RE: vasna kahani चाहत हवस की
मैंने दीदी की पैण्टी को अंदर बाहर पूरा उलट लिया, और फ़िर पैण्टी की बीच की पट्टी को अपनी जीभ से चाटने लगा, मैं कनखियों से दीदी को अपना मुँह मेरे लण्ड के सुपाड़े के गिर्द लिपटा हुआ देख रहा था, धीरे धीरे जब मेरा लण्ड दीदी के मुँह के अंदर बाहर हो रहा था, तब दीदी मुझे उनकी पैण्टी को चाटते हुए देख रही थी।
दीदी की आँखों से झलक रही वासना और साथ में उनकी पैण्टी पर चिपके चूत के रस का रसपान मुझे झड़ने पर मजबूर कर रहा था। मैंने दीदी को कहा कि मैं झड़ने ही वाला हूँ तो दीदी ने मेरा लण्ड अपने मुँह से बाहर निकाल लिया, और उसको मुठियाने लगी, और लण्ड का निशाना अपनी चूँचियों पर कर दिया। मैंने अपने सारे वीर्य का लावा दीदी की चूँचियों पर निकाल दिया, दीदी ने सारे वीर्य के पानी को अपनी चूँचियों पर फ़ैला लिया, और अपने निप्पलों को मेरे वीर्य से भीगी ऊँगलियों से मींजने लगी।
''म्म्म्म्म मजा आ गया विशाल, थैन्क यू, चलो मैं अब मम्मी के आने से पहले नहा लेती हूँ। मुझे लगता है उस इन्टरनैट वाली हॉर्नीलेडी से तो ज्यादा ही मजा आया होगा, क्यों,'' दीदी ने हँसकर कहा, और फ़िर रूम से बाहर निकल गयी। मैं मन ही मन सोचने लगा, कि हाँ मजा तो बहुत आया लेकिन बिना झाँटो वाली चिकनी चूत का अपना ही मजा है।
अजय जीजू का फ़ोन आ गया था कि वो अगले दो महिने ऑफ़िस में अधिक काम की वजह से भारत नहीं आ पायेंगे, जब मुझे ये बात पता चली तो मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ, क्योंकि अब अगले दो महीनों तक मुझे गिफ़्टी दीदी से अपना लण्ड चुसवाने का और साथ ही साथ दीदी की चूत को चाटने का बेरोकटोक मौका मिलने वाला था।
अगले वीकेन्ड पर हमारी मौसी की बड़ी बेटी अर्चना का बर्थ डे था, एक थ्री स्टार होटल की उस बर्थ डे पार्टी में मौसी की छोटी बेटी मिनी की गिफ़्टी दीदी से बहुत देर तक बातचीत हुई। मिनी दीदी को बता रही थी कि मैं उसको कितना ज्यादा अच्छा और स्मार्ट लगता था, और यदि विशाल यानि कि मैं उसका कजिन भाई नहीं होता तो वो मुझे अपना बॉयफ़्रेंड बना लेती।
मिनी और गिफ़्टी दीदी करीब एक ही उम्र की थीं और दोनों दिल्ली युनिवर्सिटी के एक ही कॉलेज की पढी हुई थीं, दोनों की आपस में बहुत पटती थी। दोनों एक साथ मूवीज भी देखने जाया करती थीं। मिनी की हाईट अच्छी थी 5 फ़ुट नौ ईन्च और एक दम इकहरा बदन था, मस्त लम्बी टाँगें, वो साईकिल बहुत चलाती थीं, शायद इसी वजह से उनकी गाँड़ कुछ ज्यादा ही उभरी हुई थी। वो अपने कन्धे तक लम्बे बालों को हमेशा खुला रखती थीं, मिनी दीदी की चूँचियाँ छोटी छोटी थीं लेकिन उनके निप्पल उभरे हुए थे, जो कभी जब वो घर पर टी-शर्ट के अंदर ब्रा नहीं पहनती थीं तो उसके निप्पल टॉप का कपड़ा फ़ाड़ कर बाहर निकलने को बेताब रहते।
''अजय जीजू जब इन्डिया आते हैं तब तो तुम रोज सैक्स करते होंगे?" मिनी दीदी ने गिफ़्टी दीदी से पूछा।
''हाँ कई बार तो दिन में दो तीन बार''
''सच में सैक्स करने में बहुत मजा आता होगा ना, जीजू तो आपके इन बड़े बड़े बूब्स के दीवाने होंगे?" मिनी दीदी ने पूछा, अपने किसी करीबी जिस के साथ वो ऐसी बात कर सकती थी, उसको अपनी जिज्ञासा शांत करने में बहुत मजा आ रहा था।
''हाँ मिनी, मुझे तो बहुत मजा आता है,'' गिफ़्टी दीदी ने हँसते हुए कहा, ''तुम्हारा भी तो कोई बॉयफ़्रेंड होगा मिनी, इतनी हॉट बॉडी के तो बहुत से लड़के दीवाने होंगे?"
''हुह, गिफ़्टी सब के सब लड़के लफ़न्डर होते हैं, किसी पब में दो बीयर पिलाने के बाद बस सोचते हैं कि बस लड़की नंगी हो जाये और फ़्री में चोदने को मिल जाये?" मिनी दीदी ने गिफ़्टी दीदी से कहा।
''तो क्या सचमुच तुम्हार कोई बॉयफ़्रेंड नहीं है मिनी?" गिफ़्टी दीदी ने मिनी दीदी से पुछा।
''हाल फ़िलहाल तो कोई नहीं है, लेकिन कई बार तो चुदाई करवाने का इतना ज्यादा मन करता है ना कि मैं बता नहीं सकती गिफ़्टी, मन करता है कि क्या ना घुसा लूँ अपनी चूत में!" मिनी ने हँसते हुए कहा। ''अभी तो पहले अर्चना दीदी की शादी होगी, मेरी शादी होने में तो अभी दो चार साल लग जायेंगे, मुझे लगता है तब तक चुदाई का कोई तो जुगाड़ जल्दी ही ढूँढना पड़ेगा।
"चुदाई का जुगाड़?"
"हाँ, कोई ऐसा दोस्त, जिसके साथ चुदाई कर के अपने जिस्म की आग तो बुझा लो, लेकिन वो बेवजह गले ना पड़े।"
***
जब गिफ़्टी दीदी और मिनी दीदी बर्थडे पार्टी में आपस में बातचीत कर रहीं थीं, तभी मैं भी उनके पास पहुंच गया।
"हाय मिनी दी कैसी हो?"*
"सब मजे में तुम सुनाओ विशाल, कैसी चल रही है तुम्हारी पढाई लिखाई, दिन पर दिन और ज्यादा हैण्डसम होते जा रहे हो, कॉलेज में तो बहुत सी लड़कियाँ दीवानी होंगी तुम्हारी?"
''हुह, ऐसी हमारी किस्मत कहाँ दी,'' मैंने आँख मारते हुए कहा।
''तुम भी ना विशाल, कब सुधरेगा,'' मिनी दी ने हँसते हुए कहा।
''तो क्या बातें हो रही थीं, तुम दोनों के बीच?" मैंने पुछा
''बस वो ही हमेशा की तरह, लड़कों की, ब्लोजॉब की, सैक्स की… और कैसे मिनी चाहती है कि यदि तुम उसके कजिन ना होते तो वो तुम्हारे साथ तो सैक्स कर लेती,'' गिफ़्टी दीदी ने हँसते हुए कहा, तभी मिनी दी ने गिफ़्टी दीदी के गाल पर प्यार में एक चपत लगाते हुए उनको शांत रहने की हिदायत देते हुए, शट अप कहा।
''ओह हो तो ये बात है,'' मैंने शर्माते हुए कहा, लेकिनऽपनी कजिन मिनी दी के मन की बात सुनकर मेरे लण्ड में हलचल होने लगी।
''तुम ना गिफ़्टी कुछ भी,'' मिनी दी ने कहा, लेकिन मैंने नोट किया किया कि उन्होने गिफ़्टी दीदी की सैक्स करने की इच्छा वाली बात को झूठा नहीं ठहराया।
''मैं तो स्कॉच पी रहा हूँ, तुम दोनों के लिये बीयर लाऊँ क्या?" मैंने पूछा, दोनों ही बीयर पीने को सहमत हो गयीं, मैं जब उनके लिये बीयर लेने चला गया, तो वो फ़िर से आपस में बातें करने लगीं। जब मैं लौट कर आया तो दोनों आपस में खुसुर पुसुर कर रहीं थीं, और मिनी दी अविश्वास में अचम्भित होकर गिफ़्टी दीदी की तरफ़ देख रहीं थीं।
''ओफ़्फ़ो, अब क्या हुआ?" मैंने पूछा, अता नहीं शायद मैं जवान सुनने के लिये तैयार भी था या नहीं। मैंने दोनों को उनके बीयर के मग पकड़ा दिये, और गिफ़्टी दीदी के पार में बैठ गया।
''हाँ तो…'' गिफ़्टी दीदी ने बोलना शुरु किया, और कनखियों से मिनी को देखने लगीं, शायद वो मिनी दीदी को रियेक्ट करते हुए देखना चाहती थीं। ''हम दोनों बात कर रहे थे कि किसी लड़के का औजार ज्यादा से ज्यादा कितना बड़ा हो सकता है, मैंने बताया कि मैंने तो नौ इन्च का देखा है, अब इसको विश्वास ही नहीं हो रहा कि मैंने किसी का नौ इन्च का भी देखा हो सकता है, इसको लगता है कि ऐसा तो बस पॉर्न मूवीज में किसी पॉर्न स्टार का ही हो सकता है।''
मैं गिफ़्टी दीदी को गौर से देख रहा था, और सोच रहा था कि उन्होने क्या कुछ बताया होगा। मिनी दी मेरे रियेक्शन के लिये मेरी तरफ़ देख रहीं थीं और उसी तरह मैं भी उन दोनों को।
''मैं इसको समझा रही थी कि मैंने सचमुच असलियत में जीता जागता देखा है, और वो भी अजय का नहीं बल्कि उसका जिसको मिनी अच्छी तरह जानती है। मिनी मुझ से पूछ रही थी कि क्या उसको भी देखने का मौका मिल सकता है क्या, मैं अब ये ही सोच रही हूँ कि इसको हाँ में जवाब दूँ या ना में।''
''ओह, अब इस बारे में मैं क्या बता सकता हूँ…'' मैंने धीमे से जवाब दिया।
''ओह कम ऑन गिफ़्टी अब बता भी दो,'' मिनी दी ने मिन्नत करते हुए कहा, और फ़िर हँसते हुए बोलीं ''वैसे भी अगर मुझे पता चल भी गया तो तुमको उस से क्या फ़र्क पड़ेगा, तुमको तो अब अजय जीजू के औजार से ही जिंदगी भर काम चलाना है, हम जैसी कुँवारियों का कुछ जरूर भला हो सकता है।''
''अच्छा, थोड़ी देर मुझे सोचने दो,'' गिफ़्टी दीदी ने कहा, ''लेकिन अगर मैंने तुमको बता दिया तो तुमको प्रॉमिस करना होगा कि तुम किसी और को नहीं बताओगी।''
''प्रॉमिस, मैं तुम्हारी हर बात मानने को तैयार हूँ, अब बता भी दो।''
''अगर मैंने तुमको बता दिया, और अगर दिखा भी दिया तो फ़िर प्रॉमिस करो कि तुम उसको मेरे सामने चूस कर दिखाओगी?" ये सुनकर मैं स्कॉच का सिप लेते हुए यकायक रुक गया, और मुझे जोर से खाँसी आ गयी, और मिनी दी हँसने लगीं।
''ओह गॉड, गिफ़्टी दिमाग खराब हो गया है क्या? तुम्हारे सामने कैसे चूस सकती हूँ, लेकिन एक बार बताओ तो सही, ऐसा कौन है जिसको मैं भी जानती हूँ। लेकिन केवल नौ इन्च का देखने के लिये मैं किसी ऐरे गैरे का तो नहीं चूसने वाली। पर पहले एक बार नाम तो बताओ, पता तो चले वो है कौन!"
"एक बार देख लोगी तो तुम्हारा मन मचलने लगेगा,'' गिफ़्टी दीदी हँसते हुए बोलीं।
''मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि तुम दोनों मेरे सामने ऐसी बातें कर रही हो!" मैं वहाँ से उठकर जाने लगा। गिफ़्टी दीदी ने नोटिस किया कि जब मैं उठकर खड़ा हुआ, तो मैंने अपने खड़े लण्ड को अपनी पैण्ट में एडजस्ट करना पड़ा। गिफ़्टी दीदी ने उस समय भी मेरे हाव भाव को नोटिस किया था, जब मैं मिनी दी को देखते हुए उनके पास आ रहा था, और फ़िर जब मैं मिनी दी की क्लिवेज और मिनी स्कर्ट से झाँकती मिनी दी की गोरी लम्बी टाँगों को निहार रहा था, और जब भी वो अपनी टाँगों को क्रॉस अनक्रॉस करतीं तो मैं उनकी पैण्टी का दीदार करने का प्रयास करता। गिफ़्टी दीदी सब कुछ नोटिस कर रही थीं।
जब मैं वहाँ से चला गया, तो उन दोनों का वार्तालाप जारी रहा।
''चलो अब सीरियसली बताओ!" मिनी दी ने गम्भीर होते हुए पूछा
|