RE: Chodan Kahani घुड़दौड़ ( कायाकल्प )
‘अब समझ आया इस खालीपन का रहस्य! मैं अब तक बिना वजह का बोझ, जो अपने सर पर लिए फिर रहा था, वह न जाने कहाँ मेरे सर से उतर गया था। मुझे रश्मि और उसके परिवार के रूप में एक अपना परिवार मिल गया था, जिसको मैं किसी भी कीमत पर सहेज कर रखना चाहता था।‘
“आई ऍम सॉरी जानू! मैं आपको रुलाना नहीं चाहती थी। ... मैं भी कितनी गधी हूँ .. इतने अच्छे मूड का सत्यानाश कर दिया।“
“नहीं जानू! सॉरी मत बोलो! और ऐसा कुछ भी नहीं है। बस, आपके आने से यह समझ आ गया की मैं क्या मिस कर रहा था मेरी लाइफ में! यू आर वेरी प्रेशियस फॉर मी! और मुझे भी आपके ही साथ रहना है।“
कह कर मैंने रश्मि को और जोर से अपने में दुबका लिया। मुझे मेरे जीवन में साफ़ उजाला दिख रहा था।
हम दोनों काला पत्थर बीच पर कम से कम छः घंटे तो रहे ही होंगे.. उस समय तो पता नहीं चला, लेकिन वापस रिसोर्ट आने पर जब आँखें थोड़ी अभ्यस्त हुईं, तो साफ़ दिख रहा था की रश्मि और मैं, सूरज की तपन से पूरी तरह से गहरे रंग के हो गए। वैसे भी भारतीय लोगों की त्वचा धूप को बढ़िया सोखती है, लिहाजा हम दोनों काले कलूटे बन गए थे। लेकिन एक अपवाद था... रश्मि ने टू-पीस बिकिनी पहनी हुई थी, इसलिए जो हिस्सा (दोनों स्तन, जघन क्षेत्र और नितम्बो का ऊपरी हिस्सा) ढका हुआ था, वह अभी भी अपने मूल, हलके रंग का था। इसको बिकिनी टेन कहते हैं। रश्मि ने कपड़े उतारे तो यह बात समझ आ गई। लेकिन शायद रश्मि ने देखा न हो, इसलिए उसने किसी भी तरह का विस्मय नहीं दिखाया। खैर नहा-धोकर हमने पकौड़े और चाय मंगाया, और खा-पीकर दोपहर में एक छोटी सी नींद सो गए।
जब मैं उठा तो देखा की सामने रश्मि कमर पर अपने हाथ टिका कर, और कूल्हा एक तरफ निकाल कर बड़ी अदा से खड़ी हुई थी। उसने कोका-कोला रंग का काफी पारदर्शक नाइटी (जिसको टेडी भी कहते हैं) पहना हुआ था। कमर से बस कुछ अंगुल ही नीचे तक पहुंचेगा लम्बाई में। स्तनों के ऊपर से जाने वाले स्ट्रैप बहुत पतले थे। स्तन पर बस यही कपड़ा था, इसलिए उसके अन्दर से चमकदार निप्पल साफ़ दिख रहे थे... और नाभि भी। उसने टेडी के नीचे चड्ढी पहनी हुई थी... एक बहुत ही सेक्सी ड्रेस!
“ओहो! हू इस अ बिग गर्ल नाउ? कम हियर!”
रश्मि मुस्कुराते हुए मेरे पास आई।
“न्यू ड्रेस?” मैंने रश्मि की ड्रेस को छूते हुए कहा।
“यस! प्रीटी न्यू! ओनली फॉर यू!”
“ह्म्म्म... आई लाइक दिस वन!” और फिर हँसते हुए मैंने कहा, “... एंड आई सी दैट यू आर वेअरिंग सम प्रीटी पैंटीज अंडरनीथ इट!”
“यस! वांट टू सी इट?”
मैंने सर हिला कर हामी भरी।
रश्मि ने हँसते हुए टेडी का निचला किनारा पकड़ कर ऊपर उठा दिया। उसकी गहरे कोका कोला रंग की चड्ढी साफ़ दिखने लगी। उसकी चमक और बनावट देख कर मुझे लगा की शायद सिल्क की बनी होगी। सिल्क! एक अत्यंत अन्तरंग कपड़ा! पुरुष, सिल्क पहनी हुई स्त्रियों को छूने की परिकल्पना करते रहते हैं। एक तरीके का सेक्स-सिंबल! प्लेबॉय जैसी मगज़ीनों में सिल्क पहनी हुई लड़कियों को देख कर अनगिनत लडको और आदमियों में हस्त-मैथुन किया होगा! वही सिल्क! वही परिकल्पना!
“ओह! दे आर रियली प्रीटी पैंटीज!” मेरी आँखों में एक इच्छा जाग गई, “विल यू माइंड, अगर मैं इसको छू कर देख लूं?”
“ओके!” कह कर रश्मि ने अपनी ड्रेस को कुछ और ऊपर उठा दिया.. चड्ढी का पूरा हिस्सा दिखने लगा। मैंने उंगली से चड्ढी के ऊपर से ही रश्मि की योनि का आगे वाला हिस्सा छुआ, और दूसरे हाथ से उसके नितम्बो के ऊपर से।
“फील्स गुड?” रश्मि ने पूछा।
“ओह! दे फील अमेजिंग! सो नाइस! सो स्मूद.. सो सेक्सी!” मैंने हँसते हुए पूछा, “डू दे मेक यू फील सेक्सी, हनी?”
“सेक्सी? ओह यस! दे डू!”
“आई ऍम श्योर! इट इस सो स्मूद! हम्म्म्म!” अपनी उंगली को रश्मि के पैरों के बीच में दबाते हुए मैंने कहा, “ज़रा अपने पैर फैलाइये.. देखूं तो ‘वहां’ पर छूने पर यह कैसी लगती हैं!”
“ओके!” कहते हुए रश्मि ने अपने पैर थोड़ा और खोले। और मैं बढाई करते हुए उंगली से योनि के ऊपर से उसकी चड्ढी का मखमली एहसास महसूस करने लगा।
“डोंट दे फील सो नाइस?” रश्मि ने अपनी आवाज़ थोड़ी कामुक बना कर पूछा।
“दे श्योर डू! नॉट ओन्ली नाइस, बट आल्सो अमेजिंग!” कहते हुए मैंने रश्मि की योनि की झिर्री के ऊपर से अपनी उंगली रगड़ कर फिरानी शुरू की। “आई रियली लाइक हाउ योर पैंटीज फील हियर, डार्लिंग!”
रश्मि खिलखिला कर हंसने लगी.. और साथ ही साथ मेरी उंगली की हरकतों को भी देखती रही। मैंने कुछ देर आहिस्ता आहिस्ता सहलाने के बाद अपनी उंगली की लम्बाई को उसकी योनि की पूरी दरार के अन्दर फिरानी शुरू कर दी।
“आह्ह्ह! आई रियली लाइक हाउ इट फील्स व्हेन आई रब योर पैंटीज हियर, हनी! दिस इस वेयर दे फील बेस्ट टू मी। तुझे अच्छा लगता है?“
“हा हा... हाँ! उम्म्म्म!!” कहते हुए उसने अपने नितंब मटकाए, जिससे मेरी उंगली ठीक से उसकी दरार में फिट हो जाय।
“आई कैन नॉट स्टॉप फीलिंग यू! इस दैट ओके?”
रश्मि हंसी।
“यू कैन फील अस मच अस यू वांट!”
“थैंक्स डिअर!” कह कर मैंने कुछ और दृढ़ता से योनि के ऊपर से दबाना और सहलाना आरम्भ कर दिया।
और फिर, “विल यू लेट मी सी हाउ दिस थिंग अंडर योर पैंटीज फील?” कह कर बिना किसी उत्तर का इंतज़ार किए, मैंने रश्मि की चड्ढी के अन्दर हाथ डाल कर, उसकी योनि की दरार की पूरी लम्बाई पर अपनी उंगली सटा कर थोड़ा बल लगाया। योनि के दोनों होंठ खुल गए और उनके बीच मेरी उंगली स्थापित हो गई।
“आह! दिस फील्स सो वार्म... एंड नाइस! डस इट फील गुड टू यू टू?” मैंने पूछा।
रश्मि खिलखिला कर हंस पड़ी, “यू आर अ नॉटी बॉय!”
“आई ऍम श्योर दैट इट फील्स गुड एंड सेक्सी बोथ..! आई बेट इट डस!”
“सेक्सी? हाउ?” रश्मि भी इस खेल में शामिल हो गई थी।
“हियर! लेट मी चेक..!” कह कर मैंने अपनी उंगली उसकी योनि के अन्दर प्रविष्ट कर दी।
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