ही रही,,,,उन्होने मुझे रूम के अंदर नही जाने दिया,,,,,अगले 2 दिन तक मैं सोनिया के रूम मे नही
जा सका क्यूकी माँ और भुआ मे से कोई ना कोई हर टाइम होता था उसके रूम मे,,,
2 दिन बाद मैं जब कॉलेज से वापिस आया और सोनिया के रूम मे गया तो देखा सोनिया रूम मे नही थी
मैं साथ वाले रूम मे गया वहाँ भी कोई नही था,,,,माँ और भुआ भी नज़र नही आ रही थी,,,मैं
फिर से नीचे गया तो देखा मामा और डॅड माँ के रूम से निकल कर बाहर आ रहे थे,,उनके हाथ मे
कुछ समान पकड़ा हुआ था,,,,
तभी मैने डॅड से पूछा,,,,,डॅड भुआ और माँ कहाँ है,,,,
डॅड ने जवाब नही दिया और मुझे कुछ समान पकड़ा कर बाहर कार मे रखने को बोला,,,,मैं कार मे
समान रखके वापिस घर के अंदर जाने लगा तो डॅड बोले,,,,,,अंदर जाने की ज़रूरत नही है,,,जल्दी
से कार मे बैठो,,,,,
मैं कुछ समझा नही और ना ही कोई सवाल किया डॅड से और कार मे बैठ गया,,,,,डॅड के साथ आगे वाली
सीट पर मामा भी बैठ गया और डॅड ने ड्राइव करनी शुरू की ,,डॅड ने मुझे कुछ नही बताया था कि
हम लोग कहाँ जा रहे थे,,,,मैने भी कोई सवाल नही किया था डॅड से,,,,डॅड कोई 5-6 अवर ड्राइव
करते रहे ,,,,हम लोग अपने दूसरे शहर मे आ गये थे,,,,,तभी डॅड ने कार एक घर के सामने रोक
दी,,,,,मैने देखा कि भुआ की कार भी उसी घर के सामने खड़ी हुई थी,,,,
तभी डॅड ने कार घर के अंदर की और मुझे साथ चलने को बोला,,,मैं भी कार से उतर गया और डॅड
के साथ चलने लगा,,,,लेकिन मुझे समझ नही आ रहा था कि ये हम लोग कहाँ आ गये है और ये
घर किसका है,,,,,
तभी हम लोग घर के अंदर चले गये,,,,घर मे नया नया पैंट हुआ था,,,,घर का समान भी ज़्यादातर
नया ही लग रहा था,,,,मैं सारे घर को सवालिया नज़रो से देख रहा था तभी डॅड बोले,,,
ये हम लोगो का नया घर है सन्नी,,,,,अब से हम लोगो को यहीं रहना है,,,,,,और आज से मैं तेरा
बाप हूँ और गीता तेरी माँ है,,,,,,और ये सुरेंदर तेरा चाचा और सरिता तेरी चाची है,,लेकिन
ये सब रिश्ता हम लोगो का घर के बाहर है,,,,,घर के अंदर तू जिसको जो चाहे बुला सकता है
लेकिन दुनिया की नज़रो मे मैं तेरा बाप और गीता तेरी माँ है,,,,
मैं कुछ नही समझा लेकिन डॅड की बात सुनता गया,,,,,
मुझे पता है तू सोनिया को बहुत प्यार करता है सन्नी और वो भी तुझे बहुत प्यार करती है,,,मुझे
गीता सरिता और कविता ने सब कुछ बता दिया था,,,और सबसे बड़ी बात तेरे और सोनिया के रिश्ते से
कविता को कोई परेशानी नही थी,,,,बस परेशानी मुझे ही थी सन्नी,,,,,जांटा हूँ तू अपनी बहन
को प्यार करके दुनिया के सामने जाके इज़हार भी कर सकता है और दुनिया के सामने अपनी ही बहन को
अपनी दुल्हन बना कर रख सकता है ,,तू बड़ा हिम्मत वाला है सन्नी,,,,मुझे कविता ने सब बता
दिया ,,,वो माल वाली बात भी कि कैसे तूने अपने प्यार का इज़हार किया सोनिया के लिए वो भी इतने
लोगो के सामने,,,,,लेकिन मुझमे इतनी हिम्मत नही है सन्नी,,,,मैं इतना हिम्मतवाला नही हूँ कि
दुनिया का सामना कर सकूँ,,,,इसलिए मैने ये नया घर ले लिया है वो भी दूसरे शहर मे,,,ताकि हम
लोग नये शहर मे नया रिश्ता शुरू कर सके,,,,नयी ज़िंदगी की शुरुआत कर सके,,,
जो कुछ भी हम लोगो के बीच हो चुका है उसको मैं भूल जाना चाहता हूँ,,,,उन यादों को वहीं
पुराने शहर मे पुराने घर मे दफ़न करके आया हूँ मैं,,,,,और यहाँ नये रिश्ते से नयी शुरुआत
करना चाहता हूँ जैसे विशाल इस सबसे दूर चला गया है ताकि वो सब कुछ भूल कर नयी शुरुआत
कर सके,,,,,वैसे ही शोभा के कहने पर मैने जल्दी से उसकी शादी करदी ताकि वो भी अपने पति के
साथ नयी शुरुआत कर सके ,,,वैसे ही मैं चाहता हूँ कि मैं और गीता,,,,सुरेंदर और सरिता
वैसे ही तुम सोनिया और कविता भी नयी शुरुआत करो अपने रिश्ते की,,
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