RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
अपने रूम मे गया ऑर जाके लेट गया लेकिन नींद नही आ रही थी टाइम देखा तो सुबह के 4 बज रहे थे,,
लेकिन नींद आँखों से कोसों दूर थी मेरा दिल एक बार ऑर चुदाई करने को करने लगा था लेकिन अब क्या कर
सकता था सोचा कि नीचे माँ के पास जाता हूँ लेकिन माँ के पास तो मामा होगा ऑर हो सकता है वो दोनो अब
तक सो भी चुके होंगे ,,,,लेकिन अब करूँ भी तो क्या करूँ,,तभी मेरा ध्यान सोनिया की तरफ गया जिसके उपर से
चादर निकल कर नीचे ज़मीन पर गिरी हुई थी ऑर उसका कुर्ता उसके पेट पर काफ़ी उपर तक उठा हुआ था ऑर
छोटी सी निक्केर पहनी होने की वजह से उसकी टाँगे भी चमक रही थी,
मैं हिम्मत करके उसके बेड के
पास चला गया वैसे भी रूम की सेट्टिंग न्यू हुई थी पहले तो हमारे बेड मे करीब 8 फीट का फंसला था
ऑर अब सिर्फ़ 2-3 फीट का ही फाँसला रह गया था मैने डरते हुए हाथ आगे बढ़ा कर उसके पेट पर रख दिया ऑर
हल्के से सहलाने लगा मेरा हाथ बहुत प्यार से उसके मुलायम ऑर सॉफ्ट पेट पर कमर की एक साइड से होते हुए
दूसरी साइड की तरफ चलने लगा ,,मेरे जिस्म मे एक मस्ती की लहर दौड़ने लगी ऑर वैसे भी मैं तो एक बार
ऑर चुदाई के मूड मे था ,,,मेरा दिल किया क्यू ना इसको देख कर मूठ मार ली जाए मैने जैसे ही अपने हाथ
को बर्म्युडा उपर करके लंड को पकड़ा तभी एक दम से सोनिया उठ गई,,,,,,,,,,,,मेरी तो बॉल्स ही मेरे गले
मे आके अटक गई थी गला सूख गया था दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया दिल की धड़कन भी रुकने ही
वाली थी बस,,,,,,,
सोनिया--,ये क्या कर रहे ही भाई,,,,,,,,,,,
मैं---मैं वू म्मा ववूऊओ ,,,,,,,,
सोनिया--अब ये मत कहना कि आज भी कोक्करॉच था भाई,,,,,,,,,,,,,
मैं--नही वू माईंन्न वूऊ,,,,,,,,
सोनिया--भाई जो तुम कर रहे हो मुझे सब पता है मैं कोई बच्ची नही हूँ ,,,,आपको शरम नही आती अपनी बेहन के साथ ऐसे हरकत करते हुए,,,आप ने पहले भी कयि बार कोक्करॉच का बहाना करके ऐसी हरकत की थी मैं सोचा आप सुधर जाओगे लेकिन आप तो ऑर भी ज़्यादा गिर गये हो भाई,,,,,,
इस से पहले मैं कुछ कहता उसने मेरी बोलती बंद करवा दी,,,,,,,,,,,,,,
सोनिया--आज आपकी लास्ट वॉर्निंग है आज के बाद आपने मेरे करीब आने की भी कोशिश की तो मैं डॅड को बता दूँगी ऑर खुद भी आपका एसा हाल करूँगी कि आप याद रखोगे,,,,,,,ऑर गुस्से से वापिस चादर लेके बेड पर लेट गई ऑर मेरी तरफ़ अपनी पीठ करली,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं साला सोच मे पड़ गया ये क्या हो गया अब तो मैं गया काम से हिट्लर ने रंगे
हाथों पकड़ा है अब नही बच्चा सन्नी बेटा तू ऑर अगर इस हिट्लर ने डॅड को बता दिया फिर तो हड्डी पस्सली तोड़
देंगे मेरी,,,,,,,,,,मैने सोनिया से बात करने की ओर सॉरी बोलने की भी कोशिश नही की कहीं अभी वो गुस्से मे
आ गई तो क्या होगा,,,,,,,मैं चुप चाप बेड पर लेट गया ऑर सोचने लगा कि अब क्या करूँ अब तो मौत पक्की है
हिट्लर के हाथों से या डॅड के हाथों से,,,,,,,,,,,,,,मुझे बहुत डर लग रहा था गान्ड फॅट गई थी ये सब क्या
हो गया मेरे साथ यही सोच सोच कर हालत खराब होने लगी थी,,,,,,,,,डरते मरते कब नींद आई पता ही
नही चला,,,,,,,,,,,
सुबह उठा तो गान्ड फटी हुई थी ,,यही टेन्षन थी कहीं सोनिया ने किसी को रात वाली बात ना बता दी हो,,वो
साली है भी जंगली बिल्ली उसका कुछ पता नही ऑर वैसे भी रात को सच मे गुस्से से बोल रही थी तभी तो मेरी
बॉल्स मेरे गले मे अटक गई थी,,बाथरूम मे जाके फ्रेश होके बाहर निकला तो टाइम देख कर पुँगी बज गई
टाइम तो 10 बजे का हो गया था जबकि कॉलेज टाइम 9 बजे था ,,ओह्ह शिट आज तो मर गया एक तो पहले से सोनिया
रात वाली हरकत पर गुस्सा थी ऑर अब कॉलेज के लिए लेट कर दिया उसको,,,अब तो पक्का गाली देगी,,,,,डरते
मरते नीचे गया तो कोई नज़र नही आया,,,,,तभी किचन से कुछ आवाज़ आई तो मैं भी किचन मे चला गया,,
माँ बर्तन धो रही थी,,,,,,,,,,
माँ---उठ गया मेरा बेटा,,आज तो लेट हो गया कॉलेज के लिए ऑर अब तो वैसे भी नही जा सकता ,,,,
मैं==क्यू माँ,,,,,,,
माँ--अरे बुद्धू एक तो पहले से लेट हो गया है उपर से बाहर बारिश बहुत तेज हो रही है,,,सुबह बारिश हल्की थी इसलिए सोनिया ने जल्दी से कविता को फोन कर दिया था वो उसको आके लेके गई यहाँ से,,,,सोनिया गुस्से मे थी,,तेरा कोई झगड़ा हुआ क्या सोनिया से,,,,,,,,,,,,,,
मैं डर गया साली ने सच मे बता तो नही दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--,नही माँ मेरा कोई झगड़ा नही हुआ क्यू सोनिया कुछ बोल रही थी क्या,,,,,,,,,,,
माँ--नही कुछ ज़्यादा तो नही लेकिन कविता को मेरे सामने बोल रही थी कि आज के बाद वो सन्नी के साथ बाइक पर नही जाएगी ऑर कविता ही उसको रोज यहाँ से लेके जाया करे कॉलेज के लिए,,,तो मुझे लगा कि तुम लोगो की फाइट हुई थी,,,,,,,,,सच बता मेरे को,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--नही माँ कोई फाइट नही हुई बस वो थोड़ी गुस्सा है,,,,,,,,,,,,,,
माँ--चल ठीक है तेरी बेहन है तूने गुस्सा किया है तू खुद ही मना लेना,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--माँ बाकी लोग कहाँ है,,,,,,,,,
तभी माँ बर्तन धो चुकी थी ऑर टवल से हाथ सॉफ करते हुए मेरी तरफ आने लगी,,,,,,
माँ-तेरे डॅड बॅंक गये,,शोभा भी कॉलेज गई,,,तेरी बुआ भी नही है,,,,ऑर मामा भी कहीं धक्के खाने गया होगा ,,अब बस हम दोनो है घर पर अकेले इतना बोल कर माँ मेरे करीब आ गई थी ऑर हाथ मेरे लंड पर रख कर उसको दबाने लगी ऑर
इस से पहले मैं कुछ समझ सकता माँ ने अपने लिप्स को मेरे लिप्स से लगा दिया,,,,अब तक मैं सोनिया के साथ
की हुई रात वाली घटना से डर रहा था लेकिन अब माँ के हाथ लंड पर लगने से ऑर मेरे लिप्स पर माँ के लिप्स
टच के अहसास्स ने डर को कहीं दूर भगा दिया ऑर दिल मे हल्की हल्की मस्ती भर दी थी,,,,,,एक ही झटके मे
लंड ने अंगड़ाई लेना शुरू कर दिया ऑर लिप्स भी अपने अप खुल गये ऑर हाथ पता नही कब माँ के बूब्स पर
पहुँच गये,,,,,,,,मैने अपने लिप्स को खोला तो माँ ने अपनी ज़ुबान को मेरे मूह मे घुसा दिया ऑर मैने
भी माँ की ज़ुबान को मूह मे भरके चूसना शुरू कर दिया ऑर हाथों की करामात तो देखिए जनाब माँ
के ब्लाउस के बटनों को ऐसे खोलना शुरू किया कि ना हमे पता लगा ना माँ को ओर यहाँ तक ब्लाउस के बटन
को भी पता नही चला,,कब माँ के नंगे बूब्स हाथ मे थे ऑर कब उसके नरम ऑर गर्म अहसास ने उस
मस्ती को ऑर ज़्यादा बढ़ा दिया पता ही नही चला,,,,,,,माँ के लिप्स को मूह मे भरके चूस्ते हुए माँ के मूह
मे अपनी ज़ुबान डाल देता जिसको माँ भी मस्ती मे चूसने लगती फिर कभी अपनी ज़ुबान मेरे मूह मे डाल देती ..
फिर माँ के हाथ मेरी टी-शर्ट की तरफ बढ़ने लगे ऑर मैने भी इस बात का एहसास होते ही अपने हाथ हवा मे
उठा दिए ऑर माँ ने टी-शर्ट को उपर उठा कर हाथों से निकालने की कोशिश करने लगी लेकिन मेरी हाइट माँ
से ज़्यादा थी तो माँ से टी-शर्ट पूरी उपर तक नही उठी ऑर मेरे मे मस्ती इतनी ज़्यादा भर चुकी थी कि बर्दाश्त
नही हो रहा था जल्दी से खुद ही टी-शर्ट को निकाला ऑर किचन के फ्लोर पर फेंक दिया ऑर बनियान भी निकाल कर
उसी जगह फेंकी जहाँ टी-शर्ट फेंकी थी,,,,,,
|