RE: Nangi Sex Kahani नौकरी हो तो ऐसी
मालंबंती ने फिरसे मुझे गोद मे बिठा ने कहा और मैने पालती मार के उसे गोद मे बिठा लिया उधर नसरीन ने अपनी कमीज़ निकाल दी…. वाह क्या नज़ारा बन रहा था उसने कमीज़ निकाली और उसके वो मस्त संतरे जैसे दूध एक दम सख़्त अवस्था मे थे…. वो निपल्स अपने गुलाबी लाल रंग से मुझे मदहोश करने लगे…
मेरा कहानी सुनाना अभी भी जारी था… और कहानी मे एक से एक सुरीले पड़ाव लाके सुना रहा था….
मालंबंती की गोरी गोरी जंघे मेरी जाँघो पे घिस रही थी और मेरे हाथोसे नसरीन के कोमल स्थान… मालंबति की गांद के बीच की दारर मे मेरा लंड फिट बैठ था और संभोग पूर्व पानी छोड़ रहा था…. नसरीन से रहा नही गया उसने मेरे गालो पे चूमना शुरू किया इसका असर ये हुवा कि मेरा बोलना बंद हो गया… कहानी रुक गयी और हक़ीकत रंग लाने लगी… नसरीन के कोमल होठ मेरे गालो पे फूल के अनुभव जैसा रोमांच पैदा कर रहे थे… मेरे गोद मे मालंबंती गरमा हो हो के लावा बन चुकी थी.. उसका पूरा चेहरा काम वासना से भर गया था…. और नसरीन अभी मेरी छाती को चूमे जा रही थी….
उतने मे मैने कहा – चलो अभी कुछ अलग करते है
नसरीन – अलग…. अलग क्या?
मैं – अलग मतलब कुछ …तुम्हे पता है जैसे…
मालंबंती – जैसे ??... जैसे तैसे क्या… ये मस्त है
मैं – ये तो है ही पर इससे भी कुछ अच्छा है… अगर तुम चाहो तो?
नसरीन – हाँ हाँ हमे चाहिए बताओ ना और क्या और क्या ….
मैं – वो जो तुम्हारी बुर है उसमे ….
मालंबंती – उसमे क्या…. उसमे तो मेरी उंगली भी नही जाती…. और उधर बहुत कुछ होता है
मैं – हाँ वो जो होता है… उससे भी ज़्यादा मज़ा आता है ….
नसरीन – नही पर उधर नही… उधर उंगली डालने पे बहुत दुखता है… इससे अच्छा आप हमे बस गोद मे बिठा के कहानी सूनाओ
मालंबंती – हाँ हमे आप की गोद मे ही मज़ा आता है….
मैं इन दोनो लड़कियो को कैसे समझाऊ कि जो तुम कर रहे हो वो तो बस काम क्रीड़ा की पहली सीढ़ी है… पर समझाना इतना आसान नही लग रहा था क्यू कि ये तो उधर उंगली डालने को भी नही दे रही थी… मैने कुछ सोचा और उनकी तरफ मूड के बोला
मैं – ठीक है…. पर उधर अगर तुम्हे दर्द होता है तो और …
मालंबति – और क्या…..???
मैं – और एक जगह है जहा तुम्हे उंगली डालने से कम दर्द होगा..
नसरीन – कहाँ कहाँ…..???
मैने मालंबंती को थोड़ा सा उपर उठाया और उसकी गांद के छेद पे उंगली रख के दोनो से कहा यहाँ
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