RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
रात को घर पहुँचा तो दिल बहुत खुश था,,आज एक नई चूत जो मिल गई थी,,वो भी शिखा जैसी मस्त लड़की की
जिसका कॉलेज मे हर कोई दीवाना था,,,,,उसकी मटकती गान्ड ऑर उछलते बूब्स देख कर 100 लंड का पानी तो
एसे ही निकल जाता होगा,,,,एक खुशी की ऑर बात थी कि अब वो भी मेरे लंड से आज दिनभर चुदि थी ऑर अब तो
मेरे लंड की दीवानी हो गई थी,,,चूत की खुशी मे इतना पागल हो गया था कि डिन्नर का भी याद नही था आज
ऑर बस अपने रूम मे लेटा हुआ शिखा दीदी के बारे मे सोच रहा था,,,,,तभी शोभा दीदी मुझे डिन्नर के लिए
बुलाने आ गई,,,,,,,मैं नीचे गया तो वहाँ बस मामा ऑर माँ थी,,,,डॅड नही थे,,,तभी शोबा भी मेरे
साथ वाली चेयर पर आके बैठ गई,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं-,मोम आज भी डॅड घर पर नही है क्या ,,,,,,,,,,,
माँ-नही बेटा वो तेरे डॅड आज भी ऑफीस के काम से बाहर गये है,,,कल सुबह आएँगे,,,,,
मैं-आज कल कुछ ज़्यादा ही बाहर जाने लगे है डॅड ,,,,,,,,,,,,,,,
तभी शोभा दीदी बोल पड़ी,,,,हाँ मोम आज कल कुछ ज़्यादा ही दिल लगा कर मेहनत करने लगे
है डॅड,,,तभी तो 10 दिन मे 6 दिन बाहर रहने लगे है,,,,,,,,
मैं समझ गया कि डॅड आज भी बुआ के बुटीक मे होंगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,दीदी बुआ कहाँ है,,,आज तुमने बुआ के साथ डिन्नर क्यू नही किया,,,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी-बुआ भी आज कल कुछ ज़्यादा ही बिज़ी रहने लगी है सन्नी,,बुटीक पर कुछ ज़्यादा ही काम हो गया है,,,,,,,,,,
तभी माँ गुस्से मे बोलने लगी,,,,,,,,,,,,,,चलो अब चुप करके खाना खा लो बातें बाद मे कर लेना,,,,,,,
मैं ऑर दीदी चुप हो गये क्यूकी माँ सच मे गुस्सा हो रही थी,,,ये मज़ाक वाला गुस्सा नही था जब भी हम लोग
बुआ की बात करते तो माँ गुस्सा हो जाती थी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,खैर हम लोगो ने डिन्नर किया ,,,,,,,,,,,शोभा उपर
जाते टाइम मुझे मस्ती भरी हल्की सी आँख मार कर गई ,,,मैं समझ गया उसका इशारा क्या था,,,आज हम लोग
अकेले थे उपर वाले फ्लोर पे,,ऑर उसका इरादा मस्ती करने का था,,,मैने भी माँ ऑर मामा से बचते हुए उसको
आँख मार दी,,,,मेरा दिल तो नही था चुदाई करने का क्यूकी आज शिखा की दिन भर चुदाई करके मैं थक गया
था,,अब ऑर चुदाई करने की ताक़त नही थी,,लेकिन दिल अभी तक नही भरा था इसलिए तो शोभा के आँख मारने से
ऑर इस बात के ख्याल से ही कि हम दोनो अकेले है उपर वाले फ्लोर पे इसी बात से लंड मे एक मस्ती भरा जोश सा
भरने लगा था शायद इसी को कहते थे जवानी का जोश,,,ताक़त नही बची थी दिन भर की चुदाई करने के
बाद लेकिन लंड महाराज तो फिर से ताक़त बटोरने लगे थे,,,,,,दीदी उपर चली गई ऑर मामा घर से बाहर
चला गया ,,सिगरेट पीने ही गया होगा ऑर क्या करना उस वहले ऑर नशेड़ी इंसान को,,,,,,,,,,,,,मामा ऑर शोबा के
जाते ही माँ अपनी चेयर से उठी ऑर मेरे पास आके मेरे साथ वाली चेयर पर बैठ गई,,,,,,,,आज तुम मेरे रूम
मे सो जाओ,,,,मस्ती करेंगे हम तीनो मिलकर,,तुम मैं ऑर मामा,,,,इतना बोलकर माँ ने मेरे को एक किस की ऑर
हाथ भी लंड पर रखके उसको हल्का सा दबा दिया ,,,,,,,,,
माँ--अरे बाप रे ये तो पहले से ही मूड मे आ चुका है बेटा,,,,,,,
मेरा लंड शोबा दीदी की वजह से मस्ती मे आया था लेकिन माँ को लगा कि शायद उनकी वजह से आया था
,,वैसे माँ भी अपनी जगह ठीक थी क्यूकी शोभा की वजह से लंड हल्की मस्ती मे आया था जबकि माँ की वजह से'
इतना ज़्यादा हार्ड होने लगा था कि नसों मे भी हल्का दर्द होने लगा था,,,,,इस से पहले मैं कुछ बोलता माँ
ने मेरे लिप्स को किस करना शुरू कर दिया ऑर साथ ही लंड को भी हल्के हल्के हाथ से सहलाने लगी,,,,,तभी मैं
एक दम से चेयर से उठ गया,,,,,,,,,,,,
माँ-क्या हुआ बेटा,,,,,,,,,,,,,
मैं-माँ आज मूड नही है आज बहुत थक गया हूँ,,
माँ-तो चलो मेरे रूम मे बेटा सारी थकान दूर कर देती हूँ,,,,,,,,,
मैं--नही माँ आज नही,,इतना बोल कर मैं भी अपने रूम की तरफ उपर चला आया,,,,,,
मेरे इनकार की वजह से माँ थोड़ी उदास हो गई थी,,,,,ये बात नही थी कि मैं मा को नही चोदना चाहता था ऑर माँ से ज़्यादा मुझे शोभा की चुदाई अच्छी लगती थी,,,बात तो ये थी कि माँ के पास तो आज मामा सो जाएगा लेकिन शोबा को बेचारी को उंगली से या नकली लंड से काम चला पड़ेगा
इसलिए मैं माँ को मामा के साथ छोड़ कर उपर दीदी के पास चला गया,,,,मैं सीधा दीदी के रूम मे ही गया
क्यूकी मुझे पता था माँ ऑर मामा तो जल्दी से अपने रूम मे चले जाएँगे ऑर वो उपर नही आने वाले,,इसलिए
बिना किसी डर के मैं भी शोभा के रूम मे चला गया,,शोबा के रूम का दरवाजा पहले से खुला हुआ था ऑर
मैं अंदर चला गया अंदर जाते ही मैने दरवाजे को अंदर से लॉक कर लिया,,,,,दीदी रूम मे नही थी तभी
मुझे बाथरूम के दरवाजे पर नंगी भीगी हुई दीदी नज़र आई जो दरवाजे के साथ शोल्डर लगा कर खड़ी हुई
थी,,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी--इतना टाइम क्यूँ लगा दिया आने मे सन्नी,,,,इतना बोलकर ही दीदी नंगी चलके मेरे पास आ गई,,,,
उसका भीगा हुआ संगमरमर जैसा गोरा ऑर चिकना बदन देख कर मेरे लंड ने अंगड़ाई लेना शुरू कर दिया
,,लंड पहले से ही हार्ड था लेकिन दीदी को ऐसे देख कर उसके बर्म्यूडा के उपर से तंबू बना दिया था ऑर अब
उस तंबू मे तेज़ी से हलचल होने लगी थी दीदी के नज़र भी तंबू मे होने वाली हलचल की तरफ थी,,,,,,,,,,
दीदी अभी मेरे से थोड़ी दूर थी मैने जल्दी से अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए,,,जितनी देर मे दीदी ने 10-12
फीट का फंसला तय किया उतनी देर मे मेरे कपड़े ज़मीन पर थे,,,,,मुझे तेज़ी से कपड़े उतारते देख दीदी हल्की
मुस्कान देते हुए मेरे करीब आके खड़ी हो गई थी,,,,,,,इस से पहले मैं दीदी के पूछे हुए सवाल का कोई
जवाब देता दीदी ने अपने लिप्स को मेरे लिप्स मे जाकड़ लिया,,,,मैं तो पहले से ही पागल हो चुका था दीदी का
नंगा ऑर भीगा हुआ बदन देख कर ,,मैने दीदी के लिप्स के अपने लिप्स के साथ टच होते ही दीदी के लिप्स को कुछ
इस कदर चूसना शुरू किया जैसे मैं उसके लिप्स को उनके फेस से अलग ही कर देना चाहता हूँ,,,ऑर साथ ही दीदी
के भीगे बदन को अपनी बाहों मे ले लिया लेकिन दीदी के चिकने ऑर पानी से भीगे बदन पर मेरी पकड़ नही
बन रही थी क्यूकी पानी की वजह से चिकनाहट कुछ ज़्यादा हो गई थी,,,,,दीदी के हाथ भी मेरे लंड पर पहुँच
गया था,,,,दीदी ने मेरे हार्ड लंड को पकड़ा ऑर लिप्स से लिप्स हटा कर पीछे हो गई,,चिकने बदन से मेरे भी हाथ
फिसल गये थे ऑर दीदी थोड़ा पीछे हट गई थी,,दीदी ने मेरी तरफ वासना भरी नज़र से एक पल देखा ऑर फिर
मेरे लंड को हाथ मे पकड़ कर बेड की तरफ चलने लगी,,,,,,
जहाँ मेरे ऑर सोनिया के रूम मे मेरा ऑर सोनिया का बेड अलग अलग था वहीं दीदी ऑर बुआ के रूम मे एक ही बेड था ,,दोनो एक ही बेड पर सोती थी,,,,दीदी ने मेरे लंड को पकड़ कर रखा ऑर मुझे बेड पर बिठा दिया ,,मैं टाँगे ज़मीन पर रखे बेड की लास्ट मे बैठ गया था ऑर मेरे लंड को पकड़े मेरी खुली टाँगों के बीच दीदी ज़मीन पर बैठ गई थी ऑर एक ही पल मे ज़मीन पर बैठते ही दीदी ने लंड को मुँह मे ले लिया था ऑर लेटे ही सर को भी उपर नीचे करना शुरू कर दिया था पता
चल रहा था कि दीदी किस तरह मस्ती मे भरी हुई थी ,,,,क्यूकी लंड चूसने के अंदाज ऑर रफ़्तार से पता चल
रहा था वो कितनी बेताब थी मेरे लंड को मुँह मे लेने के लिए,,,,,,,,मैं भी मस्ती के सफ़र पर चल पड़ा था
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