RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
ओये सन्नी बोला ना चलेगा हम लोगो के साथ,,,कविता ने फिर से बोला और सर पे हाथ मारा
नही मुझे नही जान तुम दोनो के साथ,,,तुम दोनो ही जाओ और एंजाय करो,,,,मैने थोड़ा गुस्से
मे बोला तो कविता थोड़ा उदास हो गयी,,,,
तभी पीछे खड़ी हुई सोनिया बोलने लगी,,,,,,मैने तुझे पहले ही बोला था कविता ये जाने
को तैयार नही होगा,,,,नखरा करेगा,,,,
इस से पहले कि मैं कुछ बोलता कविता बोल पड़ी,,,,,,तू चुप कर ना बाबा मैं बात कर
रही हूँ ना सन्नी से,,,बोल सन्नी चलेगा ना मेरे साथ,,,बोल ना सन्नी,,,,
नही कविता मुझे नही जाना,,,तुम दोनो जाओ और एंजाय करो,,,,मैं भला तुम दोनो के साथ
जाके क्या करूँगा,,,,
सोनिया फिर से बोली,,,,,कोई फ़ायदा नही कविता तुझे बोला था मैने,,,ये नखरा ही करता
रहेगा ,,,इस से बात करके अपना टाइम खराब मत कर वैसे भी बहुत दूर जाना है हम
लोगो ने,,,,इसको नही जाना तो रहने दे हम दोनो ही चलती है,,,
तभी कविता थोड़ा गुस्से से,,,,मैने बोला ना तुझे कि तू चुप कर्ज़ा,,,,चल तू कार मे
बैठ जा मैं सन्नी से बार कर रही हूँ ना,,,,मैं जानती हूँ ये मेरी बात नही टाल
सकता,,,,
ठीक है करो टाइम खराब मुझे क्या,,,इतना बोलके सोनिया कार मे बैठ गयी,,,
मैं तो साला हैरान हो गया,,,,कविता ने सोनिया पर गुस्सा किया ,,,और सोनिया भी चुप-चाप
से कार मे बैठ गयी,,,,आज पहली बार हुआ था कि कविता ने सोनिया पर गुस्सा किया था और
सोनिया ने आगे से कुछ नही बोला था,,,,मुझे तो यकीन ही नही हो रहा था,,,,,
सन्नी बोल चलेगा ना हम लोगो के साथ,,,,प्ल्ज़्ज़ सन्नी,,,,मना मत करना,,,,
लेकिन कविता मैं ,,,,,,,इस से पहले की मैं कुछ बोलता कविता बीच मे बोल पड़ी,,,
कुछ बोलने से पहले मेरी बात सुन ले सन्नी,,,,,हम लोग कहीं और घूमने नही जा रही हम
लोग तो तेरे गाँव (विलेज) जा रही है,,,
मेरे गाँव,,लेकिन क्यूँ,,,
अरे बोला ना मेरी बात सुन ले पहले,,,हम लोगो का प्लान तो कुछ और था लेकिन तभी सोनिया ने
बोला कि रेखा की शादी है तो हम लोगो का प्लान बन गया तेरे गाँव जाने का,,,,
लेकिन रेखा की शादी तो कल हो चुकी है अब क्या फादा जाने का,,,,,,मैं फिर से बीच मे
बोल पड़ा क्यूकी मैं उन लोगो के साथ जाना ही नही चाहता था,,,
अरे बुद्धु पूरी बात सुन ना मेरी,,,,बीच मे क्यूँ बोल रहा है बार-बार,,,,मैं जानती हूँ
रेखा की शादी कल हो चुकी है लेकिन सोनिया ने बोला कि शादी के बाद और भी बहुत सारे
रीति-रिवाज होते है तुम लोगो मे इसलिए तेरे घरवाले 5-6 दिन वही रहने वाले है तो
हम लोगो ने सोचा क्यूँ ना तुम्हारे गाँव चले...सभी लोग वहाँ होंगे और सबसे बड़ी बात
मैने आज तक तुम लोगो का गाँव नही देखा इसलिए हम लोगो का प्लान बन गया गाँव जाने का,
अब बोल चलेगा कि नही मुझे अपना गाँव दिखान के लिए,,,,
लेकिन कविता मैं,वो,,,,मैं अभी बोलने ही लगा कि कविता ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे
घर के अंदर ले गयी और दरवाजा भी बंद कर दिया,,,,,और जैसे ही दरवाजा बंद हुआ वो
मेरे गले लग गयी और मुझे किस करने लगी,,,,,मैने भी उसको किस का रेस्पॉन्स दिया क्यूकी
दरवाजा बंद था ,,सोनिया को क्या पता हम लोग अंदर क्या कर रहे है,,,,
कुछ देर किस करने के बाद कविता फिर से बोली,,,,,बोल सन्नी अब चलेगा ना मेरे साथ
मुझे अपना गाँव दिखाने,,,,वो बड़े प्यार से मुझे देख रही थी,,,,,,,,,,देख मैं सोनिया
से घर पर बात करके ही यहाँ आई थी और सोनिया को बोला था कि मैं तुझे मना लूँगी
अब मुझे मना मत कर प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ वरना वो मेरा मज़ाक बनाएगी बार-बार,,,,और वैसे भी
मुझे हाइवे पर कार ड्राइव करने से डर लगता है,,,,,,तू चल ना साथ सन्नी,,,,प्लज़्ज़्ज़्ज़
मेरी खातिर,,,,,,,
उसने इतना सब बड़े प्यार से बोला और मैं मना नही कर पाया,,,और वैसे भी मैं गाँव जाने
की बात से बहुत खुश था,,,क्यूकी सब लोग थे वहाँ पर,,,,लेकिन मुझे डर था घर खाली
छोड़कर जाने मे,,,मुझे डर था कहीं अमित के बाप के लोग घर खाली देखकर घर मे
घुसने की कोशिश ना करे,,,,
तभी मैने कविता को बोला,,,,,,ओके बाबा मैं भी चलता हूँ तेरे साथ,,मैने अभी इतना
बोला और कविता जल्दी से मेरे गले लग गयी और किस करने लगी,,,,
थन्क्ष्क्ष सन्नी ,,अब मैं बताती हूँ सोनिया को बाहर जाके,,,,,उसने इतना बोला और घर के बाहर
जाने लगी,,,,,सन्नी जल्दी से अपना बॅग रेडी कर्लो और बाहर आ जाओ,,,,उसने इतना बोला और
घर से बाहर चली गयी,,,,
उसके जाते ही मैने ख़ान भाई को फोन किया और सारी बात बात दी कि मैं गाँव जा रहा हूँ
और घर खाली रहेगा,,,,,ख़ान भाई ने बोल दिया कि वो कुछ लोगो की मेरे घर की निगरानी पर
लगा देंगे,,और मैं बे-फ़िक्र होके जा सकता हूँ,,,लेकिन फ़िक्र तो मुझे थी क्यूकी सोनिया भी
थी साथ मे
मैं खुद रेडी होके और अपना बॅग लेके घर से बाहर निकला और दरवाजे को लॉक लगा कर
कार की तरफ चला गया,,,,सोनिया और कविता दोनो कार मे बैठी थी,,,,लेकिन आज कविता
कार मे आगे बैठी हुई थी जबकि सोनिया पीछे वाली सीट पर,,,,मैने देखा कि पीछे वाली
सीट पर खाने पीने का बहुत समान पड़ा हुआ था,,,,,,
मैने गेट को भी लॉक किया और कार का दरवाजा खोलके ड्राइवर सीट पर बैठ गया क्यूकी
कविता ने बोला था कार मुझे ही ड्राइव करनी है,,,
जैसे ही मैं कार मे बैठा सोनिया बोल पड़ी,,,,,अरे मान गयी कविता तुझे ,,बड़ी जल्दी
मना लिया तूने सन्नी को,,,,मुझे नही लगा था कि ये इतनी जल्दी मान जाएगा हम लोगो के
साथ जाने के लिए,,,,,
मानता क्यूँ नही,,,,मेरा दोस्त है और मुझे पता है दोस्तो को कैसे मनाया जाता है,,कविता
ने हँसके मेरी तरफ देखा और फिर सोनिया की तरफ देखा तो दोनो हँसने लगी,,,,
मैने भी कार चलाना शुरू कर दिया,,,,,,लेकिन तभी मैने कार की सीट पर पड़े हुए
खाने के समान को देखा तो कविता बोल पड़ी,,,,,,,
सन्नी रास्ता भूल लंबा है ना इसलिए हम लोगो ने पहले ही खाने पीने का सामान कार मे रख
लिए अब कहीं रुकने की ज़रूरत नही होगी,,,,,
कविता सही बोल रही थी,,,हम लोगो को काफ़ी टाइम लगने वाला था गाँव जाने मे ,,,और वैसे
भी सर्दियाँ शुरू हो गयी थी अंधेरा जल्दी होने लगा था,,,इसलिए मैने कोई ज़्यादा बात
'नही की और अपनी मस्ती मे कार ड्राइव करने लगा जबकि सोनिया और कविता दोनो बातें करती
रही पूरा रास्ते,,,,
हम लोग बस एक बार रुके थे वो भी हाइवे पर बने हुए एक रिसोर्ट मे क्यूकी कविता और
सोनिया को वॉशरूम जाना था,,,,उसके अलावा हम कहीं नही रुके,,,,रात 11 बजे के करीब मैने
कार को चाचा जी के घर के सामने रोक दिया था,,,हाइवे पर तो ज़्यादा टाइम नही लगा लेकिन
गाँव की कच्ची और टूटी हुई रोड पर हमे बहुत मुश्किल हुई,,,,
गाँव मे लोग अक्सर जल्दी हो सो जाते है और अब तो आधी रात हो चुकी थी,,,मैने जैसे ही
कार को चाचा जी के घर के सामने रोका सोनिया जल्दी से कार से उतर गई और दरवाजे पर
नॉक करने लगी ,,कविता भी कार से उतर गयी थी जबकि मैं कार मे ही बैठा हुआ था
5-7 मिनिट नॉक करने के बाद जब चाचा जी के घर का दरवाजा नही खुला तो मैने कार
का हॉरेन बजा दिया,,,, कार का हॉरेन बजने से भी चाचा जी के घर से कोई रेस्पॉन्स नही
आया लेकिन मैने देखा कि दूर केवल के घर की लाइट्स ऑन हो गयी और तभी केवल अपने घर
से बाहर आ गया था,,,,केवल चाचा जी का बेटा था जो अपने नये घर मे रहता था ,,,
केवल घर से बाहर आया तो मैने देखा कि उसके पीछे कोई औरत भी घर से बाहर आ गयी
थी,,,
सोनिया और कविता चलके केवल के घर की तरफ जाने लगी और मैं भी कार से उतारकर उनके
पीछे चलने लगा,,,,
सोनिया आगे बढ़ के केवल से मिली और फिर जाके केवल के पीछे खड़ी हुई औरत के गले लग
गयी,,,कविता ने भी केवल को हेलो बोला और सोनिया के साथ उस औरत के गले लग्के मिली
तभी वो औरत बोली,,,,,तुम सोनिया हो ना,,,सोनिया ने हां मे सर हिला दिया,,,,और ये तेरी
दोस्त कविता है,,,मैने ठीक पहचाना ना,,,,कविता ने भी सर हिला कर उसको बता दिया
कि उसने उन दोनो को ठीक पहचाना है,,,,
तभी उसने मेरी तरफ इशारा किया,,,,,और ये सन्नी है ना,,,,तुम्हारा भाई,.,,,सोनिया ने
फिर हां मे सर हिला दिया
मैने दूर से ही केवल और उस औरत को हेलो बोल दिया,,,
सोनिया उस औरत के गले लगी और सोनिया की आँखें नम हो गयी और साथ ही उस औरत की भी
,,मैने देखा कि उन दोनो को देख कर कविता की आँखें भी नम हो गयी थी,,
तभी केवल थोड़ा चिढ़के हुए,,,तुम लोगो ने दरवाजे पर खड़े होके रोना क्यूँ शुरू कर
दिया,,,
ये केवल था ही अजीब बंदा ज़्यादा बात ही नही करता था,,इसलिए तो मैं भी दूर-दूर
से ही मिला था इसको,,,
तभी वो औरत बोली,,,,,कुछ नही जी पहली बार मिली हूँ ना इन लोगो को इसलिए आँखें
भर आई मेरी,,,,,
ये औरत शायद केवल की पत्नी थी,,,,और रिश्ते मे मेरी मामी थी ,,,,मैं आज तक इसको
पहले कभी नही मिला था लेकिन फिर भी वो कुछ जानी पहचानी लग रही थी और जिस तरह
से वो सोनिया और कविता के गले लग्के रोई थी वो केवल से तो बहुत ज़्यादा अलग नेचर की
लग रही थी मुझे,,,,
उमर मे करीब 35-38 के करीब थी,,रंग गौरा था,,जिस्म ज़्यादा नज़र नही आ रहा था
क्यूकी सर्दी की वजह से उसने शाल ओढ़ रखी थी जिस्म पर,,,लेकिन उसका फेस बहुत क्यूट
था मेरा ध्यान उसके क्यूट फेस से हट ही नही रहा था,,तभी मेरी नज़र गयी सोनिया की
तरफ जो मुझे बहुत गुस्से से देख रही थी,,,,
केवल फिर से बोला,,,चलो सीमा अंदर चलो रात बहुत हो गयी है,,,,रोना धोना बाद मे
कर लेना,,,,
तभी पता चला उसका नाम सीमा था,,,
|