RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मैं इसी घर के बाथरूम मे गया ऑर फ्रेश होके चाचा जी के रूम मे चला गया ऑर उन लोगो
से बातें करने लगा,,,कुछ देर बाद माँ सबको खाने के लिए बुलाने आई चाची तो बाद मे
उठी लेकिन मैं तभी माँ के पीछे पीछे चला गया मैं बाथरूम की तरफ जाने लगा था
ताकि हाथ धो सकूँ लेकिन मैने देखा कि रसोई मे माँ के साथ कोई ऑर भी था तो मैं चुपके
से रसोई की तरफ गया ऑर बाहर से बातें सुनने लगा,,,,
माँ--मुझे लगता है सुरिंदर रेखा ने सन्नी को सब कुछ बता दिया है,,,,मुझे तो टेन्षन होने
लगी है,,,,
मामा--नही सरिता मैं रेखा को जानता हूँ उसने कुछ नही बताया होगा,,,,वैसे उसको इधर उधर की
बातें करने का बहुत शॉंक है लेकिन मेरी बात का यकीन करो उसने कुछ नही बताया होगा
सन्नी को,,,
माँ--मुझे लगता है कि बातों बातों मे बहुत कुछ बता दिया होगा रेखा ने,,,तभी सन्नी मेरे
से अजीब तरीके से बात कर रहा था,,उसकी बातों से लग रहा था कि रेखा ने उसको कुछ कुछ
बता दिया है,,,,,,मुझे डर लग रहा है ,,मैं नही चाहती कि बच्चों को कुछ भी पता
चले,,,ऑर ना ही अशोक चाहता है,,,,,
मामा--तू फ़िक्र मत कर सरिता मुझे पक्का यकीन है उसने कुछ नही बताया होगा सन्नी को,,,ऑर अगर
बता भी दिया तो क्या हो गया,,,विशाल भी तो सब जानता है ऑर एक ना एक दिन बाकी बच्चों को भी
सब सच पता चलना ही है,,,,,लेकिन फिर भी मैं कहता हूँ रेखा ने कुछ नही बताया होगा
उसने यही बोला होगा कि तुम जाके किसी ऑर से पूछ लेना,,,,,अब हो सकता है सन्नी तेरे को या मेरे
को कुछ पूछ सकता है ,,लेकिन अभी इस बात से कोई फ़ायदा नही मैं कल रेखा से पूछ लूँगा
कि उसने कुछ बताया है या नही तू बस आज रात सन्नी को खुश कर ऑर इतना खुश कर कि मस्ती
मे आके वो तेरे से कुछ पूछ ही ना सके,,,,,बाकी हम बाद मे देखते है कि क्या करना है,,,,,
माँ--वैसे सुरिंदर तुमको क्या ज़रूरत थी सन्नी को रेखा के पास भेजने की तुमको पता है कि
रेखा की ज़ुबान कुछ ज़्यादा ही चलती है ऑर वो कुछ ना कुछ बक देगी सन्नी के सामने,,,,
मामा--क्या करूँ बहना तेरी तरह रेखा भी एक नज़र मे ही सन्नी के लंड की दीवानी हो गई बोलने
लगी कि जब तक सन्नी का लंड उसकी चूत मे नही जाएगा तब तक उसको चैन नही मिलना ऑर तो
ऑर उसने मुझे भी मना कर दिया चूत देने से बोलने लगी कि पहले सन्नी का लंड जाएगा
चूत मे उसके बाद मेरे लंड की बारी आएगी वर्ना वो मुझे भी उसको चोदने नही देगी,,अब
भला मैं क्या करता ,,अगर यही बात तू करती मेरे साथ तो क्या मैं तेरी चूत के लिए सन्नी
को तेरे पास नही भेजता,,,,,,
माँ--ठीक है सुरिंदर,,,,,मैं कोशिश करूँगी कि उसको अभी कुछ ना पता चले लेकिन एक टाइम आने पर
तो सब कुछ बताना ही पड़ेगा जैसे विशाल को बताया था,,,,
मामा--हाँ सरिता लेकिन अभी नही,,,,अभी ठीक टाइम नही आया सन्नी को कुछ भी बताने के लिए,,,तू सही
टाइम आने दे फिर उसको सब कुछ बता देंगे हम लोग,,,,लेकिन तू अभी बस मस्ती कर उसके साथ
ऑर उसको भी खुश कर,,,,,,
माँ--ठीक है मैं आज रात इतना खुश करूँगी उसको कि वो कोई बात नही कर पाएगा मेरे साथ,,,,
लेकिन तू चाची जी को सोनिया के पास सुला देना ऑर खुद चाचा जी के पास रहना ,,तू मत आना रात
को हमारे रूम मे वर्ना कोई पंगा हो जाना है,,,,,
मामा--ठीक है मैं चाचा जी के पास सो जाउन्गा,,,,,ऑर चाची को भी सोनिया के पास भेज दूँगा ऑर
तुम माँ बेटा आज रात आराम से मस्ती करना ,,,,,,,,,,
मैं सोच मे डूब गया कि आख़िर मसला क्या है सारा ऑर ये लोग ऐसे चोरी चोरी बातें क्यूँ कर
रहे हैं ऑर ऐसी क्या बात है जो विशाल भाई को बता दी गई है लेकिन मैं अभी तक उस बात से
अंजान हूँ,,,कुछ तो गेम चल रही है पता लगाना ही होगा,,,
खैर मैं हाथ धोने चला गया ऑर हाथ धोके बाहर चारपाई पर बैठ गया तब तक मामा
ने चारपाई के सामने टेबल लगा दिया था ऑर माँ ने उसपे खाना भी रख दिया था,,,,सोनिया ऑर
चाची जी भी आ चुके थे ,,,,,,हम सब लोग खाना खाने लगे,,,,,लेकिन मैं नीवाला चबाते
हुए भी गहरी सोच मे डूबा हुआ था लेकिन किसी को इस बात का एहसास नही होने दे रहा था,,
रात को खाना ख़ाके हम लोग वैसे हो सोए थे जैसे माँ ने बोला था,,,,चाची जी सोनिया के
पास चली गई थी ऑर मामा चाचा जी के रूम मे चला गया था ऑर मैं माँ के रूम मे
चला गया ऑर चद्दर लेके लेट गया,,,,,
मैं बेड पर लेटा हुआ था ऑर माँ रसोई का काम कर रही थी,,,,,करीब 30 मिनट बाद माँ
कमरे मे आई,,उन्होने रूम मे आके दरवाजा बंद किया ऑर जल्दी से अपनी साड़ी निकालने लगी
फिर ब्लाउस ऑर पेटिकोट भी निकाल दिया ऑर नंगी होके मेरे पास बेड पर आ गई ऑर लाइट बंद
करके एक छोटा बल्ब ऑन कर लिया ,,,,
मेरे पास आते ही माँ बोली,,,,,,,,,
अरे तूने अभी तक कपड़े क्यू नही उतारे ,,,,मूड नही है क्या आज माँ को चोदने का,,,
सन्नी--मूड तो बहुत है माँ ऑर इतना मूड है कि सुबह तक चोदता रहूँगा तेरे को तू थक जाएगी
लेकिन मैं नही थकने वाला,,,,,इतना बोलते ही मैने अपने उपर से चद्दर हटा दी ऑर माँ
मुझे नंगा देख कर खुश हो गई,,,,,मैं पहले से ही नंगा होके चद्दर लेके लेटा हुआ
था,,,माँ ने मुझे ऐसे देखा ऑर जल्दी से मेरे करीब आ गई ऑर मेरी छाती पर हाथ रखके
हल्के से सहलाने लगी ऑर मैने भी माँ के बूब्स को अपने हाथों मे पकड़ लिया ऑर कस्के
दबाने लगा ऑर जल्दी ही माँ के लिप्स को अपने लिप्स मे जाकड़ कर एक मस्त किस करने लगा मैं आज
रेखा की चुदाई से कुछ ज़्यादा ही मस्त हो गया था ऑर माँ को बड़े प्यार से किस करने लगा
था तभी माँ पीछे हटी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
माँ--क्या बात है आज बड़ा प्यार आ रहा है माँ पर ,,, पहले तो कभी इतने प्यार से किस नही की
तूने मुझको,,,,,,,,,,,,,
सन्नी--माँ आज कुछ मत बोलो प्लज़्ज़्ज़ आज मैं बहुत मस्ती करने के मूड मे हूँ ,,,,,,,,,,,,,,,
माँ--क्यू आज ऐसा क्या ख़ास हो गया जो तू मस्ती के मूड मे है,,,,,,,,,
सन्नी--माँ तुम तो सब जानती हो फिर इतनी भोली क्यू बन रही हो,,,,,,
माँ चुप हो गई,,,,,,क्यूकी माँ उस बारे मे कोई बात नही करना चाहती थी ऑर डर रही थी
कहीं बातों ही बातों मे मैं माँ से कुछ पूछना ना शुरू कर्दु इसलिए मैं ऑर कुछ
बोलता माँ ने मुझे वैसे ही प्यार से किस करना शुरू कर दिया जैसे कुछ देर पहले मैं
माँ को किस कर रहा था ऑर माँ ने जल्दी से मुझे ऑर ज़्यादा मस्त करने के लिए मेरे लंड को
भी अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर सहलाने लगी थी जो लंड अभी तक पूरी ओकात मे आ चुका
था माँ के हाथ लगते ही उसमे एक तूफान उठने लगा था एक तेज तूफान जिस वजह से मेरे
लंड की नसों मे खून डबल स्पीड से दौड़ने लगा था ऑर मेरे लंड मे एक हल्का मीठा
दर्द होने लगा था माँ का हाथ मेरे लंड की पूरी लंबाई जितना उपर नीचे होने लगा ऑर
कभी कभी वो मेरे लंड की टोप्पी पर अपने नखुनो से हल्के से कुरेदने लग जाती ऑर कभी-2
लंड की टोपी को उंगलितों से दबा देती मेरी तो जान ही निकल जाती इतनी ज़्यादा मस्ती मे अब मेरे से
क़ाबू करना मुश्किल हो गया ऑर मैं जल्दी से उठकर बैठ गया ऑर लंड को माँ के मुँह के पास
कर दिया माँ ने भी जल्दी से मुँह खोला ऑर मेरे लंड को मुँह मे घुसने की इजाज़त दे दी ऑर एक
ही बार मे मैने लंड को माँ के गले तक उतार दिया ऑर अपनो हाथों को माँ के उपर से आगे
की तरफ ले गया ऑर बेड पर टिका कर खुद की कमर को उपर उठा लिया ऑर लंड को माँ के मुँह मे
पेलने लगा माँ ने भी अपने दोनो हाथ मेरी गान्ड पर रखे ऑर मुझे गान्ड से पकड़ कर
उपर नीचे करनी लगी ऑर मेरे लंड को मुँह मे लेने लगी,,,,,,मेरे लंड के हर एक धक्के से
मेरा लंड माँ के गले से नीचे तक उतर रहा था माँ ने भी अपने सर को थोड़ा अड्जस्ट किया
तो मैने देखा कि माँ के गले से नीचे तक जाता लंड मुझे सॉफ नज़र आ रहा था ऑर मुझे
मस्ती चढ़ने लगी थी क्यूकी मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं माँ के गले को नही माँ की
मस्त गान्ड की चुदाई कर रहा हूँ उधर माँ ने अपने एक हाथ को मेरी गान्ड से उठा लिया
ऑर अपनी चूत पर ले गई ऑर अपनी चूत को तेज़ी से उंगली डालके खुद ही चोदने लगी तभी मैं
थोड़ा हिला ऑर अपने सर को माँ की चूत की तरफ ले गया माँ ने भी मुझे हिलते ही अपने हाथ को
चूत पर से हटा लिया ऑर मेरी कमर को पकड़ कर मुझे पलटने मे मदद की ऑर कुछ ही
पल मे मेरा फेस माँ की चूत पर था ऑर माँ की चूत पूरी गीली हो चुकी थी जिसको मैने मुँह
मे भरके चूसना शुरू कर दिया ऑर अपनी कमर को तेज़ी से हिलाते हुए माँ के मुँह मे अपने लंड
को पेलने लगा मेरा लंड माँ के गले से नीचे उतर रहा था ऑर इधर मेरी ज़ुबान माँ की चूत
से नीचे उतर रही थी,,,मैं माँ की चूत मे अपनी पूरी ज़ुबान डालके अच्छी तरफ से चाटते हुए
माँ की चूत को अपनी ज़ुबान से चोदने लगा था
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