RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
अरे बेटा कहाँ चले गये थे तुम,मैं तुझे तेरे रूम मे लेने भी गई थी पर सोनिया ने
बोला कि तुम सुबह सुबह बाहर चले गये थे,,,,,माँ मेरे से पूछ रही थी जबकि मेरा
ध्यान सोनिया की तरफ था जो मेरे से नज़रे चुरा रही थी वैसे उसकी पीठ थी मेरी तरफ ऑर उसका
चेहरा भी झुका हुआ था अगर कहीं वो मेरी तरफ देख रही होती तो पता चलता कि कॉन किस से
नज़रे चुरा रहा है वो मेरे से या मैं उस से,,,,,,,,,,,,,,,,,,
माँ मैं सुबह सुबह गाँव की सैर करने चला गया था ,,,,सोचा शहर मे तो कभी इतनी
ताजी ऑर मस्त हवा कभी नसीब नही होनी आज गाँव आया हुआ हूँ तो क्यू ना इस ताजी हवा का
लुफ्त उठाया जाए,,,,,,,,,,,,,,,,,
माँ--ताजी हवा का लुफ्त उठा लिए हो सन्नी बेटा तो जाके जल्दी फ्रेश हो जाओ ऑर आके खाने का लुफ्त भी
उठा लो हम सब तो नाश्ता कर चुके है एक तुम ही रहते हो,,,,,,,,,,,,,
मैं--ठीक है माँ मैं फ्रेश होने जा रहा हूँ आप प्ल्ज़्ज़ मेरा नाश्ता वहीं रूम मे भेज दो
माँ==ठीक है बेटा तुम जाओ मैं नाश्ता वहीं लेके आती हूँ,,,,,,,,,,,,
मैं दूसरे घर मे चला गया ,,,,,देखा कि वहाँ केवल की कार नही थी ऑर उसके रूम को भी
लॉक लगा हुआ था,,,,,,शायद वो कहीं बाहर गया होगा,,,,खैर मुझे क्या मैं अपने रूम मे
गया ऑर फ्रेश होके बाहर निकला ऑर कपड़े चेंज करने लगा तभी दरवाजे पर किसी ने नॉक
किया ,,,तब तक मैं अपना पयज़ामा पहन चुका था ,,,,,,,,,मैने दरवाजा खोला तो
देखा सामने सोनिया खड़ी थी हाथ मे नाश्ता लेके,,,,,,,,,मैं एक दम से डर गया उसको देख
कर लेकिन वो सर को नीचे झुका कर खड़ी थी मैं जल्दी से दरवाजे से हट गया ऑर वो अंदर आ
गई ऑर नाश्ता बेड पर रख कर वापिस मुड़ने लगी तो मैने उसको सॉरी बोला लेकिन उसने कोई
ध्यान नही दिया मैने उसके हाथ को पकड़ लिया ऑर डरते डरते अपनी तरफ़ खेंचा तो उसने अपने
फेस को मेरी तरफ़ किया मेरी आँखो मे देखा ऑर फिर अपने उस हाथ को देखा जो अभी मेरे
हाथ मे था फिर उसने अपना हाथ छुड़वाया ऑर कस्के मेरे मुँह पे थप्पड़ मारा,,,,,,,,,,
सोनिया--खबरदार अगर दोबारा कभी मुझे हाथ लगाया ,,,,मुँह तोड़ दूँगी तेरा,,,,ऑर जितना हो सके
मेरे से दूर रहना तू सन्नी अगर ग़लती से भी मेरे करीब आया तो वो हाल करूँगी तेरा की याद
रखेगा ,,इतना बोल कर वो गुस्से से मुझे घूर कर वहाँ से चली गई और मैं अपने चेहरे
पर उसके थप्पड़ की ,,,ओह सॉरी जोरदार थप्पड़ की जलन को लेके वहीं खड़ा रहा साला मैं तो
इतना डर गया था कि लगा कि पयज़ामे मे ही पेशाब निकल जाएगा मेरा,,,,जिस से सारा घर डरता
था उसी से थप्पड़ लगा है मेरे मुँह पे,,,,अब तो सन्नी बेटा ये हिट्लर तेरी जान लेके ही दम
लेगी खैर इसी मे है कि इस से दूर ही रहना तू,,,,,,,मैने डरते हुए अपने मुँह पर हाथ लगाया
अभी तक मेरा मुँह गर्म था उसके जोरदार थप्पड़ से,,,,साला खुद के हाथ भी जलन कर रहा
था मुँह पर,,,,,,,,खैर मैने नाश्ता किया ऑर बेड पर लेट गया ,,,,भूख तो सारी ख़तम हो
गई थी उसके एक थप्पड़ से लेकिन फिर भी गाँव की मक्की की रोटी को देसी घी से खाने को कॉन
मना करता है ऑर जब साथ मे लस्सी हो तो मज़ा ही मज़ा है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैने नाश्ता किया ऑर
बेड पर लेट गया ,,रात भर सोया नही था इसलिए थकान से कब आँख लगी पता ही नही चला,,,
रात को नींद नही आई थी इसलिए शाम तक सोता रहा जब आँख खुली तो शाम के करीब 7 बजे
थे ,,,,फ्रेश होके रूम से बाहर निकला तो केवल के रूम मे अभी भी लॉक लगा हुआ था ,,,मैं
घर से निकल कर चाचा जी के घर चला गया जहाँ चाची ऑर मामा जी चाचा जी के पास थे
जबकि माँ ऑर सोनिया किचन मे रात का खाना तैयार कर रही थी,,,,मैं मामा ऑर चाची के साथ
चाचा जी के रूम मे बैठ गया,,,,,,,,,,
चाचा--अरे बेटा आज तो पूरा दिन ही सोता रहा तू,,,,क्या बात है रात को सोया नही था क्या,,,,,,,,,
मैं--जी चाचा जी,,,एक तो कल सफ़र मे थक गया था उपर से रात को भी नींद नही आई,,,अब थकान
कुछ ज़्यादा हो गई थी इसलिए इतनी देर तक सोता रहा,,,,,
चाचा जी--ठीक है बेटा अच्छा हुआ जो आराम कर लिया वर्ना तबीयत बिगड़ जानी थी अगर नही सोते तो,,इतने
बोलते ही चाचा जी ने मुझे अपने पास बुलाया ऑर मैं उठके उनके पास चाल गया,,,,
चाचा--ये तेरे चेहरे पर क्या हुआ है ,,इतना लाल क्यूँ है,,,उन्होने उसी गाल पर हाथ लगाते हुए पूछा
जिसमे सुबह थप्पड़ लगाया था सोनिया ने,,,थप्पड़ इतना कस्के लगाया था कि अभी तक मेरा गाल
लाल हुआ पड़ा था,,,,,,,,,,,
मैं--जीई वववूओ ,,पता नही चाचा जी क्या हुआ सोया था तो ठीक था सॉकेआर उठा तो गाल पर ये लाल निशान
था,,,,,,,,,,,मैने झूठ बोला,,,,,,,,,,ऑर क्या बोलता कि सोनिया की पप्पी ली थी उसने भी थप्पड़ से पप्पी
का जवाब दे दिया,,,,,,,,
--लगता है बेटा कुछ मच्छर वाच्छर लड़ गया होगा जब तू सुबह घूमने गया था गाँव मे,,
मामा ने बोला ऑर हँसने लगा,,,,,साथ मे चाचा ऑर चाची जी भी,,,,
मैं--हाँ हाँ मामा जी मुझे भी ऐसा ही लगता है,,,,,मैने जल्दी से मामा की हाँ मे हाँ मिला दी
तभी सोनिया ऑर माँ भी उसी कमरे मे आ गई,,,,,,
क्या बातें हो रही है ज़रा हमे भी तो पता लगे,,,,,माँ ने सबको हँसते देख कर पूछा
कुछ नही बेटी ये सन्नी के लाल हो गये गाल को देख कर हंस रहे थे लगता है गाँव मे आते
ही मच्छरों से दोस्ती हो गई ,,किसी मच्छर ने तोहफा भी दिया है इसकी गाल पे,,,,चाचा जी ने
मेरे फेस को माँ की तरफ टर्न करते ह्यू बोला,,,,,,माँ भी मेरा फेस देख कर हँसने लगी,,,
तभी मेरा ध्यान सोनिया की तरफ़ गया जो अभी तक मुझे ऐसे ही घूर रही थी जैसे सुबह को
थप्पड़ लगाते टाइम घूर रही थी,,,,,,मैने जल्दी से नज़रे घुमा ली,,,,,
माँ--चलो सब लोग खाना खा लो ऑर चाचा जी को भी मेडिसिन देने का टाइम हो गया है,,,फिर इनको
आराम भी करना है,,,,,,,,
अरे बेटी कुछ देर रहने दे सबको यहाँ दिल लगा हुआ है इस बूढ़े का,,,,चाचा ने माँ से
बोला,,,,,
बिल्कुल नही चाचा जी,,,,डॉक्टर ने बोला है कि मेडिसिन टाइम पर लेनी है ऑर आराम भी करना है
तभी सेहत मे सुधार होगा जल्दी से,,,,,,,,,
इतना बोलते ही माँ ने चाचा जी को मेडिसिन दी ऑर आराम करने को बोला जब तक हम सब लोग सिवा
चाची के बाहर जाके बैठ गये ऑर मा बाहर खाना लगा चुकी थी पहले से,,,,,,
|