RE: Indian Sex Story आरती की वासना
पूजा को मंगल पे गुस्सा आया क्योंकि उसने पूजा को कई बार लड़कों के साथ देखा था और पूजा ने देखा कि मंगल की आँखें उसकी चूचियों पे टिकी थीं। पूजा जसवंत की और देखते हुए बोली, “क्या... क्या पता है मंगल? और सर ऐसा क्यों कह रहे हैं आप कि मामला खराब हो गया है? कौन सा मामला खराब हुआ है? मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है।” जसवंत आरती को वासना भरी नज़रों से देखते हुए बोला, “पूजा तेरा चाल-चलन दिन-ब-दिन खराब हो रहा है, तू लेक्चर बँक करती है, अवारा लड़कों के साथ घूमती है... तेरी कम्पनी भी अच्छे लड़के लड़कियों से नहीं है... इसलिए मुझे तेरी माँ से मिलना है। मुझे तेरे जैसी स्टूडेंट नहीं चाहिए मेरे कॉलेज में।”
पूजा चौंक के उनको देखते हुए सोचने लगी, इनको यह सब कैसे पता चला? शायद इस हरामी मंगल ने ही बताया होगा। वो डरते हुए जसवंत से बोली, “माना मैं लेक्चर बँक करती हूँ पर मेरा चाल-चलन क्या खराब है? सहेलियों के साथ कैन्टीन में होती हूँ मैं... कहीं घूमने नहीं जाती। प्लीज़ सर... इतनी छोटी सी बात के लिए मुझे क्यों पनिश कर रहे हो?” जसवंत ने अब ज़रा गुस्से से पूजा को देखा और तब मंगल पूजा का हाथ पकड़के उसे खींचते हुए उन दोनों के बीच बिठाते हुआ बोला, “इधर बैठ हमारे पास... पूजा मैं तेरे बारे में सब जानता हूँ, मेरे मुँह से सुनेगी अपनी कहानी?” उनके बीच में गिरने से पूजा का स्कर्ट उठ गया। उसने जल्दी से अपना स्कर्ट ठीक किया पर तब तक उनको पूजा की गोरी जाँघों का दर्शन हो गया। पूजा अब घबराते हुए बोली, “देखो ना सर... यह मंगल कैसे बर्ताव करता है मेरे साथ। और मंगल क्या जानता है तू? मैंने कुछ भी किया नहीं तो क्यों झूठ बोल रहा है? कुछ भी बकवास मत कर समझा ना? क्यों जसवंत सर को मेरे खिलाफ़ भड़का रहा है तू? कुछ है ही नहीं तो क्या बतायेगा तू?”
मंगल ने पूजा के कँधे प हाथ रखा और जसवंत पूजा की कमर में अपना हाथ डालते हुए बोला, “अब पूजा मेरी बात सुनो, यह मंगल भड़का नहीं रहा मुझे। तेरे बारे में सब जानता है वो। अगर मंगल झूठ बोल रहा है तो यह बता कि यह राजेश और वैभव कौन हैं? राजेश और वैभव से क्यों मिलती हो बार-बार? उनके साथ उनके घर, पिक्चर, गार्डन और कार में क्यों जाती दिखती हो?” पूजा ने इन दो मर्दों के हाथों को अपने बदन को सहलाते देखा तो थोड़ा डर गयी और उठने की कोशिश करने लगी लेकिन जसवंत ने उसे उठने नहीं दिया। पूजा समझ गयी कि इनको सब बात मालूम हो गयी है पर फिर भी वो ज़रा ऊँची आवाज़ में बोली, “अच्छा वो राजेश और वैभव की बात कर रहे हैं आप? क्या है ना सर यह राजेश और वैभव की बहनें मेरी सहेलियाँ हैं... इसलिए कई बार उनसे मुलाकात होती है, और मैं उनके साथ आपको दिखती हूँ। बाकी जैसा आप सोच रहे हैं वैसा कुछ नहीं है। और प्लीज़ सर आप दोनों अपने हाथ हटाओ और मुझे जाने दो। यह आप दोनों क्यों मुझे हाथ लगा रहे हैं?”
जसवंत पूजा की कमर सहलाते हुए बोला, “अच्छा तो उन दोनों लड़कों की बहनें तेरी दोस्त हैं? पूजा अब तू झूठ भी बोलने लगी? अगर उनकी बहनें तेरी दोस्त हैं तो तू उन लड़कों के साथ कॉलेज कैन्टीन के पीछे हर दिन अकेली क्यों बैठी रहती है? तेरी सहेलियाँ क्यों नहीं होती तेरे साथ? मंगल ज़रा इसको बता दो कि हमें इसके बारे में क्या मालूम है, तभी इसकी आँखें खुलेंगी।” पूजा ने विनती भरी नज़रों से मंगल को देखा पर वो अपने हाथों से पूजा के कँधे मसलते हुए बोला, “सर यह पूजा बिल्कुल झूठ बोल रही है क्योंकि राजेश या वैभव की बहनें है ही नहीं। पूजा तो राजेश और वैभव के साथ उनके हॉस्टल जाके अपनी जवानी लुटाने जाती है। वो दोनों पूजा को एक साथ चोदते हैं... क्यों पूजा मैं सच कह रहा हूँ ना? उस दिन तू कार में भी कमर तक नंगी थी और वैभव तेरे मम्मे मसलते हुए तुझे किस कर रहा था कि नहीं? सर पढ़ायी-लिखाई और शरम-हया छोड़ के ये साली २-२ मर्दों से चुदवाती है और अब कहती है कि ये कुछ नहीं करती। आप कहो तो राजेश या वैभव को बुलाऊँ? वो क्या सच या क्या झूठ है बतायेंगे।” फिर मंगल राजेश को फोन करने के लिए खड़ा हुआ। इस कहानी का शीर्षक ’आरती की वासना’ है!
पूजा समझ गयी कि उसका पोल खुल चुकी है। उसका सिर शरम से झुक गया। उसको पता था कि अगर जसवंत सर राजेश ओर वैभव को फोन केरेंगे तो वो दोनों भी मंगल की बात को प्रमाणित करेंगे। पूजा को चुप देख कर जसवंत अपना हाथ उसकी टी शर्ट के अंदर डाल के उसके पेट को सहलाते हुए बोला, “पूजा तू बोल क्या मंगल झूठ बोल रहा है? हम तीनों को मालूम है कि यह बात सच है कि तू उन दोनों से एक साथ मस्ती करती है... एक ही बिस्तर में। पूजा मुझे तेरी जैसी स्टूडेंट कॉलेज में नहीं चाहिए, तुम्हारे लिए अब अब एक ही रास्ता बचा है मेरे पास। मैं तुमको कल कॉलेज से निकाल दूँगा।” जसवंत के शब्दों को सुन कर पूजा बिल्कुल सन्न रह गयी। वो जानती थी कि अगर उसे कॉलेज निकाल दिया गया तो कोई दूसरा कॉलेज उसे एडमिशन नहीं देगा और उसकी ज़िंदगी खराब हो जायेगी। उसे यह भी डर था कि वो अपनी माँ को और बाद में अपने डैडी को क्या जवाब देगी। पूजा जसवंत के पैरों पे गिर के विनती करने लगी, “नहीं सर ऐसा मत कहो प्लीज़। आज के बाद जो आप कहेंगे मैं वैसा ही करूँगी... मैं उन दोनों से कभी नहीं मिलूँगी लेकिन प्लीज़ आप मुझे कॉलेज से मत निकालना। अगर मेरी माँ को यह सब बात पता लग गयी तो वो मुझे मार डालेगी... प्लीज़ सर आप ही कोई रास्ता बताओ।”
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