RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
रूम मे सब लोग थे ,,,,माँ भुआ,,,शोभा,,,कविता,,,,,लेकिन सोनिया नही थी,,,,
मेरी नज़रे सोनिया को तलाश कर रही थी,,,,भुआ ये बात समझ गयी थी,,,,,सन्नी सोनिया
यहीं है,,,अभी आ जाएगी थोड़ी देर मे,,,,,
लेकिन भुआ वो है कहाँ,,,,,,
तभी माँ बोली,,,,,,वो ब्लड दे रही है तुम्हारे लिए,,हम लोगो मे से किसी का ब्लड तेरे
ब्लड से नही मिलता सन्नी,,,,बस सोनिया का ही मिलता है,,,,वो तेरे लिए ब्लड दे रही है
तभी नर्स रूम मे आई,,,,आपकी बेटी आपको बुला है है,,,,उसने माँ को इतना बोला तो माँ
के साथ साथ शोभा भी सोनिया के पास चली गयी,,,,
भुआ मेरे बेड पर बैठ गयी और मेरे सर को सहलाने लगी,,,वो रो रही थी,,,एक तरफ कविता
मेरा हाथ पकड़ कर बैठी हुई थी वो भी रो रही थी,,,,
अरे अब रोना बंद भी करो,,,मैं बिल्कुल ठीक हूँ,,,डॉक्टर की बात नही सुनी थी क्या आप
लोगो ने,,,,अब रोना बंद करो इस से पहले मैं रोना शुरू कर दूं,,,,और याद रखा तुम
लोग मैं रोते हुए बहुत बुरा दिखता हूँ,,,,,,मेरी बात सुनके कविता और भुआ खुश हो गयी
भुआ डॅड कहाँ है,,,,
बेटा वो पोलीस स्टेशन गये है ख़ान भाई के पास,,,,,कुछ पेपर साइ करने थे,,,,अभी
आ जाएँगे थोड़ी देर मे,,,,,
तभी शोभा और माँ रूम मे आ गयी,,,,
माँ आप दोनो आ गयी ,,,,,सोनिया कहाँ है,,,,
शोभा ने मुझे दरवाजे की तरफ एशारा किया तो सोनिया दरवाजे के पास खड़ी होके रो रही
थी,,,,,,वहाँ क्यूँ खड़ी है पगली,,इधर आ अपने भाई के पास,,,मैने इतना बोला तो वो
भाग कर मेरे पास आ गयी और मेरे गले लग्के फूट फूट कर रोने लगी,,,,,
काफ़ी टाइम वो मेरे गले लग्के रोती रही ,,,फिर माँ ने उसको मेरे उपर से उठाया और चुप
करवाया,,,,
रो क्यूँ रही है बेटी तुझे तो खुश होना चाहिए जो इतना प्यार करने वाला भाई मिला है
तुझे तो तेरी खातिर मरने को भी तैयार हो गया आज,,,,तुझे तो खुशी होनी चाहिए,,,चल
अब रोना बंद कर,,,,बिल्कुल ठीक है तेरा भाई,,चल चुप कर अब,,,,,
चुप कर जा सोनिया ,,,,ये बात बोली शोभा ने और सोनिया को अपने गले लगा लिया,,,ये सब नाटक
कर रहा है सन्नी,,,,मेरी शादी मे नाचना नही पड़े इसलिए यहाँ हॉस्पिटल मे आके लेट
गया है,,इसको पता है ये नाचेगा मेरी शादी मे तो जोकर जैसा लगेगा,,,,नाचने से बचने
के लिए यहाँ आ गया है ये,,,,,
शोभा की इस बात से सभी लोग हँसने लगे,,,क्यूकी मुझे नाचना जो नही आता था,,,सच मे
जब भी नाचता मैं तो जोकर जैसा लगता था,,,,
मेरी वजह से सब लोग रो रहे थे लेकिन अब मेरे मज़ाक की वजह से खुश भी हो गये थे
अरे शोभा दीदी फ़िक्र मत करो,,,,जोकर ही क्यूँ ना बन-ना पड़े लेकिन आपकी शादी मे नाचूँगा
ज़रूर मैं,,,इतनी खुशी का दिन होगा जब आप दूर जाओगी हम लोगो से ,,,कब्से दुआ कर रहा
था अब जाके भगवान ने मेरी सुनी है,,,,,मैने इतना मज़ाक मे बोला तो सब लोग हँसने लगे,,
लेकिन शोभा हल्के गुस्से से मुझे देखती हुई बोली,,,,देखो ना माँ अपनी बहन को घर से
भेजने की कितनी जल्दी है इसको,,,,आपकी बेटी को ये ऐसे बोल रहा है आप कुछ बोलो ना इसको
मा,,,,
अरे मैं क्या बोलू,,,तुम दोनो की आपस की बात है,,,,वैसे भी पंगा तूने शुरू किया है अब
तू ही संभाल अपने भाई को,,,,मुझे क्या मेरी एक बेटी जाएगी तो दूसरी आ जाएगी,,,,
दूसरी,,,दूसरी कॉन माँ,,शोभा ने हैरान होते हुए पूछा,,,,
और कॉन,,,,,ये कविता,,,,,क्यूँ बेटी आएगी ना मेरे घर,,,सन्नी की दुल्हन बनके,,,,माँ ने
एक दम ऐसे बोला तो कविता शर्मा गयी और अपने सर मेरे बेड पर झुका लिया,,,,
अरे अरे शर्मा क्यूँ रही हो,,,,सोनिया ने सब बता दिया मुझे,,कैसे तू सन्नी की जान बचाने
के लिए उसके सामने आके बैठ गयी थी,,,,इतना प्यार करती है ना मेरे सन्नी से,,,बोल बनेगी
मेरे सन्नी की दुल्हन,,,,
कविता ने शरमाते हुए चेहरा उठाया और हल्की आवाज़ मे बोली,,,,जी आंटी जी,,,,
आंटी नही अब माँ बोलने की आदत डाल लो कविता भाभी,,,,,शोभा ने इतना बोला तो सब लोग
हँसने लगे,,,कविता की तो हालत खराब हो गयी थी,,,जहाँ सब लोग हंस रहे थे वहीं
सोनिया चुप खड़ी थी,,,,उसके फेस पर हल्की उदासी थी,,,,मैं हंसता हुआ उसके उदास फेस
को ही देख रहा था,,,,और भुआ का ध्यान हम दोनो की तरफ था,,,,,
कुछ देर बाद डॉक्टर आया और मुझे नींद का इंजेक्षन लगा गया,,,,हम सब लोग हँसी मज़ाक
कर रहे थे लेकिन सोनिया के फेस पर हल्की उदासी मेरे से छुप नही रही थी,,,वो हंस
ज़रूर रही थी लेकिन उसके चहरे पर उदासी थी जिसको वो झूठी हँसी से छुपाने की बड़ी
कोशिश कर रही थी लेकिन सब कोशिश मेरे सामने नाकाम थी,,,
बातें करते हुए मेरी आँखें बंद होने लगी,,,,और कब मैं सो गया पता ही नही चला,,,
शायद नींद के इंजेक्षन का असर हो गया था मेरे उपर ???
आधी रात के करीब मेरी आँख खुली,,रूम मे एक छोटा बल्ब जल ज़रा था जिसकी हल्की-हल्की
रोशनी थी रूम मे,,,मेरे बेड के अलावा रूम मे एक 3 सीट वाला सोफा पड़ा हुआ था जिसपर
भुआ सो रही थी,,,,साथ मे 2 चेर्स पड़ी हुई थी एक पर सोनिया बैठी हुई थी जबकि
दूसरी पर उसने अपने पैर रखे हुए थे,,उसकी आँखें खुली हुई थी ,,नींद का नाम-ओ-निशान
नही था उसकी आँखों मे,,,,मेरे राइट साइड पर एक छोटे टेबल पर कविता बैठी हुई थी
जो मेरे राइट हॅंड को पकड़े हुए सर को मेरे बेड पर झुका कर आराम कर रही थी,,,
तभी मैने उसको हल्के से आवाज़ दी,,,,,कविता,,,,,कविता,,,,
उसने सर उठाकर मुझे देखा और साथ ही सोनिया की नज़रे भी हम लोगो की तरफ हो गयी,,
क्या हुआ सन्नी,,,,,प्यास लगी है क्या,,,,,या वॉशरूम जाना है,,,,
नही मुझे प्यास भी नही लगी और वॉशरूम भी नही जाना,,,,
तो फिर,,,तुम उठ क्यूँ गये,,,,चलो सो जाओ और आराम करो,,,,
मैं तो आराम कर लूँगा लेकिन तुम भी तो आराम करो,,,,कब तक बैठी रहोगी ऐसे टेबल पर
मेरी बात सुने कविता ने सोफे और चेर्स की तरफ देखा मैं समझ गया ,,,,उसके लिए जगह
नही थी,,,,,तभी मैं थोड़ा लेफ्ट साइड की तरफ खिसक गया और राइट साइड मे थोड़ी जगह
बन गयी,,,,,,मैने उसके इशारा किया अपने साथ लेट जाने का,,,,
उसने मना कर दिया,,,
मैने दोबारा हल्का ज़ोर देकर कहा तो उसने सोनिया की तरफ देखा,,,सोनिया ने भी उसको इशारे
मे मेरे साथ लेटने को बोल दिया,,,,,,
कविता मेरी राइट साइड पर लेट गयी और मेरे राइट शोल्डर पर सर रखके एक हाथ को मेरे
पेट पर रखा और आराम करने लगी,,,,,,मैने देखा जैसे ही कविता लेट गयी मेरे साथ तो
सोनिया की भी आँखें बंद हो गयी,,,,आँखें बंद करते टाइम उसने मेरी तरफ देखा तो उसकी
आँखों मे हल्की उदासी थी,,,,जो मुझे भी उदास कर रही थी,,,,,,,
कविता मेरे साथ चिपक कर लेट गयी थी और शायद उसकी आँख लग गयी थी,,मैने भी अपनी
आँखें बंद की और वापिस नींद के आगोश मे चला गया,,,,,
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