RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
अलका अब 2 लंड का स्वाद ले रही थी इसलिए उसकी सिसकियाँ शुरू हो गई,,,,,,आहह माआआआआ
क्काहंणन्न् तहाा तुउुउउ आब्ब्ब्ब ताक्क्क ससुउन्नययी ब्बेट्टयाआया हहयइईए उहह
'क्कीत्थन्नाअ त्ताररासस्स गगयइ टहिि मेरेईी गाणन्दड़ त्तीररी इश्स म्मूस्साल्ल्ल क्क्क ल्लीइयईीई आहह
एब्ब ज्जाक्कीए क्काहहिन्न ममिल्ला ईसस्क्क्कूऊऊ ,,,,,हहुउऊुुुउउ हमम्म्ममममममममममम
आहह म्माआआआआआअ घहुउस्साअ द्दी आपपनाअ प्पूउर्राा म्मूससाालल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल
म्म्मेरेइईईईई गाणन्ँद्द्द्द्ड म्मीईए आहह ईइत्त्न्ना ंमाज़्ज़जज्ज्जा द्दीई म्मूउजझीईए
क्क्कीिई मायन्न्न प्पागगाल्ल्ल हहूओ अज्जूउन्न्ञणणन् हयीईई ररीए क्कीिट्त्न्ना बड्डा हहाई त्तेर्राआअ
यईी म्मूस्सालल्ल्ल ऊरर क्कीिट्त्न्नाअ ंमाज़्ज़जाअ द्दीत्ताआ हहाइईईईईई ,,,,,,,,,अलका फुल मस्ती मे थी एक
साथ 2 लंड का मज़ा लेके ऑर ये मज़ा उसकी सिसकियों से सॉफ जाहिर हो रहा था ऑर ये मज़ा इतना था कि वो
ज़्यादा देर तक झेल नही पाई इस मस्ती ऑर मज़े के साथ होते 2 लंड के हमले को ऑर उसकी चूत ने पानी
बहाना शुरू कर दिया,,,,ये बात मुझे नही पता चली लेकिन जब उसकी चूत से निकलने वाला पानी करण
के बदन पर गिरा तो उसके कुछ छींटे मेरी टाँगों पर पड़े जिस से मुझे पता चला कि वो झड गई
थी ऑर उसने करण के उपर से उतरने की कोशिश की लेकिन मैने उसको नही छोड़ा क्यूकी मैं पूरी मस्ती
मे जो था लेकिन तभी शिखा ने मुझे उसकी माँ को छोड़ने को बोला तो मैने छोड़ दिया ऑर अलका जल्दी
से उतर कर बेड पर गिर गई ऑर इतने मे शिखा ने उसकी जगह ले ली लेकिन कुछ अलग अंदाज़ से,,उसने अलका
की तरह करण की तरफ चेहरा करके मेरी तरफ अपनी गान्ड नही की बल्कि वो उल्टी होके करण के उपर लेट
गई जिस से उसकी गान्ड करण की तरफ ऑर उपर बूब्स ऑर चूत वाला हिस्सा मेरी तरफ आ गया,,,मैने उसको
थोड़ा गुस्से से देखा क्यूकी मैं उसकी गान्ड मारना चाहता था लेकिन उसने हंस कर अलका की तरफ देखा ऑर
मुझे भी उसकी तरफ इशारा किया जो बड़ी बेसूध लग रही थी,,मैं शिखा का मतलब समझ गया वो मेरा
मूसल अपनी गान्ड मे नही लेना चाहती थी बल्कि चूत मे लेना चाहती थी,,,करण का मूसल लंबा तो
था लेकिन पतला भी था जिस से शिखा को उसके मूसल को गान्ड मे लेने से कोई दिक्कत नही होती,,,
करण के अपने मूसल को शिखा की गान्ड मे घुसा दिया ऑर शिखा की कमर को पकड़ कर अपनी कमर
को तेज़ी से उपर उछाल कर शिखा की गान्ड मे लंड पेलने लगा ऑर उपर से मैं शिखा के उपर झुक गया
ऑर अपने मूसल को हाथ मे लेके शिखा की चूत मे घुसा दिया ओर शिखा के बूब्स को मुँह मे भर
लिया जिस से शिखा को मस्ती के सातवे आसमान पर जाने मे ज़्यादा टाइम नही लगा,,,ऑर उसकी सिसकियों ने ये
सबको बता दिया,,,हईीई सुउन्नयी त्तीर्रा म्मूसाल्ल्ल क्कीिट्त्न्ना माज्जा डेटताअ हहाईईइ आहह
ऊरर टीज़्ज छ्छूड्द म्मूउजझी सुउन्नयी र टीज़्जज घहुऊस्सा आअप्पान्नाअ म्माऊओाससाअलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल
म्मीईईईईररर्र्र्र्रृिईई चहूओतर्त्टत्टतत्त म्मीईई ऊररर जजूर्र्ररर ससी द्डब्बाआ म्मी ब्बूबबसस
ककूऊ म्म्मेरिइई क्काहहतिीई ससीई उउक्खााद्दद्ड डदीए इन्नकूऊऊ आहह क्कीिट्त्न्नाअ
ंमाज़्ज़जा आर्रहहा हहाीइ ईकककक सस्साआत्तह 2 ल्लुउन्न्ड़डड़ ससीए चहुूद्ड़ञनईए म्मीईईई
कककाररांन्न म्मेरेरिइई ब्बाहहिईिइ ऊओरर टीज़्जज उऊच्छाल्ल्ल आपपनन्ी ग्गगाणन्ँदडड़ क्कू टाक्कीईईई
टतरराा म्मूओस्सालल्ल्ल ऊरर त्टीज्जजििइई ससीए ग्घूउऊउस्स्टता र्राहही म्म्मेरेइईईईई गगाणंनन्न्ँद्दद्ड
म्मीईए आहह माआअ क्क्य्या ब्बाहहिि हहाइईइ मेरेररीई आहह उउउहह
क्कीिट्त्न्नाआ ंमाज़्ज़जज्ज्जाअ द्दी र्राहह्ी हहाइईईईईई अप्प्पनन्िईीई बीहान्ंणणन् कककूऊव आहह
ऊओररर त्टीज्जज छ्छूओड़दूव मेरेरी बाहहीी आहह द्दूओन्नूओ ममिल्लककारररर पफाद्दद्ड
द्डूऊ मेरेइईईईई चूत्त ऊररर गाणन्ँदडड़ कककूऊ हयीईई मा क्कीत्टन्न्नाअ ंमाज़्जाआ
आ र्राहहाा हहाईईईईई,,,,,,,,,,
तभी करण की सिसकियाँ शुरू हो गई थी लगता था वो झड़ने वाला था लेकिन तभी शिखा ने मुझे उपर
से हटने को बोला वो भी हल्के धक्का देके एक हाथ से मैं भी जल्दी से उसके उपर से हट गया ऑर तभी
शिखा भी जल्दी से उतर गई करण के उपर से क्यूकी वो नही चाहती थी कि कारण इतनी जल्दी झड़े ऑर करण
के उपर से उतर कर पलट गई ऑर अपनी चूत को करण की तरफ करके अपनी गान्ड को मेरी तरफ कर दिया
,,अब करण ने उसकी चूत मे लंड घुसा दिया जिस से कारण का काम जल्दी नही होगा उसको थोड़ा टाइम
लग जाएगे ऑर साथ ही शिखा की गान्ड मे जाके मेरे लंड का काम जल्दी हो जाएगा,,,ऑर हो सकता था कि
मेरा ऑर कारण का काम एक साथ हो जाए यही शिखा भी चाहती थी,,,,,करण ने शिखा की चूत मे लंड
घुसा दिया ऑर शिखा ने झुक कर करण को किस करना शुरू कर दिया ऑर तभी मैने पीछे से अपने लंड
को शिखा की गान्ड के होल पर रखा ऑर अंदर घुसा दिया,,,,शिखा की चूत के पानी से लंड पहले ही
काफ़ी चिकना हो गया था ऑर करण के लंड की वजह से शिखा की गान्ड काफ़ी खुली हो गई थी जिस से मेरा
लंड एक ही बार मे पूरा जड़ तक घुस गया ऑर मैने झटका भी काफ़ी तेज़ी से मारा था जिस से लंड सीधा
गान्ड की दीवार से टकरा कर एक तरफ मूड गया था ,,,शिखा को पता था मैं गान्ड बेरेहमी से मारता
हूँ ऑर उसको दर्द भी होगा ऑर शायद वो चिल्ला भी देगी इसलिए चिल्लाने से बचने क लिए उसने करण को
किस करना शुरू कर दिया था,,,हम लोग ऐसे करीब 10 मिनट तक लगे रहे फिर शिखा ने करण के
लिप्स से अपने लिप्स आज़ाद किए ऑर तेज़ी से सिसकियाँ लेना शुरू कर दिया ,,,मैं समझ गया शिखा का भी काम
हो गया समझो ऑर करण की आवाज़ निकली तो पक्का था वो भी झड़ने वाला है तभी मैने भी अपनी स्पीड तेज
ऑर झटका जोरदार कर दिया जिस से मैं भी झड़ने के करीब आ गया था,,तभी जोरदार आवाज़ से शिखा की
चूत ने पानी बहाना शुरू कर दिया ऑर साथ ही करण के लंड ने भी पिचकारियाँ मारना शुरू कर दिया
ऑर यहाँ जैसे ही मेरी आवाज़ निकलनी शुरू हुई अलका समझ गई मैं भी झड़ने लगा हूँ तो वो भाग
कर मेरे पास आ गई ऑर मेरे लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर शिखा की गान्ड से बाहर निकाल कर जल्दी से अपने
मुँह मे भर लिया ऑर जैसे ही मेरा लंड अलका के मुँह मे घुसा मेरे लंड से भी पिचकारियाँ निकलनी
शुरू हो गई ऑर अलका ने मेरे स्पर्म को निगलना शुरू कर दिया,,,,,मुझे याद आया जब पहली बार मैने
अलका के मुँह मे स्पर्म निकाला था तो इसने मुझे बड़े गुस्से से देखा था लेकिन आज ये कितने मज़े से मेरे
लंड का स्पर्म पी रही थी जैसे कोई रसमलाई हो,,,अलका ने मेरा लंड भी अच्छी तरह से चाट कर सॉफ
कर दिया,,,ऑर फिर शिखा ने भी करण के लंड को अच्छी तरह सॉफ किया ऑर हम सब आराम से लेट कर
खुद पर क़ाबू करने लगे,,,,अलका ऑर शिखा दोनो उठकर एक साथ बाथरूम मे चली गई जबकि मैं ऑर
करण ऐसे ही लेटे रहे,,,,
उस दिन एक बार फिर मैने ऑर करण ने मिलकर अलका ऑर शिखा को चोदा था,,,फिर जब दोनो माँ बेटी
पूरी तरह से संतुष्ट हो गई ऑर रात तक कुछ नही करने को बोला तो कारण की जान मे जान आई,,,
अच्छा हुआ भाई तू आ गया अब रात तक मुझे सुख है ,,,लगातार इतने टाइम से माँ ऑर बेहन दोनो की
चुदाई करके मैं थक गया था तू साथ नही देता तो रात तक क्या मैं कल सुबह तक इनको संतुष्ट नही
कर पाता,,,,अलका ऑर सीखा दोनो कपड़े पहन कर किचन मे काम करने चली गई ऑर हम दोनो को 2
कप कॉफी बना कर दे गई,,,,फिर मैं ऑर करण ने पॅंट पहनी ऑर उपर का जिस्म अभी भी नंगा ही था
हम दोनो कॉफी पीते हुए बातें करने लगे,,,,
तभी करण का ध्यान गया उस प्लास्टिक के बॅग पर जो मैं ख़ान भाई से लेके आया था,,,,,,,
इसमे क्या है सन्नी भाई,,,,,करण ने प्लास्टिक बॅग की तरफ इशारा करते हुए पूछा,,,,
तब मैने करण को बताया ये बॅग मैं ख़ान भाई से लेके आया हूँ ऑर बाकी की बात भी बता दी कि
इस बॅग मे क्या है ऑर रितिका वाली बात भी बता दी,,,कि वो सुरेश ऑर अमित के खिलाफ हम लोगो की हेल्प
करने वाली है ,,,वो हम लोगो को अपने ही भाई के खिलाफ सबूत देने वाली है,,,
करण खुश हो गया ये सुनके,,,,,,हां भाई रितिका बहुत अच्छी है,,,उसने मुझे भी कहा था कि सुरेश ऑर
अमित ने जो भी किया है शिखा दीदी के साथ उस से उसको बहुत गुस्सा है,,,,वो तो अपने भाई से बहुत ज़्यादा
नफ़रत करती है,,,,उसने मेरे से ऑर शिखा दीदी से भी बात की थी इस बारे मे कि वो हम लोगो की हेल्प
करेगी,,,शिखा दीदी को भी वो बहुत अच्छी लगती है,,,,तभी तो शिखा दीदी की हेल्प से मैने माँ से भी बात
करली है रितिका से शादी करने के बारे मे,,,,
मैं उसकी बात सुनकर चोंक गया,,,,,,,,,क्या तूने आंटी से बात करली अपनी ऑर रितिका की शादी की,,,,क्या कहा
आंटी ने,,,मान गई क्या,,,मैं बड़ा खुश होके पूछ रहा था क्यूकी इस से बड़ी खुशी की क्या बात
थी कि आंटी करण की शादी के लिए मान जाती,,,
हाँ भाई माँ मान गई है शिखा ने माँ को मना लिया है,,,,लेकिन माँ ने बोला है कि शिखा की शादी
के बाद मेरी शादी होगी,,लेकिन शिखा ने बोल दिया उसको अभी शादी नही करनी ऑर माँ को पहले मेरी
शादी के लिए भी मना लिया है,,अब माँ भी मेरी ऑर रितिका की शादी जल्दी से जल्दी करना चाहती है,,,
अच्छा अगर ये बात है तो तू जल्दी से तैयार होज़ा बस,,,,मैं तेरी शादी करवा दूँगा रितिका से,,,,
वो कैसे भाई,,,करण खुशी से बट थोड़ा हैरान होके मेरे से पूछ रहा था,,,,
तू इसकी टेन्षन मत ले ,,अब तू तैयार है तो मैं कुछ भी कर सकता हूँ तुम दोनो के लिए,,,,वैसे तूने
ये बात रितिका को बता दी क्या,,,,,
हां भाई मैं उसको घर भी लेके आया था ,,,माँ ऑर शिखा से मिलवाने ,,शिखा तो पहले से जानती है
उसको लेकिन माँ नही मिली थी,,,माँ को भी अब मिला दिया है ऑर माँ को वो पस्संद भी है,,,,माँ को तो
ऑर भी जल्दी पड़ गई ,,बोलने लगी कहीं ऐसी खूबसूरत लड़की हाथ से नही निकल जाए तू जल्दी शादी करले
सच मे यार रितिका है तो खूबसूरत ऑर तेरी उसके साथ जोड़ी भी अच्छी रहेगी,,,,
|