RE: Hindi Porn Story मेरा रंगीला जेठ और भाई
सुबह जल्दी उठकर चाय लेकर आई , भैया और रमेश ड्राइंग रूम में ही बैठे थे ! राहुल की चाय लेकर जब मैं उसके कमरे में जाने लगी तो भैया ने कहा , राहुल मेरे कमरे में सो रहा है ! रात लाइट चली गई थी , सो वो वहीँ सो गया और मैं छत पर खुले आसमान के नीचे सो गया था ! मेरे सर पे तो जैसे बिज़ली टूट पड़ी , तो क्या .. कल मै राहुल भैया से चुद गई.....मेरी हिम्मत चाय लेकर उनके कमरे में जाने की नहीं हुई !
मैं बहुत ज्यादा परेशान थी रात की बात को लेकर ! जिस्म की भूख ने मुझे भैया और जेठ जी के फर्क को भी पहचानने का मौका नहीं दिया ! दोनों की चुदाई का तरीका और अहसास अलग था ,लेकिन अपनी प्यास बुझाने के चक्कर में मैं फर्क नहीं कर पायी !राहुल को हमेशा मैंने भाई की नज़र से ही देखा था , ज़िन्दगी में ये दिन भी देखने पड़ेंगे , कभी सोचा नहीं था ! मैं चुदाई के समय की बातें याद करके शर्म से मरी जा रही थी ,क्योंकि मैंने भैया को कुछ बोलने या बचने का मौका ही नहीं दिया था ! मुझे याद आ रहा था की कैसे जब मैंने पहली बार उनके होंठों को चूमा था तो उन्होंने हटने की कोशिश की थी , पर मैंने उन्हें अपनी बात बताने या बचने का मौका ही नहीं दिया था !
मेरे होश उड़े हुए थे , जेठ जी समझ रहे थे की मुझे उनके गावँ जाने का दुःख है , इसलिए वो भी थोड़े उदास थे ! जब राहुल बाथरूम में थे ,तब मौका देखकर मैंने जेठ जी से लिपटकर उनको विदाई किस दी ! जेठ जी ने वादा किया की वो जल्द वापस आएंगे,और मुझे ढेर सारा प्यार करेंगे !मेरे लिए ये असंभव था की मैं रमेश या जेठ जी को रात की घटना के बारे बताती ! नास्ते के टेबल पर भी मैं राहुल भैया से नज़रें चुराती रही , लेकिन राहुल भैया कल की तरह ही सबसे हँस बोल रहे थे जैसे कुछ हुआ ही न हो ! एक दो बार उन्होंने मुझसे बिलकुल नार्मल तरीके से बात भी की , मैंने सर हिलाकर जवाब दे दिया था !
जेठ जी और रमेश दोनों स्टेशन के लिए निकल लिए , वहीँ से रमेश को ऑफिस के लिए निकलना था ! दोनों के जाते ही राहुल भैया ने मुझे चाय लाने को कहा और ये भी कहा की अपने लिए भी बना लेना , साथ बैठकर बातें करेंगे ! चाय लेकर मैं सर झुका कर ड्राइंग रूम में आ गई , राहुल भैया सोफे पर बैठ कर टीवी देख रहे थे ! मैंने चाय टेबल पर रख दी , राहुल भैया ने मुझे अपने पास सोफे पर बैठने का इशारा किया ! राहुल भैया के चेहरे या बातों से ये पता ही नहीं चल रहा था की कल कुछ हुआ भी है , पर मेरी सूरत देखकर कोई भी बता सकता था कि किसी ने जबरदस्ती मेरी चूत मारी है ! मैं थर थर काँप रही थी, चाय कि प्याली भी हिल रही थी ! दो मिनट तक हम चुप चाप बैठे रहे ,फिर राहुल ने स्थिति को थोड़ा हल्का करते हुए बातचीत शुरू की ....
राहुल : और सुमन , पूरे दिन क्या करती हो , रमेश के जाने के बाद !
मैं : कुछ नहीं , बस घर के काम रहते है , उसी में लगी रहती हूँ !
राहुल : सच पूछो सुमन तो मैं तुमको खुश देखकर बहुत खुश हूँ ! कितने अच्छे लोग हैं तुम्हारी ज़िन्दगी में ! सबको इतनी ख़ुशी नसीब नहीं होती है !
मैं : जी ... सो तो है .....( मेरी फट रही थी,की राहुल क्या कहना चाह रहे है)
राहुल : मैंने कभी सोचा भी नहीं था की मेरी छोटी सी गुड़िआ जैसी बहन इतनी बड़ी हो जाएगी !
मैं : मतलब ?
राहुल : मतलब की घर का सारा काम कितनी अच्छी तरह कर लेती हो !
मैं : हाँ ...धीरे धीरे सब सीख लिया है , बस हो जाता है !
राहुल : सुमन , एक बात पूछूं , बुरा न मानो तो ...!
मैं : पूछिये न , आपसे क्यों बुरा मानूंगी ( अब मेरी जान अटक गई थी, कि अब कल की बात होगी )
राहुल : जहाँ तक मुझे लगता है , तुम्हारे ससुराल में वारिस कि सख्त जरुरत है , अभी तक तुमने कोई खुशखबरी क्यों नहीं दी !
(मैं समझ गई थी कि राहुल अब धीरे धीरे उसी बात पर आ रहे हैं, मुझमें भी अब हिम्मत आ रही थी , राहुल ने बातों में उलझाकर मुझे काफी हद तक नार्मल कर दिया था ! मैंने सोच लिया था कि राहुल से कुछ भी नहीं छुपाऊँगी और ये भी बता दूंगी कि हमारे बीच जो भी हुआ , सब धोखे में हो गया ! )
मैं : देखिये भैया , मैंने आपसे ऐसी बातें कभी नहीं की, पर अभी बताये बिना नहीं रह सकती !
राहुल : अरे बताओ न , भाई हूँ तुम्हारा , हमें एक दूसरे की मदद ज़िन्दगी भर करनी है !
मैं : दरअसल रमेश का इलाज़ चल रहा है ,उनमें पापा बनने की क्षमता नहीं है ! गावँ में मेरी सास मुझे दोषी मान रही है , और रमेश की दूसरी शादी करना चाहती है ! मैं और रमेश एक दूसरे से अलग कभी नहीं हो सकते , इसलिए रमेश ने जेठ जी को मजबूर किया की वो उसकी जगह लें ! ये सब पिछले 15 दिनों में घटी है , रमेश अभी 10 दिनों बाद अमेरिका से लौटे हैं , यहाँ सिर्फ मैं और जेठ जी थे !(कहते कहते मैं फूट फूट कर रोने लगी )
राहुल : अरे रोते नहीं हैं , मेरी प्यारी बहन ! जितनी अच्छी तुम हो , तुम्हारे पति और जेठ उससे भी अच्छे है !मुझे बहुत ख़ुशी हुई कि इतने समझदार लोगों के साथ तुम हो !( राहुल ने मुझे अपने सीने से लगा लिया !मैं अब भी सुबक रही थी !)
मैं : (रोते रोते राहुल कि आँखों में देखा) कल जो भी हुआ भैया , इसी धोखे में हो गया ! मैं मरना चाहती हूँ भैया , मुझसे इतना बड़ा पाप हो गया !
राहुल : पागल हो गई है तू , कोई पाप नहीं हुआ !अगर मरना ही है तो पहले मुझे मार दे , मैं भी तो शामिल था इसमें ! (भैया मुझे सहलाते रहे , चुप कराते रहे , पर मैं चुप नहीं हो पा रही थी )
मैं : नहीं भैया , आप नहीं सिर्फ मेरा दोष है !मैं कभी अपने आप को माफ़ नहीं कर सकती ! मैं कैसे इस पाप का प्रायश्चित करुँगी !( मैं लगातार रोये जा रही थी , भैया भी भावुक हो रहे थे )
राहुल : सच पूछो बहन , तो मुझे कल कि बात का जरा भी अफ़सोस नहीं है ! कल जो कुछ भी हुआ वैसा मेरी ज़िन्दगी में पहली बार हुआ ! आज मैं इतना संतुष्ट महसूस कर रहा हूँ कि बता नहीं सकता !
मैं : तो क्या भाभी के साथ आप खुश नहीं हैं !
राहुल : (भैया के आँखों में आंसू थे ) नहीं बहन ! वो हमेशा लड़ती झगड़ती रहती है , मुश्किल से हम अभी तक चार पांच बार ही एक साथ सोये हैं , वो भी बस मामूली सा ही हुआ है हमारे बीच ! अनजाने में तुमने मुझे ज़िन्दगी का वो सुख दे दिया जिसका मैं सिर्फ सपना ही देख सकता हूँ !
मैं : भैया , मुझे ख़ुशी है कि आप को कुछ तो मिला , लेकिन भैया है तो ये पाप ही !
राहुल : नहीं बहन , ऐसा नहीं है ! भाई बहन का रिश्ता बहुत पवित्र होता है और जवाबदेही भरा भी ! एक दूसरे के सुख दुःख में साथ देना फ़र्ज़ है दोनों का ! तुम जिस स्थिति से गुजर रही हो , अगर तुम्हारे जेठ जी कि जगह मुझे कहा गया होता तो मैं ख़ुशी से तैयार होता ! आखिर तुम्हारे जेठ जी भी तो भाई ही हैं तुम्हारे , पर तुम उनको कितना चाहती हो , ये तुम्हारी बातों से मुझे कल रात पता चली !( मैं अब शर्म से झुक गई थी , मैंने कितना कुछ बोल दिया था जोश में )
मैं : लेकिन भैया .............!
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