Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
12-21-2018, 03:26 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मेरी बात से वो डर गयी,,उसको कुछ सूझ ही नही रहा था क्या बोले वो,,,




क्यूँ सही बोल रहा हूँ ना मैं,,,,इतना बोलकर मैं उसके पास जाके खड़ा हो गया,,मैं उसकी
लेफ्ट साइड पर खड़ा हो गया तो वो राइट साइड घूम गयी,,,मैं जाके राइट साइड खड़ा हो गया
तो वो लेफ्ट साइड घूमने लगी,लेकिन मैने उसका हाथ पकड़ लिया,,,



मुझसे नज़रे घूमा कर तू मेरे से बच नही सकती ,,मेरे से पीछा नही च्छुड़वा सकती ,मेरे
से दूर नही जा सकती,,,मैं तेरी परच्छाई हूँ भूल मत,,,,



वो सन्नी मैं,,,,,,,,वो कुछ बोलने लगी तो मैने उसके मुँह पर हाथ रख दिया,,श्ह्ह्ह्ह्ह्ह
कुछ मत बोल,,,मैं तेरी हालत समझ सकता हूँ,,,,क्यूकी जो तेरी हालत है वहीं मेरी
हालत है,,,,जैसे मैं तेरे से दूर नही रह सकता तू भी मेरे से दूर नही रह सकती,
जैसे तू मजबूर है अपने रिश्ते को लेके मैं मजबूर हूँ तेरी रज़ामंदी को लेके,,जब
तक तू इस रिश्ते को भूल कर रज़ामंदी ब्यान नही करेगी तब तक मैं तेरे करीब नही 
आउन्गा,,,




इतना बोलते टाइम अभी तक मेरा हाथ उसके मुँह पर था ,,,वो बड़ी बड़ी आँखों से मुझे देख
रही थी और मेरी बातें सुन रही थी,,,



मैं जानता हूँ तू वो सब भूल नही सकी अभी तक जो भी तूने इस घर मे देखा,,,लेकिन
उसमे मेरा कोई क़सूर नही था,,मैं मजबूर था,,मेरी उमर ही ऐसी थी,,,और जब मैने भी
घर मे वो सब देख लिया तो मेरे से भी रहा नही गया,,,पहले पहले मुझे ग़लत लगा लेकिन
जवानी के जोश मे मैं खुद पर क़ाबू नही कर सका,,,,और जो कुछ भी हुआ उसमे हम सब
लोगो की रज़ामंदी थी,,जैसे मैने उनके साथ रज़ामंदी से वो सब किया वैसे ही तेरी भी
रज़ामंदी का इंतजार करूँगा मैं,,,और तेरी हालत देखकर मुझे लगता नही कि तुझे ज़्यादा
टाइम लगेगा राज़ी होने मे,,,,



मैने ऐसा इसलिए बोला था क्यूकी अभी मेरा हाथ उसके मुँह पर था ,,,इतने भर से ही उसकी
हालत खराब हो गयी थी,,,,हालाकी वो मेरी बातें सुन रही थी लेकिन उसके दिल की धड़कन
और साँसे बहुत तेज़ी से चल रही थी,,,,,



मैने इतनी बात की और अपना हाथ उसके मुँह से उठा लिया और अपने होंठों उसके होंठों की 
तरफ ले गया ,,उसने हल्के से अपनी आँखें बंद करली वो समझ गयी अब क्या होने वाला है 
लेकिन उसने मुझे रोका नही,,,मैने अपने होंठ उसके होंठों पर रखे और हल्के से किस
करदी ,,,उसने भी अपने होंठों को हल्के से खोल दिया और मुझे किस करने लगी,,लेकिन 
ज़्यादा देर तक नही,,,,वो किस कुछ पल लिए थी ,उसने मेरे छाती पर अपने हाथ रखे और
मुझे पीछे होने को बोला,,मैं भी पीछे हट गया,,,,



पीछे हटके मैं उसकी तरफ देखने लगा,,,,वो कुछ पल मे इतनी ज़्यादा मदहोश हो गयी की
उसकी साँसे उखाड़ने लगी थी,,वो खुद पर क़ाबू करने की कोशिश कर रही थी,,उसकी आँखें
अभी भी बंद थी,,,,,फिर उसने आँखें खोलकर मुझे देखा और अपने हाथ से अपने होंठों 
पर लगे हुए मेरे थूक को सॉफ करने लगी,,,,ऐसा करते हुए उसका हाथ से थोड़ा आटा उसके
लिप्स पर लग गया,,,,,तभी उसका ध्यान गया किचन के बाहर जहाँ कविता खड़ी हुई थी


सोनिया ने कविता को देखा और जल्दी से वहाँ से भाग गयी,,,,,




कविता मेरे पास आई और मेरी टी-शर्ट पर लगे हुए आटे को सॉफ करने लगी,,,,ये तब लगा
जब सोनिया ने मुझे खुद से दूर किया,,,उसने ज़्यादा ज़ोर नही लगाया बस हल्के से मुझे पीछे
होने का इशारा किया,,,मैने भी कोई जल्दबाज़ी या ज़बरदस्ती नही की और एक ही पल मे उस
से दूर हट गया,,,,



कविता मेरी टी-शर्ट सॉफ करते हुए बोली,,,,,,,,,,,क्यूँ तंग कर रहा है उसको सन्नी,वो तो
पहले से बहुत परेशान है,,,,,मत तंग कर उसको ,,,,थोड़ा टाइम दे उसको,,,,प्ल्ज़्ज़



मैं कविता की बात समझ गया और हां मे सर हिला कर उसको बता दिया कि मैं समझ गया
,,,,उसने हँसके मुझे हल्की किस की लिप्स पर,,,,,,



चल जा बाहर जाके बैठ मुझे काम ख़तम करने दे,,,,मैने उसकी बात सुनी और बाहर आके
टीवी देखने लगा,,,,,सोनिया वहाँ नही थी,,,शायद वो अपने रूम मे चली गयी थी,,



अपना काम ख़तम करके कविता भी उपर सोनिया के पास चली गयी थी,,



रात डिन्नर करके मैं टीवी देखता रहा,,,,टीवी देखते देखते मैं सोफे पर ही सो गया,,सर्दी
का मौसम था मुझे सर्दी लग रही थी ,,,तभी मैने देखा कोई मेरे पास था और मेरे
जिस्म पर कोई कपड़ा ओढ़ा रहा था,,मैने आँखें खोल कर देखा तो वो सोनिया थी,,,,



वो मेरे पर कंबल ओढ़ा कर बोली,,,,सर्दी बहुत है भाई,,,,जाके रूम मे आराम से सोजा,



इतना बोलकर वो जाने लगी तो मैने उठकर उसका हाथ पकड़ लिया,,,,वो वहीं रुक गयी और मेरी
तरफ देखने लगी,,,,




सन्नी जाने दे मुझे प्लज़्ज़्ज़ ,,उसने बड़े प्यार से बोला,,,ज़ोर भी नही लगाया अपना हाथ मेरे 
से च्छुड़वाने क लिए,,,लेकिन उसके प्यार मे उसके ज़ोर से ज़्यादा ताक़त थी मैने उसके कहते
ही उसका हाथ छोड़ दिया,,,वो मेरी इस हरकत से हँसके मुझे देखती हुई वहाँ से चली 
गयी,,,,,




अभी वो 4 कदम आगे ही गयी थी कि फिर से वापिस आ गयी और आके मेरे पास खड़ी हो गयी,
मैं हैरत से उसकी तरफ देख रहा था ,,फिर उसके झुक कर मेरी एक टाँग पर हाथ
मारा और मुझे टाँग साइड करने को बोला,,,मैने भी अपनी टाँग साइड करदी और सोफे पर
थोड़ी जगह बन गयी,,,,वो सोफे पर मेरी कमर के पास बैठ गयी,,,,उसकी इस हरकत से
मैं थोड़ा परेशान हो गया था,,,,,फिर उसने अपने हाथ को मेरे सर पर रखा और मेरे सर
को प्यार से सहलाने लगी,,,मेरे बलों मे उंगलियाँ घुमाने लगी,,,,लेकिन उसके दिमाग़ मे
कोई गंदगी नही थी,,,उसका मेरे सर को सहलाना कोई वासना से भरा खेल नही था,,वो मुझे
एक बहन होने के नाते बड़े प्यार से सहला रही थी और मेरी आँखों मे देख रही थी,,,,उसकी
आँखों मे भी प्यार था,,,वासना की हवस नही थी,,,एक बहन का प्यार था,,,,जो अपने भाई
से बहुत प्यार करती थी,,बहुत केर करती थी,,,,



मुझे भी उसका मेरे सर को सहलाना अच्छा लग रहा था,,,लेकिन मेरे दिमाग़ मे भी कोई गंदगी 
नही थी,,,मुझे भी अब वो पल याद आ रहे थे जब अक्सर मैं सोनिया के बेड पर लेट
जाता तो वो मेरे सर को अपनी गोद मे रखकर प्यार से सहलाने लगती,,,,,मुझे बड़ी जल्दी ही
नींद आ जाती थी,,,,लेकिन ये सब उस टाइम की बात थी जब तक मेरे दिल और दिमाग़ पर
सेक्स और वासना हावी नही हुए थे,,,



वो बड़े प्यार से मेरे सर को सहलाने लगी और मुझे नींद आने लगी,,,मेरी आँखें बंद होने 
लगी,,,,जैसे ही मेरी आँखें बंद हुई उसने मुझे हल्के से फोरहेड पर किस की और मुझे
गुड नाइट बोलकर वहाँ से चली गयी,,,,,उसने 2-3 मिनिट ही मेरे सर को सहलाया था लेकिन
उस 2-3 मिनिट की वजह से पूरी रात बहुत अच्छी नींद आई थी मुझे,,




नेक्स्ट डे कॉलेज जाने लगा तभी ख़ान भाई का फोन आ गया,,,,उन्होने बताया कि आज अमित
के केस की सुनवाई है कोर्ट मे,,,मैं कोर्ट मे तो नही जा सकता था क्यूकी मैं नही
चाहता था कि कोई मुझे वहाँ देख ले,,,वैसे भी ख़ान भाई ने बताया था कि बड़े लोगो का
केस है इसलिए बस केस से जुड़े लोग ही आ सकते है कोर्टरूम मे,,,,बाकी की खबर
ख़ान भाई ने बाद मे बताने को बोला और फोन काट दिया,,,,




कॉलेज से वापिस आए तो खाना ख़ाके कविता और सोनिया स्टडी करने लगी और मैं गेम खेलने 
लगा,,,करीब 3 बजे का टाइम था तो ख़ान भाई का वापिस फोन आ गया,,,,वो बहुत खुश थे




अमित के केस की सुनवाई हो गयी थी,,,सब तैयारी पहले से की हुई थी इसलिए पहली सुनवाई 
मे ही सारे सबूत कोर्ट मे पेश कर दिए गये थे,,,सबूत पक्के थे इसलिए अमित को 10
दिन की पोलीस रिमॅंड पर भेज दिया था क्यूकी पहली बार मे केस की सुनवाई पर फेंसला
नही हो सकता था,,,,अमित के बाप के वकील ने भी सीडीज़ की जाँच के लिए अर्जी दी थी कोर्ट
मे,,,,हालाकी कुछ हो नही सकता था लेकिन फिर भी कोर्ट ने 10 दिन का टाइम दिया था,,वैसे
ख़ान भाई ने बता दिया था कि अमित की सज़ा पक्की है,,,,,




मैं भी बहुत खुश हुआ ख़ान भाई की बात सुनके,,,मैने जाके ये बात कविता और सोनिया को
बताई तो वो दोनो भी बहुत खुश हो गयी,,,,दोनो जल्दी से अपने मोबाइल से अपने कॉलेज की
फ्रेंड्स को कॉल करके ये खबर बताने लगी,,,,,,,




मैं वापिस आके गेम खेलने लगा,,तभी मोबाइल की रिंग बजी तो देखा मोबाइल की बेटरी लो 
होने वाली थी,,,,,मैने उसको मामा के रूम मे चार्जिंग पर लगा दिया,,,
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