RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मैं भी जाके कार मे बैठ गया,,,,कविता और सोनिया पिछली सीट पर बैठ गयी थी,,,उन लोगो
ने बॅग्स को मेरे साथ वाली सीट पर रख दिया था,,,,,सोनिया अभी भी रो रही थी,मैं अपनी
सीट से पलट कर उसकी तरफ देखने लगा,,,,,,
क्यूँ रो रही है अब तू,,,,अब तो सब ठीक हा ना,,,,वो कोई पागल था शायद नशा किया
होगा उसने ,,,कार भी संभाली नही जा रही थी उस से,,,,चल अब रोना बंद कर,,,सब
ठीक है कुछ नही हुआ ,,,,और मैं तुझे कुछ होने भी नही दूँगा,,,,
मेरी बात सुनके सोनिया चुप हो गयी,,,,,मैं कार वाली बात पर नही रो रही सन्नी उस बात
पर मैं खुश हूँ ,,रोना तो मुझे उस बात पर आ रहा है जो तूने माल मे किया ,,
मैने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया और कार स्टार्ट करके ड्राइव करने लगा तभी कविता
बोली,,,,,वो कार चलाने वाला जो भी था लेकिन मुझे अजीब लगा वो,,,तूने देखा सन्नी कार
की नंबर प्लेट्स भी नही थी,,,,
कविता की बात सुनके मैं मिरर मे उसको देखने लगा वो मुझे कुछ शकी नज़र से देख
रही थी,,,,,
मैं कुछ नही बोला बस ड्राइव करने लगा,,,,,फिर मैने ख़ान भाई को फोन किया और उनसे
वो गंगा नगर वाले घर का पता पूछा,,,,उन्होने पता मुझे बता दिया और मैं चल पड़ा
मोम डॅड को मिलने गंगा नगर की तरफ,,,,,
ख़ान भाई ने बोला था हमारे घर से 2 अवर्स का रास्ता है लेकिन मुझे तो 3 अवर्स से भी
ज़्यादा लग गये,,,,सर्दियाँ थी अंधेरा भी जल्दी हो जाता था और हम तो वैसे भी काफ़ी लेट
चले थे माल से,,लगभग शाम ढाल ही चुकी थी,,,,और उपर से ये पहाड़ी इलाक़ा था,,,
मुझे हाइवे पर ड्राइव मे प्राब्लम नही थी लेकिन पहाड़ियों मे ज़रा बचके ड्राइव करता
था मैं ,,,,अब तो रात भी ढल चुकी थी,,,,उपर से यहाँ रोड पर कोई लाइट भी नही
थी,,,,,,रास्ता भी सुनसान था,,,बहुत कम गाडिया नज़र आ रही थी रोड पर,,,कोई 1-2
किलोमेटेर बाद एक आध कार देखने को मिल रही थी,,,,
खैर हम लोग ख़ान भाई के बताए हुए पते पर पहुँच गये,,,,ये एक छोटा सा फार्म हाउस
टाइप घर थे,,,,या कह सकते हो बहुत खुला घर था,,,बहुत बड़ा गार्डन था इसमे,,,और
पीछे की तरफ रहने के लिए 4-5 रूम थे और एक छोटा सा आँगन था,,,,जैसे अक्सर पहाड़ी
घर होते है या गाँव के घर,,,,
हम लोग काफ़ी लेट हो गये थे,,,,शायद घर वाले सो चुके थे,,,लेकिन मैं ग़लत था
मैने अभी एक बार ही बेल बजाई थी कि गेट के उपर से देखा डोर से चलती हुई भुआ
गेट खोलने आ रही थी,,,
भुआ ने गेट खोला और सोनिया भुआ के गले लग्के मिली और साथ ही कविता भी,,इस से पहले
भुआ मुझे मिलती सोनिया और कविता ने भुआ का हाथ पकड़ा और भुआ को अंदर की तरफ ले जाने
लगी,,,,,
अरे रूको रूको बेटी सन्नी को तो आने दो,,,,,भुआ सोनिया और कविता से बोली
तभी कविता बोली,,,रहने दो भुआ वैसे भी आज वो सन्नी नही हम लोगो का ड्राइवर है,,
कविता ने इतना बोला और हँसने लगी साथ ही भुआ और सोनिया भी,,
ड्राइवर जल्दी से समान लेके अंदर आ जाओ,,,,इतना बोलके कविता ज़ोर से हँसने लगी और फिर
तीनो हँसती हुई अंदर चली गयी,,,,
मैने भी कार घर के अंदर की और कार से बाग निकालके घर के अंदर चला गया,,देखा तो
आँगन मे सभी लोग आग जला कर बैठे हुए थे,,,,
जैसे ही मैं अंदर गया डॅड बोलने लगे,,,,अरे कविता बेटी नया ड्राइवर रख लिया तुम लोगो
ने और मुझे बताया भी नही,,,,,,डॅड ने इतना बोला तो सब लोग मेरे पर हँसने लगे,,,,
मैं कुछ नही बोला बस एक रूम मे गया और समान रखके वापिस आ गया,,,,मैं आके डॅड को
मिला फिर माँ को फिर भुआ और शोभा को भी मिला,,,,
शोभा बहुत खुश थी आज,,,,वो सोनिया और कविता से हंस हंस कर बातें कर रही थी
तभी वो तीनो उठी और उस रूम मे चली गयी जहाँ मैं वो शॉपिंग वाले बॅग्स रखकर आया
था,,,,,सब लोग भी उसी रूम की तरफ चल पड़े ये देखने कि आख़िर शॉपिंग करके क्या लेके
आई है सोनिया,,,,
हम सब अंदर गये तो शोभा भी शॉपिंग का समान देख कर बहुत खुश थी,,,मुझे कुछ समझ
नही आ रहा था,,,
तभी माँ बोली,,,,अब बस करो बाकी समान कल सुबह देख लेना ,,दोनो थकि हुई आई है
कुछ चाइ कॉफी दो इनको और आराम करने दो,,,
तभी सोनिया और कविता ने उदास होके समान साइड रख दिया और शोभा माँ के साथ किचन मे
चली गयी,,,,भुआ डॅड के पास ही बैठ गयी थी,,,,
इतनी लेट क्यूँ हो गये सन्नी बेटा,,मुझे तो लगा था आज नही आओगे ,,,हम लोग बस सोने ही
लगे थे
क्या बोलू डॅड आपकी बेटी ने तंग कर दिया आज,,,इतना टाइम लगा दिया शॉपिंग मे कि पूछो
मत,,,,,मैं तो कब्से बोल रहा था जल्दी करो जल्दी करो लेकिन मेरी कॉन सुनता है
मैने इतना बोला तो कविता हँसने लगी जबकि सोनिया गुस्सा हो गयी,,
हम लोगो मे से किसी ने भी वो कार वाली बात नही बताई किसी को,,,,वरना घर वाले भी
टेन्षन मे आ जाते,,,,
अच्छा तो आज क्या किया सारा दिन शॉपिंग के अलावा,,,,,भुआ ने सोनिया से पूछा,,,,,
कुछ नही भुआ बस घर की सफाई करी हम सबने मिलकर लेकिन अभी सिर्फ़ नीचे वाला फ्लोर
ही सॉफ हुआ है उपर वाला रहता है अभी,,,,,
हां हां बेटा ख़ान का फोन आया था उसने बता दिया था कि तुम लोग घर वापिस आ गये हो
और घर मे रहने लगे हो,,,,,
जी डॅड,,,,आज ही घर आए हम लोग,,,ख़ान भाई ने बोला कि पोलीस का काम ख़तम हो गया है
,,तो डॅड आप लोग भी चलो अब घर,,,,अब कोई प्राब्लम नही है,,,,मैने जान भूज कर
ऐसी बात बोली ताकि उनको ऐसा लगे कि मैं किसी टेन्षन मे नही हूँ,,,,
अरे नही बेटा अब कैसे जा सकते है अब तो कुछ दिन यहीं रहना होगा,,,,अब तो बहुत ज़रूरी
काम भी है यहाँ कुछ दिन तक,,,,
क्या काम डॅड ,,,मैने डॅड से पूछा,,,
अरे ये कविता और सोनिया ने तुझे कुछ बताया नही क्या,,,,तभी मैने कविता और सोनिया की
तरफ देखा तो वो आपस मे बात करके ये जताने लगी कि उन लोगो का ध्यान नही हम लोगो की
तरफ,,,,
क्या नही बताया डॅड इन लोगो ने मुझे,,,,
अरे बेटा तेरी शोभा दीदी की शादी पक्की हो गयी है,,,जब हम यहाँ आए तो सुबह मैं वॉक
के लिए निकला तो मुझे मेरे ऑफीस का एक दोस्त मिल गया जो अपने बड़े भाई के पास आया था अपनी
फॅमिली को लेके,,,,फिर मैने उसको चाइ पर बुला लिया तो उसके बड़े भाई को अपने बेटे के लिए
हमारी शोभा पसंद आ गयी,,,और अब उन लोगो को शादी की भी जल्दी है क्यूकी लड़के ने
वापिस सिंगापुर जाना है वो वहीं जॉब करता है,,,उन लोगो को बहुत जल्दी है शादी की इसलिए
वो लोग कोर्ट मॅरिज करवाना चाहते है और उसके बाद रिसेप्षन की पार्टी हो जाएगी,,क्यूकी
उनकी फॅमिली ज़्यादा बड़ी नही है और ना ही ज़्यादा रिस्तेदार है उनके,,,,हम लोगो को भी लड़का
अच्छा लगा और हम लोगो ने भी हां करदी,,,,,ख़ान ने बोला था वो किसी को बुला लेगा कोर्ट
से जो शादी करवा देगा,,,,,
अरे डॅड इतना सब कुछ हो गया आप ने मुझे बताया क्यूँ नही,,,और ख़ान भाई ने भी कुछ नही
बताया,,,,,,और ना ही इन 2 पागलो ने ज़िक्र किया किसी बात का,,,,मैने सोनिया और कविता को
पागल बोला तो वो हँसने लगी साथ मे भुआ और डॅड भी
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