RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मैने जब अपने जिस्म को हिलाया तो करवट लेके आंटी की तरफ मूह कर लिया जिस से मेरा फेस आंटी के बूब्स
के पास हो गया,,मेरा दिल तो किया आगे बढ़ कर आंटी के बूब को मूह मे भर लूँ लेकिन थोड़ा डर लग रहा
था मुझे,,,ऑर वही हाल आंटी का था,,मेरे एक दम हिलने से आंटी भी बहुत डर गई थी इसलिए उस रात ना तो
आंटी ने कोई हरकत की ऑर ना ही मैने आंटी के साथ कुछ किया,,,बस हुआ इतना कि आंटी ने अपने हाथ को मेरे
उपर रख लिया ऑर मुझे अपने से सटा लिया ऑर फिर हम दोनो ऐसे ही सोते रहे,,,,सुबह कब हुई पता ही नही
चला,,,,,,दिल तो कर रहा था कि सारे पर्दे उठा दूं शरम के ऑर बेशर्म बनके आंटी की चुदाई शुरू
कर दूं लेकिन मैं इतनी भी जल्दबाज़ी नही करना चाहता था,,जैसे मैं खुद तड़प रहा हूँ वैसे ही आंटी
को भी तड़पाना चाहता था,,,,,,कल मूठ मारते टाइम आंटी के नाम लेके मैने आंटी के दिल मे एक आग लगा दी
थी ऑर अब मैं उस आग को ऑर भी ज़्यादा भड़काना चाहता था,,,,मैं चाहता था कि आंटी इतना तड़प जाए
कि खुद ही सब कुछ करे मुझे कुछ करने की ज़रूरत नही पड़े,,क्यूकी अगर मैं कुछ करता तो मेरी ग़लती
निकाल कर आंटी मुझे झूठा ही सही लेकिन डाँट ज़रूर सकती थी,,,,,इसलिए मैं आंटी की तरफ से कदम
बढ़ाने की कोशिश मे लगा हुआ था ऑर आज रात आंटी ने एक कदम बढ़ा भी दिया था,,,,अब ये देखना था
आंटी दूसरा कदम बढ़ाती है या उसके लिए भी मुझे कुछ करना होगा,,,वैसे एक इंतज़ाम मैने कर लिया
था आंटी से दूसरा कदम आगे बढ़वाने के लिए,,देखते है वो इंतेज़ाम मेरी सोच पर खरा उतरता है या
नही,,,,,,,,,,,,,
सुबह उठके नाश्ता करके मैं कॉलेज चला गया ,,,मेरे कॉलेज जाने पर आंटी थोड़ी उदास हो गई थी,मैं
भी कॉलेज जाना तो नही चाहता था लेकिन आंटी को तड़पाने मे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था ,,वैसे मैं
खुद भी तो तड़प रहा था,,,,,,,
कॉलेज आज भी सुनसान था,,,बाहर पार्क मे तो कोई नही था ,,,शायद जितने भी स्टूडेंट थे वो सब क्लास मे
थे तभी तो पार्क खाली थी ऑर वही हाल था कॅंटीन का भी,,,वहाँ भी सब बोर लोग बैठे थे ,,3-4 लोग
ही थे बस,,,,,मैं भी जाके बोर होते हुए लास्ट वाले टेबल पर बैठ गया ऑर कॉफी ऑर्डर करके बोरियत से
टाइम पास करने लगा,,,
ये लो तुम्हारी कॉफी,,,ये आवाज़ सुनते ही बोरियत कहीं हवा मे गुम हो गई क्यूकी ये आवाज़ थी ही इतनी मीठी
की जिसको सुनके ज़िंदगी मे बोरियत नाम की चीज़ के लिए कोई जगह ही नही रहती थी,,,,मैने नज़रे उठा कर
उपर देखा तो सामने कविता थी जिसके हाथ मे कॉफी का कप था ऑर क्यूट से फेस पर स्वीट सी स्माइल थी,,उसकी
स्माइल इतनी स्वीट थी कि अगर कॉफी बिना शक्कर के होती तो भी टेन्षन नही थी,,,,उसकी स्माइल से ऑर उसके हाथों
के टच से कॉफी मीठी हो गई थी,,,,
अपने कॅंटीन मे कब्से काम करना शुरू कर दिया मालकिन जी,,
मेरी ये बात सुनके कविता खुश हो गई लेकिन अपने लिप्स पर उंगली रखते हुए मुझे चुप रहने को बोलने
लगी ऑर इशारा करने लगी की ऐसा मत बोलो ये कॉलेज है,,,,वो अभी भी कप को हाथ मे लेके खड़ी हुई थी
अरे मालकिन जी कप को टेबल पर रख दीजिए वर्ना आप थक जाओगी,,,ऑर अपने इतनी तकलीफ़ क्यू की कॉफी लेके
आने मे ,,,,हुकम किया होता मैं खुद वहाँ चला आता ,,,,इतना बोलकर मैं हँसने लगा ऑर कविता कॉफी कप
को टेबल पर रख कर सामने वाली चेयर पर बैठ गई,,,
ओई ब्लॅकी मुझे बार बार मालकिन मालकिन मत बोल ये कॉलेज है,,,
तो क्या हुआ मैने कुछ ग़लत थोड़ी बोला ,,मालकिन ही बोला ना,,,,,नोकरानि तो नही,,,,,
ओये ब्लॅकी बोला ना चुप कर,,,,ऑर मैं नोकरानि नही हूँ मालकिन ही हूँ,,,,
तभी तो मालकिन बोल रहा हूँ कविता जी,,वर्ना नौकरानी नही बोलता मैं आपको जब आप कॉफी लेके आई,,,
चल चल अब चुप कर ऑर ये बता आज तू कॉलेज कैसे आ गया,,ऐसे दिनो मे तो तू अक्सर बंक पर रहता है
क्या करूँ मालकिन जी ,,,,बंक पर करण के साथ जाता था लेकिन करण खुद कहीं बाहर गया हुआ है,,ऑर कोई
है नही जिसके साथ मैं बंक पर जा सकूँ,,,,
क्यू तेरी कोई गर्लफ्रेंड नही है क्या उसको ले जाता बंक पर,,,,,
गर्लफ्रेंड होती तो कॉन पागल कॉलेज आता मालकिन जी,,,
बोला ना मालकिन मालकिन मत बोल,,,,जस्ट सीधी तरह बात कर वर्ना मैं चली,,
ओके बाबा नही बोलता ,,तू गुस्सा मत कर,,,,वैसे तू बता कि तू कॅंटीन मे क्या कर रही है,,तू ऑर तेरी वो
हिट्लर दोस्त तो क्लासरूम से कभी बाहर ही नही निकलती ऑर आज कॅंटीन मे कैसे आ गई,,ऑर तेरी हिट्लर दोस्त
कहाँ है,,,,तबीयत कैसी है उसकी बुखार गया या अभी तक है,,,
तेरे पास उसका नंबर है ना खुद कॉल करके नही पूछ सकता ,,,आख़िर तेरी बेहन है वो,,,उसका हाल चाल
तो पूछ ही सकता है तू,,,
पूछ तो सकता हूँ लेकिन नही पूछना चाहता ,,तभी तो तेरे से पूछ रहा हूँ,,तुझे बताना है तो बता
वर्ना तेरी मर्ज़ी,,,,
वो ठीक है अब,,आज कॉलेज भी आई है,,उसी को तलाश करते हुए मैं कॅंटीन मे आई हूँ,,,,पता नही
कहाँ है वो,,,,,
आज कॉलेज आई है वो,,,,लगता है अब तबीयत बिल्कुल थी हो गई होगी तभी माँ ने भेजा होगा उसको कॉलेज
वर्ना कभी नही भेजती,,,,,
हाँ सन्नी सही बोला तूने,,,आज वो बिल्कुल ठीक है,,,,,लेकिन पता नही अभी कहाँ है वो,,,,,,,,,,,,,अच्छा उसको
छोड़ तू बता तू आज कल कहाँ रहता है,,,सुना है किसी दोस्त के घर पर रहता है तू,,,,लेकिन जहाँ तक
मुझे पता है करण के सिवा तेरा कोई दोस्त नही है,,,,,
है कोई दोस्त जिसके पास रहता हूँ तुम नही जानती उसको,वैसे तुझे किसने कहा मेरा करण के सिवा कोई दोस्त
नही ,,तू भी तो मेरी दोस्त है ना,,,,
हाँ मैं तो हूँ,,,,तेरी भी ऑर सोनिया की भी,,,लेकिन तू सिर्फ़ मेरा दोस्त है सोनिया का नही,,तभी तो बात बात
पर फाइट करता रहता है उसके साथ ,,कॉल करके बीमार का हाल चाल भी पता नही करता,,,,,क्या इतना गुस्सा
है तुझे सोनिया पर,,,,
गुस्सा नही है कविता,,,ऑर मैं कभी उसपे गुस्सा कर भी नही सकता,,,,बस मैं बहुत केयर करता हूँ उसकी
तभी तो उस से दूर रहता हूँ,,
ये कैसी केयर है जो तुम उस से दूर रहके करते हो,,,,मुझे तो लगता है उस से कहीं ज़्यादा गुस्सा तेरे मे
है फालतू मे तू उसको हिटलर बोलता है ,,हिट्लर नाम तो तेरा होना चाहिए,,,,
तू मुझे कुछ भी बुला सकती है पगली,,,लेकिन सच मे मैं उसकी बहुत केयर करता हूँ तभी तो दूर रहता
हूँ,,,,,डरता हूँ कहीं उसका हाल चाल पूछने गया तो मेरे पर गुस्सा करके वो फिर से बीमार नही हो
जाए,,तुझे तो पता है गुस्सा उसकी नाक पर रहता है,,,,,बस उसके गुस्से की वजह से मैं उस से दूर रहता
हूँ वैसे केयर बहुत करता हूँ मैं उसकी,,,,
जानती हूँ आंटी ने बताया था कैसे रात भर जाग कर तूने ठंडे पानी के टवल रखे थे उसके सर पर एक
पल के लिए भी नही सोया था तू,,,,,,,,,,,तेरी लाइफ मे दोस्त तो बहुत कम है जिनकी तू केयर करता है लेकिन अपनी
फॅमिली मे तो किसकी केयर करता है सबसे ज़्यादा,,,,
ये कैसा सवाल है,,,,मैं अपने सभी घर वालों की केयर करता हूँ ऑर दोस्तो की भी,,,,
जानती हूँ लेकिन तू अपनी फॅमिली मे सबसे ज़्यादा केयर किसकी करता है,,,माँ-बाप की ? भाई बेहन की ?
ये कैसा अजीब सवाल है कविता ,,,,एक माँ से पूछो कि वो अपने किस बच्चे को सबसे ज़्यादा प्यार करती है तो
इसका जवाब देना उसके लिए बहुत मुश्किल होता है ऑर मेरे लिए भी ये कहना मुश्किल है कि मैं अपनी फॅमिली
मे किसकी सबसे ज़्यादा केयर करता हूँ क्यूकी मेरे लिए सब के सब अज़ीज है सबकी केयर करता हूँ मैं,,,
अरे बुद्धू माँ भी अक्सर किसी एक बच्चे को ज़्यादा लाड़ प्यार करती है,,हर टाइम गोद मे उठा कर रखती है
वो सब बच्चों से एक जैसा प्यार करती है लेकिन किसी एक बच्चे की वो ज़्यादा केयर करती है,,वैसे ही पूछ रही हूँ
कि तू किसकी ज़्यादा केयर करता है,,,,
ओह ऐसी बात है,,,,ऐसे तो फिर तेरी पगली दोस्त ही है,,,क्यूकी बचपन से उसके साथ रहता आया हूँ,,,बचपन
मे साथ स्कूल जाते थे साथ खेलते थे,,फिर रूम भी एक ही मिला दोनो को तो ज़्यादा से ज़्यादा टाइम स्पेंड
करते थे दोनो वही है जो मुझे अच्छे से समझती है ऑर मैं भी उसको अच्छे से समझता हूँ ऑर उसके
गुस्से को भी,,,,,हर टाइम हँसती खेलती रहती है कभी उदास नही होती,,कभी रोते नही देखा उसको,,ऑर ना
कभी देख सकता हूँ,,,,एक तो वैसे भी वो रोते हुए अच्छी नही लगती,,अजीब शकल बना लेती है ऑर वैसे भी
मुझे उसकी आँखों मे आँसू अच्छे नही लगते,,हम दोनो भाई बेहन कम ओर अच्छे दोस्त ज़्यादा है,,,एक दूसरे
को समझने वाले ,,,,,
अच्छा इतनी केयर करता है तू उसकी तो फिर बात क्यूँ नही करता उसके साथ,,,,पता है वो कभी उदास नही होती लेकिन
अभी कुछ दीनो से मैं देखा है वो उदास रहने लगी है,,,मेरे जोक्स पर भी नही हँसती कभी,,,,पता नही
क्या हो गया है उसको,,,,,कहीं तूने उसको कुछ कहा तो नही,,,
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