RE: Nangi Sex Kahani नौकरी हो तो ऐसी
सेठानी का हाथ पकड़ के मैने सेठानी को ज़मीन पे लिटाया और उनकी टांगे नीचे उपर करते हुए उनके हाथो के पास दबा दी…. और अपना सूपड़ा उस खुली मदमस्त बुर मे चढ़ा दिया …. सेठानी मदमस्त हो रही थी और इतने बड़े लंड से मिलने वाले महान सच का अनुभव कर रही थी…. बहू ने बीच बीच मे मेरा लंड निकाल के अपने मुँह मे भर के चिकना करने की ठान रखी थी…. अब मेरे नियंत्रण के बाहर बात जाते दिखी मैने बहू को लंड निकाल ने से मना कर दिया और ज़ोर्से धक्का मार कर पूरा का पूरा वीर्य सेठानी की बुर मे उतार दिया…. धीरे से मैने अपना लंड बाहर निकाला उसे छोटी बहू ने मुँह मे लेके उसे मस्त सॉफ किया और मैं फटाफट कपड़े पहेन के सेठ जी के पास वापस आ गया….
सेठ जी दीवानखने मे ही बैठे थे…लगभग 9.30 बज रहे थे … मुझे देखकर बोले – अरे तुम इतने वक़्त वही थे क्या…
मैं- हां सेठ जी… ज़रा मालकीन ने काम बोला था
सेठ जी – ठीक है पर ये तुम्हारे बाल और कपड़े इतने खराब कैसे हो गये…
मैं – वो कुछ सामान उपर के कपाट से निकालना था उसमे मे थोड़ी धूल थी इसलिए…..
सेठ जी – ठीक है ठीक है...
सेठ जी को मेरी हर एक बात पर बहुत जल्दी भरोसा हो जाता था.... उतने मे ही मालंबंती अपने संतरो को हिलाते हिलाते आ गयी. उसके निपल्स कमीज़ के उपर से तने हुए दिख रहे थे और मैं अभी कामवासना शांत करने पर भी गरम होने लगा था , वो मेरे पास आके बोली- हो गया ना काम तो चलो अभी हमे कहानी सुनाने……
मैं – पर वक़्त बहुत हो गया है
सेठ जी – जाने दो जिद्द कर रही है तो सुना दो इसे और नसरीन को एक कहानी…
पर एक ही सुनना …सबेरे इन्हे जल्दी उठना है ….
मालंबंती खुश हो गयी और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे लेके अपने कमरे मे आई… मैने देखा दीवान पे कुछ किताबे पड़ी थी और नसरीन वही पढ़ रही थी… वो कुछ लिख रही थी गद्दे पे किताब रख कर इसलिए पूरी झुकी हुई थी इस वजह से उसके बूब कमीज़ से बाहर झाँक रहे थे… गोरे गोरे कोमल बूब्स मस्त महॉल बना रहे थे…. पता नही मैं तो बस कहानी सुनाने आया था पर……
मैं दीवान पे बैठ गया… नसरीन मुझे देख कर खुश हो गयी…
मालंबंती भी बैठ गयी वो दोनो मेरे सामने बैठी थी और मैं देवान को पीठ लगाए सामने अपने पैर लंबे करके आराम से बैठा था…
मालंबंती – तो सूनाओ कहानी
मैं – कौनसी कहानी सुनोगी
नसरीन – कोई भी पर एक दम मस्त होनी चाहिए
मैं – मस्त कहानी ठीक है
मैने अपनी पदवी शिक्षण(डिग्री एजुकेशन) के 3 साल के दरम्यान बहुत सारी किताबे पढ़ी थी, जिनमे एक से एक कहानिया थी… और मैं पहलेसे ही कहानियो मे बहुत ही ज़्यादा शौक रखता था…. इसलिए मुझे बहुत सारी कहानिया पता थी….
मैने एक कहानी चुनी जिसमे बहुत सारे उतार चढ़ाव थे.. और बीच मे रहस्यमय और दिल की धड़कने तेज़ करनेवाले प्रसन्ग थे…
क्रमशः...................
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