RE: Chodan Kahani घुड़दौड़ ( कायाकल्प )
रात को सोते-सोते हमको काफी देर हो गई, इसलिए सवेरे उठने में भी समय लगा। शॉपिंग मॉल सवेरे 10 बजे तक पूरी तरह से चलने लगते हैं, और चूंकि हमारे पास समय का काफी अभाव था, इसलिए मेरा लक्ष्य यह था की जल्दी से जल्दी सब सामान खरीद लिया जाय। वैसे भी हनीमून के लिए कल सवेरे ही निकलना था (अरे! उसकी टिकट भी बुक करनी है!)। अंडमान द्वीप-समूह चूंकि बीच वाली जगह हैं, इसलिए उसी के मुताबिक़ कपड़े-लत्ते भी लेने होंगे।
खैर, जल्दी से उठ कर और तैयार हो कर हम लोग ठीक 10 बजे ही पास के एक बड़े मॉल पहुँच गए। पूरे माल में हम लोग ही पहले ग्राहक थे। हम लोग सबसे पहले एक पारंपरिक परिधानों वाले शो-रूम में पहुंचे। वहां के मालिक को मैंने अपनी ज़रुरत के बारे में आगाह किया, तो उन्होंने वायदा किया की वो एक घंटे के अन्दर ही कपड़ों को पूरी तरह से नाप के अनुसार नियोज्य करके दे देंगे। अपना काम तो हो गया – रश्मि के लिए कोरल-पिंक रंग का और नीले बार्डर वाला शिफॉन का लेहेंगा-चोली खरीदा। शो-रूम के मालिक (जो खुद भी एक ड्रेस-डिज़ाइनर हैं, और महिला भी) ने खुद ही रश्मि की नाप ली और अधोवस्त्रों के लिए उसको सुझाव दिया। चोली एक बैक-लेस प्रकार की थी, अतः अन्दर कुछ पहन नहीं सकते थे, इसलिए उन्होंने सिलिकॉन ब्रैस्ट पैड्स दिए, जो त्वचा के रंग के ही होते हैं। उन्होंने ही रश्मि के स्तनों की माप भी ली और बताया की हम 32B साइज़ की ब्रा खरीद सकते हैं।
वहां से हम रश्मि के लिए अंतर्वस्त्र, बीच-वियर, और नाइटी लेने दूसरे शो-रूम को गए। वहां भी हम लोग पहले ही ग्राहक थे। वहां पर एक ब्रा-फिटर हमारे साथ हो ली – मैंने उनको बताया की रश्मि ने पहले कभी भी ब्रा नहीं पहनी है और जाहिर है की उसको उनकी आदत नहीं है, इसलिए ऐसी ब्रा दिखाए, जो आरामदायक हों, और साथ ही सेक्सी भी, क्योंकि यह हमारा हनीमून भी है। साथ ही मैचिंग पैंटीज भी दिखाएँ। वो ब्रा-फिटर पक्की पेशेवर थीं। वो अपना मापक-टेप लेकर आयीं, और रश्मि के साथ चेंज-रूम में चली गयी, और मुझे भी साथ आने को बोला। फिटिंग रूम में पहुँच कर उन्होंने रश्मि को निर्वस्त्र होने को कहा। रश्मि पहले ही इस पूरे अनुभव से अभिप्लुत थी – यह सब कुछ उसने पहली बार ही देखा था, और शॉपिंग इस तरह से भी होती है उसको मालूम ही नहीं था। और अब, उसको एक अज्ञात महिला निर्वस्त्र होने को कह रही थी – मैंने रश्मि को माथे पर चूमा, और कपड़े उतारने को कहा। मेरे कहने पर रश्मि को थोड़ी स्वान्त्वना मिली और उसने कुछ और हिचकिचाहट के बाद अपना कुर्ता और शलवार उतार दिया।
“शी इस सो ब्यूटीफुल, सर!” रश्मि के रूप का अवलोकन और आंकलन करते हुए उसने कहा।
“थैंक यू सो मच! शी इस इन्डीड! एंड, आई ऍम इन लव विद हर!” मुझे समझ नहीं आया की और क्या कहा जाए।
“श्योर! नाउ सर, प्लीज़ सिट एंड वेट! लेट अस सरप्राइज यू!” उसने मुस्कुराते हुए कहा। उन दोनों को कुछ देर लगने वाली थी, इसलिए मैंने ब्रा-फिटर को बीच-वियर, और स्विम-वियर भी चुनने को कह दिया और अपने लिए भी कुछ सामान लेने चला गया। कोई डेढ़-दो घंटे के बाद हमारे पास तीन बैग भर कर सामान हो गया।
ब्रा-फिटर ने बिल का भुगतान लेटे हुए मुझसे फुसफुसा कर कहा, “सर, यू आर अ वेरी लकी मैन टू हैव अ गर्ल लाइक योर वाइफ! एंड, यू आर गोइंग टू बी अ वेरी वेरी हैप्पी मैन ऑन योर हनीमून!”
‘ऐसा क्या खरीद लिया!?’ मैने सोचा।
अगली दुकान में मैंने रश्मि के लिए कुछ जीन्स, स्कर्ट, हाफ-पैन्ट्स, और टी-शर्ट खरीदीं। उसने मुझे ऐसी फ़िज़ूल-खर्ची के लिए बहुत मना किया, लेकिन मेरे लिए यह पहला मौका था जब मैं किसी अपने को किसी भी तरह का उपहार दे पाया, इसलिए मैं रुकना नहीं चाहता था। अगला पड़ाव जूते खरीदने के लिए था – रश्मि के लिए एक जोड़ी सैंडल, स्पोर्ट-शूज, और स्लिपर्स खरीदीं। हमने खाना खाया, रश्मि की लहँगा-चोली ली, और वापस घर आ गए।
घर आते ही सबसे पहले पोर्ट-ब्लेयर जाने का टिकट लिया। सामान पैक करने के लिए कुछ तैयारी नहीं करनी थी – ज्यादातर सामान नया था और तुरंत ही पैक किया जा सकता है। मैंने अपना डिजिटल कैमरा और पर्सनल लैपटॉप भी बाहर ही रख लिया, और फिर अपने रिसेप्शन के इवेंट आर्गेनाइजर से बात की। उसने बताया की सब पूरी तरह नियत रूप से चल रहा है और शाम को बहुत अच्छा रिसेप्शन होगा।
हमारा रिसेप्शन बिलकुल मॉडर्न समारोह था। बहुत ज्यादा लोग नहीं बुलाये गए थे – बस मेरे सोसाइटी के कुछ परिवार, देवरामनी दंपत्ति, मेरे ऑफिस के ज्यादातर सहकर्मी, मेरे बॉस और उसका परिवार आये थे। रश्मि के लिए यह रिसेप्शन वाली संकल्पना ही पूरी तरह से नई थी – वह हाँलाकि नर्वस थी, लेकिन सारे लोग उससे इतने प्यार, अदब और प्रशंसा से मिल रहे थे की धीरे-धीरे वह समारोह का आनंद उठाने लगी। हमेशा की तरह वह आज भी बेहद सुन्दर लग रही थी। एक अप्रत्याशित बात हुई - मेरी दो भूतपूर्व प्रेमिकाएँ भी बिना बुलाए आ गईं, लेकिन अच्छी बात यह, की उन्होंने कोई बखेड़ा नहीं खड़ा किया। उलटे, वो दोनों मेरे लिए बहुत ख़ुश थीं – दोनों ने ही रश्मि को गाल पर चूमा, शादी की बधाइयाँ और उपहार भी दिए! मुझे भी बधाइयाँ मिली और दोनों ने ही मुझको बताया की मेरी बीवी बहुत सुन्दर है! अब यह दिखावा था, या सचमुच की ख़ुशी, कह नहीं सकता।
रिसेप्शन में होता ही क्या है? खाना-पीना, नाच-गाना, और मदिरा। कोई तीन घंटे तक सबने खूब मस्ती करी। मेरे मित्र-गण मुझे और रश्मि को पकड़ कर डांस-फ्लोर पर ले गए जहाँ हमने दो-तीन धुनों पर नृत्य किया। नाचने में मैं तो खैर काफी बेढंगा हूँ, लेकिन रश्मि को सुर-ताल-और-लय पर नाचना आता है। बड़ा मज़ा आया। समारोह के बाद सबने विदा ली। मैंने अपने बॉस को बोला की वो अपने मित्र को कह दें की हम कल सवेरे पोर्ट ब्लेयर पहुँच जायेंगे, और हमारे लिए इंतजाम कर दे। बॉस ने कहा की उन्होंने पहले ही अपने मित्र को कह दिया है, और अभी वो फिर से बात कर लेंगे। फिर उन्होंने अपने मित्र का भी नंबर दिया और मुझसे बात करायी। उन्होंने फ़ोन पर मुझे बताया की उन्होंने एक कमरा बुक कर रखा है और हमारे आनंद की पूरी व्यवस्था कर दी गयी है। उन्होंने मुझे आगे का प्लान बताया और कहा की हम लोग पोर्ट ब्लेयर से सीधा हेवलॉक द्वीप पहुँच जाएँ। हमारे लिए फेरी का टिकट भी प्लान कर लिया गया है। ये होती है निर्बाध व्यवस्था!
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