RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
माँ ने कुछ देर तक ऐसे ही आंटी को किस करते हुए उनके बूब्स मसलना जारी रखा ओर जब आंटी के हाथ माँ के हाथ से
हट गये तो माँ ने आंटी के हाथों को पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिया ,,आंटी ने अपने हाथों को जल्दी से अलग कर लिया
तो माँ ने फिर से कोशिश की,,, लेकिन आंटी ने इस बार भी अपने हाथ माँ के बूब्स से हटा लिए,,,,,माँ ने 3-4 बार कोशिश
की ऑर तब जाके आंटी ने अपने हाथ माँ के बूब्स से नही हटाए ,,,माँ ने अपने हाथ भी आंटी के हाथ पर रखे ऑर आंटी
के हाथों को अपने बूब्स पर दाब कर आंटी को अपने बूब्स दबाने का इशारा करने लगी ,,,माँ ने अपने हाथ आंटी
के हाथ से हटा लिए ऑर वापिस आंटी के बूब्स पर रख दिए ऑर आंटी ने एक बूब्स को सहलाना शुरू कर दिया,,,आंटी ने भी
मस्ती मे माँ के बूब्स को सहलाना शुरू कर दिया ऑर शायद माँ को किस का रेस्पॉन्स भी देने लगी ,,क्यूकी आंटी की सिसकियाँ
बंद हो गई थी ,,,
कुछ देर दोनो ऐसे ही किस करती रही ऑर एक दूसरे के उरोज को मसल्ति रही ,,फिर करीब 5 मिनिट के बाद माँ आंटी के उपर
से हाथ गई ऑर साइड पर लेट गई ,,आंटी माँ के ऐसे दूर हो जाने से थोड़ा परेशान हो गई क्यूकी अब आंटी पूरी मस्ती मे
आ चुकी थी ऑर नही चाहती थी कि माँ उनसे दूर हो,,,,माँ भी उसकी आँखों मे देख कर समझ गई ऑर बोली,,,,,डर मत मेरी
बन्नो मैं कहीं नही जा रही यहीं हूँ इतना बोलकर माँ आंटी के साथ लेट गई ऑर आंटी को अपनी तरफ मोड़ लिया
जिस से दोनो के बूब्स आपस मे दब गये ,,माँ ने आगे होके आंटी को किस कारण शुरू किया तो इस बार आंटी ने भी एक ही
पल मे माँ के साथ देना शुरू कर दिया,,,,माँ ने अपने हाथ को आंटी एक बूब्स पर रखा तो आंटी ने भी ऐसा ही किया
लेकिन माँ ने आंटी को ज्याद देर किस नही की ,,माँ ने 2 मिनिट बाद ही अपने लिप्स को आंटी के लिप्स से अलग किया ऑर नीचे
खिसक कर आंटी एक बूब को मूह मे भर लिया,,,,,आंटी के मूह से अहह निकल गई और माँ ने उसके बूब्स को मूह मे
भरके चूसना शुरू कर दिया आंटी भी एक हाथ से माँ के बूब को मसल रही थी लेकिन जल्दी ही आंटी ने अपने दोनो
हाथों से माँ के बूब्स को मसलना शुरू कर दिया ऑर आहें भरने लगी,,,,,अहह दीईदीी यी कय्या कर रहहीी
हहूओ म्मात्त करूऊऊ
लेकिन माँ ने उसकी कोई बात नही सुनी ऑर आंटी के बूब्स को चुस्ती रही,,,कुछ देर तक माँ एक बूब को चुस्ती रही फिर
दूसरे को ओर एक को हाथ मे लेके मसल्ने लगी ऑर तभी माँ ने अपने हाथ को नीचे किया ऑर आंटी की टाँग को उठा कर अपनी
टाँगों पर रख लिया जिसस से आंटी की चूत थोड़ा खुल गई ऑर माँ ने जल्दी से अपने हाथ को आंटी की चूत पर रख दिया
ऑर चूत को उपर से सहलाने लगी ,,,आंटी की सिसकियाँ तेज होने लगी तो माँ का हाथ भी आंटी की चूत पर तेज होने लगा,,
कुछ देर बाद माँ ने अपने सर को आंटी के बूब्स से हटा लिया ऑर पैट पर किस करते हुए चूत की तरफ आने लगी ,,आंटी को
कुछ समझ नही आ रहा था आंटी बस आँखें बंद किए लेटी हुई थी,,,,,कुछ देर बाद माँ ने आंटी की सीधी करके लेटा
दिया ऑर खुद जल्दी से अपनी की टाँगों के बीच मे चली गई इस से पहले आंटी की आँखें खुलती ऑर उनको पता चलता आगे
क्या होने वाला है माँ के लिप्स आंटी की चूत तक चले गये ऑर देखते ही देखते आंटी की चूत माँ के मूह मे घुस्स
गई ऑर माँ ने आंटी की चूत को मूह मे भरके चूसना ऑर चाटना शुरू कर दिया,,,,
आंटी को जब अजीब एहसास हुआ तो आंटी ने अपनी आँखे खोल दी ऑर माँ को ऐसा करते देख थोड़ा परेशान हो गई ऑर जल्दी
से उठ कर अपनी चूत को माँ के मूह से दूर करने लगी लेकिन तभी माँ ने अपने दोनो हाथों से आंटी की टाँगों को
कस्के पकड़ लिया और आंटी की चूत को अपने करीब कर लिया ऑर बड़ी तेज़ी से आंटी की चूत को चूसने लगी ऑर साथ ही मूह
मे भरके हल्के से काटने लगी,,
ईीई कय्या क्कार्र र्राहहीी हहू दीईदीिई यईी गगाणन्दा हाइईईई आहह एआसा मात्ट काऊर्रूऊऊ डीड्डिईईईईईईई
य्याहहानं ससी तूऊ पपीसष्ाब्ब आत्ता हहाीइ ऊओरर आपप इस्ककू छ्चातत्त राहहीी हहूऊ हयीईईईईई
म्मात्त क्काओर्रूऊऊऊ डीईडीिईई यईी गाणन्दाअ हहाईईईईई
आंटी माँ कोरोक रही थी साथ ही सिसकियाँ भी ले रही थी,,,,,
अरे मेरी बन्नो ये मूत्र मार्ग नही स्वर्ग मार्ग है जिसको चूम कर ही अंदर जाना चाहिए ऑर इसका स्वाद किसी अमृत से कम
नही इतना बोलकर माँ ने आंटी की चूत को वापिस मूह मे भर लिया ऑर चूसने लगी,,,,आंटी माँ को रोकती रही कुछ देर
जब माँ नही रुकी और आंटी सर को बेड पर रखके लेट गई ऑर चूत चुसाई का आनंद लेने लगी ,,,,,,ऑर जल्दी ही आंटी की
सिसकियाँ तेज होने लगी,,,,
करीब 5-7 मिनिट माँ ऐसे ही आंटी की चूत को चुस्ती रही फिर चूत से मूह हटा कर आंटी से पूछने लगी,,,,,बोल मेरी
बन्नो कैसा लग रहा है मज़ा आ रहा है या नही,,,,,,,,
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