RE: Antarvasna kahani ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगा...
मैने सीधे अकड़ कर बैठते हुए कहा- मे आज से बल्कि अभी से ये सुनिश्चित करूँगा सर, कि आपने जो कहा है, उन बातों का शत-प्रतिशत पालन होगा.
मे आपसे एक वादा करता हूँ, कि मुझे सौपी गयी कोई भी ज़िम्मेदारी, मे अपनी जान देकर भी पूरी करने की कोशिश करूँगा.
मुझे लेकर आपका सर कभी नही झुकेगा, ये मेरा वादा है आपसे. बस इससे ज़्यादा और मे कुछ नही कहना चाहता.
एसी- अभी कुछ ही घंटों में तुम्हारे पास सारे नेसेसरी डॉक्युमेंट्स और बॅंक अकाउंट नंबर. उससे रेलेटेड सारे डॉक्युमेंट्स मिल जाएँगे.
6 महीने कमांडो ट्रैनिंग कॅंप में तुम्हें ट्रैनिंग लेना है, उसके बाद तुम्हें जिस पीएसयू का अपायंटमेंट लेटर मिलेगा उसमें जाय्न करना है.
डॉक्युमेंट्स के साथ एक सेल फोन जो तुम्हारे नाम से रिजिस्टर होगा एनएसएसआइ ऑफीस में, जिसमें सारे नेसेसरी कॉंटॅक्ट नंबर्स होंगे जो तुम्हारे काम के दौरान लगेंगे इंक्लूडिंग प्रसिडेंट ऑफ इंडिया, पीएम और मेरा भी.
तमाम राज्यों के आइजी, डीआईजी, हर बड़े शहर के बड़े अधिकीयों से तुम कभी भी कॉंटॅक्ट करके कोई भी मदद माँग सकते हो,
सिर्फ़ तुम्हें अपनी आइडेंटिटी पुच्छे जाने पर एनएसएसआइ एजेंट का नंबर- 1,2,3 (जो तुम्हारा एजेंट नंबर. होगा) ही बताना होगा….
कुछ देर ठहर कर वो आगे फिर बोले-
जो बॅंक अकाउंट तुम्हें दिया जा रहा है, उसकी लिमिट तुम खुद तय करोगे, जितना चाहो उतना पैसा निकाल सकते हो, ये अकाउंट आज और अभी से आक्टीवेट हो चुका है…
लेकिन उसका पूरा लेखा जोखा ऑफीस को देना होगा प्रॉपर जस्टिफिकेशन के साथ.
महीने के 50000/- तक की लिमिट में कोई सवाल जबाब देना नही होगा, मतलब ये तुम्हारी अफीशियल मंत्ली सॅलरी होगी.
अब तुम जाओ, और इसी बिल्डिंग के ब्लॉक नंबर 4, रूम नंबर 12 में जाके आराम करो ये सारे डॉक्युमेंट्स वित ऑल नेकेसरी इन्फर्मेशन वहीं पहुँच जाएगे. 4 दिन बाद तुम्हें ट्राइंग कॅंप में पहुँचना है.
मे उनको थॅंक्स बोलकर उनके बताए हुए पते पर पहुच गया, रूम देख कर मेरी आँखें खुली रह गयीं,
रूम क्या, ये तो 7स्टार होटेल का कोई सूयीट जैसा लगता था, जिसमें सारी सुख सुविधाएँ मौजूद थीं यहाँ तक कि दुनिया की तमाम तरह की महगी से महँगी शराब भी जो फिलहाल मेरे किसी काम की नही थी.
सुबह अर्ली मॉर्निंग की ट्रेन पकड़ने के लिए 3 बजे उठना पड़ा था मुझे, और वैसे भी नींद नही आई थी रात भर सोच विचार में,
सो सामने मुलायम बिसतेर दिख जाए एक देहाती को जो एक तो रात भर का जगा हुआ, और उपर से टूटी-फूटी खाट पर मामूली से बिस्तर पर सोने वाला, सोच सकते हो क्या हुआ होगा.
पड़ते ही नींद ने ऐसा झपट्टा मारा कि सीधा किसी के झकझोरने पर ही उठा,
कोई मुझे बुरी तरह से झकझोर रहा था, कुछ देर तो ये भी मेरे साथ सपने में हो रहा है, ऐसा ही लगा,
लेकिन जब काफ़ी देर हिलाते-2 वो जगाने वाला बंदा भी फ्रस्टरेट हो गया और उसने मेरे हाथ को पकड़ कर ज़ोर्से खींचा, तब जाकर मेरी आँख खुली.
मे हड़बड़ा कर आँखे मलते हुए उठा, देखा तो सामने एक अधेड़ उम्र का आधा गंजा आदमी, जो बदन से भी बेडौल लग रहा था खड़ा मुझे खा जाने वाली नज़रों से घूर रहा था और साथ ही साथ कुछ बड़बड़ाये जा रहा था.
वो - क्या घोड़े बेच कर सोए हो ? लगता है कितने ही दिनो के बाद सोने को मिला है..?
लो ये अपना बॅग संभलो. एनएसए ऑफीस से भेजा है तुम्हे देने को.
मे- इसमें क्या है..?
वो - मुझे नही पता, खुद देखलो..! मेरा काम था ये बॅग तुम तक पहुँचाने का सो मैने कर दिया, अब तुम जानो तुम्हारा काम..
कब्से हिलाए जा रहा हूँ ? उठने का नाम ही नही ले रहा था, ये सब साले मिनिस्टरों के पहचान वाले ऐसे ही आते हैं क्या..?
और ना जाने क्या-2 बड-बडाता हुआ वो वहाँ से चला गया.
वॉल क्लॉक में मैने समय देखा..! ओ तेरी का.. 6 बज गये… !!
फिर मैने बॅग खोलकर चेक करना शुरू किया…देखें तो सही क्या है इस जादू के पिटारे में..?
उसमें बॅंक अकाउंट्स से रिलेटेड डाक्युमेन्ट, एक पीएसयू का आपॉइंटमेट लेटर, जो गुजरात के बड़े शहर में है, जाय्निंग डेट आज से 7 महीने बाद की थी.
एक डिकोडेड लेटर जो मुझे ट्रैनिंग कॅंप में देना था, किसको रिपोर्ट करना था किस डेट में, ये सारी बातें डीटेल्स में थी, मेरे एजेंट कोड के साथ.
मेरा एजेंट कोड था 928. इसका मतलब 927 एजेंट्स आर ऑलरेडी वर्किंग फॉर एनएसएसआइ, जिनका हर किसी को पता नही था, सिवाय कुछ गिनती के लोगों के.
डॉक्युमेंट्स के अलावा एक पॅकेट निकला जिसमें एक ड्युयल सिम सेल फोन था जिसकी एक सिम ऑर्डिनएरी थी, जो मेरे नाम से ही रिजिस्टर्ड थी, लेकिन दूसरी सिम को खोलते ही मेरी आँखें खुली रह गयी..
ये कोई मामूली सिम नही थी, इसे ओपन करने के लिए पहले मुझे कुछ इन्स्ट्रक्षन फॉलो करने पड़े, जो कि उसी पॅकेट में रखे एक पेपर में दिए थे.
वो सारे इन्स्ट्रक्षन्स पढ़ने के बाद मैने उस सिम को आक्टीवेट किया तो उसमें सारे सीक्रीट्स भरे पड़े थे,
पूरे देश के सभी बड़े-2 अधिकारियों के कॉंटॅक्ट नंबर्स से लेके उनसे संबंधित सारी इन्फर्मेशन्स भी थी.
ये कोई आम नंबर नही था, मात्र 6 डिज़िट का नंबर इंटरनॅशनल ट्रॅनस्मिशन केपबिलिटी वाला था,
मतलब अगर मे दुनिया के किसी भी कोने में क्यों ना होऊ, किसी को भी कॉंटॅक्ट कर सकता था, और मुझे कोई ट्रेस भी नही कर सकता था,
यानी ये किसी भी सबस्क्राइब्ड नेटवर्क की रेंज में नही आ सकता था.
कितनी ही देर मे उस ओफ्फिसियल नंबर वाली सिम को समझता रहा, फिर भी अभी 1/4 सिस्टम ही समझ पाया था.
मेरा ध्यान भंग हुआ किसी के आने से, मैने उस व्यक्ति की ओर देखा तो वो बोला - साब ये रूम मेरी सर्विस में है,
अब आपको जो भी चाहिए, रात के खाने में वो आप इस मेनू से सेलेक्ट करके मुझे बता दीजिए.
मैने मेनू उसके हाथ से लिया, और कुछ मन पसंद खाना लाने को बोल दिया. जब वो चला गया तो फिर से मे उस बॅग को खंगालने लगा.
देखें तो सही, और क्या-2 निकलता है इस जादुई पिटारे में से.
सेल को एक किनारे रख मैने दूसरा पॅकेट निकाला जो कुछ वज़नदार था.
जब मैने उस पॅकेट को खोला तो.. वाउ ! उसमें से एक फुल्ली ऑटोमॅटिक करीब 8” लंबी 11 राउंड गन निकली, इंपोर्टेड मेड इन जर्मनी,
साथ में 5 रेडी मेगज़ीनेस. और लास्ट में एक शानदार काबुली खंजर…..एकदम चमचमाता हुआ, जो मेरा खास वेपन था.
बॅग के अंदर एक और पॉकेट थी जिसकी जिप बंद थी, उत्सुकता वश मैने वो जीप खोलकर उस पॉकेट को भी देखने लगा,
जैसे ही उसमें हाथ डाला की एक छोटा सा पॅकेट मेरे हाथ में आ गया, मैने उसे भी खोला तो उसमें से एक मल्टी फंक्षनल रिस्ट . निकली.
बॅटरी से चलने वाली ये रिस्ट . देखने मे तो आम . जैसी ही थी, लेकिन मैने जैसे ही उसे ऑन किया और वन बाइ वन उसके फंक्षन्स चेक करने लगा,
ये कोई आमवाच नही थी, इसमें एक मिनी कॉंपस भी था,
और सबसे खास बात थी की वाच एक्सप्लोषन को 500 मीटर की दूरी से ही सेन्स कर सकती थी उसका डाइरेक्षन किधर है वो भी बता सकती थी.
जैसे-2 टारगेट की ओर जाया जाए तो उसकी डिस्टेन्स भी इंडिकेट होती थी, ये सारे इंडिकेशन्स डिजिटल थे.
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