RE: Kamukta Story बिन बुलाया मेहमान
"इतनी ही प्यास है तुम्हे तो शादी क्यों नही कर लेते. क्यों दूसरों की बीवियों पर नज़र रखते हो."
"शादी हो नही पाई कभी. दो लड़कियों से बात चली थी पर वो शादी से पहले ही भगवान को प्यारी हो गयी."
"क्यों क्या हुआ ऐसा."
"एक को साँप ने काट लिया और एक के उपर बिजली गिर गयी. उसके बाद कोई रिश्ता ही नही लाया मेरे घर. लोग मुझे मनहूस समझने लगे."
"फिर भी तुमने कुछ लड़कियाँ तो फँसाई होंगी. उनमे से किसी से शादी कर लेते."
"तुम्हे कैसे पता मैने लड़किया फँसाई. तुमने मेरी डाइयरी पढ़ी क्या?"
"न...नही मैने कोई डाइयरी नही पढ़ी."
"झूठ क्यों बोलती हो. पढ़ी है तुमने मान लो."
"पहले तुम मुझे छोड़ो."
"थोड़ी देर मेरी बाहों में रहो ना...बस थोड़ा सा ही तो वक्त है मेरे पास. जल्दी सुबह हो जाएगी और मैं चला जाउन्गा. बोलो पढ़ी थी ना तुमने मेरी डाइयरी." चाचा ने मुझे अपने सीने से और ज़्यादा कसते हुए कहा.
"हां पढ़ी थी...बहुत ही गंदी गंदी बाते लिखी है उसमे आपने."
"जो हुआ वो लिख दिया."
"तो आप अपनी भाबी के पास जाओ ना. क्यों मुझे परेशान करते हो."
"भाभी अब नही देती. वैसे भी वो 4 बच्चो की मा बन चुकी है और सेक्स में रूचि नही लेती. उसने चूत देनी बिल्कुल बंद कर दी है."
"मेरे सामने गंदी भाषा मत बोलो. और छोड़ो मुझे नही तो चिल्लाउन्गि मैं अब सच में."
चाचा ने मेरी बात की परवाह ना करते हुए अपने दोनो हाथो से मेरे दायें बायें दोनो नितंबों को थाम लिया और उन्हे कुचलने लगा.
"थोड़ी देर ये मस्त गान्ड तो मसल लेने दे."
"तुम मेरे साथ ज़बरदस्ती करते आए हो. हट जाओ तुरंत नही तो गगन को आवाज़ दे कर बुला लूँगी अभी."
"पागल मत बन छोरि. ले लेने दे मुझे मज़ा थोड़ी देर. बरसो बाद मुझे ये सुख नसीब हुआ है. तुझे पता है 2 साल से मुझे कोई नही मिली."
"कोयल का क्या हुआ. उसका भी तो जिकर था डाइयरी में."
"कोयल की तो बस उसी दिन खेत में मारी थी. मस्त गान्ड थी साली की. मगर बाद में उसने दी ही नही."
"क्यों ऐसा क्या हो गया था?" पता नही क्यों मैं उसके साथ बाते कर रही थी. वो बेशर्मी से मेरे नितंब के दोनो गुम्बदो को मसल रहा था और गंदी गंदी बाते बोल रहा था. फिर भी मैं उसके साथ बाते कर रही थी. पता नही मुझे क्या हो रहा था.
क्रमशः………………………
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