Antarvasna kahani ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना
12-19-2018, 01:49 AM,
#64
RE: Antarvasna kahani ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगा...
तभी धनंजय बोल पड़ा- सही कह रहा है यार तू ! कई बार मैने अनुभव किया इस दौरान, कि जब हम कोई काम करने जाते थे तो एक भय जैसा रहता था, लेकिन काम पूरा होने पर हमें खुद आश्चर्य होता था, कि ये कैसे हो गया.

मे- देखो जिंदगी में भय होना भी ज़रूरी है, अगर हमारा भय चला गया तो हमें अपने आप पर घमंड होने लगेगा, और फिर हम सही ग़लत की पहचान भूल जाते है.

अंकल- सुंदर ! क्या उत्तम बात कही है.. इतनी कम उम्र में इतना ज्ञान.. आश्चर्य जनक है.. है ना जानकी. उन्होने अपनी पत्नी को कहा.

आंटी- सही कह रहे हैं जी आप, हमारा धन्नु भाग्यशाली है, जिसे इसके जैसा गुणवान दोस्त मिला है.

और उन्होने मुझे गले से लगाकर मेरा माथा चूम लिया. अंकल भी अपने आप को रोक नही पाए, फिर धन्नु के भाई, अंत में धन्नु और रेखा ने एक साथ दोनो ओर से जकड लिया.

मैने भाभी से चुटकी लेते हुए कहा, क्यों आपको मेरी बातें पसंद नही आई..? आप गले नही लगोगी..? अरे देवर नही तो छोटा भाई समझ के ही लगा लीजिए..

तो झेप्ते हुए वो भी गले लग गयी, मैने मौके का फ़ायदा लेते हुए, गले को चूम लिया और कान में कहा.. क्यों क्या विचार है आज का ?

उन्होने हल्की सी सिसकी ली और बाय्ल…. कोशिश…

मुझे हँसी आ गयी….और वो शरमा गयी…

रात को अपने पति के सो जाने के बाद भाभी मेरे रूम में आई और फिर 2-3 घंटे हमारी खत कबड्डी जम के चली.

सुबह मैने धनंजय को बोला यार ! अब चलना चाहिए.. अपने क्लासस शुरू होने वाले हैं, तो माँ का दिल, बोली बेटा दो साल में तो ये अब आया है, अभी 4 दिन ही तो हुए हैं, और दो-चार दिन रुक जाओ, मैने कहा- आंटी जी 2-4 क्या मेरा तो हमेशा के लिए यही रहने का मन है, लेकिन कुछ उत्तरदायित्व होते हैं जीवन में, वो भी निभाने पड़ते हैं.

आंटी- अच्छा ज़्यादा नही दो दिन और रुक जाओ, परसों चले जाना.. मैने धनंजय की ओर देखा, वो भी बोला, हां यार परसों चलते हैं. 

मे- ठीक है भाई ! गाम करे सो राम करे.. इस बात पर सभी एक साथ हंस पड़े.. 

वो दिन भी बीत गया, शाम हुई, रात का खाना ख़ाके, सोने भी चले गये सब लोग, आज दोनो जुगाड़ो में से किसी से कोई बात नही हो पाई थी, पता नही क्या होगा, मे अपना पलंग पकड़ के सो गया…!
…………………………..
…………………………………
थर्ड एअर की हमारी क्लासस शुरू हो चुकी थी, कॉलेज आकर सबसे पहले हमने अपनी कमिटी को अपडेट किया, सागर और मोहन हमेशा के लिए जा चुके थे तो हमें और नये मेंबर बढ़ाने थे.

कुछ अति उत्साहित स्टूडेंट्स में से चार लोगों को चुना जिनके नाम थे :

मनोज और राजेश – लास्ट एअर , विक्रम- फर्स्ट एअर, और विकास- सेकेंड एअर से..

अब हमारी कमिटी में 10 मेंबर्स हो गये थे.

नये मेंबर्ज़ को सख़्त हिदायत दी गयी थी, चाहे ज़रूरत हो या ना हो अपने को फिज़िकली और मेंटली फिट रखना ही है. और डेली अपने साथ 5 बजे से जिम में एक्सर्साइज़ और फाइटिंग टिप्स लेते रहना है.

समय गुजर रहा था, घर से आए हुए हमें 3 महीने हो चुके थे. एक दिन धनंजय के घर से खत आया, तो वो उसे पढ़कर उच्छलने-कूदने लगा, खुशी से नाचने लगा.. 

मे- अब्बे क्या बात है ? क्यों बंदर की तरह उच्छल-कूद कर रहा है…

धनंजय- याहू…!!! मत पुच्छ यार..!! आज मे इतना खुश हूँ.. इतना खुश हूँ कि बता नही सकता..?

ज – अरे भाई, जब बता ही नही सकेगा, तो हमें तेरी खुशी का राज़ कैसे पता चलेगा..?

धनंजय- पता है..! मे अपने घर में सबसे छोटा था, तो मुझे कोफ़्त सी होती थी.. लेकिन अब मे सबसे छोटा नही रहूँगा…! अब चाचा बनाने वाला हूँ.. याहू..!

र- ये तो वाकई खुशी की बात है… कंग्रॅजुलेशन्स !! 

मे- फिर तो आज पार्टी हो जाए.. क्यों?

धनंजय- अरे तू जो बोले…! आज कोई कुछ भी बोलो…! मे करूँगा तुम लोगों के लिए.

फिर तय हुआ, कि कॉलेज के बाद हम सभी कमिटी मेंबर्ज़ मूवी देखने जाएँगे, और फिर शहर में थोड़ी मस्ती करेगे, और किसी रेस्टोरेंट में डिन्नर करके ही वापस लौटेंगे.

उठाई प्रिन्सिपल की जीप और चल दिए अपने प्लान के मुतविक मस्ती करने..!

हम लोग मूवी देखने के बाद थोड़ी देर यूही सड़कों पे भटके, और फिर एक अच्छे से रेस्तरा में खाना खाने घुस गये.

हमारे लिए मॅनेजर ने दो टेबल इकट्ठा लगवा दी. हमसे दो टेबल छोड़ के चार हसीनायें वो भी शायद किसी कॉलेज की स्टूडेंट्स थी, बैठी खाना खा रही थी, हम में से कुछ की नज़र उनपर पड़ी, तो उधर से भी लड़कियों की नज़र हमारे कुछ साथियों पर, दोनो तरफ से सैन मटक्का होने लगा.

शायद नयन सुख लिया जा रहा था, हम खाना थोडा पहले स्टार्ट कर चुके थे, वैसे भी आदमी और औरत के खाने में फ़र्क होता है. 

आदमी जहाँ खाने पर टूट के पड़ता है भुक्कड़ की तरह, वो भी हमारे जैसा मास का खाने वाला, वहीं लड़कियाँ थोड़ा नजरो से बातें करती हुई समय लेती हैं.
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna kahani ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगा... - by sexstories - 12-19-2018, 01:49 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,516,957 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 546,123 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,238,727 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 936,495 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,662,667 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,088,816 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,964,285 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,098,183 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,048,927 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 286,391 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 10 Guest(s)