RE: vasna kahani चाहत हवस की
''चलो बता देती हूँ, तुम उसको चूसोगी या नहीं ये तुम सोच लेना, लेकिन एक शर्त तो माननी पड़ेगी कि तुम जब उसके औजार को देखोगी तो मैं वहीं पर रहूँगी। और वो भी शायद इसलिये कि वो जो भी है, उसको मैं कैसे जानती हूँ या फ़िर…''
''ओके बाबा, चलो ठीक है, अब बता भी दो, प्लीज्ज्ज्ज?"
''तुमको विश्वास नहीं होगा, लेकिन उसका नाम है, विशाल।''
''विशाल, कौन विशाल?"
''विशाल, मेरा भाई विशाल, और कौन?"
''नहीं, मुझे तुम्हारी बात पर भरोसा नहीं हो रहा, तुम मुझको पागल बना रही हो, और वैसे भी ये तुमको कैसे पता?" मिनी अविश्वास भरे अंदाज में बोली।
गिफ़्टी दीदी ने मिनी दी को बताया कि कैसे उन्होने मुझे एक बार नहाते हुए बाथरूम में नंगा देख लिया था, और कैसे एक बार जब वो अचानक से मेरे रूम में आयी थी तब मुझको मुट्ठ मारते हुए पकड़ लिया था। उन्होने मिनी दी को मेरे लण्ड को चूसने या मेरे लण्ड का पानी अपनी चूँचियों पर निकालने के बारे में कुछ नहीं बताया।
''तो फ़िर आपको कैसे लगता है कि विशाल मुझे दिखाने को तैयार हो जायेगा,'' मिनी दी ने पूछा।
''जिस तरह से वो तुमको अभी देख रहा था, और वो भी समझ रहा था कि उसी के लण्ड के बारे में बातें हो रही थी, उसको तुम्हे दिखाने में बहुत मजा आयेगा… तुम उसकी कजिन हो, इस बात का उसको कोई फ़र्क नहीं पड़ेगा। तुम चाहो तो मैं सब सैटिंग कर सकती हूँ।''
''उम्म्म, ठीक है, कर दो।''
''तो फ़िर ठीक है, हम दोनों तुम्हारे रूम में आ जायेंगे, ओके?"
''तुम्हारा मतलब आज रात को?"
''हाँ और क्या, इतने दिनों बाद तो आज मिले हैं, ना जाने फ़िर कब मौका मिले, क्यों?"
"हाँ ये ओ तुम सही कह रही हो, तो फ़िर मेरे रूम में ही ठीक रहेगा,'' मिनी ने बीयर का एक बड़ा सा घूँट मारते हुए कहा, वो थोड़ा नर्वस हो रही थी।
गिफ़्टी दीदी मुझे पार्टी में आये लोगों के बीच ढूँढने लगी, उन्होने मुझे अर्चना दीदी की कुछ गर्ल फ़्रेन्ड्स से बात करते हुए देखा। वो कुछ देर इन्तजार करती रहीं, और जैसे ही मौका मिला वो मुझे वहाँ से खींचकर दूसरी तरफ़ ले गयीं।
''मिनी तुम्हारा लण्ड देखना चाहती है, क्या तुम उसको दिखाओगे?"
''मुझे उसको दिखाकर क्या मिलेगा?" मैंने उस्त्सुकतावश पूछा।
''मैंने उससे ये तो नहीं पूछा, लेकिन शायद मेरी तरह वो भी उसको चूसे बिना ना रह पाये… नहीं तो छू कर तो जरूर देखेगी, तुमको तो इतने में ही मजा आ जायेगा। वो बहुत चालू किस्म की लड़की है, जरूर कई बार चुदवा चुकी होगी, तो उसको मेरे से तो बेहतर ही चूसना आता होगा।''
''वो मुझे नंगी तो होकर दिखायेगी ना?"
''पता नहीं, तुम खुद ही उससे पूछ लेना, मैंने तो बस सब कुछ सैट करने की गारंटी ली है और मैं भी वहीं पर रहूँगी जब तुम उसको दिखा रहे होगे, बस।''
''ह्म्म, पता नहीं लेकिन अभी जिन दो लड़कियों से बात कर रहा था, वो अर्चना दीदी की फ़्रेन्ड्स थी, वहाँ भी कुछ जुगाड़ बनती सी दीख रही थी।''
''चलो अगर मैं प्रोमिस करूँ कि चाहे जो हो, लेकिन मैं तुम्हारा आज रात को चूस लूँगी, फ़िर तो ठीक है ना?"
''हुह, अब मैं दीदी आप को तो ढंग से समझ चुका हूँ, आप भी पूरी छिनाल हो, मुझे पता है कि अगर आपने मेरा लण्ड चूस लिया तो फ़िर अपनी चूत चटवाये बिना नहीं मानोगी,'' मैंने गिफ़्टी दीदी को चिढाते हुए कहा।
गिफ़्टी दीदी कुछ सोचने लगीं, और फ़िर इस नतीजे पर पहुंची कि मैं शायद सही कह रहा था। ''अच्छा चलो मैं अगर मैं प्रॉमिस करूँ कि आज तुम्हारे लिये कुछ नया करूँगी, तो फ़िर?" तुम अंदाजा लगाते रहो कि मैं क्या नया कर सकती हूँ… सैक्स को छोड़कर।'' मैं असमंजस में पड़कर सोचने लगा। गिफ़्टी दीदी की बिना झाँटो वाली साफ़ चिकनी मुलायम चूत का चित्र मेरे दिमाग में घूमने लगा, और मैं उनकी हर बात मानने के तैयार हो गया, मेरे दिमाग में एक अलग ही प्लान बन रहा था।
''ओके ठीक है, आप मेरे लिये कुछ नया करो, और मैं आपके सामने अपना लण्ड मिनी दी को दिखा दुँगा।''
''तो फ़िर तुम मिनी के रूम में पहुँचो, मैं और मिनी थोड़ी देर में वहीं पर आते हैं।''
मैंने रूम का दरवाज खुलने की आवाज सुनी, और दो परछाईयाँ अंदर दाखिल हुई प्रतीत हुई। परछाईयों की बनावट से लग रहा था कि ये गिफ़्टी दीदी और मेरी कजिन मिनी दी ही हैं। उन दोनों ने अंदर आकर पीछे से दरवाजा बंद कर दिया, और खिलखिलाते हुए बैड के पास आ गयीं, जहाँ मैं पहले से बैठा था।
रुम की लाईट ऑफ़ थी, और जो कुछ रोशनी आ रही थी वो बाहर गार्डन में चल रही पार्टी की जगमाहट से आ रही थी। उस मद्धम रोशनी में जब हम तीनों बैठे थे, तभी मिनी दी बोली, ''मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि तुम अपना लण्ड मुझे दिखाने वाले हो।''
''हाँ लेकिन ऐसा करने से पहले मरी भी एक शर्त है,'' मैंने कहा।
''कैसी शर्त?" गिफ़्टी दीदी और मिनी दी, दोनों ने एक साथ पूछा।
''तुम दोनों को अपने कपड़े उतारकर नंगा होना पड़ेगा।''
''सच में?" मिनी दी ने पूछा, शायद वो इसके लिये तैयार नहीं थीं।
''ओह तो इसमें कौन सी बड़ी बात है, बचपन में हम सब एक साथ ही तो नहाया करते थे,'' गिफ़्टी दीदी ने हँसते हुए कहा, ''बेशक उस समय मेरे ये बाहर नहीं निकले थे।'' गिफ़्टी दीदी ने अपनी चूँचियों को पकड़कर मसलते हुए कहा, ''लेकिन शायद जब हम उसके लण्ड को देखें तो मेरा भाई भी देखना चाहता है कि हमारे जिस्म में कैसे बदलाव आ गये हैं। और वैसे भी जैसे मैं अजय के सामने नंगी हो जाती हूँ और मिनी तुम दूसरे लड़कों के सामने वैसे ही विशाल के सामने भी हो जाते हैं, क्या फ़र्क पड़ता है।''
''हाँ क्या फ़र्क पड़ता है,'' मिनी दी थोड़ा संजीदा होते हुए बोली, ''लेकिन पहले मैं तुम्हारा देखना चाहती हूँ।''
''ठीक है,'' मैंने सहमत होते हुए कहा। फ़िर मैं खड़ा होकर अपनी जीन्स उतारने लगा, मेरा अण्डरवियर भी जीन्स के साथ ही उतर गया। मेरा लण्ड फ़नफ़नाकर अटैन्शन पोजिशन मे पूरा खड़ा होकर स्प्रिंग की तरह बाहर निकल आया। मेरे इतने बड़े लण्ड को देखकर मिनी दी का मुँह खुला का खुला रह गया।
''हाय राम, गिफ़्टी तू सही कह रही थी,'' मिनी दी ने गिफ़्टी दीदी से फ़ुसफ़ुसाते हुए कहा, गिफ़्टी दीदी अपने खिलौने को मजे से देख रही थीं।
''ये तो सच में बहुत बड़ा है, क्यों?"
""ओह हां, मैं इसको छूकर देख लूँ?" मिनी दी ने मुझ से पूछा, शायद मिनी दी इस बात से थोड़ा कॉन्श्यिस हो रही थीं कि मैं उनका कजिन भाई था।
''तुमको भी अपने सारे कपड़े उतारकर मेरे सामने नंगा होना है, याद है ना?" मैंने उनको हिन्ट दिया।
''ओह हाँ,'' मिनी दी खिलखिलाकर हँस दी। फ़िर मिनी दी ने खड़े होकर अपना टॉप ऊपर उठाकर सिर के ऊपर से बाहर निकाल दिया। उन्होने अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी, उनकी छोटी छोटी नींबू के आकर की चूँचियाँ और मूँगफ़ली के दाने जैसे निप्पल बाहर निकल आये।
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