RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मैं उसकी बात से थोड़ा हैरान हो गया,,,,,,,,तुझे कैसे पता मैने रात को डिन्नर भी नही किया
था,,,,तू मेरे पर नज़र रख रही थी क्या,,,मैने हंसते हुए बोला,,,,
नज़र रखने की ज़रूरत नही मुझे तेरे पर सन्नी,,मैं जानती हूँ तू कैसा है,,,,,उसने फिर से
शरमाते हुए बोला,,,,
अच्छा फिर तुझे कैसे पता मैने डिन्नर नही किया ऑर अभी तक नाश्ता भी नही किया होगा,,,,मेरे
हाथ अभी भी उसके शोल्डर पर थे ओर मैने उसको ये बात बोलते हुए अपने करीब कर लिया था,
हम दोनो अब एक दूसरे से चिपक कर खड़े हो गये थे,,हम दोनो मे से हवा भी क्रॉस नही
कर सकती थी,,,,,उसके छोटे-2 बूब्स मेरी छाती से दबने लगे ,,उसकी दिल की धड़कन भी तेज हो गयी
थी ऑर साँसे भी भारी हो गयी थी,,,मेरे हाथ तो उसके शोल्डर पर थे लेकिन उसके हाथ अभी भी
नीचे की तरफ लटक रहे थे ,,,
लेकिन तभी उसने अपने हाथ उपर उठाकर मेरी चेस्ट पर रख दिए ऑर अपना चेहरा उपर उठा लिया
ऑर मेरी आँखों मे आँखें डालके बोली,,,,,,,,,सोनिया ने बोला था मुझे,,,कि तूने रात ओर डिन्नर भी
नही किया होगा ऑर अभी तक नाश्ता भी नही किया होगा,,,,
उसने सोनिया का नाम लिया तो मेरे हाथों की पकड़ उसके शोल्डर पेर कमजोर हो गयी ओर उसी टाइम
उसने भी मेरी छाती पर अपने हाथों से मुझे अपने से दूर कर दिया,,
सोनिया ने बोला था मुझे कि कल तूने उसको गुस्से मे घर से निकाल तो दिया लेकिन हर्ट तू खुद भी
हुआ होगा,,,,जैसे वो घर से जाके उदास हुई थी वैसे तू भी उदास हुआ होगा,,,,तूने डिन्नर भी
नही किया होगा भूखा ही सो गया होगा,,,,ऑर शायद तुझे नींद भी नही आई होगी,,,सोने मे दिक्कत
भी हुई होगी,,,
मैं थोड़ा हैरान रह गया,,,
हैरान मत हो सन्नी,,,,मुझे भी पता था तू उदास था जब सोनिया कल घर से जा रही थी ऑर तेरे
हाथ की चोट देखकर मुझे यकीन हो गया था कि तुझे अच्छा नही लगा सोनिया को घर से निकाल
कर ओर मुझे ये भी पता था तू डिन्नर नही करेगा,,,,ऑर अभी तक नाश्ता भी नही किया होगा इसलिए
नाश्ता लेके आई हूँ मैं घर से,,,
मैं उसकी बातों से थोड़ा उदास हो गया,,,बेचारी सोनिया कितनी अच्छी तरह से समझती थी मुझे कितनी
अच्छी तरह से जानती थी मेरे बारे मे,,,ऑर वैसे ही ये कविता भी,,,,उतनी ही अच्छी तरह से जानती थी
मुझे जितनी अच्छी तरह से सोनिया,,,मैं तो दोनो के बारे मे सोच सोच कर पता नही किन ख़यालो
मे खो गया,,,,
तभी कविता बोली,,,,कहाँ खो गया सन्नी,,,,,नाश्ता नही करना क्या,,,,
मैं अपने ख्यालों से बाहर निकला तो देखा कविता हाथ मे कॉफी कप लेके खड़ी हुई थी,,चल
वो सॅंडविच उठा ऑर बाहर आजा,,,,
कविता कप लेके बाहर चली गयी ओर मैने वो सॅंडविच उठाए ओर बाहर डाइनिंग टेबल पर आ गया,,
वहाँ आके मैने कविता की तरफ देखा ऑर उसके पास ही आके बैठ गया,,,उसने एक कप कॉफी मेरी
तरफ बढ़ा दी ऑर हम लोग नाश्ता करने लगे,,,,,जैसे ही मैने सॅंडविच की एक बाइट ली कविता ने अपना
फोन लिया ऑर किसी को फोन करने लगी,,,,
हेलो सोनिया,,,,काम हो गया है,,,अब तुम भी कुछ खा लो,,,,,कविता ने इतनी बात खुश होके
हंसते हुए बोली ऑर बाइ बोलके फोन कट कर दिया,,,,,
कॉन्सा काम हो गया कविता ,,ऑर तुम सोनिया से क्या बात कर रही थी,,,क्या काम बोला था उसने जाते
टाइम तुमसे,,,,
कविता हँसने लगी,,,,,तू बुद्धू का बुद्धू रहना सन्नी,,,,,जिस बेहन को पता है कि उसके भाई ने
रात डिन्नर भी नही किया ऑर अब तक नाश्ता भी नही किया होगा भला उसको भूख लग सकती है
क्या,,,,,,
मैं कुछ समझा नही क्या बोली तुम कविता,,,,
तुम हो ही नासमझ कहीं के,,,,,दिमाग़ तो चलता ही नही तेरा,,,,लेकिन दिल से तो काम ले सकता है
ना तू सन्नी,,,,,,,,
अरे बाबा ठीक से बोलो ना मुझे कुछ समझ नही आ रहा,,,तुझे जब पता है मैं नासमझ हूँ
तो अच्छी तरह से समझा दो ना मुझे,,,
सोनिया को पता था तूने कुछ नही खाया होगा उसके जाने के बाद,,,इसलिए उसने भी अभी तक कुछ
नही खाया है सन्नी,,,,ना तो उसने रात डिन्नर किया ऑर ना ही अभी तक नाश्ता किया है,,,बोली मुझे
कि पहले जाके सन्नी को कुछ खिला दो बाद मे वो खाएगी,,,,इसलिए तो जाते टाइम बोलकर गयी थी काम
हो जाए तो कॉल कर देना मुझे,,,,,,तू क्या समझता है मैं तेरी हेल्प करने आई हूँ
कविता की इस बात से मेरे मूह मे सॅंडविच इधर उधर घूमने लगा ,,उसको हलक से नीचे उतारने
को दिल ही नही किया मेरा,,,,आँखें नम होने लगी लेकिन कविता के सामने रोने से डर लग रहा था,,
वैसे भी एक लड़का लड़की के सामने रोने से डरता है,,,क्यूकी ऐसा करने से लड़की उसको कमजोर
समझ लेती है लेकिन सच तो ये है कि अगर लड़का लड़की के सामने रोता है तो उस से बड़ा हिम्मतवाला
कोई नही होता,,,,,लेकिन शायद मैं वो हिम्मत वाला नही था इसलिए कविता के सामने रोने से डर
रहा था,,,,
मैं वो हिम्मत वाला तो नही था जो कविता के आगे रो सकता लेकिन मेरी आँखों की नमी कविता से
छुपी नही रह सकी,,,उसने मेरी आँखों की नमी देख ली थी,,,,,,
उसने मेरा हाथ पकड़ लिया ऑर बोली,,,,,,,,,अब रो क्यूँ रहा है,,,,जब अपनी बेहन को हर्ट किया था
उसको थप्पड़ मारा था तब ये नही सोचा था कि उसके थप्पड़ का दर्द तुझे भी सहना होगा,,,ऑर
तुझे क्या लगता है कि मैं तुझे यहाँ एग्ज़ॅम मे हेल्प करने आई हूँ,,,,मुझे तो सोनिया ने इसलिए
भेजा था ताकि मैं तुझे कुछ खिला दूं,,,,तू अभी तक भूखा होगा,,,जब तक तू कुछ नही
खाएगा तब तक उसने भी कुछ ना खाने की सोच ली थी,,,,,
मेरी आँखों मे आँसू छलक गये कविता की बात सुनके ऑर सोनिया के दिल मे मेरे लिए इतना प्यार
देखकर,,,,वो पगली मेरे से दर्द लेती है फिर भी शिकायत नही करती,,,,उल्टा मेरी केर करती है,,
जब अपनी बेहन का दर्द नही देख सकता तो क्यूँ दर्द देता है तू उसको,,,,मुझे नही पता सन्नी तेरी
फाइट क्यूँ हुई उसके साथ,,,ना तूने मुझे बताया ऑर ना ही उसने,,,,लेकिन मुझे पता है ग़लती तेरी होगी
ऑर अगर ग़लती सुधारनी है तो एग्ज़ॅम मे पास हो जाना सोनिया शायद तुझे माफ़ कर्दे,,,,,बाकी एग्ज़ॅम का
तो पता नही कैसे हुए तेरे लेकिन कल का एग्ज़ॅम अच्छा करना तू,,,इतना बोलकर कविता ने मेरी आँखों
से बहने वाले आँसू सॉफ किए अपने हाथों से,,,,
लेकिन तभी मेरे आँसुओं का बाँध टूट गया ऑर मैं फुट फुट कर रोने लगा,,,मुझे सोनिया की एक
दम से इतनी याद आने लगी कि उसकी याद ने आँसुओं के बाँध को तोड़ दिया,,,,,
तभी कविता अपनी चेर से उठकर खड़ी हो गयी ,,उसने मेरे सर को पकड़ा ऑर अपने पेट पेर नाभि
के पास रख लिया ऑर रोते हुए मुझे चुप करवाने लगी,,,,,,,
सन्नी ,,,,,,क्यूँ रो रहा है ऐसे बच्चे की तरह,,चल चुप कर,,,,,वो मुझे चुप करवा रही थी
ऑर मेरे सर पेर हाथ फिरा रही थी,,लेकिन मैं रोता ही जा रहा था,,,,मेरे से आँसू संभालने
मुश्किल हो गये थे अपनी बेहन के दिल मे अपने लिए प्यार देखकर,,,,,,,,
तभी मैं रोते हुए बोला,,,,,,पता नही वो क्या सोच रही होगी मेरे बारे मे,,,मैं उसका भाई
हूँ ऑर उसको इतना हर्ट करता हूँ लेकिन फिर भी वो मेरी कितनी केर करती है,,,,कल थप्पड़ की
वजह से उसके मूह से खून निकल आया था तब भी वो मेरे पर गुस्सा नही हुई,,,ऑर अब मेरी वजह
से उसने खाना भी नही खाया,,,कितनी शरम की बात है मेरे लिए,,,,मेरे जैसे भाई को डूबकर
मर जाना चाहिए जो अपनी प्यारी बेहन सोनिया के साथ ऐसा बर्ताव करता है,,,,
श्ह्ह्ह्ह्ह्ह रोना बंद करो सन्नी,,,,मुझे नही पता तुम दोनो मे फाइट क्यूँ हुई सन्नी,,,ना तो
तूने मुझे कुछ बताया ओर ना ही उसने,,,लेकिन वो तुम्हारे बारे मे कुछ ग़लत नही सोचती,,,उसने तो
बोला कि कल तूने उसको जो थप्पड़ मारा था उसकी भलाई के लिए मारा था,,,,वो तेरे थप्पड़ से उदास
नही थी बहुत खुश थी,,,वो तेरे बारे मे कभी बुरा सोच ही नही सकती,,,इतना बोलते हुए कविता ने
मेरे सर को उपर अपनी तरफ उठा लिया ऑर मेरे आँसू सॉफ करने लगी,,,,,,,,,,चल अब रोना बंद कर
ऑर ये मत सोचना कभी कि सोनिया तेरे बारे मे कुछ ग़लत सोचती है,,,या तुझे बुरा इंसान समझती
है,,,,वो तो तुझे अपना बहुत प्यारा भाई मानती है,,,,बहुत केर करती है,,,,कविता बोलती जा रही थी
ऑर मेरे आँसू सॉफ करती जा रही थी,,,,
मेरे आँसू तो थम गये थे लेकिन दिल अभी भी दर्द कर रहा था,,,,दुखी था,,,सोनिया एक बारे मे
सोच सोच कर,,,,,
चल अब रोना बंद कर सन्नी ऑर खाना खा ले,,,,देख तू नही खाएगा तो मैं भी नही खाउन्गि
कविता ने इतना बोला ऑर मायूस चेहरे बना लिया,,,मुझे बहुत भूख लगी है सन्नी,,
क्यूँ तूने भी रात से कुछ नही कहा क्या,,,,मैने ये बात नम आँखों से मायूस चेहरे पर
हल्की खुशी लेक बोली,,,
क्यूँ मैं क्यूँ भूखी रहूंगी तुम भाई बेहन की फाइट की वजह से,,,,मैने तो रात पेट भरके डिन्नर
किया था अब तो भूख इसलिए लग रही है क्यूकी मैने सॅंडविच बहुत अच्छे बनाए है ना,,,मेरे
मूह मे पानी आ रहा है सॅंडविच देख देख कर,,,,,चल अब जल्दी खा ना ऑर मुझे भी खाने
दे ,,,,,,,,,इतना बोलकर कविता ने एक बार फिर से मेरी आँखो की नमी को सॉफ किया ऑर वापिस चेयर
पर बैठ गयी,,,,,
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