RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
रूम मे जाके कविता ने टाइ उठाई और मेरे सामने आके मुझे टाइ पहनाने लगी,,,वो मुझे टाइ
पहना रही थी और मैं उसके चहरे को देख रहा था,,,,उसने हर शृंगार किया हुआ था लेकिन
सब हर शृंगार उसके एक मासूम फेस के आगे फीका पड़ गया था,,,बहुत क्यूट लग रही थी वो
ऐसे क्या देख रहे हो सन्नी,,,,,,उसने टाइ लगाते हुए पूछा,,,,
कुछ नही,,,बस देख रहा हूँ कि इतनी खूबसूरत परी मेरी किस्मत मे कैसे आ गयी,लगता
है उपर वाले ने किस्मत लिखते टाइम ध्यान नही दिया,,,यकीन नही हो रहा कि इतनी खूबसूरत
लड़की मेरी बीवी बन-ने वाली है,,,,,,
वो शरमा गयी और फिर बोली,,,,,चल चल तुझे किसने कहाँ मैं बीवी बनूँगी तेरी,,,,सपना
आया था क्या,,,,,इतना बोलकर वो हँसने लगी,,,,
सपना ही सही,,,एक बार मेरी बीवी बनी तो सही तुम,,,,और मुझे तो ये सब भी सपना लग
रहा है जो तुम मेरे इतने करीब खड़ी हो,,,
ये सपना नही हक़ीक़त है बुद्धू,,,इतना बोलकर उसने मेरे सर पर हाथ मारा,,,,यकीन हुआ या
नही,,,
ऐसे थोड़ी होने लगा यकीन ,,इतना बोलकर मैने उसको एक हाथ से अपने करीब खींच लिया
वो भी आराम से मेरे करीब आ गयी,,,फिर मैने उसके लाल सुर्ख होंठों पर एक किस करदी
कुछ टाइम हम लोग ऐसे ही खड़े किस करते रहे,,,,,फिर वो मेरे से अलग हुई,,,उसके लिप्स
से लिपस्टिक उतर चुकी थी,,,उसके लाल सुराख होंठ अब गुलाबी हो गये थे,,,उसके होंठों
से थोड़ी लिपस्टिक मेरे होंठो पर लग गयी थी,,,,वो पीछे हटके अपने हाथ से मेरे होंठों
से लिपस्टिक सॉफ करने लगी,,,,
तभी सोनिया रूम मे आ गयी,,,,सोनिया को देखकर दिल खुश हो गया,,वो भी लाल साड़ी मे थी
कविता और सोनिया दोनो एक जैसी लग रही थी,,बस सोनिया हाइट मे थोड़ी बड़ी थी कविता से
लेकिन दोनो की दोनो बहुत खूबसूरत थी,,,,तय करना मुश्किल था कॉन ज़्यादा खूबसूरत है
अरे तूने भी लिपस्टिक लगानी शुरू करदी सन्नी,,,वैसे अच्छा कलर है ,,,
सोनिया की बात से कविता शरमा गयी,,,,
अब तू भी शुरू हो गयी सोनिया,,,
सौरी बाबा,,,क्या करूँ आदत से मजबूर हूँ,,,लेकिन तुम लोग अपनी आदत सुधार लो,,,जब भी
कुछ ऐसा करना हो दरवाजा बंद कर लिया करो,,,,,माँ बाहर खड़ी होके सब देख रही थी
जब तुम दोनो मस्ती मे मगन थे,,,,
हयी मैं मर गयी,,,,माँ ने सब कुछ देख लिया क्या,,,कविता थोड़ी डरते हुए बोली,,
और नही तो क्या,,,तभी कहती हूँ दरवाजा बंद कर लिया करो,,,,चल अब जल्दी शोभा दीदी
और जीजू भी आ गये है,,,,,,
लेकिन मैं माँ के सामने कैसे जाउन्गी,,,,,,मुझे डर लग रहा है,,,सब कुछ देख लिया आज
माँ ने और सब इस सन्नी की ग़लती है,,जब देखो शुरू हो जाता है,,,
अच्छा अब मेरी ग़लती हो गयी सारी,,,मुझे कोई टेन्षन नही माँ के सामने जाने मे,,मैं चला
तुझे आना है तो आ वरना रूम मे खुद को लॉक करके बैठ जा,,,,मैने इतना बोला और वहाँ
से हंसता हुआ नीचे चला गया,,,,,
कविता भी डरी सहमी हुई सोनिया के साथ नीचे आ गयी,,,,
पार्टी खूब मस्त चल रही थी,,,,डॅड के बॅंक के काफ़ी दोस्त आए थे जिनको मैने हमेशा
बॅंक मे देखा था,,,,,भुआ की बुटीक की सहेलियाँ आई हुई थी,,,,,शोभा के कुछ कॉलेज
फ्रेंड्स थे,,,,,आस पड़ोस वाले थे जो आज पहली बार हमारे घर आए थे,,,क्यूकी अक्सर
घर मे चुदाई का खेल चलता था इसलिए ना तो डॅड किसी को घर लेके आते थे और ना ही
भुआ या माँ,,,,,माँ ने तो सफाई करने के लिए भी किसी को नही रखा था,,,,
पार्टी मे सब लोग शोभा और उसके पति को बधाई दे रहे थे,,,,मेरा हाल चाल भी सब लोगो
ने पूछा था,,,,लेकिन इसके साथ साथ एक और बात थी ,,,माँ और डॅड कविता को सब से मिलवा
रहे थे,,,,अब पक्का हो गया था कविता इस घर की बहू बन-ने वाली थी,,,लेकिन सोनिया
इस बात से खुश नही लग रही थी,,,,वो कविता के साथ साथ चल रही थी लेकिन झूठी
मुस्कान थी उसके चहरे पर,,,,मुझे उसकी उदासी की वजह समझ नही आ रही थी,,,
खैर पार्टी अच्छी चली,,,,खूब मस्ती की सब लोगो ने,,,सब लोग अपने अपने घर चले गये
शोभा भी चली गयी थी,,,,,अब बस फॅमिली वाले ही रह गये थे,,,,कामिनी भाभी और सूरज
भाई भी अभी यहीं थे,,,,,,,,
तभी डॅन्स फ्लोर पर गीता भुआ ने एक रोमॅंटिक ट्रॅक प्ले कर दिया,,,,म्यूज़िक ऑन होते ही
माँ डॅड के साथ,,,,भुआ सुरेंदर के साथ,,,,रेखा मनोहर के साथ और कामिनी सूरज के साथ
बाहों मे बाहें डालके डॅन्स करने लगी,,,,तभी कविता भी चलके मेरे पास आ गयी,,और
अपने हाथ मेरे गले मे डालके डॅन्स करने लगी,,,,मेरा एक हाथ तो पट्टी से बँधा हुआ था
जो पट्टी मेरे गले मे पड़ी हुई थी,,,,,लेकिन मैने दूसरा हाथ उसकी कमर पर रख दिया और
डॅन्स करने लगा,,,,,वो मुझे पार्टी की बातें बताने लगी कि कैसे माँ ने उसको सब लोगो
से मिलवाया,,,म्यूज़िक काफ़ी लाउड था इसलिए वो मेरे कान के पास आके बोल रही थी,,,वो मेरे
से हाइट मे छोटी थी इसलिए मैने भी अपना सर झुका कर अपने कान को उसके करीब कर
दिया था,,,,
मैं उसकी बातें तो सुन रहा था लेकिन मेरा ध्यान था सोनिया की तरफ,,,क्यूकी रोमॅंटिक
ट्रॅक पर सब डॅन्स कर रहे थे एक सोनिया ही अकेली दूर खड़ी हुई थी,,,मैं उसकी तरफ
ही देख रहा था,,,तभी भुआ ने मेरी तरफ देखा और सोनिया के पास चली गयी और सोनिया को
लेके डॅड के पास,,,,,माँ पीछे हट गयी और डॅड सोनिया के साथ डॅन्स करने लगे,,,माँ पीछे
हटके चेयर पर बैठ गयी थी,,
सोनिया डॅड के साथ डॅन्स करने लगी,,,डॅड की पीठ थी मेरी तरफ जिस से सोनिया के चहरे
को देख पा रहा था मैं,,,,मेरा चहरे भी उसकी तरफ था जबकि कविता की पीठ थी उस
तरफ,,,,मैं अभी भी सोनिया की तरफ देख रहा था वो बहुत ज़्यादा उदास लग रही थी मुझे
भुआ हम दोनो की तरफ देख रही थी,,,तभी कविता का ध्यान भी मेरी तरफ आया तो उसने
मेरी नज़रो का पीछा किया और पलट कर देखा तो सोनिया डॅड के साथ डॅन्स कर रही थी और
मेरा ध्यान सोनिया की तरफ था,,,,वो समझ गयी और जल्दी से हटके डॅड के पास चली गयी और
डॅड को अपने साथ डॅन्स करने क लिए बोलने लगी,,,,,जैसे ही डॅड ने सोनिया को खुद से अलग
किया तो कविता ने जल्दी से सोनिया को मेरे करीब कर दिया और खुद डॅड के साथ डॅन्स करने
लगी,,,,
मैं कविता की इस हरकत से खुश हो गया और सर झुका कर कविता का शुक्रिया अदा किया,,,
उसने भी सर झुका कर नज़रे हो नज़रों मे मुझे वेलकम बोला और डॅड के साथ डॅन्स करने
लगी,,,,
सोनिया मेरे करीब खड़ी हुई थी,,,,वो थोड़ी डरी हुई थी,,,,कविता ने ये सब इतनी जल्दी
मे कर दिया तो मुझे और सोनिया को पता ही नही चला,,सोनिया मेरे करीब थी लेकिन आगे नही
बढ़ रही थी,,,,तभी मैने अपने राइट हॅंड को उसकी तरफ किया और उसको डॅन्स के लिए पास
आने को बोला,,,,,उसने डरते डरते अपना लेफ्ट हॅंड मेरे राइट हॅंड मे पकड़ा दिया,,मैने बड़े
प्यार से उसको अपने करीब किया और उसका लेफ्ट हॅंड अपने शोल्डर पर रख दिया,,,,उसने अपना
राइट हॅंड खुद-ब-खुद मेरे लेफ्ट शोल्डर पर रख दिया,,,,लेकिन वहाँ मुझे गोली लगी
थी तो डरते डरते मजबूरी मे सोनिया ने अपने हाथ को मेरे गले मे डाल दिया,,,मैने भी
अपने राइट हॅंड को उसकी कमर से होते हुए उसकी नंगी पीठ पर रख दिया और उसको खुद से
चिपका लिया,,,,
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