RE: Hindi Porn Story मेरा रंगीला जेठ और भाई
चंपा के आने से पहले मैंने दूसरे कमरे में अपने लिए जगह बनाई ! ऊपर दो कमरों का ही फ्लैट बना था , वैसे तो अलग अलग दरवाजे थे , पर दोनों कमरों के बीच एक दरवाज़ा था , जो लॉक नहीं होता था ! सबसे पहले मैंने अपने कमरे में अँधेरा कर लिया ! मैं देखना चाहती थी कि दोनों कैसे सेक्स करते हैं !दरवाजे के पास एक बड़ा सा छेद था , मैंने उसी पर आँखें टिका ली ! दूसरे कमरे में अच्छी रौशनी थी , सब कुछ साफ़ साफ़ दिख रहा था ! चंपा पहले आई , और बिस्तर पर बैठ गई !उसने सच में वही कपडे पहन रखे थे , जिसे पहन कर वो पार्टी में मिली थी !गहरी लाल लिपस्टिक और सुन्दर मेकअप, गज़ब कि लग रही थी ! मैंने जेठ जी के चरित्र जैसा समझा था , वैसा नहीं था , पहले मेरे साथ फिर चंपा के साथ को बातें हुई , उससे यह साबित हो गया कि वो बहुत उच्च चरित्र के मालिक थे ! जेठ जी दरवाज़ा बंद कर कमरे में आ गए थे ! वो भी पलंग पर बैठ गए ! चंपा ने पहले उनके पाँव छुए , फिर उनसे उस बात के लिए माफ़ी मांगी जो उसने मेरे बारे गलत बातें की थी ! जेठ जी कुछ बोल नहीं रहे थे , और कुछ कर भी रहे थे ! फिर चंपा जेठ जी के पास आकर उनसे चिपक गयी ! रूठे हो राजा , कहकर उनके होंठों को चूसने लगी ! उसका एक हाथ जेठ जी के पजामे के ऊपर था , और वो लण्ड को सहला रही थी ! इतनी खूबसूरत गोरी चिट्टी औरत ,जेठ जी से लिपटी थी ,पर वो बहुत विचलित नहीं लग रहे थे , इन सब से ! होंठ चूसते हुए चंपा ने जेठ जी के पजामे का नाड़ा खोल दिया और थोड़ा निचे सड़काकर उनका लण्ड हाथ में ले लिया ! दूर से भी जेठ जी का लण्ड मूसल लग रहा था ! फिर चंपा ने झुककर लण्ड का मुंह अपनी तरफ किया और जीभ से लण्ड चाटने लगी ! चंपा के सुन्दर गोल होंठ अपनी लिपस्टिक लण्ड पर निशान लगा रही थी ! मैंने कभी लण्ड अपने मुंह में नहीं लिया था , थोड़ी घिन सी आ रही थी देखकर ! क्या मीठा लग रहा है चंपा को जो इतनी लगन से चूस रही है !भैया के लण्ड पर तो मेरे चूत का भी पानी लगा होगा , वो भी चाट गई चंपा ! मेर बदन में हरकत सी हुई , लगा नीचे चूत में गीलापन आने लगा है !मैंने बस एक साडी लपेट रखी थी, उतार कर बगल में रखे कुर्सी पर रख दी ! चंपा इतने प्यार से लण्ड चाट रही थी कि भैया के लण्ड में हरकत शुरू होने लगी !उन्होंने एक हाथ से चंपा के बाल सहलाने शुरू कर दिए और दूसरा हाथ चंपा के ब्लाउज में घुसा दिया ! चंपा बीच बीच में चिहुक जाती थी , शायद भैया उसके चूची कि घुंडी मसल देते थे ! अब लण्ड पूरा टाइट था ! क्या मर्द थे मेरे जेठ जी , अभी एक घंटे पहले उन्होंने मेरी चुदाई कि थी , अब फिर तैयार था , चंपा कि चूत बजाने के लिए ! वैसे मुझे उनपर दया भी आ रही थी क्योकि उन्होंने मेरा ख्याल रखते हुए , आधे लण्ड से मेरी चुदाई कि थी , कोई और होता तो रोक नहीं पाता ! जेठ जी अब दोनों हाथों से चंपा कि चूची मसल रहे थे , और चंपा पूरे मन लगाकर लण्ड चूसने में मगन थी ! मेरे कमरे तक इतनी आवाज़ आ रही थी कि मुझे लग रहा था कि मेरे कमरे में लण्ड चुसाई चल रही हो !जेठ जी ने चंपा कि ब्लाउज उतार दी , दो मस्त चूचियाँ फुदक के बाहर आ गई ! चंपा कि सुडौल चूचियाँ हवा में लटक रहे थे , एक बच्चे कि माँ होते हुए भी चूचियाँ अभी तक अपने आकार में थी ! भैया के हाथ आंटे कि तरह चूचियों को गूंद रहे थे !साड़ी भी उतार ली थी चंपा ने , और पेटीकोट को भैया ने उतार दिया ! बिलकुल नंगी चंपा , बिस्तर पर लेट गई , भैया ने उसके गांड के नीचे साड़ी फैला दी थी , कि वीर्य बिस्तर पर न फ़ैल जाये ! भैया ने झुककर चंपा कि चूत चटनी शुरू कर दी ! लगता था आज ही सफाई कि थी चंपा ने , चिकनी चूत कि चमक कमरे को रौशन कर रही थी ! भैया चूत चाटने कि कला में माहिर थे ,चंपा तो जैसे पागल हो गई थी , पैर पटकने लगी थी !भैया इतने मगन हो गए कि शायद भूल गए कि दूसरे कमरे में मैं हूँ, उन्होंने आसान बदला और 69 के पोजीशन में आ गए ! चंपा के मुंह में भैया का लण्ड लपा लप अंदर बाहर जा रहा था और भैया चंपा कि चूत में जीभ घुसा घुसा कर उसको चोद रहे थे !
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