Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
12-21-2018, 02:34 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मैं उसके रूम की तरफ बढ़ने लगा था जबकि वो भी अपने रूम से दरवाजे की तरफ या बोलो कि मेरी तरफ
बढ़ने लगी थी,,मैं और वो दरवाजे से बस 2 कदम दूर थे तभी मुझे दरवाजा खुलने की आवाज़ आई और
मेरा ध्यान गया उस तरफ तो मैने देखा कि कामिनी भाभी अपने रूम के दरवाजे के पास खड़ी होके मुझे
देख रही थी,,,मैं उनकी तरफ देखता हुआ कविता के रूम की तरफ चल रहा था तभी भाभी ने मुझे हाथ
उठाकर बाइ बोला फिर अपने लिप्स पर हाथ रखके मुझे एक फ्लाइयिंग किस की और वापिस अपने रूम के अंदर चली
गई और दरवाजा बंद कर लिया,,,,मैं भाभी की इस हरकत से थोड़ा टेन्षन मे आ गया ,,मेरा ध्यान अभी भी
भाभी के रूम की तरफ था जबकि मेरे कदम चल रहे थे कविता के रूम की तरफ ,,,तभी कविता ने आगे
बढ़ कर मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे अपने रूम मे खींच लिया,,,जैसे ही मैं रूम के अंदर खींचा
गया कविता ने दरवाजा बंद कर लिया और जल्दी से मेरे से लिपट गई,,,

बंद कमरे मे हम दोनो नंगे जिस्म एक दूसरे से चिपक कर खड़े हुए थे ,,उसके दोनो हाथ मेरे जिस्म
से लिपट गये थे ,,,हम दोनो इतने करीब थे कि हम लोगो मे से हवा भी क्रॉस नही हो सकती थी,,,उसके
छोटे छोटे बूब्स मेरी छाती से थोड़ा नीचे दब रहे थे और मुझे एक मीठा और सॉफ्ट एहसास दे रहे थे


,,उसके हाथ तो मेरे जिस्म से लिपट चुके थे लेकिन मेरे हाथ अभी तक नीचे लटक रहे थे लेकिन मेरे हाथों
को उसके जिस्म तक जाने मे ज़्यादा देर नही लगी,,उसके जिस्म की खुसबू,, उसकी गर्म साँसों का मेरे जिस्म से टकराना
उसके हाथों का मेरे जिस्म पर कसते चला जाना यही सब काफ़ी था मुझे गर्म करने के लिए,,मेरा लंड इतना
ज़्यादा हार्ड हो गया कि मेरे से अब बर्दाश्त नही हो रहा था,,मैं बस उसको बाहों मे भर लेना चाहता
था लेकिन फिर भी मैं ना जाने क्यूँ उसको बाहों मे भरने से डर रहा था,,,शायद मैं थोड़ा कन्फ्यूज़ '
था जो सब भी हो रहा था मुझे अजीब लग रहा था,,,मुझे नही पता था कविता घर पर थी और जब उसने
मुझे नंगी हालत मे देख लिया था तबसे मुझे कुछ डर सा लगने लगा था शायद इसी वजह से मैं उसके
करीब होने मे थोड़ा टाइम लगा रहा था ,,लेकिन उसके जिस्म ने मेरे जिस्म से लिपटकर अपने जिस्म की गर्मी से
मेरे जिस्म को भी गर्म करना शुरू कर दिया था,,,

हम लोग काफ़ी टाइम तक ऐसे ही खड़े रहे ,,बिना हिले जुले ,,,,हम दोनो ने एक दूसरे को बाहों मे जकड़ा हुआ
था लेकिन कोई भी कुछ भी हरकत नही कर रहा था,,,बस उसके बूब्स मेरे जिस्म से लग रहे थे और मेरा हार्ड
हो चुका लंड उसके पेट और मेरे जिस्म मे दबकर नीचे की तरफ मूड गया था और एसी हालत मे मेरे लंड मे
हल्का दर्द भी होने लगा था,,,लेकिन वही दर्द मुझे हल्की मस्ती भी दे रहा था,,,और तभी उसने कुछ
ऐसा किया कि मेरे जिस्म की गर्मी और ज़्यादा बढ़ने लगी थी,,,उसने अपने सॉफ्ट लिप्स को मेरी छाती से टच कर दिया
था और मेरी छाती पर हल्की हल्की किस करने लगी थी और किस करते टाइम उसके हाथ भी मेरे जिस्म पर कस्के
पकड़ बनाने लगे थे लेकिन उसकी पकड़ ज़्यादा मजबूत नही बन रही थी इसलिए वो ऐसे ही खड़ी रहके मुझे
किस करती रही ,,एक के बाद एक उसने मेरी छाती पर कम से कम 15-20 किस करदी थी,,,उसके सॉफ्ट लिप्स का एहसास
अपनी छाती पर महसूस करके मैं भी काफ़ी गर्म हो गया था मेरे हाथ उसके जिस्म पर कसते चले जा रहे
थे,,,तभी उसने मेरी छाती से अपने लिप्स को हटा लिया और अपने सर को उपर करके मेरी तरफ देखने लगी,,,


उसने अपने सर को उपर किया और मेरी तरफ बड़े प्यार से देखा ,,,वो अब शरमा तो रही थी लेकिन खुश भी
थी और उसकी आँखों मे हल्की नमी भी थी लेकिन वो नमी दुख की या किसी तरह की परेशानी की नही थी वो नमी
'थी खुशी की शायद वो खुश थी मेरी बाहों मे आके और मैं भी बहुत खुश था लेकिन मैं थोड़ा परेशान
भी था,,मुझे कुछ समझ नही आ रहा था,,,तभी उसके जिस्म ने हल्के से उपर उठना शुरू किया,,,उसने अपने
दोनो पैरो को एडियों से उपर उठा लिया और अपने जिस्म के पूरे वजन को अपने पैरो की उंगलियों पर डालके
अपने जिस्म को हल्के से उपर उठा लिया,,,,जितनी देर उसका जिस्म हल्के से उपर उठता गया और उसके लिप्स मेरे लिप्स के करीब होते गये उतनी देर तक उसकी आँखे धीरे धीरे बंद होती गई,,,,मुझे उसकी आँखों मे आज अजीब सी
मदहोशी नज़र आ रही थी ऐसा लग रहा था जैसे वो नशे मे है उसने ड्रिंक की हुई है लेकिन ये नशा शराब
का नही था ये था मस्ती का नशा सेक्स का नशा जो शराब से कही ज़्यादा तेज नशा था,,उसका जिस्म उपर उठता गया
और उसके लिप्स मेरे लिप्स की तरफ बढ़ते गये और उसकी आँखें धीरे धीरे बंद होती गई,जब तक उसके लिप्स मेरे लिप्स
तक पहुँचे उसकी आँखे बंद हो चुकी थी,,,और जैसे ही उसके लिप्स मेरे लिप्स से टच हुए मेरी आँखें बड़ी बड़ी
हो गई ,,,मैं एक दम से दंग सा रह गया हालाकी मुझे पता था सब क्या हो रहा है लेकिन फिर भी ना जाने क्यूँ
मैं कुछ सोचने समझने का क़ाबिल नही रह गया था ,,बस जो हो रहा था उसको महसोस करने लगा था फिर भी
कहीं एक डर था मेरे दिल मे,,,

उसके लिप्स मेरे लिप्स से टच होते ही एक तेज मस्ती भरी लहर दौड़ गई हम दोनो के जिस्म मे और हम दोनो ने
उस लहर को एक दूसरे के जिस्म मे महसूस भी किया था,,शायद वो लहर हम दोनो के जिस्म मे इधर से उधर
पास हो रही थी,,,हम दोनो इतने करीब होके लिपटे हुए थे कि उसका दिल मेरे दिल के करीब होके धड़क रहा
था और हम दोनो को अपने दिल की धड़कन भी एक दूसरे के दिल मे धड़कती महसूस होने लगी थी,,,उसके लिप्स
मेरे लिप्स से टच होते ही मैने अपने लिप्स को हल्के से खोल दिया और तभी उसने मेरे एक लिप्स को अपने लिप्स से
पकड़ लिया और मुझे हल्के से किस करने लगी थी,,,मैने भी उतने ही प्यार से और एक मीठे एहसास के साथ उसको
किस का रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया था,,,उसने मेरे लोवर लिप्स को अपने लिप्स मे जकड़ा और हल्के से चूसना
शुरू कर दिया जबकि मेरे दोनो लिप्स मे उसका उपर वाला लिप्स जकड़ा हुआ था और मैं उसको बड़े प्यार से और बिना
किसी जल्दबाज़ी से चूस रहा था,,,तभी उसका जिस्म हल्के से नीचे की तरफ खिसकने लगा ,,शायद उसके पैर की उंगलियाँ
उसके वजन को संभाल पाने मे नाकाम होने लगी थी ,,क्यूकी उसकी लड़खड़ाती हुई सांसो की तरह उसका जिस्म भी
लड़खड़ा रहा था,,उसके लड़खड़ाते हुए जिस्म का वजन पैरो की उंगलियाँ नही उठा पा रही थी इसलिए उसका जिस्म
नीचे होने लगा था और उसके लिप्स मेरे लिस्प से दूर होने लगे थे लेकिन उसको अपने लिप्स को मेरे लिप्स से दूर
नही करना था इसलिए वो बार बार अपने जिस्म को उपर करने की कोशिश कर रही थी और मेरे जिस्म को कस कर अपनी
बाहों मे भरने की कोशिश कर रही थी ताकि वो मुझे कस कर अपनी बाहों मे भर ले और उसका जिस्म नीचे की
तरफ नही हो सके लेकिन उसकी पकड़ इतनी मजबूत नही थी इसलिए मैने उसको अपनी बाहों मे कस लिया क्यूकी
मैं भी उसके मीठे और सॉफ्ट लिप्स को अपने लिप्स से दूर नही होने देना चाहता था,,,इसलिए मैने उसको अपनी
बाहों मे कसना शुरू कर दिया लेकिन उसका संगमरमर जैसा चिकना बदन मेरे हाथों से फिसलता जा रहा
था मुझे उसको पकड़ने मे मुश्किल हो रही थी इसलिए मैने अपने हाथों को उसकी पीठ से सहलाते हुए उसकी
कमर से नीचे उसकी गान्ड की तरफ बढ़ाना शुरू कर दिया और मुझे ऐसा करने मे थोड़ी सी भी मेहनत नही करनी
पड़ी क्यूकी मेरे हाथ उसकी पीठ पर फिसलते हुए खुद-ब-खुद उसकी गान्ड के उपर तक चले गये थे,,


वो बहुत पतली सी कमसिन लड़की थी ,,,पतली सी कमर वाली और उसकी गान्ड भी बहुत छोटी थी ,,,उसकी गान्ड के दोनो
हिस्से मेरे दोनो हाथों मे दबे आराम से आ गये थे और मैने उसको उसकी गान्ड से पकड़ कर उपर उठा लिया
उसने भी मेरी मदद करने के लिए अपने हाथों को मेरी गर्दन मे डालके मुझे ज़ोर से पकड़ा और अपनी टाँगों
को भी मेरी कमर से लपेट कर मुझे कस कर अपनी पकड़ मे ले लिया,,,,ऐसा करते हुए उसका पूरा जिस्म हवा मे
उठ गया था उसकी गान्ड मेरे हाथों मे थी और मैने उसको हवा मे उठा लिया था,,,हम दोनो ऐसे ही खड़े
हुए कम से कम 5-7 मिनट तक किस करते रहे,,,,और एक दूसरे के जिस्म को गर्म करते रहे,,,उसका वजन फूलों
से भी कम था ,,और मस्ती के जोश मे मुझे उसको उठाने मे कोई दिक्कत नही हुई थी,,,,


कुछ देर बाद उसने अपने लिप्स को मेरे लिप्स से दूर किया और मुझे हंस कर देखा और फिर अपनी गर्दन को घुमा
कर रूम मे पड़े बेड की तरफ देखने लगी,,,मैने भी उसकी नज़र का पीछा किया और बेड की तरफ देखा और मैं
उसका इशारा भी समझ गया,,,मैने उसको गोद मे उठाया हुआ था और उसको ऐसे ही गोद मे उठाकर बेड के पास
ले गया और बेड के पास जाते ही मैने उसको बेड पर लेटा दिया और खुद उसके उपर लेट-ता चला गया,,ऐसा करने से
मेरा लंड एक बार उसकी चूत से रग्गड़ खा गया था,,,,,नौरमल हालत मे अगर कोई और होता मेरा साथ तो अब
तक मेरा लंड उसकी चूत मे घुस चुका होता लेकिन कविता की बारे मे मैं थोड़ा डर रहा था मैं बिना उसकी
रज़ामंदी से उसकी चूत तक नही जाना चाहता था,,क्यूकी मुझे पता था ऐसा करना जल्दबाज़ी होगी और शायद उसको
ऐसा करना अच्छा भी नही लगेगा,क्यूक लास्ट टाइम भी जब मैं उसकी चूत तक पहुँचा था वो रोने लग गई थी और
आज बड़ी किस्मत से शायद मुझे ये मोका मिला था मैं इसको गँवाना नही चाहता था,,,,मैं धीरे धीरे आगे
बढ़ना चाहता था ,,उसकी रज़ामंदी से,,,,,

मैने उसको बेड पर लेटा दिया और खुद भी उसके जिस्म पर गिरता चला गया,,,वो बेड पर लेट गई और मैं उसके
उपर लेट गया,,हम दोनो के लिप्स फिर से एक दूसरे के लिप्स का स्वाद लेने मे लग गये थे,,,अब उसके हाथ मेरी
पीठ पर चले गये थे जबकि मेरे दोनो हाथ बेड पर थे मैं उसको टच नही कर रहा था ये बात उसको
अच्छी नही लगी शायद,,उसने मेरे लिप्स को अपने लिप्स से अलग किया और मेरी तरफ देखते हुए मेरे दोनो हाथों
को पकड़ा और शरमाते हुए अपने बूब्स के पास अपने पेट पर रख दिया,,और जैसे ही मेरे हाथ उसके पेट पर उसके
बूब्स के पास रखे गये उसने शरमाते हुए मेरे सर को पकड़ा और नीचे करके वापिस मेरे लिप्स पर किस करने
लगी,,,किस करते हुए अभी उसको 2 पल का टाइम ही हुआ था कि उसने अपनी उंगलियों खोलकर मेरे बालों मे सहलाना'
शुरू कर दिया और मेरे हाथ भी जो उसके पेट पर थे हल्के से उसके पेट पर बूब्स के पास सहलाने लगे थे
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RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही - by sexstories - 12-21-2018, 02:34 PM

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