RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
क्या कर रही हो दीदी कुछ शरम करो,,,ऐसा मत करो ना ,,,,
अब शरम करने का नही बेशरम बनने का टाइम है तेरा,,,ओर वैसे भी तूने मुझे पूरी तारह नंगी देखा है तो मेरा
भी हक़ बनता है तुझे एक बार पूरी नंगी देखने का,,,,
हयी राम क्या बोलती जा रही हो दीदी,,,मुझे नही होना नंगी वन्गि,,,,जितना देखना था अपने देख लिया ओर वैसे भी अपने देख
कर क्या करना,,,,,
कुछ नही करना मुझे बस एक बार तुझे नंगी देखना है ,,,देखु तो सही मेरी बन्नो कैसी लगती है,,,ऑर वैसे भी तूने
मुझे पूरी नंगी देखा मैं तुझे देख लूँगी ,,हिसाब बराबर,,,,
बस देखना है ना ,,,,,ऑर तो कुछ नही,,,,,,
अरे हां मेरी अलका रानी बस एक बार देखना है उसके बाद तू कपड़े पहन लेना,,,,मैं नही रोकूंगी तुझे,,,,,
आंटी ने अपने हाथ अपनी पीठ पर किए ऑर अपनी ब्रा को खोलने लगी,,,लेकिन जैसे ही आंटी ने अपने हाथ अपनी पीठ पर
रखे ऑर ब्रा को पीछे से खोल दिया ओर आगे से ब्रा को निकालने लगी तो माँ का ध्यान आंटी की चूत पर गया जहाँ अब आंटी
का हाथ नही था माँ ने जल्दी से अपने हाथ को आंटी की चूत पर रख दिया,,,,अब तक आंटी अपनी ब्रा को निकाल चुकी
थी,,,,,
चूत पर हाथ लगते ही आंटी बेड से उछल गई,,,,,,,हईीई क्या कर रही हो दीदी,,,,,,,,माँ ने उसकी कोई बात नही सुनी ऑर
जल्दी से उनकी टाँगों के बीच मे हाथ घुसा कर आंटी की चूत मे अपनी उंगली डाल दी,,,,
अहह मत काररू दीदडिई आपपंनी बूल्ला तहा ईकक बारर मुउज़्झहही न्नंगगीइ दीकखह क्कार्र आअपप
म्मूउजझी ककाप्पड़ड़ी प्पहन्नी दूगीइइई एआसा ट्टू मात्ट काररू ऊरर ककाप्पड़ी द्डू म्मूुझहही
मैने झूठ बोला था मेरी बन्नो ,,,ऐसी नंगी ऑर मस्त चीज़ को मैं बिना छुए ही कपड़े पहनने दूं ऐसा कैसे हो
सकता है ऑर इस से पहले आंटी कुछ ऑर बोलती माँ आंटी के फेस के करीब हो गई ऑर एक पल मे ही माँ ने अपने लिप्स आंटी
के लिस्प पर रख दिया,,,
आंटी माँ की इस हरकत से जल्दी से बेड से उठने लगी तो माँ ने भी जल्दी से अपनी टाँगों को खोला ऑर आंटी के पैट पेर
चढ़के बैठ गई ,,,
क्या कर रही हो दीदी छोड़ो मुझे ,,मुझे ये सब अच्छा नही लग रहा ,,,,मुझे जाने दो,,मुझे अपने घर जाना है,,,,
लेकिन माँ ने आंटी की कोई बात नही सुनी ऑर आंटी के दोनो हाथों को अपने हाथ मे पकड़ कर बेड से लगा दिया ऑर
फिर अपने सर को नीचे करके आंटी को किस करने लगी लेकिन आंटी अपने सर को इधर उधर हिला रही थी,,,,,छ्ूदूओ
म्मूउजझी दडिईयईडीिइ यईी साब्ब टहीकक नाहहीी ,,म्मूउज़्झहही ज्जाननी डू म्मूुझहहे ग्घारर जानना हहाई
माँ ने बड़ी कोशिश की आंटी को किस करने की लेकिन आंटी बार बार अपने सर को हिला रही थी तभी माँ ने अपने एक हाथ
मे आंटी के दोनो हाथ पकड़ लिए ऑर एक हाथ से आंटी के सर को पकड़ लिया ऑर किस करने की कोशिश करने लगी लेकिन आंटी
ने अपनी लिप्स को ज़ोर से बंद कर लिया ऑर मूह को खुलने नही दिया ,,,,लेकिन मेरी माँ भी पक्की खिलाड़ी थी उसने अपने हाथ को
आंटी के फेस से उठा कर आंटी की चूत पर रख दिया ऑर पल भर मे आंटी की चूत मे उंगली घुसा दी ,,,उंगली चूत
मे घुसते ही आंटी के मूह सी आहह निकल गई ऑर आंटी का मूह खुल गया ,,माँ ने कोई देर किए बिना अपने लिप्स को
आंटी के लिप्स पर रख दिया ऑर मूह खुले होने की वजह से माँ ने अपनी ज़ुबान को आंटी के मूह मे घुसा दिया,,,
देखते ही देखते माँ ने उसके लिप्स को अपने लिप्स मे भरके चूसना शुरू कर दिया ,,,आंटी अपने सर को हिलाने की कोशिश
करने लगी लेकिन माँ ने अपने हाथ को चूत से हटा कर आंटी के सर को पकड़ लिया ऑर दूसरे हाथ से भी आंटी के हाथों
को अपने हाथ से छोड़ कर उस हाथ से भी आंटी के सर को कस्के पकड़ लिया ताकि आंटी अपने सर को हिला नही सके,,कुछ
टाइम तो आंटी अपने सर को हिलाने की पूरी कोशिश करती रही लेकिन हिला नही सकी क्यूकी माँ ने उसको पूरी तरह से क़ाबू
मे कर लिया था,,,फिर कुछ देर बाद आंटी का हिलना जुलना बंद हो गया ओर वो शांत हो गई लेकिन अभी भी वो माँ का साथ
नही देने लगी थी,,
लेकिन माँ के लिए इतना ही काफ़ी था कि वो शांत हो गई है तभी माँ ने उसके सर को अपने हाथ से छोड़ा ऑर अपने दोनो हाथ
आंटी के बूब्स पर रख दिए ऑर हल्के से बूब्स को मसलना शुरू कर दिया ,,,,आंटी ने माँ के हाथ को अपने हाथ मे
पकड़ा ऑर माँ को रोकने की कोशिश करने लगी लेकिन माँ नही रुकी ऑर बूब्स को हल्के हलके प्रेस करने लगी ऑर साथ ही आंटी
के लिप्स पर किस करने लगी,,,,करीब 2 मिनिट बाद ही मुझे आंटी के मूह से हल्की हल्की सिसकियाँ सुनने लगी,,,मैं समझ
गया कि आंटी माँ के क़ाबू मे आ चुकी है पूरी तरह,,माँ के लिप्स आंटी के लिप्स पर थे इसलिए सिसकियाँ ज़्यादा तेज नही
थी लेकिन इतना ही काफ़ी था कि आंटी ने माँ के आगे हथियार डाल दिए है,,,,
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