RE: Hindi Porn Story मेरा रंगीला जेठ और भाई
जेठ जी की मोबाइल पर कॉल देखकर मैंने एक हाथ मोबाईल से उठा लिया , नाम पर नज़र पड़ी, किसी "चंपा" का फ़ोन आ रहा था ! मेरा दिमाग ठनका , इतनी रात को भैया के मोबाइल पर कोई औरत क्यों फ़ोन कर रही है ! जेठ जी की नज़र भी उस पर पड़ी , उनको पसीना आ गया ! मैं समझ गयी कुछ गड़बड़ है ! मैंने पुछा , किसका है ! भैया बोले वो कमल की बीवी है , जो पड़ोस में रहती है ! मैंने कहा ,हाँ,मैं जानती हूँ , आज आई थी डिनर पर ! आपके बारे भी पूछ रही थी ! मेरे से भी अजीब सा सवाल पुछा था कि, मैं आपके साथ क्यों जा रही हूँ , रमेश मुझे लेने क्यों नहीं आया !मुझे उसकी बातें अच्छी नहीं लगी थी, लेकिन है वो बहुत सुन्दर; पर वो इतनी रात को आपको क्यों फ़ोन कर रही है !अगर उसे कोई प्रॉब्लम है तो कमल को फ़ोन करना चाहिए , आखिर वो आपके छोटे भाई का जिगरी दोस्त है , आपका भी तो भाई ही हुआ ! भैया बोले , हाँ , सो तो है ! मोबाइल अब बंद हो गया था ! मैंने ऐसे ही चेक किया , ६ मिस्ड कॉल्स थी उसकी , हम चुदाई में इतने मस्त थे कि फ़ोन पर ध्यान ही नहीं गया था ! मैंने कहा ,भैया .जरूर कोई सीरियस बात है, आप उसको फ़ोन कर लीजिये ! भैया ने मना कर दिया ! कुछ सोचकर भैया बोले , तुम्हें मेरे पर कुछ शक है , क्यूंकि इतनी रात को उसने इतने फ़ोन किये ! मैंने कुछ नहीं कहा , पर दिल कह रहा था कि कुछ चक्कर जरूर है ! भैया फिर बोले ,तुम्हारी नज़र में मेरा चरित्र ठीक नहीं , यही सोच रही हो ना ! अब मैं बोल पड़ी , भैया आपका चरित्र पिछले तीन दिनों में मेरी नज़र में अच्छा बुरा दोनों रहा है ! लेकिन मुझे अब फर्क नहीं पड़ता कि पीछे आपने किसके साथ क्या किया है , और आगे क्या करेंगे ! मेरी नज़र में आप एक महान इंसान हैं , जो हर रिश्ते, हर फ़र्ज़ को बखूबी निभाता है , और अपनी मेहरबानियों कि कीमत नहीं वसूलता !भैया की आँखे छलक आई !बोले , काश तुम मेरी पत्नी होती ,तो मैं और भी बहुत कुछ दुनिया को दे सकता था ! मैंने उनको किस किया और बोली , अब और कितना पत्नी बनाना है !मैंने तो रमेश का कहना दिल से मान लिया है , तभी मैं आगे बढ़कर आपसे अपना प्यार ले रही हूँ !भैया बोले , देखो सोनू , कमल को भी वही प्रॉब्लम है ,जो रमेश को है, उसमे बाप बनने की शक्ति नहीं ! रमेश ने ही मुझे कसम देकर मज़बूर कर दिया था , और मुझे कमल की बीवी को माँ बनाना पड़ा ! उसको जल्दी गर्भ नहीं ठहर रहा था ,जिसके कारण मुझे उसकी बीवी के साथ बहुत बार सेक्स करना पड़ा !यही समझ लो की हम रात में एक साथ ही सोया करते थे ! मैं अगर मना भी करता तो कमल मुझे रमेश का वास्ता देकर अपनी पत्नी के पास भेज देता ! रमेश भी बार बार गावं आकर मुझसे अनुरोध करता था ! सच पूछो तो मुझे तुम्हारे साथ ये सब करने में उतनी टेंशन नहीं हुई ,जितनी उसके समय होती थी !भाई का दोस्त तो भाई ही होता है ना ! मेरे मन में भैया की इज़्ज़त और बढ़ गई थी , कितने महान थे और कितनी मेहरबानी की थी उन्होंने लोगों पर ! मैं बोली ,'लेकिन भैया वो अब क्यों आपके पीछे पड़ी है , उसको तो बेटा भी है ना' ! हाँ , पर अब उसको सेक्स का चस्का लग गया है ! अगर मैं एक महीने का गैप कर दूँ तो नाटक शुरू कर देती है ! कमल तो कुछ कर नहीं पाता,पर वो उसे बहुत जलील करती है , सुसाइड की धमकी देती है ! अब तो वो मुझे भी धमकाती है ,की माँ से सब कुछ कह देगी !अब डर से मैं उसके साथ सेक्स करता हूँ !मुझे अपनी परवाह नहीं है , लेकिन वो जानती है की रमेश को भी यही प्रॉब्लम है ! माँ ये बात बर्दाश्त नहीं कर पायेगी ! अब मुझे भी फिक्र हो गयी थी , मैंने भैया से कहा "भैया , अब आपके साथ आपकी पत्नी है , हम मिल के इसका हल निकल लेंगे ! अब मैंने माहौल को हल्का करने के लिए भैया से मज़ाक करना शुरू कर दिया !मैं बोली क्या भैया , आप भी किस मिटटी के बने हो , आपकी जगह मैं होती तो उसको अपने बाँहों से बाहर जाने ही नहीं देती !क्या औरत है भैया , किसी की भी तपस्या भंग कर दे ! भैया भी बोल पड़े , कोई बात नहीं अब तुम हो ना ,अब बाँहों से बाहर जा के दिखाओ ,और एक लम्बी किस का सिलसिला चल पड़ा ! मुझे अपनी चूत में कुछ हलचल सी लगी , फिर ध्यान आया कि भैया का लण्ड तो अभी तक मेरे चूत में जड़ तक धंसा हुआ है ! सेक्स की बाते सुनकर मैं भी उत्तेजित हो गई थी और भैया भी , इसलिए लण्ड में थोड़ा तनाव आ रहा था ! मुझे लगा की भैया ने अगर अभी लण्ड नहीं निकला, तो पूरा खड़ा होने पर मेरी चूत के दो फाड़ हो जायेंगे ! मैंने भैया से रिक्वेस्ट की, कि निकल लें ! भैया का मूड बन रहा था , पर मेरा दर्द समझ रहे थे , बोले कि सोना , मेरा मन इस वक़्त बहुत बेचैन हो गया है , पर अभी शायद मैं कंट्रोल नहीं कर पाउँगा ! अगर तुम झेल नहीं पाओगी , तो कल एक कदम भी पूरा नहीं चल पाओगी ; फिर किस किस को बताते रहोगी कि क्या हुआ है ! वैसे भी किसी कुंवारी के लिए बहुत मुश्किल है , मेरे साथ सेक्स करना ! मैं चौंक पड़ी , क्या भइया , क्या बात कर रहें हैं , एक साल से शादीशुदा हूँ , कई बार सेक्स किया है रमेश के साथ , ठीक से नहीं हुआ तो क्या ! भैया बोले ," देखो सोना , मैं पड़सो तुम्हारा अंग देखते ही समझ गया था कि अभी तुम कुंवारी हो , इसीलिए मैंने ऊँगली को भी एक सीमा तक ही अंदर किया था ! सेक्स इतना आसान नहीं है कि हर कोई कर ले !आज कल के लड़कों में बहुत कम ज्ञान होता है सेक्स का ! वो अपनी तरफ से तो सेक्स कर लेते है , पर औरत को संतुष्ट नहीं कर पाते ! रमेश कि प्रॉब्लम मुझे पता है , वो केस थोड़ा अलग है , लेकिन वो भी तुम्हारा कौमार्य भंग नहीं कर पाया ! लेकिन आज तुम लड़की से औरत बन गयी हो , मेरी तरफ से मुबारकबाद, और भैया ने चुम लिया ! मैंने भी उनको चुम लिया और कहा , एक कुंवारी कन्या के कौमार्य को भंग करने का आपको भी मुबारकबाद !
अब भैया ने धीरे धीरे लण्ड निकालना शुरू किया ! अंदर इतनी फिसलन और वीर्य भरा हुआ था मेरी चूत में कि , कोई भी झड़ा लण्ड पुच से बाहर आ जाता , पर झड़ने का बाद भी फौलाद कि तरह टाइट था मेरे चूत में , तभी तो चंपा इसको लेने के लिए पागल हो जाती थी ! मैं भी उसकी जगह होती तो दो साल कि चुदाई के बाद कभी हाथ से जाने ना देती ! भैया लण्ड को थोड़ा हिला डुला कर धीरे धीरे ऊपर खींचने कि कोशिश कर रहे थे ! जैसे ही लण्ड थोड़ा भी ऊपर आता , मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरी बच्चेदानी भी साथ साथ खींची आ रही है ! भैया ने थोड़ा आगे पीछे किया तो मैं चिल्ला पड़ी , लगा कि वो फिर से चोदने लगे है ! आखिरकार फच्च कि जोरदार आवाज़ के साथ के साथ लण्ड बाहर निकला ! भैया तजुर्बे वाले थे , शायद इसी लिए , मेरी पेटीकोट नहीं उतारी थी, मेरे चूतड़ के नीचे पेटीकोट पहले ही फैला दिया था , अब ऊपर का हिस्सा लेकर , मेरे पेट और चूत के ऊपर के हिस्से को पोछने लगे ! मैंने थोड़ा सर उठाया तो देखा कि भैया के लण्ड का जो हिस्सा मेरी चूत के अंदर था , वीर्य रसगुल्ले के रस कि तरह टपक रहा था ! मैंने सामने पड़े ब्रा और पैंटी से उसे पोछना शुरू कर दिया ! भैया के लण्ड को मेरा पहला स्पर्श था , भैया का लण्ड सर उठाने लगा ! भैया ने कहा , तुम छोड़ दो अभी , नहीं तो तुम्हे परेशानी होगी ! अब मैंने अपने चूत को पोछने के लिए उठ कर धीरे से बैठी ! चूत से लगा जैसे अंदर किसी ने एक छोटा गिलास वीर्य उलट दिया हो , धार सी बह निकली ! मैंने जल्दी से अपनी साड़ी से पोछना शुरू किया ! भैया ने रोकना चाहा , बोले साड़ी ख़राब हो जाएगी , मैं गन्दा कपडा लाता हूँ ! मैंने कहा , ये मेरे ज़िन्दगी का पहला गिफ्ट है मेरे जेठ पति का , मैं एक एक बून्द समेटना चाहती हूँ ! मेरी ब्रा ,पैंटी , पेटीकोट और साड़ी , भैया के वीर्य से लथपथ थे , कहीं कहीं खून के क़तरे मेरी सील टूटने कि गारंटी दे रहे थे !मेरी चूत का मुंह खुल गया था , लग रहा था कि मेरा पूरा हाथ अंदर आराम से चला जायेगा ! पेटीकोट भी मैंने खोल दी और सबकी एक गठरी बना दी ! भैया टॉवल ले आये थे , मैं उठने ही वाली थी कि मोबाइल कि लाइट फिर जल उठी ! देखा , फिर से 'चंपा' का फ़ोन था !भैंया ने इशारा किया कि जाने दे , पर मैं बोली वो कुछ भी कर सकती है , एक औरत होने के नाते मैं समझ सकती हूँ ! भैया को पलंग पर बिठाया , खुद उनके गोद में बैठ गयी, और भैया को इशारा किया कि बातें करो ! मोबाइल मेरे हाथ में थी , और स्पीकर ऑन कर दिया ! चंपा बोली " सो गए राजा " !
भैया : हाँ थक गया था , नींद में था , मोबाइल कि आवाज़ कम कर रखी थी !
चंपा : वह मेरे राजा , मेरी नींद उड़ाकर खुद मज़े कि नींद ले रहे हो !
भैया : मैंने क्या किया, मैंने तो देखा भी नहीं तुम्हें !
चंपा : इसी बात का तो दुःख है , आज दो घंटे लगाकर तैयार होकर मैं गयी थी, कि तुम्हारी तपस्या भंग करुँगी , पर तुम दिखे ही नहीं ! मेरा शृंगार अधूरा रह गया !
भैया :देखो चंपा , भाई कि तबियत ठीक नहीं थी , उसी के साथ था !
चंपा : अब मेरी तबियत ठीक नहीं है , मेरे साथ आओ ! मेरा शृंगार अधूरा रह गया , उसे पूरा करो !
भैया : आज नहीं हो सकता , कल देखेंगे !
चंपा : मुझे उल्लू मत बनाओ ! कल तुम दिल्ली जा रहे हो अपनी छम्मकछलो के साथ !
भैया : जबान संभलकर चंपा ! वो बहु है मेरी !
चंपा : तो मैं क्या हूँ तुम्हारी , बहु नहीं हूँ क्या ? अगर मुझे नंगा कर सकते हो , तो उसके साथ कितना टाइम लगाओगे ,सब समझती हूँ मैं ! रमेश क्यों नहीं आया ? तुम और तुम्हारे छोटे भाई कि बीवी १० दिन तक अकेले होगे दिल्ली में ,एक साथ ! जिसका पति सेक्स नहीं कर पाता है , उसको नंगा होने में ज्यादा टाइम नहीं लगता ! तुम नंगे नहीं होगे तो वो हो जाएगी ! सुबह ही मैं तुम्हारी करतूत तुम्हारी माँ और रखैल दोनों को बताऊंगा !
(भैया गुस्से में आ गए थे , पर मैंने आराम से बात करने को कहा , और हाँ करने को कहा )
भैया : देखो चंपा , जो भी मैंने किया , तुम्हारे बच्चे के लिए किया , लेकिन मेरा मन नहीं मानता तुम्हारे साथ अब ये सब करने को !
चंपा : राजा मैं नहीं रह सकती तुम्हारे बिना ! मैं रोज़ तड़पती हूँ , सेक्स के लिए ! तुम्ही बताओ , इस नामर्दों के गावं में किसके पास जाऊँ ! अब मैं एक महीने एक एक मिनट मरती हूँ तुम्हारे लिए , क्या तुम महीने में एक बार भी मेरी प्यास नहीं बुझा सकते !
(कमल ने चंपा से फ़ोन ले लिया था , बोला , भैया ये रो रही है , प्लीज भैया , ये मेरा जीना हराम कर देगी , आप आ जाओ या बोलो तो मैं इसको छोड़ आता हूँ आपके पास ! )
मैंने भैया को उसको बुलाने के लिए रिक्वेस्ट किया , बड़ी मुस्किल से तैयार हुए !मैंने इशारे से कह दिया कि मैं दूसरे कमरे में छुप जाउंगी , आप यहीं कर लेना !
भैया ने बोल दिया कि ठीक है आधे घंटे बाद पिछले दरवाज़े पर आ जाना ,उसको लेकर ! मैं फर्स्ट फ्लोर पर भाई के साथ अकेला हूँ ! कमल खुश हो गया ! कितना मजबूर पति था वो, जिगरी दोस्त के बड़े भाई से अपनी बीवी चुदवाने के लिए मिन्नतें कर रहा था ! भैया के लिए मेरा प्यार और आदर दुगना हो गया था ! जल्दी जल्दी मैंने बिस्तर के चादर वगैरह बदले , थोड़ा रूम स्प्रे कर दिया , भैया के वीर्य कि खुसबू अभी भी आ रही थी ! नहाने का टाइम नहीं रह गया था ,जल्दी से एक साड़ी लपेट ली ! भैया ने वही कुरता पजामा पहन लिया ! भैया कि मोबाइल में कॉल आने लगी , यानि चंपा कमल के साथ नीचे आ चुकी थी !भैया एक नज़र, कमरे पर मार कर , मुझे दूसरे कमरे में जाने को बोलकर , दरवाज़ा खोलने नीचे चले गए !
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