Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
12-21-2018, 02:56 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
वो जल्दी से पॉट सीट पर एक पैर रखके झुक गई ऑर मैने भी जल्दी से उसकी चूत मे पीछे से लंड
घुसा दिया ऑर एक ही पल मे तेज़ी से उसकी चूत मारने लगा ,,मेरे हाथ जल्दी से उसके बूब्स पर चले
गये थे जिनको मैने पूरे ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया था ,उसकी हालत खराब होने लगी थी उसको
डर था उसकी आवाज़ निकलनी शुरू नही हो जाए इसलिए उसने अपने हाथ से अपने मुँह को बंद कर लिया
था ,,मैं उसके बूब्स को दबाता हुआ तेज़ी से उसकी चूत मार रहा था तभी उसने हाथ पीछे किया
ऑर मुझे रुकने को बोला लेकिन मैं नही रुका ओर तेज़ी से उसकी चुदाई करता रहा ,,,उसने फिर से मुझे
रुकने को बोला लेकिन मैं ऐसे ही तेज़ी से उसकी चुदाई करता रहा,,,उसने अपने हाथ से मेरे हाथ अपने
बूब्स से हटा दिए ऑर मैने अपने हाथ उसकी कमर पर रख दिए ऑर तेज़ी से उसकी चुदाई करता रहा
,,मैने उसकी कमर को ज़ोर से नही पकड़ा था बस हल्का से हाथ रख कर सहारा लिया था तभी फिर
से उसने मुझे रुकने को बोला लेकिन मैं नही रुका तो वो जल्दी से थोड़ा आगे खिसक गई जिस से मेरा
लंड उसकी छूट से निकल गया मैने जल्दी से उसको पकड़ने की कोशिश की तो वो जल्दी से पॉट सीट पर
बैठ गई ऑर एक तेज सीटी की आवाज़ एक साथ पेशाब करने लगी,,,मैं समझ गया कि ये झड गई थी ऑर चूत
के पानी के साथ इसका पेशाब भी निकल गया था,,,तभी उसने मेरी तरफ मूड के देखा ऑर मैं हँसने
लगा ,,मेरा हाथ मेरे लंड पर चला गया था ,,वो भी मेरी तरफ हंस कर देखने लगी ऑर पेशाब करके
वापिस खड़ी हो गई ,,,मैने भी अपने हाथ से लंड को चूत पर रखा ऑर अंदर घुसा दिया ऑर
फिर से तेज़ी से उसकी चूत चोदने लगा,,,मेरे हाथ उसकी कमर पर थे ऑर वो खुद एक हाथ से दीवार
का सहारा लेके एक हाथ से अपने बूब्स मसल्ने लगी थी,,,,उसकी सिसकियाँ निकल रही थी लेकिन इतनी ज़ोर से
नही उसने खुद की आवाज़ को क़ाबू मे किया हुआ था,,लेकिन चूत पर लंड के झटके की मार से एक
हल्की पच पच की आवाज़ होने लगी थी उसको क़ाबू करना मुश्किल था,,लेकिन ना तो मुझे ओर ना ही
उसको इस आवाज़ से कोई फ़र्क पड़ रहा था,,ये आवाज़ तो हम दोनो को मस्त कर रही थी,,,,

मैं उसके झड़ने के बाद से करीब 10-15 मिनट से उसकी चूत की चुदाई कर रहा था मुझे डर
था कहीं कोई आ नही जाए या करण ऑर रितिका शक नही करने लगे इसलिए मैं जल्दी झड़ना चाहता
था ऑर इसका एक ही तरीका था,,,पायल की गान्ड,,,,,मैने अपने लंड को उसकी चूत से निकाला ऑर तभी
वो पीछे मूड के मुझे देखने लगी मानो बोल रही हो कि लंड बाहर क्यूँ निकाला सन्नी लेकिन मैने
उसकी तरफ ध्यान नही दिया ऑर लंड पर थूक लगा लिया ऑर लंड को उसकी गान्ड के होल पर रखा ऑर
तभी वो आगे बढ़ने की कोशिश करने लगी,,,,उसने मुझे देखा ऑर ऐसा करने से मना किया,,,लेकिन
मैं कहाँ रुकने वाला था मैने एक हाथ से उसके पैट से उसको पकड़ा ताकि वो आगे नही जा सके ऑर
एक हाथ से लंड को उसकी गान्ड के होल पर रखा ऑर ज़ोर से धक्का दिया तो लंड पहली बार मे ही
अंदर घुस गया ऑर उसकी तेज चीख निकलने लगी तभी उसने हाथ मुँह पर रखा ऑर अपनी आवाज़ को
दबा दिया ,,,मैने लंड को वापिस निकाला ऑर तेज़ी से झटका मार कर वापिस अंदर घुसा दिया ऐसे ही
8-10 झटके मारने के बाद मेरा लंड पूरा अंदर घुस गया,,उसकी चूत के मुक़ाबले मे उसकी गान्ड
बहुत टाइट थी शायद वो गान्ड ज़्यादा नही मरवाती थी,,,,लेकिन मुझे तो गान्ड मार के ही ज़्यादा मज़ा
आता था इसलिए तो उसकी हालत मे मुझे कोई तरस नही आ रहा था लेकिन तभी वो अपना फेस पीछे करके
मेरी तरफ पलटी तो मैने देखा कि उसकी आँखों मे पानी था ऑर उसके मुँह मे उसकी पेंटी थी जो अभी
कुछ देर पहले निकाली थी उसने,,,,,उसको डर था कहीं उसकी आवाज़ बाहर नही जाए इसलिए उसने अपनी पेंटी
को अपने मुँह मे घुसा लिया था ,,उसकी आवाज़ तो बंद हो गई थी लेकिन दर्द के मारे उसकी आँखों से
पानी निकलने लगा था,,,लेकिन मेरे पर कोई ज़्यादा असर नही हुआ ये बात उसको भी पता चल गई जब
मैने उसकी तरफ हंस कर देखा ऑर अपनी स्पीड को ऐसे ही बरकरार रखा,,उसने अपने हाथ को पीछे किया
ऑर मुझे हटाने लगी तभी मैने उसके दोनो हाथों को पकड़ा ऑर उसको पॉट सीट पर झुका लिया उसके
दोनो हाथ मेरे हाथ मे थे जिनको मैने उसकी पीठ पर लगा कर अपने एक हाथ से पकड़ा हुआ था
ऑर दूसरे हाथ से उसके पैट से उसको पकड़ कर सहारा दिया हुआ था ऑर तेज़ी से उसकी गान्ड मार रहा था


,,मुझे पता था मुझे अगर जल्दी झड़ना है तो गान्ड मारकर ही झड सकता हूँ इसलिए मैने
तेज़ी से उसकी गान्ड मारनी जारी रखी ऑर कुछ देर बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ लेकिन
अभी तक वो नही झड़ी थी इसलिए मैने उसके हाथ छोड़ दिए ऑर जल्दी से अपने हाथ को उसकी चूत पर
ले गया ऑर चूत मे उंगली करने लगा ऑर उसपे झुक कर उसकी गान्ड भी मारता रहा,,,चूत पर उंगली
की चुदाई से उसको कुछ राहत मिली ऑर उसके मुँह से दबी दबी आवाज़ निकलनी बंद हो गई ऑर तभी उसने
अपने मुँह से पेंटी निकाल दी ऑर मुझे पीछे मुदके देखने लगी अब उसके चेहरे पर दर्द ऑर तकलीफ़
नही बल्कि राहत झलक रही थी,,,उसने मुझे अपनी मस्ती भरी आवाज़ मे हल्की हल्की सिसकियाँ लेके बता
दिया कि अब वो ठीक है लेकिन तभी उसकी सिसकियाँ तेज हो गई लेकिन आवाज़ स्लो ही रही मैं समझ गया कि
उसका काम होने वाला है तो मैने भी अपनी स्पीड तेज करदी ऑर उंगली की रफ़्तार भी उसकी चूत मे तेज
करदी कुछ पल बाद उसकी चूत से फिर से पानी बहना शुरू कर दिया इस बार भी पानी बहुत ज़्यादा
था शायद इस बार भी उसने पेशाब किया था,,,जब पानी निकल गया तो मैने उसकी गान्ड से लंड निकाल
लिया ओर वो भी जल्दी से पॉट सीट पर बैठ गई ऑर अपना मुँह खोल लिया,,मैने लंड को हाथ मे लेके
मूठ मारते हुए उसके मुँह के करीब कर दिया ऑर जैसे ही पानी निकलने लगा उसने आगे बढ़ कर लंड
को मुँह मे भर लिया ऑर जब तक पानी की लास्ट ड्रॉप नही निकली उसने लंड को मुँह से नही निकाला ऑर
जब लंड से पानी निकल चुका था तो उसने लंड को चूस ऑर चाट कर सॉफ कर दिया ऑर जल्दी से उठकर
अपने कपड़े पहन लिए फिर मुझे प्यार से एक किस की मेरे फॉरहेड पर,,,,ऑर बोली,,,,,

बहुत मज़ा आया तेरे साथ सन्नी लेकिन तू बहुत ज़ालिम है ,,,जान निकाल दी मेरी,,,,अब यही रुक मुझे
बाहर जाने दे तू कुछ देर बाद बाहर आना,,इतना बोलके उसने दरवाजा खोला ऑर बाहर निकल कर इधर
उधर देखा ऑर भाग कर वहाँ से चली गई,,,मैं यहीं बाथरूम मे खड़ा हुआ था मेरा लंड
ऐसे ही ज़िप से बाहर निकला हुआ था ऑर सिकुड चुका था,,,,मैं सोचने लगा कि मैने सच मे पायल
भाभी की चुदाई की है या मैं अभी पेशाब करके ही हटा हूँ,,,मुझे कुछ समझ नही आ रहा
था तभी ज़िप बंद करते हुए मेरी नज़र पड़ी ज़मीन पर पड़ी हुई पेंटी पर तो मैं खुश हो गया
कि ये मेरा वहाँ नही था मैने सच मे पायल की चुदाई की है अभी,,,मैं खुश होता हुआ वहाँ
से बाहर निकल गया ऑर पायल की पेंटी को जेब मे डाल लिया,,,,


जब मैं बाहर गया तो सब लोग उठकर खड़े हो गये उनके जाने का टाइम हो गया था शायद,,,मैं भी
उन लोगो के साथ डिस्को से बाहर आ गया,,रितिका अभी भी करण के साथ आगे चल रही थी ऑर मैं पायल के
साथ पीछे ,,,तभी मैने जेब से पायल की पेंटी निकाली ऑर उसके हाथ मे पकड़ा दी,,उसने शरमाते हुए
अपनी पेंटी पकड़ी ऑर अपने बॅग मे डाल ली,,,,,उसके बाद हम कार मे बैठ कर वापिस उस माल की
तरफ गये जहाँ मेरी बाइक थी,,,मैं कार से उतरा ऑर माल मे चला गया,,,सभी शॉप बंद हो गई
थी इसलिए शॉपिंग नही कर सकता था इसलिए पायल रितिका ऑर करण को मैने बाइ बोला वो लोग अपने
रास्ते चले गये ऑर मैं माल की पार्किंग से अपना बाइक लेके घर की तरफ चल पड़ा,,,,लेकिन कार से दूर
जाते हुए मैने देखा कि पायल मेरी तरफ बड़ी हंस कर देख रही थी जबकि रितिका ने मेरे से एक बार
भी नज़र नही मिलाई थी,,,उसने तो बाइ भी सर झुका कर बोला था,,,,,,,


मैं घर पहुँचा तो काफ़ी लेट हो गया था ,,,काफ़ी देर बेल बजाने के बाद माँ ने आके दरवाजा
खोला ,,,,माँ नाइटी मे थी ऑर नाइटी के नीचे कुछ नही पहना हुआ था ,,बाल भी बिखरे हुए थे
मैं उनको देख कर समझ गया कि आज माँ डॅड के साथ मस्ती कर रही है,,क्यूकी ऑर तो कोई है नही
घर पे,,,,मेरा ध्यान माँ के बूब्स की तरफ गया तो माँ हँसने लगी,,,,,

इतना टाइम कहाँ लगा दिया,,,,ऑर शॉपिंग नही की तूने,,,,माँ ने मेरे खाली हाथ देख लिए ऑर समझ
गई कि मैं शॉपिंग करके नही आया था,,,,,

नही माँ कुछ ज़रूरी काम आन पड़ा था इसलिए शॉपिंग नही कर सका इतना बोलकर मैं अंदर की
तरफ आ गया,,,,,

डिन्नर लगा दूं या बाहर से ख़ाके आया है,,,,

मैने दिल ही दिल मे बोला कि बहुत लज़ीज़ पकवान ख़ाके आया हूँ वो भी एक दम बढ़िया स्टाइल मे
परोसा हुआ,,,,,

नही माँ आप जाके मस्ती करो मैं डिन्नर बाहर से करके आया हूँ,,,,,

मेरे मुँह से मस्ती लफ़्ज सुनके माँ मेरे पास आ गई,,,,तू भी चल ना ,,,जब माँ मेरे पास आके
बोल रही थी तब मैं ऑर माँ उनके बेडरूम मे दरवाजे के पास थे अंदर बेड पर डॅड नंगे
होके लेटे हुए थे,,,डॅड ने भी मुझे इशारा किया अंदर आने का लेकिन अब तो मैं बिल्कुल भी कुछ
करने का क़ाबिल नही था इसलिए माँ से बोला कि नही माँ मुझे नही आना आप लोग मस्ती करो इतना बोल
कर मैं उपर चला गया अपने रूम मे,,,,,

मैं बहुत थक गया था ओर जल्दी से शवर लेके बेड पर लेटना चाहता था इसलिए जल्दी से अपने रूम
का दरवाजा खोलने से पहले ही मैं अपनी टी-शर्ट निकाल चुका था ,,मैने टी-शर्ट को अपने हाथ मे
पकड़ा ऑर दूसरे हाथ से जल्दी से अपने रूम का दरवाजा खोला ऑर अंदर घुस गया तभी मेरी नज़र
पड़ी बेड पर सोनिया पर,,,,,वो अंदर रूम मे बेड पर बैठ कर स्टडी कर रही थी,,,,

मैं एक दम से अंदर घुसा था इसलिए वो थोड़ा डर गई थी ,,,मुझे नही पता था वो घर आ
चुकी है इसलिए मैं इतनी जल्दी मे अंदर आ गया था,,,अगर पता होता तो मैं नीचे के रूम मे
ही सोने चला जाता,,,,,

मेरी टी-शर्ट मेरे हाथ मे थी मेरा उपर का जिस्म नंगा था ,,उसने एक पल मुझे उपर से नीचे तक
देखा फिर अपनी बुक से अपना फेस कवर कर लिया ऑर फेस भी दूसरी तरफ टर्न कर लिया,,,,मुझे भी
एक दम से झटका लगा मैने उसको जल्दी से सॉरी बोला ऑर रूम से बाहर आ गया ,,मैं वहाँ से जाने
लगा तभी याद आया कि कपड़े तो मेरे अंदर थे इसलिए टी-शर्ट पहना ऑर वापिस दरवाजा खोला ,,,
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RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही - by sexstories - 12-21-2018, 02:56 AM

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