RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
अब भी तू यही कहेगी कि तेरा ये भाई अपने बस मे रहेगा,,,,,तुझे हर्ट नही करेगा,,,,
हां ,,यही कहूँगी,,,,मेरा भाई मुझे कभी हर्ट नही करेगा,,वो पता नही क्यूँ ये सब इतनी हिम्मत से बोल रही थी
जबकि मैं आगे बढ़ता जा रहा था,,,मैने टवल पर हल्का ज़ोर लगाया तो उसकी साँसे अटक गई,,,,
तू कुछ भी करले सन्नी मुझे हर्ट नही कर पाएगा,,वो डरी हुई थी ,,,फिर भी अपनी बची खुचि हिम्मत को
समेट कर मेरे से बात करती जा रही थी,,,,,
तभी मैने उसके लिप्स को अपने लिप्स मे जकड लिया और पागलो की तरह किस करने लगा ,,,उसने मुझे किस का रेस्पॉन्स तो
नही दिया लेकिन मुझे रोका भी नही,,,,मैं करीब 2-3 मिनट तक उसको ऐसे ही किस करता गया,,उसके होंठों को
अपने मुँह मे भरके चूस्ता गया,,,फिर मैं उस से अलग हो गया,,पीछे हट गया
इस बार मैने देखा कि उसकी आँखें फिर से गंगा जमुना बहाने लगी थी,,रोते हुए वो खुद पर क़ाबू करने की
कोशिश कर रही थी,,,उसकी साँसे उखड़ रही थी दिल तेज़ी से धड़क रहा था,,,,
बोल अब क्या बोलती है तू क्या अब भी तुझे नही जाना कविता के घर,,क्या अब भी मेरे जैसे जानवर के साथ यहीं
रहना है तूने,,,,,
तभी वो भाग कर दरवाजे के पास चली गई,,,,,,,,,,और जाके दरवाजे के पास खड़ी हो गई,,,,,,,,,हां सन्नी अब भी
मुझे यहीं रहना है,,,,कहीं नही जाना मुझे,,,इसी घर मे रहना है,,इतना बोलकर वो वहाँ से भाग कर अपने
रूम मे चली गई,,,,
या अल्लाह ,,,,,,अब मैं क्या करूँ इस लड़की का,,,,कैसे समझाऊ इसको कि मैं इसको हर्ट तो नही कर सकता लेकिन मैं
खुद पर ज़्यादा देर तक कंट्रोल भी नही कर सकता,,,,कैसे समझाऊ इसको कि शेर और बकरी जैसे एक घाट पर पानी नही
पी सकते वैसे जन्नत की हूर से भी ज़्यादा खूबसूरत और किसी फूल जैसी नाज़ुक और मासूम सोनिया मेरे जैसे कामीने
और गिरे हुए इंसान के साथ मेरे जैसे शैतान के साथ एक छत के नीचे नही रह सकती,,,कैसे समझाऊ इसको,,कैसे?
तभी मैने कविता को फोन किया,,,,क्यूकी मैं कैसे भी करके सोनिया को यहाँ से भेजना चाहता था,,,,मैं रूम से
बाहर गया क्यूकी मेरा फोन नीचे पड़ा हुआ था,,,सोनिया के रूम मे दरवाजा बंद था,,,मैं उसके रूम के पास
से ग़ुजरकर नीचे चला गया,,,,नीचे आके पहले मैने डॅड के रूम से एक शर्ट पहनी और फिर कविता को फोन किया,,,
हेलो कविता,,,,,
हेलो सन्नी,,,कैसे याद किया ,,,
मुझे तेरे से थोड़ा काम है,,,क्या तू अभी घर आ सकती है,,,,
देख सन्नी तुझे पता है मेरी तबीयत अभी पूरी तरह से ठीक नही हुई है,,अभी मैं कुछ नही कर सकती प्लज़्ज़्ज़
कुछ दिन रुकजा ना तू,,,,
तू ग़लत समझ रही है कविता,,,,मैं उसके लिए तुझे नही बुला रहा मुझे कुछ और काम है,,,
और क्या काम पड़ गया तुझे मेरे से सन्नी,,,,बता ज़रा,,,,
फोन पर नही बात सकता,,,,,,, क्या तू आ सकती है घर पर प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़
ठीक है मैं शाम को आती हूँ,,,,
शाम को नही अभी और जितना जल्दी हो सके,,,
हुआ क्या है सन्नी,,,कहीं तेरा झगड़ा तो नही हुआ सोनिया से,,,,
बोला ना फोन पर नही बता सकता तू जितनी जल्दी हो सके घर पहुँच
ओके सन्नी मैं अभी आती हूँ थोड़ी देर मे
मैने फोन कट किया और वहीं बैठ गया कविता की वेट करने क लिए,,,,करीब 20-25 मींते बाद कविता आ गई
क्या हुआ सन्नी,,,इतनी भी क्या आफ़त आ गई थी जी इतनी जल्दी मे बुलाया मुझे,,,,पता है तबीयत ठीक नही है मैं नही
आ सकती फिर भी,,,
सौरी कविता ,,मैं जनता हूँ तेरी तबीयत ठीक नही,,,,और भला मेरे से बेहतर कॉन जान सकता है तेरी हालत को,,
लेकिन मुझे कुछ ज़रूरी काम था इसलिए बुलाया तुझे,,,,
वो थोड़ा शरमा गई मेरी बात सुनके,,,,,,,अच्छा बता क्या काम है,,,,
तभी मैने उसका हाथ पकड़ा और उसको अपने साथ सोनिया के रूम मे ले गया,,,जहाँ सोनिया बेड पर बैठकर रो रही
थी,,,
कविता रूम मे घुसी और जल्दी से सोनिया के पास चली गई,,,,अरे क्या हुआ तुझे सोनिया ,,ऐसे रो क्यूँ रही है,,,सोनिया
कुछ नही बोली बस कविता के गले लग्के रोने लगी,,,और कविता उसको चुप करवाने लगी,,,
इधर मैने एक बॅग लिया और सोनिया एक कुछ कपड़े डालने लगा उस बॅग मे,,,,,
सोनिया और कविता दोनो मुझे देखने लगी,,,,सोनिया फिर से रोने लगी,,,,
क्या हुआ कुछ तो बता सोनिया ,,क्या सन्नी ने कुछ कहा तुझे,,,कुछ तो बोल ना प्लज़्ज़्ज़्ज़
सोनिया कुछ नही बोल रही थी लेकिन कविता ने उसके आँसू पोछ दिए तो सोनिया थोड़ी चुप कर गई थी,,,लेकिन हल्की
नमी फिर भी बहती जा रही थी उसकी आँखों से,,,
इतनी देर मे मैने कुछ कपड़े बॅग मे डाल दिए और बॅग को सोनिया और कविता के पास रख दिया,,,,
ये क्या है सन्नी,,,,कविता ने मेरे से पूछा,,
ये सोनिया का बॅग है,,,,आज से ये तेरे घर पर रहेगी जब तक मोम डॅड नही आ जाते,,,,
मुझे नही जाना कहीं भी,,,सोनिया बेड से उठके खड़ी हो गई और रोते हुए बोली,,,
मैने तेरे से नही पूछा तुझे जाना है या नही,,,,मैने बस तुझे बताया है कि तू जा रही है कविता के साथ,,कविता
मैं नीचे जा रहा हूँ इसको लेके जल्दी नीचे आ जाना,,,,अब ये तेरे घर पर रहेगी,,,
लेकिन सन्नी कुछ बता तो सही आख़िर हुआ क्या है,,,,
कुछ नही हुआ,,,,बस ये तेरे घर रहने वाली है,,,मोम डॅड के आने तक,,,
मैने इतना बोला कि सोनिया फिर से मेरे पास आके बोली,,,,,,मैने कह दिया ना कि मुझे कहीं नही जाना,,
सोनिया ने इतना बोला ही था कि मैने कस के एक थप्पड़ लगा दिया सोनिया के गाल पर,,,,थप्पड़ बहुत कस के मारा मैने
जिसकी आवाज़ रूम मे गूँज उठी,,,,,,तू अपनी बकवास बंद रख ,,मैने तेरे से पूछा नही कि तूने जाना है या नही
,,,मैने तुझे बताया है कि तू कविता के घर जा रही है बस,,,,,आगे कोई बात नही करनी मुझे ,,,समझी,,,,,
मेरी इस हरकत से कविता भी सहम गई और सोनिया ने नज़रे झुका ली,,,,
कविता कुछ नही बोली बस सहम कर रह गई,,,सोनिया सर झुका कर खड़ी हुई थी,,,तभी मैने देखा कि सोनिया ने अपने
सर को उपर उठाया और मेरी तरफ देखा,,,,
मैं उसको देखकर थोड़ा हर्ट हो गया,,,थप्पड़ इतना ज़ोर से लगा था उसको की उसके लिप्स से खून बहने लगा,,मेरा
दिल भी पसीज गया लेकिन मैने खुद पर क़ाबू किया और कमजोर नही पड़ा सोनिया के सामने
तभी सोनिया ने हंस कर मेरी तरफ देखा और अपने हाथ से अपने लिप्स से बहने वाले खून को सॉफ किया ,,,,मैं उसकी इस
हरकत से हैरान रह गया,,,,इतनी कस के थप्पड़ लगा फिर भी हंस रही है ये पागल लड़की,,,,
तभी कविता मेरे पास आई,,,क्या हुआ सन्नी इसको मारा क्यूँ,,,तेरा दिमाग़ खराब हो गया है क्या,,,मैने आज तक नही
देखा कभी ऐसा कि तूने इसको हर्ट किया हो फिर आज क्या हुआ ऐसा जो तूने इसको थप्पड़ मार दिया,,,,
पता नही मुझे क्या हुआ है,,,,और तेरे को बताना ज़रूरी नही समझता मैं,,,,तू बस जल्दी से इसको लेके नीचे आजा और फिर
इसको तेरे घर जाना है आज ही,,,,मैने इतना सब गुस्से से बोला और रूम से निकलकर नीचे चला गया,,
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